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दिन के कारोबार और स्केलिंग के बीच

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विश्व खाद्य पुरस्कार 2018 पुरस्कार विजेताओं, डीआरएस. लॉरेंस हद्दाद और डेविड नबारो

ग्लोबल किसान नेटवर्क के लिए पुरस्कार विजेताओं को बधाई देना चाहते हैं 2018 विश्व खाद्य पुरस्कार, डॉ. लॉरेंस हद्दाद और डॉ. डेविड नाबरो।? प्राप्तकर्ताओं की घोषणा जून में की गई थी 25 वाशिंगटन में एक समारोह में, डीसी.

कृपया देखें विश्व खाद्य पुरस्कार वेबसाइट इस वर्ष के लॉरेटेस के अधिक कवरेज के लिए।? प्रेस रिलीज़ टेक्स्ट नीचे है.

पोषण चैंपियंस जीत 2018 विश्व खाद्य पुरस्कार वैश्विक आंदोलन अग्रणी बाल stunting कम करने के लिए के लिए

डीआरएस. लॉरेंस हद्दाद और डेविड नबारो आज के रूप में घोषित किया गया 2018 अमेरिकी में एक समारोह के दौरान विश्व खाद्य पुरस्कार विजेताओं. कृषि विभाग. पुरस्कार दुनिया को कम करने के परिणाम के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा और विकास संवाद के भीतर मातृ और बच्चे के पोषण को बढ़ाने में उनके व्यक्तिगत लेकिन पूरक वैश्विक नेतृत्व को पुरस्कृत करता है।?के मंचन से बच्चों की संख्या 10 दस लाख के बीच 2012 तथा 2017.

?जैसे डॉ. नॉर्मन बोरलॉग उन्हें पहले, डीआरएस. हद्दाद और Nabarro भूख और कुपोषण को कम करने के लिए अपने करियर को समर्पित किया है,? बिल गेट्स ने कहा, विधेयक के सह अध्यक्ष & मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन. ?उनके काम ने पोषण के बारे में हमारी समझ को गहरा किया है?न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर प्रभाव, लेकिन मानव पूंजी और आर्थिक विकास पर ? सबूत-आधारित समाधानों में निवेश करने के लिए दुनिया भर के देशों में नेताओं को मजबूर करना।?

पुरस्कार विजेता घोषणा समारोह माननीय सहित उच्च स्तरीय वक्ताओं की एक किस्म विशेष रुप से प्रदर्शित. टेड मैककिनी यू.एस.. व्यापार और विदेशी कृषि मामलों के अवर सचिव कृषि विभाग, माननीय. बिल नोर्थे अमेरिका. कृषि उत्पादन और संरक्षण के लिए अवर सचिव कृषि विभाग, विश्व खाद्य पुरस्कार राष्ट्रपति Amb. केनेथ एम. क्विन और सहायक आर्थिक और व्यापार मामलों के लिए राज्य के सचिव मनीषा सिंह.

सचिव बिल नोर्थे के तहत , GFN बोर्ड एमेरिटस, में बोल 2018 डब्ल्यूएफपी पुरस्कार विजेता announement.

विश्व खाद्य पुरस्कार व्यक्तियों जिनकी सफलता उपलब्धियों भूख को कम और वैश्विक खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सबसे प्रमुख वैश्विक पुरस्कार है. इस साल?रों $250,000 पुरस्कार दो प्राप्तकर्ताओं के बीच समान रूप से विभाजित किया जाएगा.

औपचारिक घोषणा Amb बनाने में. क्विन ने कहा कि, ?”उनकी असाधारण बौद्धिक और वैश्विक खाद्य सुरक्षा एजेंडे में सबसे आगे करने के लिए मातृ एवं शिशु पोषण लाने और इस तरह में नीति नेतृत्व के लिए काफी बचपन stunting को कम करने, यह सही मायने में सबसे फिटिंग है कि डॉ. लॉरेंस हद्दाद और डॉ. डेविड नाबरो की सूची में शामिल?शानदार वैज्ञानिक, नीति के अधिकारियों और भूख सेनानियों जो अतीत से अधिक विश्व खाद्य पुरस्कार विजेताओं नाम दिया गया है 32 वर्षों।” ?

