फंजिबल टोकन

Crypto और NFT में क्या फर्क है?
NFTs यानी की नॉन फंजिबल टोकन एक तरह का डिजिटल एसेट होता है. इसे ब्लॉकचेन पर रिकॉर्ड किया जाता है. इसमें आप किसी इमेज, गेम, फंजिबल टोकन वीडियो को भी NFT में बदलकर मॉनेटाइज कर सकते हैं. इस वीडियो में GuardianLink के CFO हरीश अय्यर से जानिए क्रिप्टोकरेन्सी और NFT ने क्या फर्क होता है.
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NFTs की दुनिया: पेटिंग्स से Memes तक के बिक रहे डिजिटल वर्जन, आखिर क्या होते हैं ये टोकन?
Non-Fungible Tokens : NFT एक तरीके के डिजिटल टोकन होते फंजिबल टोकन हैं, जिन्हें असली चीजों यानी कि किसी पेंटिंग, गेम, म्यूजिक एलबम, मीम, कार्ड्स वगैरह चीजों से असाइन किया जाता है. कोई क्रिएटिव शख्स अपने स्किल को NFT के जरिए मॉनेटाइज़ करके बेच सकता है.फंजिबल टोकन
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डिजिटल स्पेस में NFTs (Non-Fungible Tokens) का नया क्रेज शुरू हुआ है. NFT नई जेनरेशन के लिए काफी दिलचस्प चीज है, क्योंकि इसमें क्रिप्टोकरेंसी, वर्चुअल रिएलिटी और सोशल मीडिया का क्रेज जुड़ा हुआ है. NFT के जरिए बड़े-बड़े अरबपतियों ने भी लाखों डॉलर के ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में लगाए हैं. लेकिन NFT तो बस डिजिटल स्पेस में ही होते हैं. इनको आप इंटरनेट पर देख तो सकते हैं, लेकिन छू नहीं सकते, फिर ऐसी चीज के लिए इतने पैसे क्यों खर्च किए जा रहे हैं? ऐसा भी नहीं है कि कुछ डिजिटल असेट को देखने के लिए लोगों को पैसे चुकाने हैं, वो चीजें आसानी से इंटरनेट पर सर्च करके देखी जा सकती हैं, फिर भी उन्हें खरीद कौन और क्यों रहा है? आइए समझते हैं.
NFT क्या है?
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NFT यानी नॉन-फंजिबल टोकन एक तरह की डिजिटल संपत्ति या डेटा होता है, जो ब्लॉकचेन पर रिकॉर्ड होता है. NFT एक तरीके के डिजिटल टोकन होते हैं, जिन्हें असली चीजों यानी कि किसी पेंटिंग, गेम, म्यूजिक एलबम, मीम, कार्ड्स वगैरह चीजों से असाइन किया जाता है. कोई क्रिएटिव शख्स अपने स्किल को NFT के जरिए मॉनेटाइज़ करके बेच सकता है. इन डिजिटल संपत्तियों को क्रिप्टोकरेंसी के जरिए बेचा और खरीदा जाता है, क्योंकि इनका एन्क्रिप्शन भी वैसे ही सॉफ्टवेयर के साथ होता है.
आपको जानकर शायद हैरानी हो कि NFT साल 2014 से अस्तित्व में हैं. हालांकि, पिछले कुछ वक्त में Ethereum और Tezos जैसे ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म ने ट्रांजैक्शन के लिए आ रहे डिजिटल असेट्स के खरेपन को लेकर कुछ पैमाने तय किए हैं, जिसके बाद NFT में निवेश बढ़ा है.
NFT यूनीक क्यों है?
कोई भी क्रिएशन अगर डिजिटल है, यानी इंटरनेट पर है, तो हो सकता है कि उसकी कुछ कॉपीज़ भी इंटरनेट पर हों. लेकिन NFT यूनीक होते हैं, क्योंकि उनका एक यूनीक आईडी कोड होता है. जैसे कि कहा जाता है कि दो अंगूठों के छाप एक जैसे नहीं होते हैं, वैसे ही दो NFT मैच नहीं कर सकते. हर NFT की आईडी यूनीक होती है, इससे फर्जी NFT के बिकने की शंका कम हो जाती है. जब कोई NFT खरीदता है, तो उसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से लैस सुरक्षित सर्टिफिकेट मिलता है.
