निवेश की रकम

Mutual Fund: हर महीने 500 रुपए का निवेश करके बनाएं लाखों, बेहतर रिटर्न के साथ कम्पाउंडिंग का फायदा
Mutual Fund: बीते कुछ सालों में म्यूचुअल फंड में निवेश का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। महीने दर महीने म्यूचुअल फंड और एसआईपी में निवेश लगातार बढ़ रहा है। यदि आप भी एसआईपी में हर महीने 500 रुपए का निवेश कर लाखों रुपए जमा कर सकते है। रिटर्न में आपको एक मोटी रकम मिलती है।
Mutual Fund: मौजूदा समय में हर किसी की आवश्यकताएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। महंगाई के जमाने में लोग अपनी कमाई में से कुछ पैसे भविष्य के लिए जमा करते है। बुढ़़ापे में आदमी नौकरी नहीं कर सकता है, इसलिए पहले से ही अपना भविष्य सुरक्षित करना चाहते है। अगर आप भी कुछ ऐसा ही निवेश करना चाहते है तो म्यूचुअल फंड में एसआईपी आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। बीते कुछ सालों एसआईपी निवेश के काफी पैसा लगा रहे है। यदि आप भी एसआईपी में हर महीने 500 रुपए का निवेश कर लाखों रुपए जमा कर सकते है। इसके साथ ही आप अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते है। आइए समझिए निवेश का पूरा गणित।
तेजी से बढ़ रहा है म्यूचुअल फंड में निवेश का ट्रेंड
पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड में निवेश का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। बड़ी संख्या निवेश की रकम में इस स्कीम में खूब पैसा लगा रहे है। हर महीेने म्यूचुअल फंड और एसआईपी में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। इसकी एक सबसे बड़ी वह यह है कि एफडी पर लगातार रिटन कम हो रहा है। ऐसे में लोगों ध्यान इसपर ज्यादा बढ़ रहा है। म्यूचुअल फंड स्कीम 12-13 फीसदी सालाना रिटर्न दे देती हैं। कुछ अच्छी स्कीम में यह रिटर्न 15 से 24 फीसदी मिल सकता है।
हर महीने 500 रुपए का निवेश
हर महीने आप 500 रुपए का नियमित रूप से निवेश करते है तो तो एक साल में आपके 6000 रुपए जमा होते है। आप लगातार 20 साल तक निवेश करते है तो 1.2 लाख हो जाएंगे। आप नियमित रूप से इतनी छोटी राशि भी निवेश कर सकते हैं, तो आप बेहतर रिटर्न पा सकते हैं।
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15 फीसदी रिटर्न पर
एसआईपी के तहत आप रोजाना 200 रुपए यानी महीने निवेश की रकम का 6000 रुपए निवेश करते हैं। फंड पर 12 फीसदी का रिटर्न मिलता है तो 21 साल में 68.3 लाख रुपए का फंड तैयार कर सकते हैं। मौजूदा समय में आपको कई इंवेस्टमेंट वेबसाइटों पर म्यूचु्अल फंड एसआईपी कैल्कुलेटर का विकल्प मिल जाएगा। इस निवेश पर आपको 15 फीसदी रिटर्न मिलता है। इस हिसाब से 21 साल बाद आपके पास 1.06 करोड़ रु का फंड तैयार हो जाएगा।
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कम्पाउंडिंग का फायदा
सबसे खास बात एसआईपी में सबसे ज्यादा फायदा कम्पाउंडिंग का होता है। अगर आप 21 साल में 200 रु रोज से 15.12 लाख रु का निवेश करते है। इस निवेश पर आपको 15 फीसदी का रिटर्न मिलता है तो आपको 91.24 लाख रु का फायदा मिलेगा। यानी निवेश से 6 गुना से अधिक आपको लाभ ही होगा। इतना बड़ा फायदा दूसरी किसी योजना में नहीं मिल सकता है। हालांकि एसआईपीए में थोड़ा जोखिम जरूर है लेकिन इसमें फायदा भी ज्यादा है।
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अगर आपने अब तक निवेश शुरू नहीं किया है तो चिंता की कोई बात नहीं है. पढ़ने और सीखने की तरह निवेश की भी कोई उम्र नहीं होती. यदि आप देर से निवेश करना शुरू करते हैं तो यह सुनिश्चित जरूर कीजिए कि निवेश के लिए ऐसे प्लान का चुनाव करें, जो आपके बर्बाद हुए समय की क्षतिपूर्ति करने में मदद कर सकते हों.