खाद्य नीति अनुसंधान के क्षेत्र में एक अग्रणी, डॉ. हद्दाद विकास नेताओं को समझाने के लिए दोनों आर्थिक और चिकित्सा अनुसंधान का उपयोग करते समय विकास अध्ययन संस्थान के प्रमुख के रूप में सेवारत बच्चे पोषण वैश्विक खाद्य सुरक्षा एजेंडे में एक तत्काल प्राथमिकता बनाने के लिए द्वारा सबसे आगे पोषण के मुद्दे लाया (आईडीएस) से यूनाइटेड किंगडम में 2004 सेवा 2014. से 2014 सेवा 2016, डॉ. हद्दाद वैश्विक पोषण की रिपोर्ट की सह-अध्यक्षता द्वारा पोषण में आगे निवेश के लिए प्रेरित किया, पोषण पर दुनिया की प्रगति के बारे में कहा गया है कि अधिक से अधिक के बीच अधिक से अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही को प्रोत्साहित किया की वार्षिक समीक्षा 100 हितधारकों जो वादा किया था $23 कुपोषण के खिलाफ लड़ाई के लिए अरब. डॉ. हद्दाद अब बेहतर पोषण के लिए ग्लोबल एलायंस के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्य करता है (लाभ), जहां वह पोषण परिणामों में सुधार लाने में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के भागीदारों का नेतृत्व करने के लिए जारी.

में वैश्विक खाद्य सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय टास्क फोर्स के प्रमुख के रूप 2008 सेवा 2014 और संयुक्त राष्ट्र के समन्वयक?पोषण के लिए स्केलिंग (रवि) में आंदोलन 2010 सेवा 2014, डॉ. Nabarro एकजुट 54 देशों और रवि आंदोलन के तहत एक भारतीय राज्य सबूत के आधार पर नीतियों को लागू और दक्षिण एशिया और अफ्रीका में बाल कुपोषण से लड़ने के लिए. कई भाग लेने वाले देशों रवि दिशा निर्देशों को अपनाने से अवरुद्ध बच्चों की संख्या में भारी गिरावट की सूचना दी. डॉ. Nabarro अपने सलाहकार लीड समूह पर अपनी सेवा के माध्यम से सूर्य की देखरेख करने के लिए जारी.

?मैं इस विश्व खाद्य पुरस्कार को नेताओं को समर्पित करता हूं, वैज्ञानिकों, और दुनिया को खिलाने वाले सिद्धांत को सक्रिय करने वाले कार्यकर्ता अब पर्याप्त नहीं हैं?हमें अब इसका पोषण करना चाहिए,? डॉ. हद्दाद ने कहा कि.

?अच्छा पोषण व्यक्तिगत स्वास्थ्य और राष्ट्रीय आर्थिक विकास को कम करता है. यह मानव अधिकारों के लिए सम्मान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रतिबद्धता को दर्शाता है. तीन में से एक व्यक्ति कुपोषण के शिकार रहे हैं, कोई भी देश के साथ छूट. कुपोषण ? चाहे विकास विफलता या सूक्ष्म पोषक कुपोषण ? बहुत धीरे-धीरे गिर रहा है और मधुमेह जैसे हालात, उच्च रक्तचाप और मोटापे इन प्रवृत्तियों के मूल में गरीब आहार के साथ आसमान छूने कर रहे हैं. उस?मैं संगठन का नेतृत्व क्यों कर रहा हूं, बेहतर पोषण के लिए ग्लोबल एलायंस (लाभ), पौष्टिक और सुरक्षित भोजन अधिक उपलब्ध किए जाने के प्रयास कर रहा है, सभी के लिए सस्ती और वांछनीय ? विशेष रूप से सबसे कमजोर के लिए,? डॉ. हद्दाद ने कहा कि.

