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क्या बिटकॉइन भारत में वैध है?

क्या बिटकॉइन भारत में वैध है?

भारत में बंद हो जाएगी क्रिप्टो करेंसी, बिटकॉइन में निवेश किया है तो क्या करें?

सूत्रों की मानें तो डिजिटल करेंसी बिल 2021 लगभग तैयार है और सरकार इसी संसद सत्र में उसे पेश कर देगी।

बिटकॉइन की तेजी ने पूरी दुनिया की आंखें चकाचौंध करी दी है। भारत में भी बिटकॉइन या इसके जैसी दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की कमी नहीं है। लेकिन अब इन सभी लोगों को बड़ा झटका लग सकता है। क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? सूत्रों की मानें तो डिजिटल करेंसी बिल 2021 लगभग तैयार है और सरकार इसी संसद सत्र में उसे पेश कर देगी। इस बिल में क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बैन करने के साथ - साथ इसकी ट्रेडिंग, माइनिंग, ट्रांसफर और होल्डिंग को कानूनन अपराध बनाया जा सकता है। तो क्या होगा अब तक के निवेश का, क्या भारत में किसी भी तरह की डिजिटल करेंसी नहीं चलेगी। इन्ही सब बातों पर आज चर्चा होगी।

भारत में बिटकॉइन होगा बंद?

भारत में बिटकॉइन पर बैन लग सकता है। बजट सत्र में नया बिल पेश होगा। डिजिटल करेंसी बिल 2021 तैयार है। इसके तहत किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी बैन होगी। क्रिप्टो की माइनिंग और ट्रांसफर अपराध होगा। सरकार अपनी डिजिटल करेंसी लाएगी। RBI के जरिए ये डिजिटल करेंसी आएगी। फिलहाल बिल फाइनल नहीं हुआ है।

बिटकॉइन निवेश का क्या होगा?

निवेश से निकालने का मौका मिल सकता है। इसके लिए 3-6 महीने का वक्त मिल सकता है। निवेशकों को पेनाल्टी चुकानी पड़ सकती है। क्रिप्टोकरेंसी रखना अपराध होगा। सभी ट्रेडिंग एक्सचेंज बैन होंगे। इसके रखने, बेचने को अपराध बनाया जाएगा। माइनिंग और ट्रांसफर भी दंडनीय अपराध होगा। इस तरह के मामलों में जुर्माना और कैद दोनों का प्रावधान होगा।

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश

इसमें 2020 में 2.4 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ। भारत में 2019 में 50 लाख डॉलर का निवेश हुआ।

बिटकॉइन में रिटर्न

आज का इसका भाव करीब 35 लाख रुपए पर पहुंचा है। 2021 में 35 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न मिला है। इसने 2021 में 49,695 डॉलर का लाइफ टाइम हाई बनाया है। पिछले साल अप्रैल से अब तक इसने 800 फीसदी रिटर्न दिया है।

बिटकॉइन की लहर

Tesla इसमें 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश करने जा रहा है। Tesla अपने प्रोडक्ट्स का पेमेंट बिटकॉइन में स्वीकार करेगा। इस साल Mastercard क्रिप्टो करेंसी में व्यापारियों को भुगतान स्वीकार करने देगा। डिजिटल करेंसी को सपोर्ट देने की तैयारी है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी कारोबर

बिल 29 जनवरी को लिस्ट हुआ। डिजिटल करेंसी का विधायी ढांचा बनाने की प्रक्रिया ऑफिशियल हुई। संबंधित मंत्रायलों ने मसौदा बनाने का काम शुरु किया। क्रिप्टो करेंसी में व्यापार की बात करें तो बाजार को प्राइवेट करेंसी की परिभाषा का इंतजार है। क्रिप्टोकरेंसी को पब्लिक ब्लॉकचेन कहा जाता है। डिजिटल करेंसी में भारत का 1 बिलियन डॉलर का निवेश है। 8 मिलियन से ज्यादा निवेशक हैं।

बिटकॉइन जैसी करेंसी का भविष्य भारत में कब तय करेगी सरकार?

