पोजिशन जीरो

स्क्वायर-ऑफ का उद्देश्य होल्डिंग ट्रेडों को पूरा करना है। इसका मतलब यह है कि आपके द्वारा सुबह खरीदा या बेचा गया कोई भी इंट्राडे ट्रेड स्टॉक मार्केट बंद होने से पहले बेचा या वापस खरीदा जाना चाहिए।
IND vs ENG: पूर्व क्रिकेटर ने रोहित शर्मा को दी बल्लेबाजी क्रम में बदलाव की सलाह, सूर्यकुमार के लिए इस पोजिशन को बताया बेस्ट
By: ABP Live | Updated at : 16 Jul 2022 12:36 PM (IST)
सूर्यकुमार यादव (सोर्स: @BCCI)
RP Singh on Team India's Batting Order: पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज पोजिशन जीरो आरपी सिंह (RP Singh) ने कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को भारतीय टीम के बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) को चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आना चाहिए. आरपी सिंह ने यह भी कहा है कि विराट कोहली (Virat Kohli) जब कप्तान थे तब वह बल्लेबाजी क्रम में खूब बदलाव करते थे.
आरपी सिंह ने क्रिकबज के साथ बातचीत करते हुए कहा, 'सूर्यकुमार यादव को चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करनी चाहिए. अगर आप पिछले समय को याद करें तो विराट कोहली ने कप्तानी के दौरान टीम के बल्लेबाजी क्रम में बहुत बदलाव किए थे. कोहली हमेशा तीन नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आते थे लेकिन कई मौकों पर उन्होंने केएल राहुल को भी इस क्रम पर खिलाया था.'
कांग्रेस विधायक अनूप सिंह का आरोप, सरकार गिराने के लिए मिला 10 करोड़ का ऑफर, गुवाहाटी में होनी थी हेमंत विश्वशर्मा से मुलाकात
पश्चिम बंगाल में पकड़े गए तीनों विधायकों के बाद झारखंड की राजनीति में सियासी उथल पुथल मच गया है, ऐसा माना जा रहा है कि कई विधायकों को 10 करोड़ रुपए देकर सरकार गिराने के लिए प्रलोभन दिया गया था. इसको लेकर कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने पोजिशन जीरो थाना में एफआईआर दर्ज कराई है.
रांची: झारखंड में राजनीति भूचाल आने वाला है. झारखंड कांग्रेस के तीन विधायकों के पास पैसे बरामद होने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने यह कहकर सनसनी फैला दी पोजिशन जीरो है कि सरकार गिराने के लिए हर विधायक को 10 करोड़ का ऑफर दिया गया है. पूरे मामले को लेकर कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने रांची के अरगोड़ा थाना में पोजिशन जीरो प्राथमिकी भी दर्ज करवा दी है.
नतीजे: मिशन क्लीन सिटी प्रोजेक्ट के बाद भी गंदगी, स्वच्छता रेटिंग में जीरो
केंद्र ने हाल ही में गारबेज फ्री सिटी की रैंकिंग जारी की। इस बार डोंगरगढ़ नगर पालिका स्थान बनाने में नाकाम रही। अफसरों की निष्क्रियता व सफाई के नाम पर महज औपचारिकता के चलते ही स्वच्छता रेटिंग में गिरावट हुई। पिछले दो वर्षों में पालिका स्वच्छता के मामले में कई पायदान नीचे खिसकी है।
शहर में मॉनिटरिंग के अभाव व सफाई व्यवस्था महज औपचारिकता होने की वजह से ही रेटिंग में बढ़ोतरी नहीं हुई है। पोजिशन जीरो जबकि मिशन क्लीन सिटी प्रोजेक्ट से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन हो रहा है। नियमित, प्लेसमेंट व दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मी भी सार्वजनिक स्थलों की सफाई व्यवस्था संभाले हुए हैं, इसके बाद भी शहर में अघोषित मुक्कड़ें खत्म करने में नगर पालिका की टीम फिसड्डी साबित हुई है। एक साल के भीतर स्वच्छता में बेहतर काम नहीं होने की वजह से ही 2019 के आखिरी में जारी हुई स्वच्छता रेटिंग में नगर पालिका पांचवें पायदान पर रहा। वह भी 25-50 हजार की आबादी वाले निकायों में। जबकि इसके 2018 में प्रदेश के टॉप-3 में डोंगरगढ़ में जगह बनाई थी। वहीं 2020 में तो डोंगरगढ़ का स्थान ही नहीं लगा। इसके बावजूद स्वच्छता के क्षेत्र में और बेहतर करने की बजाय औपचारिकता ही निभाई गई है। सर्वेक्षण में अंक कम करने में सहायक अघोषित मुक्कड़, एप से सफाई समस्याओं का निराकरण, पब्लिक पोजिशन जीरो फीडबैक समेत कई विषयों पर तो ही काम ही नहीं हुए। केवल दिखावे के लिए रूटीन व्यवस्था बरकरार है।