?महान वैज्ञानिक डॉ. नॉर्मन बोरलॉग, और पुरस्कार विजेताओं वह समर्थित है कि, हमेशा कहा है कि लोगों के साथ ज्ञान झूठ,? डॉ. Nabarro कहा. ?जैसा कि मुझे यह अद्भुत पुरस्कार मिला है, मैं साहसी महिलाओं और पुरुषों के हजारों जो भोजन व्यवस्था के लिए स्थानीय स्तर पर काम कर रहे हैं कि अच्छी तरह से कामकाज और बस कर रहे हैं पर प्रतिबिंबित. उनके पास कुपोषण या आहार संबंधी बीमारी के स्तर को कम करने के लिए आवश्यक ज्ञान है।?वे खाद्य प्रणालियों को विकसित कर सकते हैं जो लोगों और ग्रह को लाभान्वित करते हैं और जो योगदान करते हैं 2030 सतत विकास के लिए एजेंडा. वे भविष्य के परिवर्तन नेता हैं।?

CBI vs CBI: आपसी झगड़े से इन 6 मामलों की जांच पर आ सकती है आंच

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ऐसे कई केस सीबीआई के पास हैं जो 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक मुद्दा बन सकते हैं. लोगों को उम्मीद थी कि लोकसभा चुना . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 24, 2018, 20:58 IST

अनिल राय

केन्द्रीय जांच ब्यूरो. देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी. दूसरे के काले कारनामों को जांचने वाली एजेंसी. विडंबना देखिए एजेंसी खुद की जांच में उलझी है. सीबीआई खुद से जंग लड़ रही है. देश के इतिहास में पहली बार किसी भी एजेंसी में नम्बर 1 और नंबर 2 के बीच ऐसी विकट सूरत बनी है.

हालत ये है कि दोनों एक-दूसरे को जेल भेजने पर आमादा हो गए लिहाजा सरकार ने आधी रात में हस्तक्षेप कर दोनों को किनारे कर दिया. एजेंसी में अस्थायी निदेशक तो दे दिया गया है, लेकिन सवाल ये है कि क्या एजेंसी की साख इसके बाद बच पाएगी? क्या उन जांचों पर असर नहीं पड़ेगा, जो अब तक सीबीआई की नाक का सवाल बनी हुई थी?

ऐसे कई केस सीबीआई के पास हैं, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक मुद्दा बन सकते हैं. लोगों को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव से पहले सीबीआई इन मामलों को सुलझा लेगी, लेकिन एजेंसी के अंदर ही अचानक पैदा हुआ तूफान और तूफान के नतीजे में हुए बदलाव के बाद लगता नहीं कि सबकुछ इतनी आसानी से पटरी पर आ पाएगा. क्योंकि एक दर्जन आंतरिक ट्रांसफर के बाद सीबीआई इन जांचों को समय रहते मुकाम तक पहुंचा पाएगी इस पर सवाल उठना लाजिमी है.

सीबीआई में हुई इस उठापटक के बाद जिन छह मामलों की जांच पर असर पड़ सकता है, वे इस तरह हैं-


  1. विजय माल्या प्रत्यर्पण केस

  1. मेहुल चौकसी केस

  1. अगस्ता वेस्टलैंडहेलिकॉप्टर घोटाला

  1. शारदा चिटफंड घोटाला

  1. उत्तर प्रदेश पीसीएस भर्ती घोटाला

  1. यादव सिंह केस

हालांकि सीबीआई के कार्यकारी निदेशक नागेश्वर राव ने संकेत दिया है कि विजय माल्या और अगस्ता वेस्टलैंड जैसे मामलों की निगरानी वे खुद करेंगे. लेकिन एजेंसी के अंदर खुद जो हालात हैं उसमें दूसरों की कितनी और किस तरह से जांच सीबीआई कर पाएगी ये बड़ा सवाल जरूर रहेगा.