बिटकॉइन

पिछले कुछ सालों से डिजिटल मुद्राओं की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है जिन्हें ब्लॉकचेन सॉफ़्टवेयर के ज़रिए इस्तेमाल किया जाता है. ये डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं इसलिए उन्हें क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं.

दुनिया भर में मुद्राओं को देश के केंद्रीय बैंक नियंत्रित करते हैं लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा नहीं है, इसका नियंत्रण इसकी ख़रीद-बिक्री करने वाले लोगों के हाथों में सामूहिक तौर पर होता है.

यही वजह है कि ज़्यादातर देशों की सरकारें या तो इन्हें ग़ैर-कानूनी मानती हैं या इन्हें किसी न किसी रूप में नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं.

भारत, चीन और अमेरिका जैसे देशों के विपरीत दक्षिण अमेरिका के देश अल सल्वाडोर ने अब इसके इस्तेमाल क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? पर क़ानूनी मुहर लगा दी है.

हालांकि जब क़ानूनी तौर पर क्रिप्टोकरेंसी के कार्यान्वयन के लिए अल सल्वाडोर ने विश्व बैंक से तकनीकी मदद मांगी तब विश्व बैंक ने इसे मानने से इनकार कर दिया और कहा कि इसे ले कर पारदर्शिता और पर्यावरण संबंधी चिंताएं हैं.

इधर दूसरी ओर, चीन ने मनी-लॉड्रिंग के इल्ज़ाम में अब तक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े 1100 लोगों को गिरफ़्तार किया है.

चीन ने डिजिटल करेंसी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए इस क्षेत्र में कदम रखा है, हालाँकि क्रिप्टोकरेंसी पर सरकारों का नियंत्रण नहीं होता लेकिन चीन ने जो डिजिटल करेंसी शुरू की है उस पर पूरा सरकारी नियंत्रण है.

दरअसल, डिजिटल युआन परंपरागत युआन करेंसी की ही केवल डिजिटल शक्ल है. इसे चीन के कुछ शहरों में प्रयोग के तौर पर पिछले साल लांच किया गया था. अमेरिका भी डिजिटल डॉलर शुरू करने के बारे में विचार कर रहा है.

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भारत और क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी के ख़रीद-बिक्री के लिए भारत में इस समय 19 क्रिप्टो एक्सचेंज मार्केट हैं जिनमें वज़ीरएक्स का नाम पिछले दिनों सुर्ख़ियों में था.

केंद्र सरकार के एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने वज़ीरएक्स के संस्थापक और निदेशक निश्चल शेट्टी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के क़ानून के तहत 2,971 करोड़ रुपये के क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन का हिसाब देने को कहा है.

ईडी ने वज़ीरएक्स पर अपने उपयोगकर्ताओं की 'नो योअर कस्टमर' (केवाईसी) यानी ग्राहक वेरिफ़िकेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ नहीं लेने का आरोप लगाया है. ईडी के अनुसार, वज़ीरएक्स का इस्तेमाल कुछ चीनी नागरिकों ने अपने वज़ीरएक्स वॉलेट में राशि जमा करके किया. वज़ीरएक्स के संस्थापक शेट्टी ने जवाब में तीन ट्वीट किए और इस इल्ज़ाम को नकारते हुए ईडी के साथ पूरा सहयोग का वादा किया.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई सरकारी गाइडलाइन या नियम-कानून मौजूद नहीं हैं. यही वजह है कि वज़ीरएक्स जैसे मामलों में अभी सिर्फ़ केवाईसी के नियमों का पालन नहीं करने को लेकर नोटिस भेजा गया है.

