विशेषज्ञों के कुछ सुझाव

आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है

आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है
News18 हिंदी 08-11-2022 News18 Hindi

गर्म पानी पीने के फायदे और नुकसान क्या क्या है ?

मेडिकल साइंस एवं आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में हर तत्व की मात्रा का एक निश्चित संतुलन होना हमारे स्वास्थ्य के लिए नितांत आवश्यक है। इस नियम को मानते हुए हमें गर्म पानी पीते समय भी यह ध्यान रखना चाहिए कि अधिक मात्रा में गर्म पानी का सेवन हमारे शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है।

मानव शरीर में लगभग 70 प्रतिशत भाग में पानी होता ही है जो कि हमारे शरीर की आन्तरिक ग्रंथियों, रक्त एवं पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में सहायक होता है. हमें नित्य प्रतिदिन लगभग 6-7 गिलास (साधारण-जल) पानी तो अवश्य पीना ही चाहिए। लेकिन अधिक गर्म पानी पीना हमारे आन्तरिक तंत्र को नुक्सान पहुंचा सकता है. इसलिए बिना जाने आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है बिना वजह ही अधिक मात्रा में गर्म पानी का सेवन ना करें।

2. किडनी पर पड़ता है असर

हमारी किडनियों में कैपिलरी सिस्टम होता है, जो ज्यादा पानी और टॉक्सिन्स को शरीर के बाहर निकलने में मदद करता है। रिसर्च के अनुसार गर्म पानी से आपकी किडनियों पर सामान्य की अपेक्षा अधिक जोर पड़ता है, इसके कारण किडनी को सामान्य से फंक्शन करने में समस्या आती है। इसलिए आपको गर्म पानी पीना चाहिए, मगर दिनभर नहीं।

3. सर्जरी में रखें ध्यान

अगर आपकी सर्जरी हुई है तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही गर्म पानी का सेवन करना चाहिए. क्योंकि आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है बाईपास सर्जरी के अधिकतर मामले में डॉक्टर कम पानी पीने की सलाह देते हैं।

4. रात को सोते समय ना पियें गर्म पानी

यदि आपको रात को सोते समय गर्म पानी पीने की आदत है तो इस पर ध्यान दें। गर्म पानी पीने के तो बहुत ही लाभ है, लेकिन हर समय गर्म पानी पीना नहीं चाहिए।

5. गर्म पानी से अंदरूनी अंगों पर प्रभाव

दोस्तों गर्म पानी का तापमान आपके शरीर के अंदरूनी अंगों से बहुत अधिक होता है। जिसके कारण गर्म पानी पीने से शरीर के अंदर के अंगों का जलने का खतरा होता है। इसलिए गर्म पानी पीने के नुकसान यह भी हैं कि अगर आप गर्म पानी पीना चाहते हैं।

तो पानी को हल्का गुनगुना करके ही पिएं ना कि पानी को खौला कर पियें। हमारे शरीर की त्वचा और उसके नीचे के टिशूज की अपेक्षा सख्त होते हैं, इसलिए ये ज्यादा गर्मी और ठंड झेल सकते हैं।

मगर शरीर के अंदरूनी अंगों के टिशूज बेहद संवेदनशील होते हैं। ऐसे में अगर आप बहुत जल्दी-जल्दी गर्म पानी पीते हैं, आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है तो इससे आपके अंदरूनी अंगों में छाले हो सकते हैं. आमतौर पर गर्म पानी के कारण सबसे पहले प्रभावित होने वाले अंगों में होंठ, मुंह का अंदरूनी हिस्सा, जीभ और गर्दन होती है।

6. हो सकते हैं कई कीटाणु

अक्सर लोगों को लगता है कि पानी को गर्म करने से उसमें मौजूद कीटाणु और कंटामिनैंट्स खत्म हो जाते हैं। अगर आप पानी को पूरी तरह उबालने के बाद पीते हैं, तब तो यह सही है। मगर यदि आप पानी को सिर्फ गर्म करते हैं, तो इसमें मौजूद बैक्टीरिया और कीटाणु नहीं मरते हैं.l। इसलिए या तो आप पानी को अच्छी तरह से साफ करके ही पिएं या फिर उबालकर ठंडा करके पिएं।

रात में गर्म पानी पीना चाहिए या नहीं ?

सोते समय रात में गर्म पानी पीने से मूड ठीक होता है और आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है चिंता कम होती है इससे अच्छी नहीं लगती।

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बालों और स्किन के लिए घर पर बनाइए डिटॉक्स वॉटर, पीने पर अंदरूनी आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है रूप से बढ़ती है सुंदरता

Detox Water For Skin: स्किन और बालों को अंदरूनी रूप से बेहतर बनाने और सेहत दुरुस्त रखने के लिए घर पर बनाकर पिएं खास डिटॉक्स वॉटर.