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ओरल हाइजीन से नहीं होगा बीमारियों का खतरा, ऐसे रखें अपने दांतों को स्वस्थ

बरेली, अमृत विचार। जिस तरह से आप अपने शरीर को स्वच्छ रखते हैं, ठीक वैसे ही अगर आप अपने मुंह को स्वच्छ नहीं रखेंगे तो दांतों और मसूड़ों से संबंधित कई तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। दांतों में सड़न, मसूड़ों मे सूजन, बैक्टीरियल संक्रमण, सांसों की बदबू आदि जैसी परेशानियां तो होंगी …

बरेली, अमृत विचार। जिस तरह से आप अपने शरीर को स्वच्छ रखते हैं, ठीक वैसे ही अगर आप अपने मुंह को स्वच्छ नहीं रखेंगे तो दांतों और मसूड़ों से संबंधित कई तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। दांतों में सड़न, मसूड़ों मे सूजन, बैक्टीरियल संक्रमण, सांसों की बदबू आदि जैसी परेशानियां तो होंगी ही, साथ ही इससे शरीर के दूसरे हिस्सों में भी समस्याएं हो सकती हैं।

एक शोध के मुताबिक, दांतों और मसूड़ों की समस्याएं हृदय रोग का कारण बन सकती हैं। अगर आप दैनिक हाइजीन के दौरान थोड़ा-सा समय और ध्यान अपने मुंह की सही तरीके से सफाई पर देंगे तो आप कई गंभीर बीमारियों से खुद को बचा पाएंगे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि दांतों के स्वास्थ्य का सीधा संबंध हृदय रोग एवं मधुमेह से भी है। कई शोधों में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जो लोग अपने दांतों को गंदा रखते हैं या जिन्हें मसूड़ों से जुड़े रोग होते हैं उनमें हार्ट अटैक और हृदय संबंधी अन्य रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

हम सभी को दांतों से जुड़ी कोई न कोई समस्या होती ही रहती है लेकिन कम लोग ही छोटी-मोटी समस्या के लिए दंत रोग विशेषज्ञ के पास जाते हैं। इस अनदेखी के कारण ही कई बार छोटी-छोटी बीमारियां भी गंभीर हो जाती हैं। अगर आप दांतों की सही देखभाल करें और हर छह महीने में अपने दांतों का नियमित चेकअप करवायें तो समस्याओं को समय रहते दिन के कारोबार और स्केलिंग के बीच रोका जा सकता है।

क्यों लगता है ठंडा-गरम?
दांत टूटने, नींद में दांत किटकिटाने, दांतों के घिसने के बाद, दांतों की नसें खुलने के कारण ठंडा-गरम लगने लगता है। साथ ही ब्रश करते समय दांतों पर ज्यादा जोर डालने से भी दांत घिस जाते हैं और बहुत ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं।

बचाव के लिए क्या करें?
– ब्रश करते समय दांतों पर ज्यादा दबाव न डालें
– दांतों को पीसने से बचें।

क्या है उपचार?
इस समस्या का उपचार इस बात पर तय होता है कि आखिर आपको दांतों में ठंडा-गरम लगने के पीछे कारण क्या है। फिर भी डॉक्टर खास टूथपेस्ट का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। आप डॉक्टरी सलाह के बिना भी बाजार दिन के कारोबार और स्केलिंग के बीच में मिलने वाले सें‍सेटिव टूथपेस्ट इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, अगर दो से तीन महीने पेस्ट करने के बाद भी आराम न मिले तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

सांस में बदबू
मसूड़ों और दांतों की अगर सही प्रकार से सफाई न की जाए तो उनमें सड़न और बीमारी के कारण सांसों में बदबू हो सकती है। कई बार पेट खराब या मुंह की लार का गाढ़ा होना भी इसकी वजह होती है। प्याज और लहसुन आदि खाने से भी मुंह से बदबू आने लगती है।

इलाज: दांतों एवं मसूड़ों मे जमा गंदगी की सफाई करवाकर ही इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही माउथवॉश के प्रयोग से भी आराम मिल सकता है।

पायरिया
मुंह से बदबू आने दिन के कारोबार और स्केलिंग के बीच लगे, मसूड़ों में सूजन और खून निकलने लगे और चबाते हुए दर्द होने लगे तो पायरिया हो सकता है। पायरिया होने पर दांत के पीछे सफेद-पीले रंग की परत बन जाती है। कई बार हड्डी गल जाती है और दांत हिलने लगता है। पायरिया की मूल वजह दांतों की ढंग से सफाई न करना है।