भारत सरकार संसद के अगले सत्र में क्रिप्टोकरेंसी की निगरानी के लिए एक बिल पेश कर सकती है. वर्चुअल करेंसी को रेगुलेट करने पर सरकार की एससी गर्ग समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इसके अलावा सरकार के पास कई मंत्रालयों की एक संयुक्त समिति की रिपोर्ट भी है.

जानकारों का कहना है कि एससी गर्ग समिति ने क्रिप्टोकरेंसी पर भारत में पाबंदी लगाने की सलाह दी है. लेकिन मार्च में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए थे कि वर्चुअल करेंसियों को केवल रेगुलेट किया जाएगा, उन पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. सरकार इस समय दुविधा में नज़र आती है और इसका आख़िरी फैसला क्या है, इसका पता विधेयक के पेश किए जाने के बाद ही लगेगा.

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क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

दो देश,दो शख़्सियतें और ढेर सारी बातें. आज़ादी और बँटवारे के 75 साल. सीमा पार संवाद.

दुनिया में रुपए, डॉलर और यूरो जैसे नोटों की तरह पिछले 10-12 सालों में वर्चुअल दुनिया में कई मुद्राएँ सामने आई हैं और इनकी लोकप्रियता और संख्या दोनों तेज़ी से बढ़ती जा रही है. खास तौर पर युवा पीढ़ी में ये काफ़ी लोकप्रिय हैं.

मोटे तौर पर क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल या डिजिटल पैसा है जो टोकन या डिजिटल "सिक्कों" के रूप में होता है, क्रिप्टोकरेंसी को डिज़ाइन ही इस तरह किया गया है कि वह सरकारी नियमों और नियंत्रण से मुक्त रहे.

इस तरह की करेंसियों में सबसे चर्चित बिटकॉइन है, पिछले हफ़्ते एक बिटकॉइन की क़ीमत लगभग 30 लाख रुपए थी. दुनिया भर में दो करोड़ के क़रीब बिटकॉइन चलन में हैं जिनमें से दो हज़ार भारत में बताए जाते हैं.

इसकी क़ीमत में लगातार भारी उतार चढ़ाव दिख रहा है, कुछ जानकारों का कहना है कि यह अगले कुछ महीनों में इसकी वैल्यू 50 प्रतिशत गिर सकती है, तो कुछ दूसरे विशेषज्ञों का मानना है कि यह 30 लाख से बढ़कर 75 लाख तक हो सकता है.

इस तरह की इनक्रिप्टेड या कोडेड मुद्राओं की संख्या करीब चार हज़ार है लेकिन आम लोगों को सिर्फ़ बिटकॉइन का नाम पता है.

भारत में अभी आम लोगों को इसकी जानकारी बहुत कम है. दुनिया के कई देशों में भी हाल कुछ ऐसा ही है. अगर गूगल ट्रेंड्स पर नज़र डालें तो 'बिटकॉइन' टर्म सर्च करने वाले लोगों की तादाद तेज़ी से बढ़ती जा रही है यानी लोगों की दिलचस्पी इसमें बढ़ रही है.

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क्रिप्टो और ब्लॉकचेन

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन नामक टेक्नोलॉजी पर आधारित है. प्रवीन विशेष सिंगापुर में एक बड़े हेज फंड के पोर्टफ़ोलियो मैनेजर हैं. उनका काम करेंसी व्यापार से जुड़ा है.

बीबीसी से बातचीत में वो कहते हैं, "ब्लॉकचेन भविष्य का टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म है. ये वो मंच है जिस पर क्रिप्टो मुद्राओं का लेन-देन होता है. ब्लॉकचेन जानकारी को रिकॉर्ड करने की एक प्रणाली है जिसमें जानकारी को बदलना या क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? हैक करना लगभग असंभव है."

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में लियोनार्ड कुकोस क्रिप्टोकरेंसी के विकास के समर्थक और निवेशक हैं. इस काम में वो बहुत सक्रिय हैं. वो ब्लॉकचेन जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञ भी हैं.

