विशेषज्ञों के कुछ सुझाव

ट्रेडर कौन होते है

ट्रेडर कौन होते है
पोजिशनल ट्रेडिंग

ट्रेडर कौन होते है

अक्सर 'मूमेंटम ट्रेडिंगÓ को गलत रुप से परिभाषित किया जाता है। मूमेंटम ट्रेडर उस व्यक्ति को कहा जाता है जो रुझानों पर नजर रखता है और उस हिसाब से निवेश करता है। जो लोग रुझान के विपरीत कारोबार करते हैं उन्हें काउंटर-मूमेंटम ट्रेडर कहा जाता है। एक तीसरी श्रेणी नॉन-मूमेंटम ट्रेडर की होती है जो उन निचले स्तरों पर कारोबार कर रहे शेयरों में निवेश करते हैं जिनके भविष्य में चढऩे की संभावना होता है। यह तरीका उसके बहुत करीब है जो एक बुनियादी निवेशक मूल्यांकन देख कर करता है।

जोखिम प्रबंधन के लिहाज से ट्रेडर कौन होते है इन तीनों शेयरों की तुलना करना आवश्यक हो जाता है। ट्रेंड और काउंटर ट्रेंड यांत्रिक नियमों से बने होते हैं। बाजार में तेजी को देखते हुए कारोबारी खरीद मूल्य से कम पर स्टॉप लॉस लगा देते हैं। अगर रुझान बरकरार रहता है तो स्टॉप ऊपर चला जाता है और कारोबार बरकरार रह जाता है। अगर रुझान विफल होता है तो स्टॉप पर असर पड़ता है और बाहर निकलने पर कुछ नुकसान होता है। काउंटर- टें्रड ट्रेडर अक्सर उस समय शेयर या शेयर वायदा की शॉर्ट सेलिंग करता है जब उसे रुझान बरकरार रहने के आसान कम नजर आते हैं। स्टॉप लॉस विक्रय मूल्य के ऊपर लगाया जाता है। और उसका फैसला सही साबित होता है तो वह कुछ मुनाफा कमाता है या नहीं तो नुकसान होता है। यह नियम उस समय बदल जाते हैं जब मूमेंटम ट्रेडर गिरते बाजार में शॉर्ट पोजीशन लेते हैं या काउंटर-ट्रेडर गिरावट में लॉन्ग पोजीशन लेते हैं। इस तरह का कारोबार थोड़ा जोखिम भरा होता है।
क्रियान्वयन और अपनी पोजीशन के प्रबंधन की बेहतर समझ होने से कारोबारी अपने संभावित नुकसान का अंदाजा लगाने में अधिक सक्षम साबित होते हैं। काउंटर-ट्रेडर कीमत का लक्ष्य तय करते हैं जबकि ट्रेंड ट्रेडर ऐसा नहीं करते हैं। नॉन-मूमेंटम ट्रेड बिना किसी यांत्रिक नियमों के हो सकता है। कारोबारी या निवेशक उन शेयरों की ओर देख रहे हैं जिनका प्रदर्शन काफी लंबे समय से अपेक्षाकृत खराब रहा है लेकिन फिर भी बुनियाद मजबूती दिख रही है। निवेशक प्राय: शेयर के निश्चित रुझान को नहीं देखते हुए इसका मूल्यांकन तुलनात्मक प्रदर्शन देखकर करते हैं। व्यवहार में नॉन-मूमेंटम ट्रेडर शायद ट्रेडर कौन होते है ही स्टॉप लॉस, कीमत लक्ष्य या समय सीमा निर्धारित करते हैं। आखिर नॉन-मूमेंटम ट्रेडर के साथ कौन से जोखिम जुड़े होते हैं? इस तरह के कारोबार महंगे नहीं होते हैं इसलिए एक खतरे की आशंका तो कम हो जाती है। थोड़ी देर के लिए मान लें कि इस श्रेणी में आने वाला निवेशक में किसी भी पोजीशन से निपटने की क्षमता होती है। अगर शेयर नीचे जाता है और पूंजी का नुकसान होता है लेकिन कोई स्पष्टï स्टॉप लॉस नहीं होता है। निवेशक में नुकसान झेलने की सीमा होती है जहां निवेशक कुछ रकम गंवा कर भी बाहर निकल जाता है। लेकिन नुकसान अगर धीरे-धीरे बढऩे लगता है तो कारोबारी को कई कष्टïपूर्ण फैसले लेने पड़ सकते हैं। बिना स्टॉप लॉस के हमेशा नुकसान देने वाले कारोबार पर बने रहने की प्रवृत्ति होती है और यह सोच काम करती है कि स्थिति अनुकूल हो जाएगी।

