ट्रेडिंग संकेतों में निवेश पर एक वास्तविक नज़र

सोने में गिरावट का फायदा उठाएं, निवेश बढ़ाएं
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में हाल में कुछ सुधार देखा गया। सितंबर में इसमें 446 करोड़ रुपये की आवक दर्ज हुई। यह आवक तब हुई थी, जब गोल्ड ईटीएफ में पिछले साल की तुलना में 7.7 फीसदी की गिरावट रही।
सितंबर और उसके बाद अक्टूबर की आवक कई कारणों से हुई। महामारी के बाद लोगों को लगातार यह महसूस हुआ है कि सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों में कुछ निवेश करना जरूरी है। शेयर बाजार तेजी से दौड़ रहे हैं और कई निवेशक मुनाफावसूली भी कर रहे हैं। क्वांटम म्युचुअल फंड में वरिष्ठ फंड प्रबंधक - अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स चिराग मेहता कहते हैं, 'चूंकि स्थिर आय वाली योजनाओं से प्रतिफल इस समय कम है, इसलिए निवेशक शेयरों में कुछ मुनाफावसूली कर रहे हैं और उससे मिली रकम को सोने में लगा रहे हैं।'
सोने में निवेश करने वाले ज्यादातर लोग आम तौर पर कम से कम पांच से सात साल के लिए रकम लगाते हैं। ऐक्सिस सिक्योरिटीज में प्रमुख - कमोडिटीज, एचएनआई और एनआरआई एक्विजिशन प्रीतम कुमार पटनायक कहते हैं, 'निवेशकों ने सितंबर में सोने के भाव में आई गिरावट का फायदा उठाया है और इसमें अपना निवेश बढ़ाया है।'
सोने ने पिछले एक साल में निवेशकों को निराश ही किया है। मौद्रिक नीति में खासी उदारता बरतते आ रहे केंद्रीय बैंक अब अपना नीतिगत रुख सामान्य करने की योजना बना रहे हैं। यदि सब कुछ इसी हिसाब से चला तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व सबसे पहले कदम बढ़ाएगा और नवंबर, 2021 तथा जून, 2022 के बीच बॉन्ड की खरीद में कमी लाएगा। उसके बाद वह अपनी बैलेंस शीट का आकार कम करेगा और ब्याज दरों में इजाफा भी करेगा। मेहता समझाते हैं, 'सोने के लिए यह सही नहीं होगा क्योंकि इसका सीधा मतलब यही है कि अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है। यह संकेत मिलते ही सोने में लगा पैसा बाहर निकलेगा और दूसरी अधिक जोखिम भरी संपत्तियों में चला जाएगा।' वह यह भी कहते हैं कि डॉलर तथा वास्तविक ब्याज दरों में उछाल आएगी, जो सोने के लिए और भी बुरी खबर होगी।
पटनायक के मुताबिक पिछले कुछ समय में सुरक्षित संपत्तियों में से काफी निवेश डॉलर के समर्थन वाली संपत्तियों में चला गया है। वह कहते हैं, 'यह रुझान भी सोने के पक्ष में काम नहीं करता।'
बहरहाल सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि केंद्रीय बैंक सामान्यीकरण की अपनी पूर्व नियोजित राह पर आगे बढ़ पाएंगे या नहीं। मेहता समझाते हैं, 'पिछली बार जब उन्होंने ऐसा करने की कोशिश की थी तो वे संपत्ति खरीद में कमी ले आए थे। लेकिन जब उन्होंने अपनी बैलेंस शीट का आकार घटाना और ब्याज दरें बढ़ाना शुरू किया तो अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर होने लगा और उन्हें कदम पीछे खींचने पड़े।' पिछले कुछ समय में अर्थव्यवस्थाओं ने गजब का सुधार दिखाया है मगर यह देखना अभी बाकी है कि वे लगातार ऊंची दर से बढ़ पाएंगी या नहीं। पटनायक कहते हैं, 'चीन में रियल एस्टेट क्षेत्र में संकट एवरग्रांड से भी ज्यादा गहराता दिख रहा है और वहां कई अन्य कंपनियां भी कर्ज चुकाने से चूक रही हैं या उसमें देर कर रही हैं। साथ ही ऊर्जा के ऊंचे दामों के कारण विनिर्माण की लागत भी बढ़ रही है। इसका प्रतिकूल प्रभाव दुनिया भर की आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ रहा है।' मेहता को लगता है कि मजदूरी बढऩे का खतरा अमेरिका में कुल महंगाई को बढ़ा रहा है।