उन्होंने बीबीसी के सवालों के जवाब में कहा, "सरल शब्दों में, ब्लॉकचेन एक विशेष प्रकार का डेटाबेस है जिसे डिस्ट्रीब्यूटेड खाता कहा जाता है जो डिजिटल लेनदेन को रिकॉर्ड करता है ताकि इसे बदलना, हैक करना या फ्रॉड करना लगभग असंभव हो. यह विशेष है क्योंकि सभी लेन-देन कंप्यूटरों के विशाल नेटवर्क में एन्क्रिप्टेड, कॉपीड और ड्रिस्ट्रीब्यूटेड होते हैं."

वो आगे कहते हैं, "इन कंप्यूटरों को नोड कहा जाता है, और उनका मुख्य काम हर लेन-देन को मान्यता देना और दर्ज करना होता है. हर कोई एक नोड हो सकता है, फिर भी नेटवर्क पर किसी का पूरा नियंत्रण नहीं हो सकता है इसलिए ब्लॉकचैन एक विकेन्द्रीकृत प्रणाली है".

क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन दोनों एक दूसरे से जुदा हैं लेकिन इनका अटूट रिश्ता भी है. जैसा कि लियोनार्ड कहते हैं, "ब्लॉकचेन एक पसरा हुआ बही-खाता है, जबकि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी उसी खाते के मुताबिक़ डिज़ाइन किए गए हैं. बिटकॉइन अपने ब्लॉकचेन के बिना मौजूद नहीं हो सकता, हालांकि ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी के अलावा दूसरी चीज़ों में भी होता है."

बिटकॉइन अकेली क्रिप्टोकरेंसी नहीं है, इथेरियम, टीथर, कार्डानो, पोल्काडॉट, रिपल और डोजकॉइन जैसी और भी कई क्रिप्टोकरेंसी भी चलन में हैं जिनमें हर साल अरबों डॉलर के लेन-देन होते हैं.

हालांकि क्रिप्टोकरेंसी के बाज़ार में बिटकॉइन सबसे पहले आने वाली, सबसे महंगी और सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी है. बिटकॉइन को 2009 में लांच किया गया था और आज इसका मार्केट कैप $732 अरब डॉलर है, यानी अकेले बिटकॉइन कई देशों के सकल घरेलू उत्पाद से ज़्यादा है.

इन दिनों एक बिटकॉइन की क़ीमत 30 लाख रुपए है. हाल में जब टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने घोषणा की कि उनकी कंपनी कारों के पेमेंट बिटकॉइन करेंसी में नहीं स्वीकार करेगी तो बिटकॉइन की क़ीमत 45 लाख रुपए से 25 लाख रुपये प्रति बिटकॉइन हो गयी. अब धीरे-धीरे इसका मूल्य एक बार फिर बढ़ रहा है.

क्या भारत में बिटकॉइन लीगल है? एससी ने केंद्र से किया सवाल

बिटकॉइन भारत में वैध है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से क्रिप्टोकरेंसी पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। केंद्र सरकार भारत में क्रिप्टोकुरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों को क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? विनियमित करने के लिए एक विधेयक तैयार कर रही है। केंद्रीय बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी और अपूरणीय टोकन या एनएफटी सहित आभासी संपत्ति पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाएगी।

नया खंड 115BBH पेश करने का प्रस्ताव

क्रिप्टो टैक्स के लिए, बजट 2022 में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य आभासी संपत्तियों पर आयकर लगाने के लिए एक नया खंड 115BBH पेश करने का प्रस्ताव है। क्या भारत में क्रिप्टो करेंसी लीगल है? क्रिप्टोकरेंसी पर कर लगाने से उन्हें देश में कानूनी दर्जा नहीं मिलता है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में स्पष्ट किया। यह क्रिप्टोक्यूरेंसी लेनदेन पर कर लगाने का देश का संप्रभु अधिकार है। हालांकि, नियमन पर कोई आधिकारिक रुख केवल तभी आएगा जब मौजूदा विचार-विमर्श पूरा हो जाएगा, वित्त मंत्री ने कहा।

क्रिप्टो टैक्स: इसका क्या मतलब है?