ट्रेडिंग में ट्रेडर का दोस्त कौन और दुश्मन कौन?: कैसे कमाए शेयर मार्किट में

लालच के चक्कर में नुकसान के गणित को अनदेखा करना ट्रेडिंग के लिए एक आत्मघाती प्रवृत्ति है।ट्रेडिंग करना और ट्रेडिंग से कमाई करना दो अलग अलग चीजें हैं। इस फर्क को नहीं समझने की वजह से बहुत से रिटेल ट्रेडर नुकसान पर नुकसान झेलने के लिए मजबूर होते हैं। एक साधारण ट्रेडर को सफल ट्रेडर बनाता है उसका एक दोस्त और दो दुश्मन। ट्रेडर का दोस्त उसे मुनाफे की मंजिलों तक पहुंचाता है, जबकि दुश्मन उसे घाटे की खाई में खींचने के फिराक मे रहता है। ट्रेडर को एक ही वक्त में दोस्ती निभानी होती है, और दुश्मनों से बचना भी होता है, तो आइए देखते हैं कि ट्रेडर के ये दोस्त और दुश्मन कौन हैं?

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इंट्राडे और पोजिशनल ट्रेडिंग में तुलना: आपको कौन सा पसंद करना चाहिए?

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स्टॉक मार्किट में निवेश सबसे अधिक मांग वाले कौशल में से एक है, यही कारण ट्रेडर कौन होते है है कि लाखों लोग हर दिन सार्वजनिक एक्सचेंजों पर ट्रेड और पैसा लगाते हैं। एक ट्रेडर के रूप में शुरू करते समय दो तरीके होते हैं जिनमें कोई ट्रेड कर सकता है: पोजिशनल या इंट्राडे ट्रेडर के रूप में। आप या तो ट्रेड कर सकते हैं (इंट्राडे) या आप लंबी अवधि (पोजिशनल ट्रेडिंग) में इनसे अपना मुनाफा निकालने के लिए धैर्यपूर्वक इंतजार कर सकते हैं। इन दोनों रणनीतियों का आमतौर पर अभ्यास किया जाता है व्यापारियों के बीच इंट्राडे ट्रेडिंग को अधिक पसंद किया जाता है।

यदि ट्रेडर कौन होते है आप मुख्य रूप से थोड़े ही समय के लिए लाभ चाहते हैं, तो कोशिश करने के लायक ट्रेडिंग का एक रूप इंट्राडे ट्रेडिंग है। वास्तव में, इस प्रकार के व्यापार में एक ही व्यापारिक दिन के भीतर स्टॉक के साथ-साथ अन्य वित्तीय साधनों की खरीद और बिक्री शामिल है। इसलिए, इंट्राडे ट्रेडिंग का उद्देश्य छोटे बाजार की गतिविधियों पर कब्जा करना है। हालांकि, एक और तरीका है जिससे कोई शेयर बाजार के माध्यम से लाभ कमा सकता हैं: पोजिशनल ट्रेडिंग। पोजिशनल ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग और लंबी अवधि के निवेश के बीच में रखा जा सकता है।

आपभी शेयर बाजार के बन सकते हैं माहिर खिलाड़ी; ट्रेडिंग के अपनाएं ये 5 नियम, होगी मोटी कमाई

आपभी शेयर बाजार के बन सकते हैं माहिर खिलाड़ी; ट्रेडिंग के अपनाएं ये 5 नियम, होगी मोटी कमाई