इन्वेस्मेंट टिप्स
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 14 फरवरी 2022,
- (Updated 14 फरवरी 2022, 4:50 PM IST)
पढ़ने और सीखने की तरह निवेश की भी कोई उम्र नहीं होती
लक्ष्यों को कम से कम जोखिम के साथ पूरा करें
हर कोई अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए किसी ना किसी रूप में निवेश (Investment) करता है. अगर आप अपने निवेश का सफर शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो इसकी शुरुआत अभी से करें. जाने माने निवेशक वारेन बफेट (Warren Buffett) भी इसी सिद्धांत में यकीन करते हैं और इसी का पालन भी करते हैं.
निवेश का सफर शुरू करने से पहले दो चीजों को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए. समय और निवेश पर मिलने वाला रिटर्न यानी आरओआई (Return on Investment). जितने ज्यादा से ज्यादा समय के लिए आप निवेश करेंगे, उतना ही ज्यादा रिटर्न आपको मिलेगा. आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अपने लक्ष्यों को कम से कम जोखिम के साथ पूरा करेंगे. आपको उस धनराशि को ध्यान में रखकर योजना बनानी होगी, जो आप निवेश के जरिये भविष्य में हासिल करना चाहते हैं. यहां निवेश के गणित के कुछ ऐसे शानदार टिप्स दिए जा रहे हैं, जिससे आपके लिए चीजें काफी साफ और आसान हो जाएंगी.
50-20-30 नियम
यह नियम उतना ही साफ है, जितना इसके नंबर. आपको अपनी रकम को तीन हिस्सों में बांटना होगा. टैक्स के बाद 50 फीसदी सैलरी को घरेलू खर्चों के लिए रखना होगा. 20 फीसदी को थोड़े-थोड़े समय पर पड़ने वाली जरूरतों के लिए रखना होगा और 30 फीसदी का निवेश भविष्य में पड़ने वाली जरूरतों के लिए रखना होगा.
15-15-15 नियम
ये नियम उनके लिए है, जो लंबी निवेश की रकम अवधि के निवेश में यकीन करते हैं. इसमें 15 हजार रुपए हर महीने ऐसे एसेट में 15 साल तक निवेश करने होते हैं, जो सालाना 15 फीसदी का रिटर्न दे. इक्विटी में किया गया निवेश इसके लिए उपयुक्त है. क्योंकि स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव के बावजूद शेयर बाजार ने हमेशा लंबी अवधि में 15 फीसदी रिटर्न देना सुनिश्चित किया है.
72 का नियम
यह नियम पैसे को दोगुना करने में लगने वाला समय बताता है. संभावित रिटर्न या ब्याज दर से 72 को भाग दें और देखें. एसआईपी (Systematic Investment Plan) में निवेश पर आपको 15% रिटर्न मिलता है, तो इसे डबल करने में लगने वाले समय को निकालने के लिए 72 को 15 से भाग दे सकते हैं, जो 4.8 साल के बराबर होगा.
114 का नियम
यह नियम रकम तिगुना करने में लगने वाले समय का हिसाब देता है. 114 को आप संभावित ब्याज दर से भाग देकर ये समय निकाल सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर निवेश से आपको सालाना 15 फीसदी रिटर्न मिलता है तो 114 को 15 से भाग दीजिए, जो 7.6 साल के बराबर है.
144 का नियम
यह आपके निवेश को एक नए स्तर पर ले जाता है. यह रूल हमें रकम को चौगुना करने के समय के बारे में बताता है. 144 को संभावित आरओआई से भाग दीजिए. इसी उदाहरण से आप 144 को 15 से भाग दें. इससे आपको 9.6 वर्ष मिलेंगे. जी हां, आपके पैसे को चार गुणा करने में 9.6 निवेश की रकम साल का समय लगेगा.