बता दें कि किसी भी चीज को NFT में बदला जा सकता है और इसे बेच सकता है. चाहे वो कोई पेंटिंग हो, मीम हो या फिर कोई फनी सा वीडियो ही क्यों न हो.
पिछले कुछ वक्त में इन बड़ी NFT सेल्स ने खींचा है ध्यान
हाल ही में, साल 2015 का एक मीम फिर से वायरल हो रहा था. यह NFT के रूप में 38 लाख रुपये में बिका. इस मीम में एक पाकिस्तानी शख्स ने अपने दोस्त के साथ दोस्ती खत्म होने को लेकर जोक बनाया था. इस मीम को बनाने वाले मुहम्मद आसिफ रज़ा राना और उनके दोस्त मुदस्सिर पर बने इस मीम से उन्हें खूब फायदा हुआ और वो सुर्खियों में भी रहे.
हाल ही में एक ग्रे रंग के पत्थर की एक पेंटिंग NFT के तौर पर लगभग 75 लाख में बिकी है. यह एक डिजिटल पेंटिंग हैं, जिसमें एक बड़ा सा ग्रे रंग का पत्थर है, बस. इस साल जुलाई में ‘Super Mario 64' वीडियो गेम का एक कार्टरिज एक नीलामी में 11.58 करोड़ रुपये में बिका.
यहां तक कि Twitter के CEO जैक डॉर्सी का पहला ट्वीट एक NFT के तौर पर मिला. यूएस की कंपनी Cent के जरिए Valuables नाम के एक प्लेटफॉर्म पर बिके इस ट्वीट के लिए उन्हें लगभग 20 करोड़ रुपये मिले. उन्होंने यह ट्वीट 21 मार्च, 2006 को किया था, जो इस साल 22 मार्च को NFT के तौर पर बिक गया.
यहां तक कि Beeple नाम से जाने जाने वाले एक डिजिटल आर्टिस्ट ने अपना एक jpeg फाइल लगभग 512 करोड़ में बेचा.
NFTs जरूरी क्यों हैं?
NFTs के समर्थकों के मुताबिक, ये इसलिए बहुत अहम हैं क्योंकि सबसे पहले तो ये किसी भी असेट के मालिकाना हक को एक ही व्यक्ति तक सीमित रखता है. दूसरे, ब्लॉकचेन टेक्नीक पर काम कर रहे इन डिजिटल असेट्स को बस एक ही शख्स होल्ड और एक्सेस कर सकता है. आर्टिस्ट्स के लिए यह बड़ी मदद साबित हो सकता है. वो अपने वर्क को NFT के जरिए मॉनेटाइज कर सकते हैं और अगर उनका क्रिएशन कहीं और बिकता है तो उन्हें इसपर रॉयल्टी भी मिलेगी.
क्या आप क्रिप्टोकरेंसी के जरिए NFT खरीद सकते हैं?
बहुत सारे मार्केटप्लेस हैं, जहां इथीरियम में पेमेंट होता है. हालांकि ये NFT बेच रहे शख्स पर निर्भर करता है कि वो किसी करेंसी में पेमेंट चाहता है.
अब आखिर में हम आपको यह भी बता दें कि NFTs को जेनरेट करने में बहुत ज्यादा बिजली खर्च होती है क्योंकि ये भी क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही ब्लॉकचेन पर काम करते हैं और इनके जेनरेशन में ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, जो क्लाइमेंट के लिए अच्छी नहीं होतीं.
एक और कमी जो है, वो ये कि जरूरी नहीं है कि आपको बहुत आराम से कोई अच्छी डील मिल जाए. हो सकता है कि कहीं किसी चीज को खरीदने के चक्कर में आप ज्यादा पैसे लगा दें. अगर एक सेलर यानी विक्रेता के नजरिए से सोचें तो जब NFT का हाइप फेड होगा, तो प्रॉफिट कमाने में दिक्कत आएगी, क्योंकि उस वक्त हर कोई प्रॉफिट ही कमाने की कोशिश कर रहा होगा.
नॉन फंजिबल टोकन क्या बन सकता है निवेश का बेहतर विकल्प?