बालों और स्किन के लिए घर पर बनाइए डिटॉक्स वॉटर, पीने पर अंदरूनी रूप से बढ़ती है सुंदरता

How To Make Detox Water: इस तरह त्वचा और बालों के लिए बनाएं डिटॉक्स वॉटर.

Detox Water: अगर आपको बाहरी तौर पर हर तरह की क्रीम या हेयर केयर प्रोडक्ट लगाने के बाद भी स्किन पर दाने या दाग धब्बे दिखते हैं और बाल भी बेजान नजर आते हैं तो हो सकता है आपको भी शरीर को डिटॉक्स करने की जरूरत है. शरीर में टॉक्सिन (Toxins) बढ़ जाने पर उनका असर बेजान और तैलीय त्वचा से भी देखा जा सकता है. डिटॉक्स वॉटर पीने पर शरीर अंदर से साफ होता है, हल्का लगने लगता है और त्वचा निखरने के साथ ही बाल भी हेल्दी दिखने लगते हैं. जानिए घर पर आसानी से किस तरह डिटॉक्स वॉटर बनाकर पिया जा सकता है.

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हल्दी डिटॉक्स वॉटर

औषधीय गुणों से भरपूर कही जाने वाली हल्दी से डिटॉक्स वॉटर बनाने के लिए आधा नींबू, एक जार भरकर पानी, एक चम्मच शहद और आधा चम्मच हल्दी का पाउडर लें. सबसे पहले जार में हल्का (Turmeric) गर्म पानी डालें, इसके बाद हल्दी और नींबू और उसके बाद आखिर में शहद. इस डिटॉक्स वॉटर को आप रोजाना पी सकते हैं.


तुलसी डिटॉक्स वॉटर


तुलसी डिटॉक्स वॉटर (Tulsi Detox Water) बनाने के लिए आपको तुलसी के बीजों की जरूरत होगी. एक गिलास लेकर उसमें एक चम्मच तुलसी के बीज डाल लें. अब इसके ऊपर गर्म पानी डालें और हल्का ठंडा होने पर पिएं. इस पानी से बाल और स्किन को तो फायदा मिलता ही है साथ ही यह जी मिचलाने और कब्ज की दिक्कत को भी दूर करता है.

सौंफ का डिटॉक्स वॉटर


सौंफ का पानी (Fennel Seeds Water) बनाना भी आसान है. तुलसी के पानी की ही तरह एक चम्मच सौंफ के पानी में एक गिलास गर्म पानी भरें. इस पानी को छानकर पिया जा सकता है. इसके अलावा रातभर सौंफ को पानी में भिगोकर रखें और अगली सुबह इस पानी को उबालकर और छानकर पी लें.

स्ट्रॉबेरी डिटॉक्स वॉटर

स्ट्रॉबेरी डिटॉक्स वॉटर के लिए आपको 2 स्ट्रॉबेरी के टुकड़ों, 2 नींबू के स्लाइसेस, 3 कप पानी और कुछ पुदीने के पत्तों की जरूरत होगी. इस डिटॉक्स वॉटर को बनाने के लिए सभी चीजों को एक जार में डालें और पानी डालकर मिला लें. इस पानी को आप ठंडा या कमरे के तापमान पर पी सकते हैं. हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि इस ड्रिंक को बनाने के 12 घंटों के अंदर ही आप इसे पी लें.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

छोटी-छोटी झपकियां लेना स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद, जानिए कैसे

छोटी-छोटी झपकियां लेना स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद, जानिए कैसे

जिस प्रकार से पर्याप्त मात्रा में नींद लेना स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद होता है ठीक उसी प्रकार से पूरे दिन में कुछ मिनट झपकी लेना भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है। दरअसल, पूरे दिन में एक छोटी सी झपकी लेने भर से न सिर्फ आपको आराम मिलता है बल्कि आपको अंदरूनी ताकत देने में भी काफी मदद करती है। चलिए फिर जानते हैं कुछ मिनट झपकी लेने से स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।

नियमित रूप से दिन में 20-30 मिनट के लिए एक झपकी लेने से सीखे गए तथ्यों को याद रखना आसान हो जाता है क्योंकि इसके कारण दिमाग शांत रहता है जिससे स्मरण शक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जर्मन न्यूरोपैसाइकोलॉजिस्ट की एक टीम द्वारा किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि अगर कोई व्यक्ति किसी नई जानकारी को सीखने के बाद झपकी लेता है तो उस व्यक्ति की याद करने की संभावना पांच गुना अधिक हो जाती है।