100 माइनस उम्र
यह संपत्ति का आवंटन करने के संबंध में हैं. 100 में से अपनी उम्र को घटा दीजिए. जो नंबर आपको मिलेगा, वह प्रतिशत होगा, जिसका आपको शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए. यह नियम इस पर आधारित है कि जितनी कम आपकी उम्र होगी, आपके जोखिम लेने की क्षमता उतनी ज्यादा होगी. इस अवधि में आपको जो घाटा होगा, आप उसकी भरपाई भी कर पाएंगे.
Bank FD में भी होते हैं कई रिस्क, 100% रकम नहीं है सेफ, निवेश करने से पहले जरूर जान लें ये बातें
Zee Business हिंदी 2 दिन पहले ज़ीबिज़ वेब टीम
Bank FD को निवेश का एक पारंपरिक जरिया माना जाता है. तमाम लोग आज भी जितना भरोसेमंद फिक्स्ड डिपॉजिट की स्कीम को मानते हैं, उतना किसी को नहीं मानते. एफडी मार्केट के जोखिम से मुक्त होती है और इसमें आपको एक निश्चित रिटर्न मिलता है. ये सच है कि मार्केट की तुलना में एफडी काफी सुरक्षित है, लेकिन एफडी में भी पैसा 100 फीसदी सेफ नहीं होता है. एफडी पर भी कुछ रिस्क फैक्टर्स और ड्रॉबैक्स होते हैं जिनके बारे में तमाम लोग नहीं जानते हैं. आइए आपको बताते हैं.
5 लाख तक का डिपॉजिट ही सुरक्षित
अगर आपको लगता है कि एफडी पर आपकी रकम पूरी तरह से सुरक्षित रहती है, तो ऐसा नहीं है. अगर बैंक किसी कंडीशन में डिफॉल्ट निवेश की रकम कर जाए, तो निवेशकों का सिर्फ 5 लाख तक का डिपॉजिट ही सेफ रहता है. इसका कारण है कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) बैंक डिपॉजिट पर सिर्फ 5,00,000 रुपए तक की ही इंश्योरेंस गारंटी देता है. यानी बैंक के दिवालिया होने या बैंक के डूबने की स्थिति में अकाउंट होल्डर को केवल 5 लाख तक की ही रकम मिलेगी, भले ही अकाउंट होल्डर के 10 लाख रुपए बैंक में जमा हों.
लिक्विडिटी की समस्या
बैंक एफडी में लिक्विडिटी का इश्यू होता है. अगर आप एफडी को समय से पहले तुड़वाते हैं तो इस पर प्री-मैच्योर पेनल्टी देनी पड़ती है. एफडी पर क्या पेनल्टी अमाउंट होगा, ये बैंकों में अलग अलग हो सकता है. अगर आपने कोई टैक्स सेविंग एफडी में निवेश किया हुआ है, तो आप इसको 5 साल की अवधि से पहले भी निकाल सकते हैं. लेकिन इस स्थिति में आपको टैक्स में छूट नहीं मिल पाती है.
रीइन्वेस्टमेंट में नुकसान की आशंका
एफडी पर मिलने वाला ब्याज बढ़ता और घटता रहता है, ऐसे में अगर आपने रीइन्वेस्टमेंट का विकल्प चुना है तो आपकी रकम टेन्योर पूरा होने के बाद अपने आप फिर से रीइन्वेस्ट हो जाएगी. लेकिन ऐसे में अगर ब्याज दरें और घट गईं तो आपको भी अमाउंट पर घटा हुआ ब्याज ही मिलेगा यानी आपका रिटर्न पहले से कम होगा.
इस स्थिति में पाबंदी का रिस्क
सभी बैंकों की हर गतिविधि पर आरबीआई अपनी नजर बनाकर रखता है. अगर किसी भी बैंक के फाइनेंशियल्स में गड़बड़ी मिलती है, तो रिजर्व बैंक उस पर पाबंदी लगा सकता है. ऐसे में डिपॉजिटर्स का पैसा भी होल्ड होने का खतरा रहता है. इस स्थिति निवेश की रकम में निवेशक को रकम वापस मिलने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है और नुकसान भी झेलना पड़ सकता है.