NFT: ब्लॉकचेन आधारित इस माध्यम ने शुरुआत के बाद आठ से दस महीने के भीतर खास पहचान बना ली है. अब सवाल यह है कि क्या यह निवेश का बेहतर विकल्प बन सकता है?
- Shishir Sinha
- Publish Date - October 16, 2021 / 01:01 PM IST
आपने सामान खरीद-बेच लिया, मुनाफा कमा लिया, उसके बाद क्या? यहां पर अभी तक वित्त मंत्रालय की ओर से स्थिति स्पष्ट नहीं है
‘बिग बी’ के बाद ‘भाई’. यह है नॉन-फंजिबल टोकन (non fungible token – NFT) बाजार में बॉलिवुड का तड़का. दुनिया भर में फैले बॉली-फैन के लिए एक मौका बन रहा है कि वे अपने पसंदीदा सितारे की कला का विशिष्ट डिजिटल स्वरूप हासिल करें. ब्लॉकचेन आधारित इस माध्यम ने शुरुआत के बाद आठ से दस महीने के भीतर खास पहचान बना ली है. अब सवाल यह है कि क्या यह निवेश का बेहतर विकल्प बन सकता है?
इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने के पहले यह जान लीजिए कि आखिरकार NFT क्या है? फंजिबल मतलब बदलने लायक. दूसरे शब्दों में कहें तो एक ऐसा सामान, जिसे किसी दूसरे सामान से बदला जा सकता है. किसी भी कीमत मसलन 100 भारतीय रुपये का एक नोट ले लीजिए. आप उसे दूसरे 100 रुपये के नोट से बदल सकते हैं या फिर सौ रुपये के बदले 10 रुपये के दस, बीस रुपये के पांच या 50 रुपये के दो नोट भी हासिल कर सकते हैं. हालांकि यह हो सकता है कि एक खास सीरिज (जैसे अंत के तीन अंक 786) वाले कागजी नोट का अपना मोल है, लेकिन उससे नोट की मूल कीमत पर कोई असर नहीं पड़ता.
अपने में खास होते हैं NFT
दूसरी ओर, जब किसी सामान को नॉन-फंजिबल कहते हैं तो मतलब यह हुआ कि आप उसे किसी और सामान से बदल नहीं सकते. वह अपने आप में बिल्कुल ही विशिष्ट होता है. अब यही नॉन-फंजिबल जब डिजिटल स्वरूप में आ जाता है और उसकी विशिष्टता और स्वामित्व को बनाए रखने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक की मदद ली जाती है, तो यह बन जाता है नॉन फंजिबल टोकन.
NFT कलाकारों की कलाकृतियों, खिलाड़ियों/खेल प्रतियोगिताओं के स्मृति चिन्ह इत्यादि का डिजिटल स्वरूप है, जो अपने आप में हटकर होगें. इनकी कोई नकल नही होगी और बहुत ही सीमित संख्या में फंजिबल टोकन उपलब्ध होंगे.
NFT को कुछ इस तरह से परिभाषित किया जा सकता है – ‘Anything that has rarity, uniqueness, and long-term value – it is present in digital form and represents real-world objects such as art, music, in-game items, videos or even memorabilia.’
नीलामी की यह है प्रक्रिया
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यह सबकुछ अपलोड किया जा सकता है, जहां इनकी नीलामी की सुविधा होगी. यहां इनके मोल तय करने का मौका बनेगा. दुनियाभर में यह काफी लोकप्रिय हैं, जहां इनका कारोबार 2.5 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है. देश में इस प्लेटफॉर्म पर आप क्रेडिट कार्ड या भुगतान के डिजिटल माध्यमों से भी लेन-देन कर सकते हैं.
अब इसका बाजार कैसे बनेगा? यहां भी अर्थशास्त्र का सिद्धांत – मांग व आपूर्ति – लागू होगा. आपूर्ति तो तय है या बिल्कुल ही सीमित है. ऐसे में सारा कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि मांग कितनी है. मांग ज्यादा होगी और जो सबसे ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार है, उसे वह NFT मिल जाएगा.