दूसरे विशेषज्ञों को भी लगता है कि महंगाई और बढ़ती जाएगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में कमोडिटी एवं करेंसी प्रमुख किशोर नार्ने कहते हैं, 'पिछले ट्रेडिंग संकेतों में निवेश पर एक वास्तविक नज़र 18 महीनों में जिंस बहुत महंगी हुई हैं। यदि महंगाई ऐसे ही ऊंची बनी रहती है तो सोने के लिए यह सकारात्मक संकेत होगा।'
सोने में बने रहें
चाहे आर्थिक वृद्घि दर में गिरावट आए या महंगाई ऊपर चढ़ जाए, दोनों ही सूरतों से निपटने के लिए खुदरा निवेशकों को 10-15 फीसदी आवंटन सोने में करना चाहिए। यदि इस समय आपका आवंटन कम है तो आप कीमत में इस गिरावट का इस्तेमाल निवेश बढ़ाने के लिए कीजिए।
यदि आप सोने में आठ साल के लिए निवेश कर सकते हैं तो सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड का रुख कीजिए। इनमें आपको पूंजीगत लाभ के अलावा 2.5 फीसदी सालाना की ब्याज दर हासिल होगी। लेकिन इन बॉन्डों में तरलता की कमी होती है। अगर आपने मध्यम अवधि के लिए निवेश करने की योजना बनाई है तो आपके लिए गोल्ड ईटीएफ सही रहेंगे।
इस समय 11 फंड कंपनियां गोल्ड ईटीएफ दे रही हैं। फंड्सइंडिया डॉट कॉम में अनुसंधान प्रमुख अरुण कुमार कहते हैं, 'गोल्ड ईटीएफ चुनने हों तो तीन पैमानों पर नजर डालनी चाहिए - एक्सपेंस रेश्यो, ट्रेडिंग वॉल्यूम (अथवा प्रबंधनाधीन संपत्ति) और ट्रैकिंग एरर।' ऐसा फंड चुनिए, जिसमें एक्सपेंस रेश्यो कम हो, ट्रेडिंग वॉल्यूम अधिक हो तथा ट्रैकिंग एरर भी कम हो।
Olymp Trade के साथ वित्त बाजारों में ट्रेड शुरू करने से पहले पता होने वाली ये अहम बातें
नई दिल्ली। ट्रेडिंग केवल एक कौशल ही नहीं, बल्कि कुछ आदतों को बनाए रखने का अभ्यास भी है। ऑनलाइन ट्रेडिंग के बारे में कई भ्रांतियां और अपवाहें भी हैं लेकिन इतनी सारी अलग-अलग राय और आवाजें ट्रेडिंग से जुड़ी भ्रांतियों को वास्तविकता से अलग करना मुश्किल बनाती हैं। फ़ॉरेक्स और ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में ये गलत बातें कई जगहों और लोगों से आती हैं। हालांकि, जहां कोई पोडकास्ट डे ट्रेडिंग को लाखों कमाने का तरीका बता सकता है, या कोई यूट्यूबर पूरे उद्यम को धोखाधड़ी कह सकता है, यह जरूरी नहीं कि इनमें से कोई भी पूरी तरह सही हो।
यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि निवेश करने में कई जोखिम होते हैं। शिक्षा, अभ्यास, और रणनीति से जोखिमों से निपटा जा सकता है। उभरते ट्रेडरों को सफल होने के लिए क्या आवश्यक है, यहां पर हम कुछ आदतों पर नजर डालेंगे, जिन्हें दुनिया के कुछ अनुभवी ट्रेडर अपनाते हैं। ये युक्तिया और तरकीबें ट्रेड फायदेमंद ट्रेड का प्रतिशत बढ़ाने में आपकी मदद करेंगी, चाहें आप स्टॉक, फ़ॉरेक्स, या ऑप्शन ट्रेड कर रहे हों। चार्ट और संकेतकों को समझने में सक्षम होना एक फायदे में रहने वाले ट्रेडर के तरकश के बाण हैं।