Investment Returns: आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना, '72 के नियम' को समझिए
Investment Returns: हर एक शख्स की चाहत होती है कि उसके निवेश पर बेहतर रिटर्न मिल सके। सरकारी और गैर सरकारी बैंक अलग अलग स्कीम के तहत निवेशकों को आकर्षित करते हैं, निवेश की रकम ऐसे में आपके लिए यह जरूरी है कि कौन सा निवेश प्रस्ताव आपके लिए बेहतर साबित होगा।
Investment Returns: बैंक जमा दरों में नरमी के बीच सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। गिरती ब्याज दरों की वजह से निवेशक बेहतर रिटर्न अर्जित करने के लिए निवेश के अन्य विकल्प तलाशने पर मजबूर कर रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आपको कौन सा विकल्प चुनना चाहिए? इसके लिए सबसे पहले अपनी निवेश अवधि और वह लक्ष्य तय करें जो आप निवेश करना चाहते हैं। यदि आप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा के लिए बैंक FD में निवेश कर रहे थे तो आप सुकन्या समृद्धि योजना या म्यूचुअल फंड में स्विच कर सकते हैं।
पहले योजनाओं का करें चयन
एक बार जब आप अपने लक्ष्यों और जोखिम प्रोफाइल के आधार पर योजनाओं का चयन कर लेते हैं, तो आप सबसे अच्छा रिटर्न निवेश की रकम देने वाले को चुनने के लिए रिटर्न अंतर को भी देख सकते हैं। जैसे यहां पर हम बताएंगे कि इन निवेश साधनों को आपके निवेश को दोगुना करने में कितना समय लगता है। एक योजना का चयन करना तब आसान हो जाएगा जब आपको पता चल जाए कि कौन सी योजना आपके निवेश को तेजी से दोगुना कर देगी।
72 का एक सरल नियम
यह 72 का एक सरल नियम है जो आपको बताता है कि आपका पैसा कितनी तेजी से दोगुना होगा। कितना पैसा दोगुना होगा यह जानने से पहले अपने लक्ष्यों और निवेश की अवधि निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। आइए अब '72 का नियम' का उपयोग करके पता करें कि ये निवेश कितनी तेजी से पैसे को दोगुना कर सकते हैं। हम यह देखने के लिए '72 का नियम' का उपयोग करेंगे कि ये निवेश कितनी तेजी से निवेशित धन को दोगुना कर देंगे। 72 का नियम एक सूत्र है जहां हम '72' संख्या को निवेश साधन द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर से विभाजित करते हैं ताकि यह अंदाजा लगाया जा सके कि आप उस विशेष निवेश के साथ अपने पैसे को कितनी जल्दी दोगुना कर सकते हैं।
एक नजर
म्यूचुअल फंड और सुकन्या समृद्धि योजना आपको 100% रिटर्न देने में निवेश की रकम सबसे तेज हैं। 5.5% पर बैंक FDs को आपके पैसे को दोगुना करने में 13 साल से अधिक समय लगेगा। (72/5.5 = 13.09)
पीपीएफ 7.1% प्रति वर्ष की ब्याज ऑफर कर रहा है। ब्याज दर 7.1% (72/7.1 = 10.14) पर बनी हुई है, तो पीपीएफ को आपके पैसे को दोगुना करने में लगभग 10 साल लगेंगे। इसी तरह, सुकन्या समृद्धि योजना में 7.6% की मौजूदा ब्याज दर पर आपके पैसे को दोगुना करने में लगभग 9.4 साल लगेंगे।
आपको मौजूदा ब्याज दरों पर अपने निवेश को दोगुना करने के लिए लंबी परिपक्वता अवधि प्रदान नहीं कर सकती हैं, लेकिन इस अभ्यास के जरिए आपको बैंक एफडी का विकल्प चुनने में मदद मिलेगी और निवेश से मिलने वाले रिटर्न के बारे में भी पता चलेगा। यदि एक पूर्ण स्विच नहीं है, तो आप अपने निवेश पर बेहतर रिटर्न अर्जित करने में मदद करने के लिए अपने 'केवल बैंक FD' पोर्टफोलियो के पूरक के लिए इन निवेशों को जोड़ सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि 72 का नियम एक अनुमानित विचार प्रदान करता है।