क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं

Govt to introduce 'The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021' in winter session of Parliament
Crypto Currency: आभासी मुद्रा पर पूरी तरह प्रतिबंध संभव नहीं, 10 अरब डॉलर से ज्यादा निवेश कर चुके हैं भारतीय
नई दिल्ली। बिटक्वाइन, ईथर जैसी क्रिप्टोकरेंसी (आभासी मुद्रा) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रिजर्व बैंक की ओर से चिंता जताए जाने के बाद इसके भविष्य पर चर्चा और तेज हो गई है। मामले से जुड़े सरकारी अधिकारियों का कहना है कि भारत में अब क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है। इसे निवेश विकल्प के रूप में मान्यता दी जा सकती है, लेकिन लेनदेन में इस्तेमाल क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं पर रोक रहेगी।
सूत्रों के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी के अनियंत्रित और अपारदर्शी होने के कारण सरकार इस पर सख्ती बरतना चाहती है। उसकी मंशा क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कंपनियों, एक्सचेंज क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं और प्लेटफॉर्म पर बैन लगाने की भी है, जहां निवेशकों को मोटे रिटर्न के दावे से लुभाया जाता है। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े उद्योग और संगठन भारतीय प्राधिकरणों के बीच भरोसा जगाने की कोशिश कर रहे हैं।
उनकी मांग है कि क्रिप्टो को करेंसी का दर्जा देने के बजाए संपत्ति के रूप में मान्यता दी जाए। सरकार भी इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन पर पूरी तरह प्रतिबंध का फैसला हो सकता है। हालांकि, इसे सोने, शेयर और बॉन्ड जैसी संपत्तियों के रूप मान्यता दी जा सकती है। संगठनों ने इसके नियंत्रण का जिम्मा बाजार नियामक सेबी को देने का भी सुझाव दिया है, जिस पर फैसला होना अभी बाकी है। एक नवंबर तक क्रिप्टोकरेंसी में भारतीयों का कुल निवेश 75 हजार करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) से ज्यादा था।
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मोदी के बयान से गहराई चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि अनियंत्रित क्रिप्टो बाजार धनशोधन और आतंकी फंडिंग का प्रमुख जरिया बन सकता है। छोटे निवेशकों को लोक-लुभावने वादों से फंसाया जा रहा और उनके पैसे ऐसे निवेश में फंस रहे, जहां से रिटर्न पर बहुत जोखिम होगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने दो टूक कहा कि इससे अर्थव्यवस्था की स्थिरता पर जोखिम बढ़ेगा।
क्रिप्टो के सबसे ज्यादा निवेशक
भारत 10.07 करोड़
अमेरिका 2.74 करोड़
रूस 1.74 करोड़
नाइजीरिया 1.30 करोड़
जनसंख्या के अनुपात में
यूक्रेन 12.73 फीसदी
रूस 11.91 फीसदी
कीनिया 8.52 फीसदी
अमेरिका 8.31 फीसदी
भारत 7.30 फीसदी
मंजूरी मिली तो बैंकरों को बरतनी होगी सावधानी : पूर्व डिप्टी गवर्नर
रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने भी क्रिप्टोकरेंसी के जोखिम को लेकर आगाह किया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी लागू करने की राह में धनशोधन और मूल्यांकन सबसे बड़ी चुनौती है। अगर सरकार इसे मंजूरी देने पर आगे बढ़ती है, तो बैंकरों को सावधान रहना होगा और उन्हें अपनी स्थिति पहले से स्पष्ट बनानी होगी।
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एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में डिप्टी गवर्नर ने कहा, इसे संपत्ति के रूप में परिभाषित करते समय भी स्थिति स्पष्ट होना जरूरी है। हमें नहीं पता कि क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन किस तरह से किया जाएगा, लेकिन उतार-चढ़ाव के बड़े जोखिम को देखते हुए क्रिप्टोकरेंसी को किसी व्यक्ति की संपत्ति मानना दुविधापूर्ण काम होगा। बैंकर किसी कर्जधारक को इस संपत्ति के आधार पर न तो लोन देंगे और न ही इसे गिरवी संपत्ति के रूप में वर्गीकृत कर सकेंगे।
एक दिन में 28 लाख फीसदी चढ़ी क्रिप्टोकरेंसी, अगले घंटे 90 फीसदी बढ़त खत्म
बाजार में आ रही नई-नई क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जोखिम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एआरसी गवर्नेंस टोकन नाम की आभासी मुद्रा एक घंटे के भीतर 28 लाख फीसदी चढ़ गई। उसकी कीमत 0.34 डॉलर से बढ़कर 9,991.70 डॉलर पहुंच गई। हालांकि, एक घंटे के भीतर क्रिप्टो ने 90 फीसदी बढ़त गंवा दी और कीमत 906 डॉलर प्रति क्वाइन पर आ गई।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! कानून के दायरे में लाने की तैयारी, अगले बजट में हो सकती है बड़ी घोषणा