क्या NFT बन सकता निवेश का बेहतर विकल्प
आइए अब वापस लौटते हैं मूल सवाल पर कि क्या NFT निवेश का एक बेहतर विकल्प है? बिल्कुल है, लेकिन हर किसी के लिए नहीं. सबसे पहली बात यह माध्यम खास तौर पर उनके लिए है जो बड़ी रकम लगाने के लिए तैयार है. दूसरी बात, किसी एक कंपनी के शेयर ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए खास हो सकते हैं. उस कंपनी को समझे-बूझे बिना भेड़-चाल अपनाकर लोग तैयार होते हैं. लेकिन किसी एक NFT का मोल क्या है, यह पूरी तरह से व्यक्तिपरक व्यवहार है. दूसरे शब्दों में कहें तो यूरोप के खास फुटबॉल क्लब का स्मृति चिन्ह, भारत में फुटबॉल के एक दीवाने के लिए अनमोल हो सकता है, लेकिन बाकियों के लिए उसका कोई खास मोल नहीं हो सकता है.
तीसरी बात, कहने को NFT भले ही उसके मालिक के लिए काफी कीमती हो, लेकिन उसपर मुनाफा कमाने के लिए अच्छा खासा इंतजार करना पड़ सकता है. यह भी हो सकता है कि बाजार में उस सामान के चाहने वाले भले ही ज्यादा हों, लेकिन जिसने उसे सबसे पहले हासिल किया, वह उसे बेचने के लिए तैयार ही न हो.
सरकार का रुख साफ नहीं
कहने की जरूरत नहीं है कि NFT मूल रुप से दीवानों का बाजार है. दीवानगी किस हद तक जा सकती है, यह बताने की जरूरत नहीं. चलिए आपने सामान खरीद-बेच लिया, मुनाफा कमा लिया, उसके बाद क्या? यहां पर अभी तक वित्त मंत्रालय की ओर फंजिबल टोकन से स्थिति स्पष्ट नहीं है.
दरअसल विभिन्न क्रिप्टो माध्यमों की तरह NFT पर किस तरह से GST लगेगा या मुनाफे का आंकलन कैसे कर के उसपर पूंजीगत लाभ लगाया जाएगा, इनके लिए स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं आए हैं. हो सकता है कि बाजार बहुत ही प्रारंभिक स्थिति में है, लिहाजा अभी इसमें कराधान को लेकर विशेष चर्चा नहीं हुई है. लेकिन एक बात तय है कि स्पष्ट प्रावधान नहीं होने की वजह से NFT की लेन-देन पर कर को लेकर कानूनी विवाद शुरू होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
अब उम्मीद की जानी चाहिए कि जब निजी क्रिप्टोकरेंसी, केंद्रीय बैंक की ओर से जारी होने वाले आभासी मुद्रा और ब्लॉकचेन तकनीक के इस्तेमाल के मामले में कानून बनाएगी, तो उसमें NFT को लेकर भी स्पष्ट प्रावधान रखे जाएंगे. अगर ऐसा हुआ तो विशिष्ट निवेश के तौर पर NFT की पहचान बनने में समय नहीं लगेगा.
नॉन-फंजिबल टोकन: बिल गेट्स ने NFT की तुलना ‘ग्रेटर-फूल थ्योरी’ से की, इससे पहले भी कर चुके हैं क्रिप्टो की आलोचना
बिल गेट्स ने क्रिप्टोकरेंसी प्रोजेक्ट जैसे नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) को सिरे से खारिज कर दिया है। मंगलवार को एक क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस में NFT की तुलना ‘ग्रेटर-फूल थ्योरी’ से की। उनके मुताबिक NFT को गलत तरीके से सही साबित किया जा रहा है, गेट्स ने इसे महज एक दिखावा बताया। गेट्स ने मजाकिया अंदाज में कहा था ‘जाहिर है, बंदरों की महंगी डिजिटल इमेज से दुनिया में काफी सुधार होने वाला है।’ गेट्स ने बार्कली, कैलिफोर्निया में टेकक्रंच के एक इवेंट में ये कहा था ।
गेट्स पिछले साल एलन मस्क के साथ डिबेट से पहले भी क्रिप्टो की आलोचना कर चुके हैं। ब्रेकथ्रुव एनर्जी वेंचर्स के फाउंडर के तौर पर बात करते हुए गेट्स ने कहा, ‘कम ग्रीनहाउस गैस इमिशन की जरूरत वाले केमिकल्स और स्टील प्रोडक्शन जैसे इंडस्ट्रीज में काम करने के लिए सिलिकॉन वैली के इंजीनियरों की भर्ती करना बहुत कठिन है।’
क्रिप्टो में लगातार गिरावट
बिटकॉइन में सोमवार को 15% से ज्यादा और मंगलवार को 5.4% से ज्यादा गिरावट देखी गई। पिछले 2 महीने में क्रिप्टो के मार्केट वैल्यू में तकरीबन 1 लाख करोड़ डॉलर की कमी आई है। अमेरिका में ज्यादा महंगाई बढ़ने और उधार देने वाली प्लेटफॉर्म सेलसियस ने विथड्रावल पर रोक लगाई जिसके वजह से लोग तेजी से क्रिप्टो को बेच रहे हैं। बोर्ड एप यॉट क्लब (BAYC) समेत सभी पॉपुलर NFT क्लेकशन्स भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) क्या है? NFT से करोड़ों कैसे कमाए?