“प्रस्तावित धारा 115बीबीएच यह प्रदान करना चाहता है कि जहां एक निर्धारिती की कुल आय में किसी भी आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से कोई आय शामिल है, देय आयकर किसी भी आभासी के हस्तांतरण की आय पर गणना की गई आयकर की राशि का कुल योग होगा। 30 प्रतिशत की दर से डिजिटल संपत्ति और आयकर की राशि जिसके साथ निर्धारिती प्रभार्य होता, यदि निर्धारिती की कुल आय आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से आय के कुल योग से कम हो जाती है, “बजट 2022 ज्ञापन के अनुसार।

नया प्रस्तावित क्रिप्टोक्यूरेंसी टैक्स आकलन वर्ष 2023-24 से लागू होगा। इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2022-23 में क्रिप्टो लेनदेन से आपकी सभी आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। निवेशकों को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए मौजूदा कराधान नियमों के अनुसार कर का भुगतान करना होगा।

क्या भारत में बिटकॉइन वैध है?

किसी भी देश में बिटकॉइन की वैधता का पता लगाना बहुत मुश्किल है। लेकिन जब आप पहली बार इसमें कदम रख रहे हों तो कुछ ऐसे क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? काम होते हैं जो इसमें कोई भी निवेश करने से पहले किए जाना जरूरी है। हो सकता है ये आपके देश में कानूनी हो, लेकिन मुद्दा केवल बिटकॉइन के वैद्य होने का नहीं है, बल्की यह भी पता होना चाहिए कि आपके देश में बिटकॉइन को कौन से नियम नियंत्रित करते हैं।

नीचे कुछ अहम प्रश्न दिए गए हैं जो भारत में बिटकॉइन के व्यापार से संबंधित हैं:

क्या बिटकॉइन भारत में वैद्य/legal है?

भारत में बिटकॉइन का विनियमन उद्यमियों और निवेशकों के लिए अभी भी एक संदिग्ध क्षेत्र है। लेकिन यह सच है कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने नागरिकों को बिटकॉइन में लेनदेन करने पर चेतावनी दे रखी है। इसने आगाह क्या है कि बिटकॉइन या कोई अन्य आभासी मुद्रा कानूनी निविदा नहीं है और इसे एक मुद्रा के रूप में संचालित करने के लिए कोई नियामक अनुमति नहीं है।

क्या आप भारत में बिटकॉइन खरीद सकते हैं?

यदि आप भारत में बिटकॉइन खरीदना चाहते हैं, तो आपको बिटकॉइन एक्सचेंज पर अपना पंजीकरण कराना होगा। ये एक्सचेंज आपको भारतीय रुपये के साथ बिटकॉइन खरीदने/बेचने की अनुमति देते हैं।

अभी तक, WazirX सबसे लोकप्रिय एक्सचेंजों में से एक है जहाँ आप INR के साथ बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं।

भारत में बिटकॉइन बेचने का क्या तारीका है?

यदि आप भारत में बिटकॉइन बेचना चाहते हैं, तो आपको अपने बिटकॉइन को बिटकॉइन एक्सचेंज पर जमा करके इसे INR में परिवर्तित करना होगा। ऐसा करने के लिए आप रूपया अपने बैंक खाते में भी जमा कर सकते हैं।

क्या भारत में Bitcoin ATM मौजूद है?

भारत में बिटकॉइन ATM के बारे में जानकारी के लिए ज्यादा विश्वसनीय स्रोत नहीं मिलते। लेकिन यह कहना सुरक्षित होगा कि अभी तक ऐसे कोई ATM यहाँ मौजूद नहीं हैं।

क्या भारत में बिटकॉइन खरीदना या बेचना सुरक्षित है?