इलाज: पायरिया का सर्जिकल और नॉन सर्जिकल दोनों तरह से इलाज होता है। शुरू में इलाज कराने से सर्जरी की नौबत नहीं आती। क्लीनिंग, डीप क्लीनिंग (मसूड़ों के नीचे) और फ्लैप सर्जरी से पायरिया का ट्रीटमेंट होता है। मरीज के रक्त (स्टेम सेल थेरेपी) से ही नयी हड्डी बनाने वाले पदार्थ बनाने जैसी नवीनतम तकनीकों से भी इलाज किया जाता है।

ब्रश करने का सही तरीका
यूं तो हर बार खाने के बाद ब्रश करना चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं पाता। ऐसे में दिन में कम से कम दो बार ब्रश जरूर करें और हर बार खाने के बाद कुल्ला करें। दांतों को तीन-चार मिनट तक ब्रश करना चाहिए। कई लोग दांतों को बर्तन की तरह मांजते हैं जो गलत है। इससे दांत घिस जाते हैं। आमतौर पर लोग जिस तरह दांत साफ करते हैं उससे 60-70 फीसदी ही सफाई हो पाती है। दांतों को हमेशा सॉफ्ट ब्रश से हल्के दबाव से धीरे-धीरे साफ करें। मुंह में एक तरफ से ब्रशिंग शुरू कर दूसरी तरफ जाएं। बारी-बारी से हर दांत को साफ करें। ऊपर के दांतों को नीचे की ओर और नीचे के दांतों को ऊपर की ओर ब्रश करें। दांतों के बीच में फंसे कणों को फ्लॉस (प्लास्टिक का धागा) से निकालें। इसमें 7-8 मिनट लगते हैं और यह अपने देश में ज्यादा कॉमन नहीं है। अंगुली या ब्रश से धीरे-धीरे मसूड़ों की मालिश करने से वे मजबूत होते हैं।

जीभ की सफाई जरूरी
जीभ को टंग क्लीनर और ब्रश, दोनों से साफ किया जा सकता है। टंग क्लीनर का इस्तेमाल इस तरह करें कि खून न निकले।

कैसा ब्रश सही: ब्रश सॉफ्ट और आगे से पतला होना चाहिए। करीब दो-तीन महीने या फिर जब ब्रसल्स फैल जाएं तो ब्रश बदल देना चाहिए।

टूथपेस्ट की भूमिका
यह एक मीडियम है जो लुब्रिकेशन, फॉमिंग और फ्रेशनिंग का काम करता है। असली एक्शन ब्रश करता है लेकिन फिर भी अगर टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें तो उसमें फ्लोराइड होना चाहिए। यह दांतों में कीड़ा लगने से बचाता है। पिपरमिंट वगैरह से ताजगी का अहसास होता है। टूथपेस्ट मटर के दाने जितना लेना काफी होता है।

स्केलिंग और पॉलिशिंग
दांतों पर जमा गंदगी को साफ करने के लिए स्केलिंग और फिर पॉलिशिंग की जाती है। यह हाथ और मशीन दोनों तरीकों से की जाती है। चाय- कॉफी, पान और तंबाकू आदि खाने से बदरंग हुए दांतों को सफेद करने के लिए ब्लीचिंग की जाती है। दांतों की सफेदी करीब डेढ़-दो साल टिकती है। उसके बाद दोबारा ब्लीचिंग की जरूरत पड़ सकती है।

“अगर कोई परेशानी नहीं है तो कैविटी के लिए अलग से चेकअप कराने की जरूरत नहीं है लेकिन हर छह महीने में एक बार दांतों की पूरी जांच करानी चाहिए। इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंस के पेरीओडॉनटिक्स विभाग में पायरिया एवं मसूड़ों से संबंधित समस्त बीमारियों का इलाज आधुनिक उपकरण एवं तकनीक (लेजर सर्जरी, अल्ट्रासॉनिक पीजो सर्जरी, डेंटल इमप्लांट्स, मसूड़ो की प्लास्टिक सर्जरी, पीआरएफ सर्जरी) द्वारा किया जाता है।” -डा. शिवा मंजुनाथ, विभागाध्यक्ष, पेरियोडोंटिक्स