Jai Hind Dosto, क्या आप जानते हैं की नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) क्या है? (NFT kya hota hai) और ये Cryptocurrency से कैसे अलग है। दोस्तों आज के समय में Cryptocurrency का चलन बहौत बहुत तेजी से चल रहा है। एसे में एक और नई चीज सामने आई है, जिसका नाम है NFT (None Fungible Token) और ये बहौत फेमस हो रहा है। एनएफटी का इस्तेमाल करके आज के समय में लोग बहौत सारे पैसे कमा रहे हैं।
क्या आपको भी NFT के बारे में जानना है, और एनएफसी से पैसा कमाना चाहते है? तो आज इस लेख में हमने आपको NFT के बारे में बताया है।
कुछ दिनों से NFT का नाम काफी लिया जा रहा है। यह एक नॉन-फंजिबल टोकन है। इसे एक Cryptographic token कहा जा सकता है। कोई ऐसी तकनीकी आर्ट जिसके बारे में अगर यह फंजिबल टोकन दावा किया जाता है कि वो बेहद खास (Unique) है।
वर्तमान समय मे यह पूरी दुनिया मे काफी तेजी से बढ़ रहा है। क्योंकि इसे क्रप्टेकरेंसी से भी बेहतर और अच्छा माना जा रहा है और अभी के समय मे लोग NFT (नॉन-फंजिबल टोकन) मे बहुत पैसे लगा रहे है NFT क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में इस साल सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। Google Trend के डाटा के अनुसार, सर्च के मामले में NFT ने क्रिप्टो करेंसी को भी पछाड़ दिया है। और ये आंकड़ा ग्लोबली है।
Table of Contents
एनएफटी का फुल फॉर्म – NFT Full Form
- NFT Ka Full Form hindi me “नॉन-फंजिबल टोकन” होता है यानी वाह टोकन जिस में बदलाव न किया जा सके
- Full-Form of NFT In English – Non-Fungible Token होता है।
नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) क्या है?
NFT (नॉन-फंजिबल टोकन) एक क्रिप्टोग्राफिक टोकन है जो किसी यूनिक चीज को दर्शाता है। इसे नॉन-फंजिबल टोकन(NFT) कहते हैं। किसी व्यक्ति के पास NFT का होना इसे दर्शाता है कि उसके पास कोई यूनिक या एंटीक डिजिटल आर्ट वर्क है जो दुनिया में और किसी के भी पास नहीं है। NFT एक डिजिटल असेट्स होते हैं जो वैल्यू को जनरेट करते हैं।
एनएफटी बिटकॉइन की तरह Cryptographic token है जो डिजिटल संपत्ति जैसे डिजिटल आर्ट, म्यूजिक, फिल्म, गेम्स या आपके किसी भी कलेक्शन को मिल सकता है। नॉन-फंजिबल टोकन ने डिजिटल आर्ट, पेंटिंग की दुनिया के कलाकारों को नई दिशा दी है
नॉन-फंजिबल टोकन एक ऐसा तरीका है जिसके जरिए वर्चुअल चीजों की Online खरीद फरोख्त की जाती है। Cryptocurrency की पॉपुलैरिटी के साथ NFT भी पॉपुलर हो रहे हैं, क्योंकि ये भी Blockchain पर ही चलता है। नॉन-फंजिबल टोकन एक तरह की डिजिटल संपत्ति या डेटा होता है, जो ब्लॉकचेन पर रिकॉर्ड होता है। NFT एक तरीके के डिजिटल टोकन होते हैं, कोई क्रिएटिव शख्स अपने स्किल को NFT के जरिए किसी भी चीज को मॉनेटाइज़ करके Online बेच सकता है। इन सभी डिजिटल संपत्तियों को क्रिप्टोकरेंसी के द्वारा ही बेचा और खरीदा जाता है, किसी व्यक्ति के पास NFT का होना इसे दर्शाता है कि उसके पास कोई यूनिक या एंटीक जैसे डिजिटल आर्ट, डिजाइन, म्यूजिक, फिल्म है जो दुनिया में किसी और के पास नहीं है।
नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) कैसे बनता है?