ऑनलाइन ट्रेडिंग धोखाधड़ी है क्या
ऑनलाइन ट्रेडिंग के बारे में सबसे बड़ी, पुरानी और आम भ्रांति यह है कि यह पूरा उपक्रम स्टॉक प्रमोटरों और ब्रोकरों द्वारा तैयार की गई एक बड़ी, व्यापक जालसाजी है जिसका मकसद स्टॉक कीमतें बढ़ाना है। ताकि एक पोंजी स्कीम की तरह नए ट्रेडरों के भोलेपन का फायदा उठाकर कुछ चुने हुए लोगों को अमीर बनाया सके।
ऐसा नहीं है कि यह कभी नहीं होता है, लेकिन समुचित कदम उठाकर लोग इन जालसाजियों से आसानी से बच सकते हैं। इसकी कुंजी यह सुनिश्चित करना है कि काम करने के लिए आप जिस ब्रोकर को चुनें, वह किसी विश्वसनीय संगठन द्वारा जिम्मेदार ठहराया जाता हो। उदाहरण के तौर पर, Olymp Trade अंतर्राष्ट्रीय वित्त आयोग (FinaCom) का एक सदस्य है, जो ब्रोकर द्वारा कोई गलत कार्य किए जाने की स्थिति में अपने ट्रेडरों की रक्षा करता है।
यदि किसी ट्रेडर को लगता है कि Olymp Trade मंच द्वारा उनके साथ बेईमानी या धोखाधड़ी हुई है, तो FinaCom ट्रेडर और Olymp Trade के मध्य एक बाहरी मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। Olymp Trade द्वारा अपने ट्रेडरों के साथ धोखाधड़ी किए जाने की स्थिति में, प्रत्येक ट्रेडर वित्त आयोग से 20,000 यूरो प्राप्त करने का पात्र होगा। कई निगरानी संगठन मौजूद हैं और वे विभिन्न ब्रोकरों को नियंत्रित करते हैं। ब्रोकर और उनके नियामक संगठनों के बारे में शोध करें, एक भरोसेमंद ट्रेडर मिलने के बाद, निम्नलिखित युक्तियां निवेश में आपकी सहायता करेंगी।
आर्थिक कैलेंडर
नए ट्रेडर अक्सर आर्थिक कैलेंडर पर ध्यान नहीं देते हैं। यह स्टॉक बाजारों और मुद्राओं को प्रभावित करने वाली आर्थिक घटनाओं पर नजर रखने का अद्वितीय साधन है। एक ही जगह पर मौजूद सभी आर्थिक घटनाओं के साथ, निवेशकों के लिए यह जानना आसान हो जाता है कि जिस बाजार में ट्रेड करते हैं, वह किससे प्रभावित होगा।
Olymp Trade का कैलेंडर आसान भाषा में समझाता है
ये घटनाएं भिन्न-भिन्न होती हैं, जिसमें केंद्रीय बैंक अधिकारियों के भाषणों, रोजगार रिपोर्ट, एक देश के जीडीपी से लेकर चुनाव तक शामिल हो सकते हैं। Olymp Trade का कैलेंडर घटना या रिपोर्ट से पड़ने ट्रेडिंग संकेतों में निवेश पर एक वास्तविक नज़र वाले प्रभावों को आसान भाषा में समझाता है। जिन प्राथमिक और द्वितीयक बाजारों में आप ट्रेड करते हैं, उन्हें प्रभावित करने वाली, स्थानीय और वैश्विक घटनाओं की जानकारी के साथ आप एक बेहतर जानकारी के साथ ट्रेड करने में ट्रेडिंग संकेतों में निवेश पर एक वास्तविक नज़र सक्षम होते हैं। बस बाजार और चार्टों द्वारा दिखाए जा रहे रुझानों का पालन करने के बजाय, कैलेंडर वित्तीय परिसंपत्तियों की गतिविधि की दिशा का पूर्वानुमान लगाना आसान बना सकता है।
ट्रेडिंग रणनीतियां
लंबी सफलता के लिए बनाई गई एक ट्रेडिंग संकेतों में निवेश पर एक वास्तविक नज़र ट्रेडिंग योजना का इस्तेमाल करके अपने मुनाफ़े को पर्दे में न रहने दें। निवेश की ये पूर्व-निर्धारित विधियों के माध्यम से आपको खरीदने, बेचने के समय या लंबी या छोटी पोज़ीशन रखने के संकेत मिलते हैं, इस तरह ट्रेडिंग ट्रेडिंग संकेतों में निवेश पर एक वास्तविक नज़र सत्र पूरा करने में ये आपकी मदद करती हैं। वित्तीय इंस्ट्रूमेंट को कब ट्रेड करना है, यह पता लगाने के लिए प्रत्येक रणनीति के अपने संकेतक, पैटर्न, या ऑसिलेटर होते हैं।