हालांकि बिटकॉइन का समर्थन करने वाला कोई प्राधिकरण नहीं है, बिटकॉइन का व्यापार करने के लिए किसी भी तारीके का उपयोग करने से पहले उस पर शोध करना चाहिए और सावधान रहना चाहिए क्योंकि आपके ऑनलाइन खाते पर किसी भी हैकिंग घटना के लिए एक्सचेंज जिम्मेदार नहीं होगा।

अगर इसके लिए कानून हैं, तो उन्हें लागू कौन करता है?

एक नई वास्तविकता होने के नाते अभी तके बिटकॉइन को नियंत्रित करने वाला कोई कानून नहीं है।

बिटकॉइन पर करों या कानूनी निविदा के बारे में खबर क्या है?

हालांकि बिटकॉइन के लिए कोई कानूनी निविदा नहीं है, आप जो लाभ कमाएं, उस पर आपको कर देना होगा। इसके अलावा, हमें बिटकॉइन को पूंजीगत संपत्ति के रूप में देखना चाहिए, जिसपे विभिन्न देशों में अलग-अलग कर लगाया जा सकता है।

चूंकि RBI ने सार्वजनिक रूप से घोषित किया है कि किसी भी एक्सचेंज या आभासी मुद्राओं के व्यापारियों को संचालन के लिए कोई नियामक अनुमति या license नहीं दिए गऐ हैं, इस वक्त किसी के लिए भी क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर कर चुकाना बहुत मुश्किल होगा।

क्या भारत में बिटकॉइन एक्सचेंज हैं?

भारत में कुछ शीर्ष क्रिप्टो एक्सचेंज हैं – WazirX, Zebpay, CoinDCX, Coinswitch Kuber और Unocoin– उपयोगकर्ताओं को अपने केवाईसी के साथ साइन अप करना होगा, ऐप डाउनलोड करना होगा और क्रिप्टोकरेंसी खरीदना होगा।

ध्यान रहे कि बिटकॉइन बहुत जोखिम भरे और अस्थिर आभासी वस्तुएं हैं जो भारत में अनियमित हैं।

आइये कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार करते हैं:

1. भारत में बिटकॉइन कानूनी निविदा नहीं हैं। यह किसी भी कर प्राधिकरण या बैंक द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है।

2. बिटकॉइन एक अनियमित मुद्रा है जिसका RBI जैसी किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा बीमा नहीं किया जाता है। इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

3. किसी भी बैंक के प्राधिकारी का क्रिप्टो मार्केट में आने वाले पैसे पर कोई नियंत्रण नहीं होता है।

4. RBI ने चेतावनी दी है की बिटकॉइन उनके या किसी वित्तीय प्राधिकरण द्वारा विनियमित नहीं है। यह बिटकॉइन के व्यापार में शामिल लोगों के लिए एक जोखिम होगा।

5. हालांकी RBI ने हमें 2018 से पहले से कई बार इसके बारे में चेतावनी दी है, इसके बावजूद भारत में अभी तक निजी मुद्राओं के संबंध में कोई कानून नहीं है।

6. भारत सरकार ने 2017 से अबतक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है कि बिटकॉइन भारत में वैध है या अवैध।

7. भारत के किसी भी जगह बिटकॉइन के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

8. भारत में कोई भी व्यक्ति किसी भी विकेंद्रीकृत मुद्रा के साथ या उसके बिना बिटकॉइन का उपयोग कर सकता है।

9. हाल की खबरों के अनुसार, भारती सरकार बिटकॉइन को विनियमित करने के लिए कुछ सटीक नियमों की तलाश कर रही है। इस पर अभी विभिन्न सरकारी अधिकारियों के बीच कई बैठकें हो रही हैं।

10. सरकार अभी भी इस बात से चिंतित है कि अपराधी अपना धन शोधन करने के लिए कई तारीकों से बिटकॉइन का उपयोग कर सकते हैं।