How To Become A Successful Traders Of Stock Market: शेयर बाजार में अगर ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसमें एंट्री का रास्ता आसान है. वहीं अगर सोच-समझकर और समझदारी से योजना बनाई जाए तो शेयर बाजार में बिना किसी बाधा के एक सुसंगत और स्वतंत्र बिजनेस किया जा सकता है. हालांकि बाजार में ट्रेड वाले सभी के लिए जरूरी है कि उन्हें ट्रेडर और प्रोफेशनल ट्रेडर के बीच के गैप को कम करना चाहिए. अगर आप भी बाजार में प्रभावी रूप से कारोबार करना चाहते हैं तो तीन मुख्य बिंदुओं मसलन एंट्री, एग्जिट और स्टॉप लॉस का बेहद महत्व है. इसके साथ ही आपकी पोजिशन का साइज क्या है, यह भी बेहद अहम है. आपने जो ट्रेड की योजना बनाई है, उसका पालन करने में आप कितने सक्षम हैं और आपके अंतर-संचालन की क्षमता आपको बाजार में प्रभावी तरीके से ट्रेड करने में मदद कर सकती है. जिससे आप अपने पोर्टफोलियो का मैनेजमेंट सफलता से कर सकते हैं. जानते हैं शेयर बाजार के सफल ट्रेडर बनने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

Share Market ने पूरे किए सपने, नौकरी छोड़ आधी दुनिया की सैर कर चुकी है ये लड़की

शेयर मार्केट में ट्रेड कर दुनिया की सैर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2022,
  • (अपडेटेड 06 जून 2022, 12:58 PM IST)
  • दुनिया घूमने के लिए छोड़ी बैंकर ट्रेडर कौन होते है की नौकरी
  • शेयर मार्केट में ट्रेड कर कमाती हैं पैसे

अच्छी-खासी सैलरी वाली बैंकर (Banker) की नौकरी को भला कौन छोड़ना चाहता है. हालांकि दुनिया में ऐसे भी लोग होते हैं, जिनका सपना अलग होता है. कोलकाता (Kolkata) की रहने वाली राजर्षिता सुर (Rajarshita Sur) की कहानी भी ऐसी ही है. राजर्षिता का सपना दुनिया घूमने का था और इस कारण उन्होंने बैंकर की नौकरी की परवाह नहीं की. सुर के सपने को पूरा करने में मददगार बना शेयर मार्केट (Share Market).

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ऐसे की शेयर मार्केट में शुरुआत

राजर्षिता सुर ने बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद इंडीपेंडेंट तरीके से स्टॉक मार्केट में ट्रेड (Stock Market Trading) करने लगीं. शुरुआत में उन्होंने एक कॉरपोरेट फर्म के साथ तीन साल तक प्रॉपरायटरी इक्विटी ट्रेडर के रूप में काम किया. इस नौकरी के साथ-साथ वह अपना ट्रेड भी करती रहीं. धीरे-धीरे राजर्षिता को शेयर मार्केट की चाल समझ आने लगी और उन्होंने ठीक-ठाक फंड भी बना लिया. बस फिर क्या था, उन्होंने ये नौकरी भी छोड़ दी और दुनिया घूमने निकल पड़ीं.

कर चुकीं दुनिया के इन हिस्सों की सैर

आज राजर्षिता सुर की पहचान एक इन्वेस्टमेंट गुरू (Investment Guru) के रूप में बन चुकी है. उन्हें शेयर मार्केट में ट्रेड करते हुए आठ साल हो चुके हैं. राजर्षिता सुर अभी तक ब्रिटेन (Britain), तुर्की (Turkey), दक्षिण पूर्वी एशिया (South East Asia) और लगभग 70 फीसदी यूरोप (Europe) की सैर कर चुकी हैं. अभी-अभी उन्होंने नेपाल (Nepal) का ट्रिप पूरा किया है और अब केन्या (Kenya) व आइसलैंड (Iceland) जाने की तैयारी में हैं. राजर्षिता हर साल विदेश की सैर करने के लिए कम-से-कम 10 लाख रुपये अलग रख दिया करती हैं. उनका कहना है कि वह हर महीने 3-4 फीसदी फायदा कमाने का टारगेट रखती हैं. जैसे ही ये टारगेट अचीव होता है, वह ट्रेडिंग बंद कर सैर करने निकल पड़ती हैं.

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