Olymp Trade के शिक्षण अनुभाग में चुनने के लिए कई रणनीतियां उपलब्ध हैं जिनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। आपकी निवेश विधि और लक्ष्यों के आधार पर अलग-अलग रणनीतियां हैं, जो आपको आकर्षित कर सकती हैं। वेबसाइट का बिल्ट-इन असिस्टेंट आसानी से रणनीतियों का इस्तेमाल समझाता है।
एक डेमो खाता सर्वोपयुक्त स्थान होता है जहां आप इन रणनीतियों को आजमाकर वह रणनीति तय कर सकते हैं जो आप और आपके लक्ष्यों के सर्वाधिक अनुरूप है। Olymp Trade एक $10,000 (डेमो डॉलर) का डेमो ट्रेडिंग खाता प्रदान करता है, जहां उपयोगकर्ता, अपना पैसा जोखिम में डालने से पहले, अपनी चुनी हुई रणनीति में महारत हासिल कर सकते हैं।
धन प्रबंधन और जोखिम प्रबंधन की रणनीतियां
सफल ट्रेडिंग के लिए सही समय पर सही निवेश करना ही पर्याप्त नहीं होता है। धन प्रबंधन (MM) नियमों का एक समूह होता है जो ट्रेड को अधिक असरदार बनाने में सहायक निर्णय लेने में सहायता करता है। ये नियम अल्पावधि और दीर्घावधि के लिए ट्रेड के नियोजन और निगरानी में ट्रेडिंग संकेतों में निवेश पर एक वास्तविक नज़र सहायता करते हैं।
इन रणनीतियों से यह सुनिश्चित करने में सहायता मिलती है कि ट्रेडर एक ही सत्र में बहुत सारा पैसा नहीं गंवाएं। निवेश करना एक मनोवैज्ञानिक क्रिया होती है, और ये रणनीतियां ट्रेडर की सोच की प्रक्रिया से भावनाओं को हटाने में सहायता करती हैं।
जोखिम प्रबंधन (RM) बुरे निवेशों की स्थिति में भी ट्रेडर के मूल निवेश की रक्षा करने में सहायता करता है। असफल ट्रेड होते हैं, और इसका लक्ष्य नुकसानों से आपके खाते की राशि घटने से बचाना होता है। इसे नुकसानों की संख्या को सफल ट्रेड की संख्या से कम रखने के लिए बनाया गया है।
जोखिम प्रबंधन नुकसानों को घटाता है और कुल राजस्व को बढ़ाता है और एक धन प्रबंधन प्रणाली के होने के साथ, ट्रेड रणनीति के अनुसार किए जाते हैं न कि आकस्मिक ढंग से। ये प्रणालियां निश्चित तौर पर ट्रेडिंग से मानवीय त्रुटि को आंशिक रूप से घटाती हैं। इन योजनाओं का पालन करके, आप पैसे गंवाने के अपनी संभावनाएं घटाएंगे। ये निःशुल्क वेबिनार इन दोनों प्रकार के प्रबंधनों के बारे में अधिक करीबी से बात करते हैं।
Olymp Trade एक उत्कृष्ट मंच
लगातार एक सफल ट्रेडर बने रहने के लिए समय और ज्ञान की आवश्यकता होती है। समय और शिक्षा के साथ आप वह निवेशक बन सकते हैं, जैसे आप बनना चाहते थे। ट्रेडिंग, धन प्रबंधन, और जोखिम प्रबंधन रणनीतियों के इस्तेमाल तथा आर्थिक कैलेंडर की निगरानी करके कोई भी फायदेमंद ट्रेड कर सकता है। सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप इन रणनीतियों का तब तक पालन करें जब तक यह आपकी आदत न बन जाएं।
इन आदतों को बनाने के लिए Olymp Trade एक उत्कृष्ट मंच है। सारी आवश्यक जानकारी आसानी से उपलब्ध है, साथ ही एक सभी सुविधाओं युक्त डेमो खाता भी उपलब्ध है जो लाइव बाजार में संचालित होता है। अपना समय लेकर अपने लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करें। यहां मौजूद साधनों को लें, उन्हें इस्तेमाल करें और अपनी ज़िंदगी बदल लें।
ट्रेडिंग व्यू क्या है?