पायरिया से रहे सावधान, जाने लक्षण और ठीक करने के उपाय

pyorrhea symptom

पायरिया मसूड़ों का गंभीर बीमारी है. यह बीमारी लोगों में आम है. बताया जाता है कि दुनिया में 90 प्रतिशत आबादी इस संक्रमण से जूझ रहे हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि हमारे दांतों में बैक्टीरिया की कई प्रजातियां होती हैं. सही साफ-सफाई नहीं होने की वजह से यह बैक्टीरिया धीरे-धीरे हमारे दांतों के आसपास जमना शुरू हो जाते हैं. हमारे खाने से उसे पोषण मिलता है. ये बैक्टीरिया मसूड़े और जबड़े की हड्डी को नुकसान पहुंचाते हैं. धीरे-धीरे हड्डी गलना शुरू हो जाती है, तो इस बीमारी को पायरिया कहते हैं. इससे मुंह से दुर्गंध आने लगते हैं. दांतों में सड़न होने लगती है.

वक्त रहते इस बीमारी पर ध्यान नहीं दिया गया तो दांत गिरने लगते हैं. मुंह में बदबू आने से लोग आपसे दूर भागते हैं. पायरिया को कैसे पहचाने इसके बारे में बताते हैं-
-सांसों में भयानक बदबू आना.
-ब्रश करते वक्त मसूड़ों से खून आना.
-लाल, कोमल या सूजे हुए मसूड़े
-खाना चबाने में दर्द होना.
-दांतों की स्थिति में बदलाव
-आपके मुंह में खराब स्वाद आना

डॉक्टर्स हमेशा आपको दांतों की सफाई करने पर जोर देते हैं. लेकिन हम फटाफट के चक्कर में दांतों की सफाई नहीं करते हैं. पायरिया तब होता है जब आप ठीक से ब्रश नहीं करते हैं. ठीक से ब्रश न करने की वजह से आपके मुंह में बैक्टीरिया मल्टीप्लाई होते हैं और डेंटल प्लाक बनाते हैं. अगर आप ठीक से ब्रश नहीं करते हैं तो बैक्टीरिया समय के साथ प्लाक के भीतर मिनरल्स जम कर देते हैं. इस जमे हुए मिनरल को टैटार के रूप में जाना जाता है. दांत की जड़ से मसूड़ों का जुड़ाव टूट जाता है और मसूड़ों और जड़ के बीच एक गैप बन सकता है. इसलिए ब्रश करते वक्त आप ध्यान रखें कि आप सही तरीके से सफाई कर रहे हैं कि नहीं.

पायरिया होने का दूसरा कारण धुम्रपान भी है. इससे भी दांतों में पायरिया हो सकता है. तीसरा कारण टाइप 2 डायबिटी है. चौथा कारण मोटापा और महिलाओं में होने वाला हार्मोनल परिवर्तन. इसके अलावा एचआईवी और ल्यूकेमिया बीमारी में भी दांतों में सड़न हो सकती है.

विटामिन सी की कमी से भी पायरिया हो सकता है. डॉक्टर्स की मानें तो टैटार को नियमित रूप से ब्रश करने से नहीं हटाया जा सकता है. इसलिए दांतों की कंप्लीट सफाई के लिए दांतों के डॉक्टर के पास जाना चाहिए. डेंटिस्ट स्केलिंग ऑर पॉलिशिंग प्रोसेस की मदद से दांतों पर जमा मैल को हटा सकता है.

-पायरिया से निपटने के लिए घरेलू उपाय
-हल्के गर्म पानी में नमक डालकर कुल्ला करे.
-पानी में फिटकरी डालकर भी कुल्ला कर सकते हैं.
-माउथवॉश का प्रयोग भी कर सकते हैं.
-दिन में कम से कम एक बार फ्लॉस करें.
-धूम्रपान करते हैं तो इसे छोड़ दें.
-रात में सोने से पहले दांतों को जरूर साफ करें.
-फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग करें।
-खाद्य कणों को हटाने के लिए टूथपिक, सेफ्टी पिन या किसी अन्य नुकीली वस्तु से बचे.
-प्लाक हटाने के लिए रोजाना फाइबर से भरपूर भोजन का सेवन करें.

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