तनाव एक घातक मानसिक विकार है क्योंकि यह रक्तचाप को बढ़ाता है जो हृदय रोगों का कारण बन सकता है। इसलिए अगर आपको लगता है कि आप तनाव से ग्रस्त हैं तो इसके प्रभाव को कम करने के लिए नियमित तौर पर कुछ मिनट झपकी लेना एक विचार साबित हो सकता है। शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि इस प्रक्रिया में रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ-साथ तनाव को धीरे-धीरे कम करने में भी मदद मिल सकती है।

जब भी लोग थकान महसूस करते हैं तो उनके हिसाब से एक कप कॉफी का सेवन उनकी थकान को कुछ ही मिनट में दूर कर सकता है। हालांकि कॉफी से ऐसा मुमकिन है इसलिए उसे एनर्जी बूस्टर कहा जाता है लेकिन कॉफी कैफिन युक्त होती है जिसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए जब भी आप थकान महसूस करें तो कॉफी के बजाए कुछ मिनट की झपकी लें। यकीनन इसका असर आप पर सकारात्मक रूप से पड़ेगा।

अगर आप अपने किसी भी काम पर ठीक से ध्यान नहीं दे पा रहे हैं तो इस स्थिति से छुटकारा पाने के लिए कुछ मिनट झपकी लेना आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के एक अध्ययन में पाया गया है कि हम जितने ज्यादा घंटे जागते हैं हमारा दिमाग उतने ही सुस्त होता चला जाता है। इसलिए अपनी एकाग्रता क्षमता को मजबूत करने के लिए रोजाना 20-30 मिनट झपकी जरूर लें।

कब पड़ सकती है रेडियोग्राफी की ज़रूरत? जानें इससे जुड़ी 11 महत्वपूर्ण बातें

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विश्व भर में हर साल आज (8 नवंबर) के दिन ‘वर्ल्ड रेडियग्राफी डे’ मनाया जाता है. रेडियोग्राफी एक एक्स-रे तकनीक है, जिसका इस्तेमाल शरीर के अंदरूनी अंगों की तस्वीर लेने और बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है, लेकिन ज्यादातर लोग इससे वाकिफ नहीं हैं. आइए जानते हैं इस लेख में रेडियोग्राफी से जुड़ी 11 महत्वपूर्ण बातें.

1.रेडियोग्राफी से डॉक्टर को अंदरूनी बीमारियों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी पाने में मदद होती है.

2. इससे शरीर के अंदरूनी हिस्सों की हाई रिजोल्यूशन तस्वीरे ली जाती हैं, जिससे मरीज की स्पष्ट रिपोर्ट के बारे में जानने में मदद होती है.

3. रेडियोग्राफी से बीमारियों की जड़ का पता लगाने में मदद होती है. हम सभी जानते हैं कि बिना बिमारी का पता लगाए इलाज संभव नहीं है. यही नहीं समय पर बीमारी का पता लगाने से मरीज की जान को बचाया जा सकता है.

4. दांतों की जांच व दांतों से संबंधित बीमारियों का पता लगाने के लिए भी रेडियोग्राफी एक्स-रे किया जाता है.

5. सर्जरी के बाद यह पता लगाने के लिए कि ऑपरेशन सही हुआ है या नहीं, रेडियोग्राफी एक्स-रे कराया जाता है.

6. आमतौर पर डॉक्टर फ्रैक्चर, हड्डी में किसी तरह की चोट व जोड़ों में असामनता का पता लगाने के लिए हड्डी का एक्स-रे कराते हैं. शरीर के किसी भी हिस्से में हड्डी की तस्वीर निकालने के लिए कम मात्रा में रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है.

7. ब्रेस्ट कैंसर व ब्रेस्ट संबंधित परेशानियों का पता लगाने के लिए मैमोग्राफी एक्स रे की मदद से ब्रेस्ट की अंदरूनी तस्वीरें ली जाती हैं. बता दें कि मैमोग्राफी एक रेडियोग्राफी तकनीक है.

8. एमरजेंसी की स्थिति में पेशेंट को जल्दी व सही इलाज देने के लिए भी इस तकनीक का सहारा लिया जाता है. इससे डॉक्टर को मरीज की हालत को लेकर विस्तृत जानकारी हासिल करने में मदद होती जिससे व मरीज का प्रभावी ढंग से इलाज करने में सक्षम होते हैं.आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है

9. रेडियोग्राफी एक तरह की एक्स-रे प्रक्रिया है, जिसमें अन्य एक्स-रे की तरह कुछ जोखिम होते हैं.

10. रेडियोग्राफी एक्स-रे कराने से कैंसर व आगे चलकर मोतियाबिंद होने का जोखिम होता है. हालांकि, इसकी संभावना बहुत कम होती है.

11. प्रेग्नेंट महिलाओं में रेडियाग्राफी एक्स-रे से भ्रूण की वृद्धि या विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है.

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