ट्रेड की दुनिया विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकती है यदि आपके पास ऐसा सॉफ़्टवेयर न हो जिससे आपके लिए स्टॉक को ट्रैक करना आसान हो। ट्रेडिंग व्यू ऐसे प्लेटफॉर्म के महत्व को पहचानता है जो ट्रेडर्स की विभिन्न जरूरतों को पूरा करता है और अपने फिनांशियल विज़ुअलाइज़ेशन प्लेटफॉर्म के ज़रिये बस उतना भर करना चाहता हो। आपके ब्राउज़र में ऑपरेशनल, ट्रेडिंग व्यू एक प्लेटफ़ॉर्म और स्क्रीनर के रूप में काम करता है जिसका उपयोग क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ अन्य फिनांशियल एसेट को ट्रैक करने के लिए भी किया जा सकता है। चार्टिंग के अलावा, इस प्लेटफॉर्म के यूज़र अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को साझा कर सकते हैं और अपने विश्लेषण को लाइव स्ट्रीम कर सकते हैं।
जहां तक मुफ्त विकल्पों का सवाल है, तो ट्रेडिंग व्यू एक विशेष रूप से कारगर है जिसका हर तरह के ट्रेडर्स फायदा उठा सकते हैं। प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध बुनियादी सुविधाएँ ट्रेडर्स के लिए पर्याप्त से अधिक हैं जो अभी शुरू हुई हैं। इस प्लेटफ़ॉर्म पर नेविगेट करते समय अन्य यूज़र स्ट्रीम और विचारों पर सावधानी से नज़र डालें। दूसरों की स्ट्रेटेजी का आँख बंद करके अनुसरण करने के बजाय, आपको उन सूचनाओं को फ़िल्टर करना चाहिए जो आपकी स्ट्रेटेजी के लिए ठीक नहीं है।
अब जब आप समझ जाएँ कि ट्रेडिंग व्यू क्या है, यह समझने के लिए पढ़ना जारी रखें कि यह क्या करता है।
ट्रेडिंग व्यू का कामकाज
ट्रेडिंग व्यू प्लेटफॉर्म के साथ विभिन्न किस्म के फिनांशियल एसेट का विश्लेषण करना, चार्ट बनाना और तकनीकी संकेतकों को अनुकूलित करना संभव है। तकनीकी संकेतक विभिन्न आकार, पैटर्न और रेखाओं के आकार में आ सकते हैं जिनका उपयोग हर दिन कई ट्रेडर्स करते हैं। यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह से ब्राउज़र-आधारित है, इसलिए आपको इसे अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर डाउनलोड करने का बोझ नहीं है। कहा जा रहा है कि, इस प्लेटफॉर्म में एक स्मार्टफोन एप्लिकेशन है जो मोबाइल यूज़र्स के लिए बेहतरीन है।
ट्रेडिंग व्यू यूज़र्सको एथेरियम और बिटकॉइन जैसी कई क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ कमोडिटी और स्टॉक का चार्ट और विश्लेषण करने का अवसर प्रदान करता है। फ्री या पेड अकाउंट बन जाने के बाद, यूज़र्स स्ट्रेटेजी और टेम्प्लेट बना सकते हैं जिन्हें ट्रेडिंग व्यू कम्युनिटी के बीच पब्लिश किया जा सकता है। प्लेटफॉर्म पर सदस्य उस पर टिप्पणी कर सकते हैं जिससे यूज़र्स को मदद मिल सकती है।
ट्रेडिंग व्यू का इनहाउस सोशल नेटवर्क
इस प्लेटफॉर्म में ढेर सारे इंस्टाग्राम की तरह फीचर हैं जो यूज़र्स को अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को शेयर करने और पेश करने में मदद करते हैं। "आइडियाज़ एंड स्ट्रीम" पेज पर यूज़र्स को टिप्स के ज़रिये छानबीन करने और अपने विश्लेषण पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने का मौका देता है। "आइडियाज़" पेज पर अन्य यूज़र्स के चार्ट, वीडियो और कमेंट दीखते हैं। चैट रूम में प्रवेश किया जा सकता है ताकि कम्युनिटी के अन्य सदस्यों के साथ बातचीत और चर्चा हो सके। ट्रेडर्स के ट्रेडिंग स्टाइल और स्ट्रेटेजी अलग-अलग होते हैं, इसलिए हर सुझाव को आँख बंद कर मानना जरूरी नहीं है।