जैसा कि आप जानते है NFT भी ब्लॉकचेन पर ही कार्य करता है तो अगर अगर आप अपने द्वारा बनाए गए किसी भी यूनिक चीज को इंटरनेट पर डाल कर बेचते है जो किसी यूनिक चीज को दर्शाता है। तो वह NFT कहलाता है। इसमे हर प्रकार का लेन-देन क्रिप्टोकरेंसी इथीरियम (Ethereum) के द्वारा किया जाता है।
NFT काम कैसे करता है? NFT kaise kaam karta hai
जैसा कि हमने जाना की NFT किसी भी एक डिजिटल ऐसेट से जुड़ा होता है, और यह डिजिटल एसेट कुछ भी हो सकता है जैसे कि animation clip, video, image, pdfs, text file, कुछ भी इन सभी डिजिटल एसेट की फंजिबल टोकन मालिक होने का प्रमाण ब्लॉकचेन के द्वारा संभाला जाता है और यह सब इस वजह से मुमकिन हो पाया है। क्योंकि ब्लॉकचेन अपरिवर्तनीय है जिसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता है ब्लॉक चैन में परिवर्तन करना लगभग ना के बराबर है साधारण भाषा में बात करें NFT की, तो कोई भी चीज जो अनोखा (अद्वितीय ) है। यदि आपके पास भी कुछ अनोखा है और आप इस चीज का proof of ownership पाना चाहते हैं तो आप इसे opensea.io पर एनएफटी में परिवर्तित कर सकते हैं।
NFT se paise kaise kamaye? ( एनएफटी से पैसे कैसे कमाए?)
आप अपने डिजिटल ऐसेट को किसी थर्ड पार्टी को बेच सकते हैं। यदि आप अपने डिजिटल एसेट जैसे की animation clip, video, image, pdfs, text file, म्यूजिक, पेंटिंग इत्यादि को metaverse अकाउंट पर अपलोड करते हैं फंजिबल टोकन और यदि कोई दूसरा व्यक्ति उसको खरीदना चाहता है। तो आप उसे बेचकर एनएफटी से पैसा कमा सकते हैं आपको यकीन नहीं होगा की एक छोटी सी एनीमेशन क्लिप के लिए कंपनी ने करोड़ों रुपए देकर उसे खरीदा NFT के जरिए आप एक छोटे से भी डिजिटल एसेट को आप करोड़ों रुपए में Online बेच सकते हैं।
एनएफटी कहाँ से खरीदें?
अगर आपको भी NFT खरीदना चाहतें है तो आप नीचे दिए गए किसी भी कंपनी के द्वारा आप NFT खरीद सकते है। NFT खरीदने के लिए आपके आपके जो भी राशि हो वह केवल और केवल Ethereum मे ही होना चाहिए। क्योंकि NFT को आप केवल Ethereum के द्वारा ही खरीद सकते है। वर्तमान समय मे Opensea.io के द्वारा सबसे ज्यादा NFT Tokens खरीदा और बेचा जाता है।
निष्कर्ष
दोस्तों उम्मीद है आपको नॉन-फंजिबल टोकन के बारे में काफी कुछ जानने को मिला होगा की नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) क्या है? और यह कैसे NFT काम करती है? दोस्तों अगर आपको यह जानकारी पसंद आई और तो फंजिबल टोकन इसको शेयर करना मत भूलियेगा।अगर आपके मन में नॉन-फंजिबल टोकन या क्रिप्टोकरेंसी से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो आप COMMENT करके हमसे पूछ सकते है हमे आपके सवालो का जवाब देने में ख़ुशी होगी।