मौजूदा समय में भारत में क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, उपयोग करने और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है। सरकार इस संबंध में विचार कर रही है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! (फाइल फोटो)
Highlights भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की बजाय इसके बाजार को कानूनी दायरे में लाने के बारे में विचार कर रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगले साल बजट में इस संबंध में अहम घोषणा की जा सकती है। हाल के महीनों में भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार तेजी से बढ़ा है।
नई दिल्ली: भारत सरकार अगले साल फरवरी में आने वाले बजट में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने संबंधी बड़ी घोषणाएं कर सकती है। भारत में हाल के वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी में निवश का बाजार बढ़ा है और ऐसे में इसके लिए कानूनी ढांचा ला सकती है।
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इस संबंध में संकेत दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार सरकार के पहले के क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के दृष्टिकोण से दूर जाने की अब संभावना है। प्रतिबंध की बजाय सरकार इसे विनियमित करने का विकल्प चुन सकती है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारी इस संबंध में काननी ढांचे और आवश्यक नियमों को ठीक करने के लिए लगातार बात कर रहे हैं।
वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि विनियमन की ओर सोच है। अधिकारी ने कहा, 'कल ये नहीं होना चाहिए कि अगर मैं एक अपनी डिजिटल करेंसी शुरू करता हूं और अच्छी मार्केटिंग के बाद कोई लोग इसे खरीदतें हैं और फिर मैं भाग जाता हूं, क्योंकि मैं एक प्राइवेट प्लेयर हूं! लोगों ने अपने अन्य संपत्तियों का उपयोग करके उस करेंसी को खरीदा होगा। ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार को विनियमन की ओर देखने की जरूरत है।'
भारत में बढ़ा है क्रिप्टो करेंसी का बाजार
मौजूदा समय में भारत में क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, उपयोग करने और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है। जबकि भारत को विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी बाजारों में गिना जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार हाल-फिलहाल में 15 लाख भारतीयों ने निजी क्रिप्टोकरेंसियों में निवेश किया है। इस क्षेत्र में काम कर रहे दर्जनों स्टार्ट-अप सहित निवेश के जोखिम के बावजूद लोगों का रुझान इस ओर बढ़ रहा है।
भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग में इस साल मई के बाद से तेज वृद्धि देखी गई है। ये उछाल खासकर आरबीआई के उस स्पष्टीकरण के बाद आया जिसमें बैंकों को क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ ग्राहकों को चेतावनी नहीं देने के लिए कहा गया था।
वहीं, साल 2019 में एक वित्त मंत्रालय की समिति ने एक विधेयक का प्रस्ताव दिया था। इसमें क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध की बात कही गई थी हालांकि इसे अब क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं ठंडे बस्ते में डालते हुए समाप्त कर दिया गया है।
मोदी सरकार की बड़ी तैयारी, सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने शीतकालीन सत्र में होगा विधेयक पेश
नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। शीतकालीन सत्र (winter session) के विधायी एजेंडे के अनुसार, भारत देश में “सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी” (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित करने के लिए एक विधेयक पेश करने, मूल्यांकन करने और लागू करने की योजना बना रहा है। भारत सरकार ने मंगलवार शाम कहा कि प्रस्तावित कानून “कुछ अपवादों” को क्रिप्टोकरेंसी की अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने की अनुमति दी जाएगी।
विधायी एजेंडा में कहा गया है कि बिल देश के लिए आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं के लिए एक “सुविधाजनक ढांचा” भी बनाएगा। भारत में कानून निर्माता कुछ समय से क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग (cryptocurrency trading) के जोखिमों पर चर्चा कर रहे हैं और एक सरकारी डिजिटल मुद्रा का परीक्षण कर रहे हैं। लेकिन देश के पास इसके देखरेख के लिए अभी तक कोई कानून नहीं है। भारतीयों की तेजी से बढ़ती संख्या, जिनमें से कई ने कभी शेयर बाजार या किसी अन्य चीज में निवेश नहीं किया है, ने हाल की तिमाहियों में क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना शुरू कर दिया है, जिससे कुछ लोगों को चिंता है कि वे अपना पैसा खो सकते हैं।