इस प्लेटफॉर्म की एक और दिलचस्प विशेषता यह है कि यह यूज़र्सको चार्ट बनाते समय वास्तविक समय में अन्य ट्रेडर्स पर भी गौर करने में मदद करता है। यह फीचर मज़ेदार है, यह अभी भी अपने बीटा मोड में है, जिसकी वजह से कंटेंट अपेक्षाकृत कम है।
ट्रेडिंग व्यू यूजर इंटरफेस पर एक नजर
जिन यूज़र ने पहले कभी चार्टिंग टूल का उपयोग नहीं किया है, उन्हें ट्रेडिंग व्यू थोड़ा कंफ्यूज करने वाला लग सकता है। नीचे दी गई सूची यह रेखांकित करने में मदद करती है कि ट्रेडिंग व्यू पर दिखाई देने वाले हर टूलबार और चार्ट को क्या करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- टूलबार 1. चार्ट क्षेत्र के लिए आवश्यक चार्टिंग और ड्राइंग टूल इस टूलबार पर पाए जाते हैं। सिंपल लाइन और साथ ही लॉन्ग/ शॉर्ट पोजीशन ट्रेडिंग संकेतों में निवेश पर एक वास्तविक नज़र ट्रेडिंग संकेतों में निवेश पर एक वास्तविक नज़र यहाँ बनाई जा सकती हैं। हर टूल पर राइट क्लिक करने से एक एक्सटेंडेड सिलेक्शन दिखाई देता है जिससे और ऑप्शन दिख सकते हैं। डिफ़ॉल्ट लाइन-अप में बेसिक टूल्स हैं, अधिक एडवांस्ड टूल्स यहां उपलब्ध हैं।
- टूलबार 2. इस टूलबार का उपयोग चार्ट दिखाने के तरीके को बदलने के लिए किया जा सकता है। एरिया ग्राफ, लाइन ग्राफ, कैंडलस्टिक्स और बहुत कुछ चुना जा सकता है। एक सर्च बार बाईं ओर है और इसका उपयोग डिस्प्ले पर मौजूद एसेट को बदलने के लिए किया जा सकता है। "इंडिकेटर्स एंड स्ट्रेटेजीज़" बटन पर ध्यान देना ज़रूरी है क्योंकि यह प्रीमेड एनालिसिस पैटर्न को शामिल करने में मदद करता है।
- टूलबार 3. इस टूल बार पर रखे गए ट्रेडिंग पैनल टैब का उपयोग ट्रेडिंग व्यू वेबसाइट के भीतर ट्रेड करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, स्ट्रेटेजी टेस्टर बटन जो इस टूलबार पर भी है, इसका उपयोग स्ट्रेटेजीज़ का बैकटेस्ट करने के लिए किया जा सकता है।
- टूलबार 4. ट्रेडिंग व्यू और ख़बरों से सोशल एलिमेंट मुख्य रूप से इस टूलबार के अंतर्गत आते हैं। वॉचलिस्ट को यहां कस्टमाइज़ किया जा सकता है, और यूज़र यहां एक दूसरे को निजी संदेश भेज सकते हैं। 'आइडियाज़ एंड स्ट्रीम' का पता लगाया जा सकता है, और इस टूलबार के माध्यम से पर्सनलाइज्ड कैलेंडर तक पहुँचा जा सकता है। जानकारी, डाटा या लिस्ट तक पहुँचने के इच्छुक यूज़र इस टूलबार का उपयोग कर सकते हैं।
- चार्ट एरिया - हर बार जब कोई यूज़र उस एसेट को बदलता है जिसे वे देख रहे हैं, किसी भी टूल का उपयोग करता है या संकेत देता है तो वे प्राइमरी चार्ट क्षेत्र में डिस्प्ले होंगे। स्क्रीन पर दिखाई देने वाली लगभग हर चीज़ को यूज़र की प्रेफरेंस के अनुसार कस्टमाइज़ किया जा सकता है।
ट्रेडिंग व्यू के उपयोग की खूबी का आकलन
आज बाजार में कई एसेट स्क्रीनर उपलब्ध हैं, इसलिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि उनमें से कौन सी बात ट्रेडिंग व्यू को सबसे अलग करती है। ट्रेडिंग व्यू के फायदे समझने के लिए नीचे दी गई लिस्ट देखें।