2019 में जारी सूची में मिला था पांचवां स्थान: 2019 के आखिरी में शासन ने सभी नगरीय निकायों की स्वच्छता रेटिंग जारी की थी। देशभर में इंदौर एक बार फिर से नंबर वन पोजिशन पर रहा। वहीं 25-50 हजार की आबादी वाले निकायों की बात करें तो नगर पालिका डोंगरगढ़ प्रदेश में पांचवें स्थान पर रहा।
जबकि पिछले साल बेहतर काम की बदौलत देश के निकायों से प्रतिस्पर्धा करते हुए रेटिंग में सुधार किया था। किंतु इस बार रेटिंग में दूर-दूर तक डोंगरगढ़ का नाम ही नहीं आया। यानी बेहतर काम करने बजाय टीम ने हल्के में लिया और रेटिंग में गिरावट आ गई।
इन बिंदुओं ने कम किया अंक, सुधार नहीं
अघोषित मुक्कड़ः सर्वेक्षण टीम सबसे पहले शहर के अघोषित मुक्कड़ों की काउंटिंग करती है। शहर में जब मिशन क्लीन सिटी प्रोजेक्ट संचालित पोजिशन जीरो है तो फिर अघोषित मुक्कड़ पूरी तरह से खत्म हो जाने चाहिए थे। किंतु इस विषय पर ही नगर पालिका अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है। इसी वजह से रेटिंग में नंबर कम होते गए। फिलहाल शहर में 300 से अधिक अघोषित मुक्कड़ें देखे जा सकते हैं। इन मुक्कड़ों से रोजाना कई टन कचरा उठ रहा है।
स्वच्छता महुआ एप: शासन ने इस एप को पब्लिक की समस्या सुनने के लिए तैयार कराया है। जिसे शुरुआत में तो जमकर उपयोग कराने अभियान चलाकर लोगों के मोबाइल में डाउनलोड करवाया गया। लेकिन धीरे-धीरे यह भी फिसड्डी साबित हुआ। एप में गंदगी की शिकायत करने के कई दिनों बाद भी सफाई करने मौके पर टीम नहीं आ पाती थी। वहीं शिकायतें कई दिनों तक पेडिंग रह जाती है। इसके बाद पब्लिक ने भी इस एप का उपयोग अब बंद कर दिया है।
पब्लिक फीडबैकः सर्वेक्षण की टीम पब्लिक से भी सफाई व्यवस्था को लेकर फीडबैक लेती है, जिस पर भी अंक निर्धारित रहते हैं। लेकिन बेहतर व्यवस्था देने में ही नगर पालिका नाकाम है तो फीडबैक भी बेहतर नहीं जाता। यह भी देखा गया है कि स्वच्छता सर्वेक्षण करने टीम आएगी तो पब्लिक को इसकी जानकारी भी नहीं है। यानी नगर पालिका पब्लिक के बीच सफाई को लेकर समन्वय नहीं बना पा रही है।
81 सफाई मित्र के बावजूद व्यवस्था लचर
नगर पालिका क्षेत्र के मिशन क्लीन सिटी प्रोजेक्ट में 81 महिला सफाई मित्र कार्यरत हैं। जिन्हें हर माह 6000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दे रहे हैं। ये डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने के बाद कबाड़ की छटनी कर बेचती हैं। जब ये महिलाएं डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कर रही है तो अघोषित मुक्कड़ों पर नगर पालिका सख्ती बरतकर खत्म क्यों नहीं करा पा रही है। शहर में सफाई व्यवस्था भी लचर हो गई है। जिसे सुधारने के लिए पालिका की टीम काम नहीं कर पा रही है। सफाई व्यवस्था महज औपचारिकता में ही चल रही है।
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बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते है लेकिन कुछ ही लोग है जो इसकी बारीकियों को समझते है, ट्रेडिंग में बहुत से शब्दो का इस्तेमाल किया जाता है जिनमें सबसे ज्यादा उपयोग में होने बाला एक शब्द है स्क्वायर ऑफ। तो आइये जानते है square off meaning in hindi.