11. इस के बावजूद कि आपको भारत में बिटकॉइन खरीदने या बेचने की अनुमति नहीं है, उन्हें एक्सचेंज के माध्यम के रूप में उपयोग करना अवैध नहीं है।

12. भारत में बिटकॉइन को कानूनी रूप से प्राप्त करने का एकमात्र तरीका क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों के माध्यम से है। कई कंपनियां ऐसी सेवाएं प्रदान करती हैं जैसे आपकी स्थानीय मुद्रा को बिटकॉइन में परिवर्तित करना, अन्य क्रिप्टोकरेंसी के साथ विनिमय करना या इन डिजिटल मुद्राओं का उपयोग करके बैंकिंग की सेवाएं प्रदान करना।

13. धन शोधन और आतंकवादियों की मदद के लिए बिटकॉइन का उपयोग होना शायद जल्द ही सरकार के बिटकॉइन दृष्टिकोण को बदल देगा।

निष्कर्ष

ऐसे कई देश हैं जिन्होंने अभी तक बिटकॉइन के बारे में कोई बयान नहीं दिया है। वे अभी भी इस पर सोच विचार कर रहे हैं। इसका उपयोग करने वाले लोग भी अभी ज्यादा नहीं हैं। लेकिन आने वाले दिनों में यह और अधिक लोकप्रिय होगा, इसलिए भी की इसे कुछ देशों में वैधीकरण हासिल हो चुकी है। किसी भी संजीदा निवेश करने से पहले अपने देश के कानूनों के बारे में सब कुछ जानना महत्वपूर्ण है।

बिटकॉइन कैसे काम करता है, इसके बारे में अधिक पढ़ने के लिए आप यह लेख देख सकते हैं । आशा है कि पाठक अब इसकी वैधता के साथ स्पष्ट हैं। और अगर आप बिटकॉइन में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए मददगार होगा।

Author

रोहित कुमार onastore.in के लेखक और संस्थापक हैं। इन्हे इंटरनेट पर ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीकों और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित जानकारियों के बारे में लिखना अच्छा लगता है। जब वह अपने कंप्यूटर पर नहीं होते हैं, तो वह बैंक में नौकरी कर रहे होते हैं। वैकल्पिक रूप से [email protected] पर उनके ईमेल पर संपर्क करने की कोशिश करें।

फीचर आर्टिकल: बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा मिलने के पूरे क्रिप्टो मार्केट के लिए क्या मायने हैं?

बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली डीसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टोकरेंसी या कहें कि डिजिटल कॉइन है। इसका आविष्कार 2008 में हुआ लेकिन मुख्य इस्तेमाल 2010 से शुरू हुआ। पहले बिटकॉइन को संदेह की नजरों से देखा गया लेकिन अब ये दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है। दुनिया में हजारों कंपनियां लेनदेन के लिए बिटकॉइन को अपना चुकी हैं। अब मध्य अमेरिकी देश अल-साल्वाडोर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा की मान्यता भी मिल गई है।

इतने कम समय में ही बिटकॉइन ने काफी लंबी दूरी तय कर ली है। इसकी वैधता का प्रभाव भारत और दूसरे देशों में भी महसूस हो रहा है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि BTC से INR गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला खोज शब्द है।

बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा मिलने के क्या मायने हैं?
दुनिया के कुछ देशों में बिटकॉइन के उपयोग को वैधता मिली हुई है, लेकिन अपने अस्तित्व के महज 12 सालों में किसी देश में वैध मुद्रा का दर्जा मिलना इसकी लोकप्रियता का एक और उदाहरण है। पिछले साल, 7 सितंबर 2021 को अल-साल्वाडोर ने बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा देकर प्रचलित फिएट यानी कागजी मुद्रा और डिजिटल करेंसी के बीच के भेद को खत्म कर दिया है। वैध मुद्रा बनने का अर्थ है कि इसे सरकार द्वारा टैक्स, सार्वजनिक या निजी शुल्कों और व्यापारिक लेनदेन के लिए स्वीकार किया जाएगा।