- ट्रेडिंग व्यू किसी भी डिवाइस के माध्यम से पहुँचा जा सकता है जिसमें एक इंटरनेट ब्राउज़र है। यूज़र्स को इसे एक्सेस करने के लिए कोई विशेष सॉफ़्टवेयर नहीं चाहिए। वे कहीं भी अपने चार्ट देख सकते हैं।
- ट्रेडिंग व्यू के ज़्यादातर फीचर फ्री हैं।
- यूज़र अलर्ट सेट कर सकते हैं ताकि ट्रेडिंग ट्रेडिंग संकेतों में निवेश पर एक वास्तविक नज़र व्यू उनके सर्वर को ट्रैक कर सके। इसका मतलब यह है कि अलर्ट सूचनाएं प्राप्त करने के लिए यूज़र्स के लिए अपने ट्रेडिंग व्यू खाते को खुला रखना अनिवार्य नहीं है।
- अधिक अनुभवी ट्रेडर्स कस्टम इंडिकेटर बना सकते हैं जिन्हें वे ट्रेडिंग व्यू के सर्वर पर सेव कर सकते हैं।
- ट्रेडिंग व्यू केवल क्रिप्टोकरेंसी तक सीमित नहीं है, इस प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या में फ़ॉरेक्स, कमॉडिटी, इक्विटी और सिक्योरिटीज़ को चार्ट करने में भी अनुमति मिलती है।
- यूज़र ने स्ट्रेटेजी बना ली हो, तो इनबिल्ट फीचर के साथ बैकटेस्ट भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष
जो यूज़र ट्रेडिंग व्यू प्लेटफॉर्म पर नए हैं और जिनके पास अनुभव की कमी है, उन्हें ट्रेडिंग व्यू प्लेटफॉर्म पर दिए गए आइडियाज़ और सुझावों को सावधानी से समझना चाहिए क्योंकि इसमें सट्टे की प्रवृत्ति हो सकती है।
डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य है सिर्फ जानकारी देना न कि कोई सलाह/इन्वेस्टमेंट के बारे में सुझाव देना या किसी स्टॉक की खरीद-बिक्री की सिफारिश करना।
सोने में गिरावट का फायदा उठाएं, निवेश बढ़ाएं
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में हाल में कुछ सुधार देखा गया। सितंबर में इसमें 446 करोड़ रुपये की आवक दर्ज हुई। यह आवक तब हुई थी, जब गोल्ड ईटीएफ में पिछले साल की तुलना में 7.7 फीसदी की गिरावट रही।
सितंबर और उसके बाद अक्टूबर की आवक कई कारणों से हुई। महामारी के बाद लोगों को लगातार यह महसूस हुआ है कि सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों में कुछ निवेश करना जरूरी है। शेयर बाजार तेजी से दौड़ रहे हैं और कई निवेशक मुनाफावसूली भी कर रहे हैं। क्वांटम म्युचुअल फंड में वरिष्ठ फंड प्रबंधक - अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स चिराग मेहता कहते हैं, 'चूंकि स्थिर आय वाली योजनाओं से प्रतिफल इस समय कम है, इसलिए निवेशक शेयरों में कुछ मुनाफावसूली कर रहे हैं और उससे मिली रकम को सोने में लगा रहे हैं।'
सोने में निवेश करने वाले ज्यादातर लोग आम तौर पर कम से कम पांच से सात साल के लिए रकम लगाते हैं। ऐक्सिस सिक्योरिटीज में प्रमुख - कमोडिटीज, एचएनआई और एनआरआई एक्विजिशन प्रीतम कुमार पटनायक कहते हैं, 'निवेशकों ने सितंबर में सोने के भाव में आई गिरावट का फायदा उठाया है और इसमें अपना निवेश बढ़ाया है।'