स्क्वायर ऑफ ट्रेड से बाहर निकलने की एक प्रक्रिया है जिसे इंट्राडे ट्रेडर मार्केट की वोलेटिलिटी (volatility) से होने वाले उतार–चढाव से लाभ कमाने के लिए उपयोग करते हैं।
स्क्वायर ऑफ ट्रेडर के नजरिए से एक सेटेलमेंट शैली है, जहां एक ट्रेडर द्वारा खरीदे गए सभी शेयरों को पूरी तरह से बेच दिया जाता है। इंट्राडे ट्रेडिंग सत्र में स्क्वायर ऑफ अनिवार्य होता है, ताकि यदि ट्रेडर स्वयं अपनी होल्डिंग पोजीशन को बंद नहीं करते हैं, तो अधिकांश स्टॉक ब्रोकर स्वचालित रूप से दोपहर 3:15 बजे से दोपहर 3:20 बजे के बीच, ट्रेडों को बंद कर देते हैं।
स्क्वायर-ऑफ टाइमिंग
ट्रेडिंग में Square off Meaning in Hindi को समझने के बाद आइए इसके लिए भारतीय स्टॉक मार्केट की स्क्वायर-ऑफ समय सीमा पर एक नजर डालते हैं।
दोपहर 03:15 बजे से 03:20 बजे के बीच, अधिकांश ब्रोकर द्वारा सभी स्टॉक और एफ एंड ओ होल्डिंग्स को स्क्वायर-ऑफ कर दिया जाता है।
जबकि करेंसी फ्यूचर्स का स्क्वायर-ऑफ टाइम शाम 4:45 बजे से शाम 4:50 बजे तक होता है।
इसके अलावा MCX का स्क्वायर-ऑफ टाइम मार्केट बंद होने से 30 मिनट पहले होता है। पोजिशन जीरो MCX के लिए स्क्वायर-ऑफ का समय लगभग 10:35 बजे और रात 11:20 बजे होता है।
ऑटो स्क्वायर ऑफ चार्ज क्या है?
यदि ब्रोकर आपकी ओपन पोजीशन को ऑटो स्क्वायर-ऑफ करता है, तो ऑटो स्क्वायर-ऑफ कॉस्ट के रूप में प्रत्येक ऑर्डर के लिए ब्रोकर आपको 20 से 50 रुपये (प्लस 18 प्रतिशत GST) का जुर्माना लगाता है।
Virat Kohli IPL: बाल-बाल बचे थे विराट कोहली, वरना हो जाती ‘जीरो’ की हैट्रिक!
- पुणे,
- 27 अप्रैल 2022,
- (अपडेटेड 27 अप्रैल 2022, 9:04 AM IST)
- राजस्थान के खिलाफ सिर्फ 9 रन बना पाए विराट
- . जीरो पर आउट होने से बाल-बाल बचे थे
टीम इंडिया और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पूर्व कप्तान विराट कोहली की खराब फॉर्म फैन्स का दिल तोड़ रही है. विराट कोहली आईपीएल 2022 में भी बुरी फॉर्म से जूझ रहे हैं. 26 पोजिशन जीरो अप्रैल को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ हुए मुकाबले में विराट कोहली सिर्फ 9 रन बनाकर आउट हुए. विराट बड़ा स्कोर बनाने से फिर चूक गए.
लेकिन एक राहत की बात ये रही कि विराट कोहली इस बार जीरो पर आउट नहीं हुए. वैसे मैच में ऐसा लगभग हो ही गया था, अगर विराट कोहली जीरो पर आउट हो जाते तो ये उनकी हैट्रिक होती. क्योंकि विराट कोहली पिछले दो मैच में गोल्डन डक का शिकार हो रहे थे, लेकिन इस बार वह गोल्डन डक तो नहीं, लेकिन डक पर आउट जरूर होते.