इस बीच, स्थानीय क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों ने लेन-देन और उपयोगकर्ता आधार क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं की बढ़ती मात्रा और हाई-प्रोफाइल निवेशकों से पूंजी जुटाने की सूचना दी है। CoinDCX, B Capital द्वारा समर्थित, और CoinSwitch Kuber, a16z और Coinbase Ventures द्वारा समर्थित, इस वर्ष यूनिकॉर्न बन गए।
भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, और कई अन्य सांसदों के साथ-साथ कई उद्योग हितधारकों ने इस महीने की शुरुआत में crpto trading और कुछ हालिया घटनाओं पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की। कई सांसदों ने क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंजों द्वारा किए गए विज्ञापनों की प्रकृति के बारे में चिंता व्यक्त की। उस बैठक में आम सहमति बनी थी कि ये “गैर-जिम्मेदार विज्ञापन”, जो क्रिप्टो में निवेश करके उपभोक्ताओं को भारी लाभ का वादा करते थे, देश में युवाओं को गुमराह कर रहे थे और इसे रोका जाना चाहिए।
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महान अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना और रणवीर सिंह सहित कई बॉलीवुड सितारे ने टीवी और समाचार पत्रों के विज्ञापनों में क्रिप्टोकुरेंसी व्यापार को बढ़ावा दिया है।सांसदों ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के प्रयासों के वित्तपोषण के लिए क्रिप्टो ट्रेडिंग वाहनों का उपयोग करने के संभावित दुरुपयोग के बारे में भी चिंता व्यक्त की है।
केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि देश को क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर बहुत गहन चर्चा करने की जरूरत है। दास ने एक कार्यक्रम में कहा जब केंद्रीय क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं बैंक कहता है कि मैक्रोइकॉनॉमिक और वित्तीय स्थिरता के दृष्टिकोण से हमें गंभीर चिंता है, तो इसमें कहीं अधिक गहरे मुद्दे शामिल हैं। इन मुद्दों पर सार्वजनिक स्थान पर गंभीर, अच्छी तरह से सूचित चर्चा देखना बाकी है।
Cryptocurrency क्या है, सरकार सभी private क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक पेश करेगी
क्रिप्टोकरेंसी पर क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने के लिए तैयार में है. सभी निजी क्रिप्टोकरेंसीज को बैन किया जा सकता है. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस बारे में बिल लेकर आ रही है.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है. केंद्र सरकार ने 23 नवंबर 2021 को क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा कर दी. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. सभी निजी क्रिप्टोकरेंसीज को बैन किया जा सकता है. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस बारे में बिल लेकर आ रही है.
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने के लिए तैयार में है. लोकसभा की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने वाला विधेयक अगले सप्ताह से शुरू होने वाले सत्र में संसद में लाए जाने वाले 26 कानूनों में से एक है. भारत में वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई विनियमन नहीं है.
Govt to introduce 'The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021' in winter session of Parliament
Bill seeks to create a facilitative framework for creation of official digital currency to be issued by RBI & ban all private cryptocurrencies in India pic.twitter.com/yeaLfuCiBs
— ANI (@ANI) November 23, 2021सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी
सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021' लाएगी. क्रिप्टोकरेंसी तकनीक के इस्तेमाल में राहत देने के लिए ही सरकार इस बिल में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से सरकारी डिजिटल करेंसी चलाने के लिए फ्रेमवर्क का प्रावधान रखेगी.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा
इस बिल को लेकर लोकसभा बुलेटिन में सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि वित्त मामलों की संसदीय समिति में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हुई थी जिसमें पाबंदी की बजाए नियमन का सुझाव दिया गया था.
डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव
क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत रिजर्व बैंक द्वारा जारी इस डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव नहीं होगा. यह डिजिटल करेंसी देश की अर्थव्यवस्था में सर्कुलेट हो रही करेंसी का ही हिस्सा होगी. यही नहीं, इसकी कैश के साथ अदला-बदली भी की जा सकेगी. गौरतलब है कि सिस्टम में करेंसी के प्रसार पर रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहता है. जब अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है तो ज्यादा करेंसी की जरूरत होती है.
क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता
क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता रिजर्व बैंक के लिए एक बड़ी चुनौती क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं है क्योंकि देश में करेंसी के प्रसार पर उसका ही नियंत्रण रहता है. यह तो ऐसी करेंसी है जिस पर रिजर्व बैंक तो क्या किसी सरकार का भी नियंत्रण नहीं है. इसलिए सरकार इस पर अंकुश लगाते हुए डिजिटल करेंसी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है.
इस बिल का उद्देश्य
इस बिल का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना है. आरबीआई ने साल 2018 में क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को बैन कर दिया गया था.
इस बिल के तहत ये प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट ने लगभग दो साल बाद इसको लेकर कानून बनाने की बात कही थी. इस बिल के जरिए सरकार सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक आसान फ्रेमवर्क तैयार करना चाहती है.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है. इसको इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है. गौरतलब है कि देश में बड़े पैमाने पर लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. इन करेंसीज में काफी उतार-चढ़ाव होता है.
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क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध के लिए वैश्विक समर्थन की जरूरत: वित्त मंत्री
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (finance minister nirmala sitharaman) ने एक बार फिर क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) को लेकर संसद में बड़ा बयान दिया है। सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार क्रिप्टो करेंसी पर पाबंदी (crypto currency ban) लगाना चाहती है, लेकिन किसी भी प्रभावी नियम या प्रतिबंध के लिए दूसरे देशों के सहयोग (cooperation with other countries) की भी जरूरत है।
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वित्त मंत्री ने लोकसभा में थोल थिरूमावलवन के एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टो करेंसी के अस्थिर क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है। आरबीआई ने इस पर कानून बनाने को लेकर पहले ही सिफारिश की है। आरबीआई ने अपनी सिफारिश में कहा है कि क्रिप्टो करेंसी के लिए सख्त नियम बनाने के साथ इसे प्रतिबंधित कर देना चाहिए।
संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही लोकसभा में रुपये के टूटने का मुद्दा भी गरमाया। इसके बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल के लिखित जबाव वित्त मंत्री ने भारतीय मुद्रा रुपये की गिरने की वजह वैश्विक कारक को जिम्मेदार ठहराया। सीतारमण ने सदन को बताया कि कहा कि रुपये की गिरावट के लिए वैश्विक कारक में रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में जारी उछाल है।
दरअसल निर्मला सीतारमण की यह टिप्पणी उन अटकलों के बीच आई है कि सरकार संसद के मानसून सत्र में क्रिप्टो करेंसी को विनियमित करने के लिए एक कानून बनाने के लिए विधियेक पेश कर सकती है। हालांकि, इसको लेकर ऐसा कोई विधेयक पेश करने के लिए अभी सूचीबद्ध नहीं किया गया है। क्रिप्टो करेंसी के लिए विधेयक पेश होने से पहले अब सबकी निगाहें इसके लिए तैयार किए जा रहे सरकारी ड्राफ्ट पर टिकी है।
क्रिप्टो करेंसी एक अवास्तविक मुद्रा है। दरअसल ये एक डिजिटल एसेट है, जो एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित लेन-देन के उपयोग में आता है। क्रिप्टो करेंसी को ‘ऑल्टकॉइन’ भी कहा जाता है। इसका उपयोग पारंपरिक केंद्रीयकृत इलेक्ट्रॉनिक धन यानी केंद्रीयकृत बैंकिंग प्रणाली के बजाय विकेंद्रीकरण नियंत्रण करता है। (एजेंसी, हि.स.)