सोने ने पिछले एक साल में निवेशकों को निराश ही किया है। मौद्रिक नीति में खासी उदारता बरतते आ रहे केंद्रीय बैंक अब अपना नीतिगत रुख सामान्य करने की योजना बना रहे हैं। यदि सब कुछ इसी हिसाब से चला तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व सबसे पहले कदम बढ़ाएगा और नवंबर, 2021 तथा जून, 2022 के बीच बॉन्ड की खरीद में कमी लाएगा। उसके बाद वह अपनी बैलेंस शीट का आकार कम करेगा और ब्याज दरों में इजाफा भी करेगा। मेहता समझाते हैं, 'सोने के लिए यह सही नहीं होगा क्योंकि इसका सीधा मतलब यही है कि अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है। यह संकेत मिलते ही सोने में लगा पैसा बाहर निकलेगा और दूसरी अधिक जोखिम भरी संपत्तियों में चला जाएगा।' वह यह भी कहते हैं कि डॉलर तथा वास्तविक ब्याज दरों में उछाल आएगी, जो सोने के लिए और भी बुरी खबर होगी।
पटनायक के मुताबिक पिछले कुछ समय में सुरक्षित संपत्तियों में से काफी निवेश डॉलर के समर्थन वाली संपत्तियों में चला गया है। वह कहते हैं, 'यह रुझान भी सोने के पक्ष में काम नहीं करता।'
बहरहाल सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि केंद्रीय बैंक सामान्यीकरण की अपनी पूर्व नियोजित राह पर आगे बढ़ पाएंगे या नहीं। मेहता समझाते हैं, 'पिछली बार जब उन्होंने ऐसा करने की कोशिश की थी तो वे संपत्ति खरीद में कमी ले आए थे। लेकिन जब उन्होंने अपनी बैलेंस शीट का आकार घटाना और ब्याज दरें बढ़ाना शुरू किया तो अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर होने लगा और उन्हें कदम पीछे खींचने पड़े।' पिछले कुछ समय में अर्थव्यवस्थाओं ने गजब का सुधार दिखाया है मगर यह देखना अभी बाकी है कि वे लगातार ऊंची दर से बढ़ पाएंगी या नहीं। पटनायक कहते हैं, 'चीन में रियल एस्टेट क्षेत्र में संकट एवरग्रांड से भी ज्यादा गहराता दिख रहा है और वहां कई अन्य कंपनियां भी कर्ज चुकाने से चूक रही हैं या उसमें देर कर रही हैं। साथ ही ऊर्जा के ऊंचे दामों के कारण विनिर्माण की लागत भी बढ़ रही है। इसका प्रतिकूल प्रभाव दुनिया भर की आर्थिक गतिविधियों पर भी पड़ रहा है।' मेहता को लगता है कि मजदूरी बढऩे का खतरा अमेरिका में कुल महंगाई को बढ़ा रहा है।
दूसरे विशेषज्ञों को भी लगता है कि महंगाई और बढ़ती जाएगी। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में कमोडिटी एवं करेंसी प्रमुख किशोर नार्ने कहते हैं, 'पिछले 18 महीनों में जिंस बहुत महंगी हुई हैं। यदि महंगाई ऐसे ही ऊंची बनी रहती है तो सोने के लिए यह सकारात्मक संकेत होगा।'
सोने में बने रहें
चाहे आर्थिक वृद्घि दर में गिरावट आए या महंगाई ऊपर चढ़ जाए, दोनों ही सूरतों से निपटने के लिए खुदरा निवेशकों को 10-15 फीसदी आवंटन सोने में करना चाहिए। यदि इस समय आपका आवंटन कम है तो आप कीमत में इस गिरावट का इस्तेमाल निवेश बढ़ाने के लिए कीजिए।
यदि आप सोने में आठ साल के लिए निवेश कर सकते हैं तो सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड का रुख कीजिए। इनमें आपको पूंजीगत लाभ के अलावा 2.5 फीसदी सालाना की ब्याज दर हासिल होगी। लेकिन इन बॉन्डों में तरलता की कमी होती है। अगर आपने मध्यम अवधि के लिए निवेश करने की योजना बनाई है तो आपके लिए गोल्ड ईटीएफ सही रहेंगे।
इस समय 11 फंड कंपनियां गोल्ड ईटीएफ दे रही हैं। फंड्सइंडिया डॉट कॉम में अनुसंधान प्रमुख अरुण कुमार कहते हैं, 'गोल्ड ईटीएफ चुनने हों तो तीन पैमानों पर नजर डालनी चाहिए - एक्सपेंस रेश्यो, ट्रेडिंग वॉल्यूम (अथवा प्रबंधनाधीन संपत्ति) और ट्रैकिंग एरर।' ऐसा फंड चुनिए, जिसमें एक्सपेंस रेश्यो कम हो, ट्रेडिंग वॉल्यूम अधिक हो तथा ट्रैकिंग एरर भी कम हो।