अल-साल्वाडोर ने बिटकॉइन को वैध मुद्रा माना
बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने के बाद अल-साल्वाडोर की अर्थव्यवस्था में काफी बदलाव आए हैं। देश का 14% से ज्यादा व्यापार बिटकॉइन के जरिए होने लगा है। वहां के पर्यटन क्षेत्र में उत्साह का वातावरण है वहीं बिटकॉइन स्वीकार करने वाले संस्थान खुश हैं। अल-साल्वाडोर ने 1 अरब डॉलर मूल्य के बिटकॉइन बॉन्ड जारी किए हैं।इस फंड का उपयोग एक बिटकॉइन सिटी की स्थापना में किया जाएगा जहां पर जियोथर्मल एनर्जी का उपयोग करके डिजिटल एसेट की माइनिंग की जाएगी। बिटकॉइन और क्रिप्टो के प्रति जागरूकता लाने के लिए शैक्षणिक संस्थान शुरू हुए हैं।

अन्य देश और क्षेत्र भी बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने की राह पर
अल-साल्वाडोर के नक्शे कदम पर चलते हुए कुछ अन्य देश और क्षेत्र भी बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा देने की राह पर हैं। इनमें पुर्तगाल के ऑटोनॉमस रीजन होंडुरास और मदेरिया शामिल हैं। यहां प्रोस्पेरा के निवासियों को बिटकॉइन पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा और वे बिटकॉइन का उपयोग टैक्स और अन्य शुल्क का भुगतान करने में कर सकेंगे। इसके अलावा एक दक्षिण प्रशांत महासागर के देश टोंगा ने बिटकॉइन को कानूनी मुद्रा बनाने के अलावा भविष्य में नेशनल ट्रेजरीज को भी बिटकॉइन में ले जाने का चार चरणों वाला प्रस्ताव बनाया है। मैक्सिको की संसद में भी बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने के प्रति दिलचस्पी दिखाई गई है।

बिटकॉइन के वैध मुद्रा बनने से क्रिप्टो मार्केट को क्या फायदे होंगे

  • चूंकि बिटकॉइन का पूरे क्रिप्टो मार्केट में 42% हिस्सेदारी के साथ दबदबा है इसलिए इससे क्रिप्टो मार्केट में मजबूती आएगी।
  • रीयल-टाइम भुगतान और व्यावसायिक लेनदेन के लिए बिटकॉइन के उपयोग में वृद्धि होगी।
  • अल-साल्वाडोर इसका उदाहरण है।
  • लोग बिटकॉइन के अलावा अन्य क्रिप्टो प्रोजेक्ट पर भी अब विचार करना शुरू करेंगे। क्योंकि हो सकता है कि बिटकॉइन के उपयोग से सारे वित्तीय समाधान न हो पाएं।
  • बिटकॉइन की इन उपलब्धियों की वजह से पॉलीगॉन जैसे क्रिप्टो भी भारत में लोकप्रिय होने लगे हैं और MATIC से INR जैसे खोज शब्द इस बात की पुष्टि करते है। यानी लोग सर्च करते हैं कि MATIC से INR में कैसे कन्वर्ट किया जाए।
  • अब अधिक से अधिक लोग केंद्रीय बैंकों की डिजिटल करेंसी (CBDC) को आजमाने पर भी विचार करेंगे। इससे बाजार में आम प्रचलित मुद्रा यानी फिएट करेंसी के साथ डिजिटल मुद्रा का भी सह-अस्तित्व कायम होगा।
  • क्रिप्टो माइनिंग के लिए अधिक से अधिक ग्रीन माइनिंग यानी पर्यावरण हितैषी साधनों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।

अभी तक केवल फिएट करेंसी यानी कागजी मुद्रा को ही मुद्रा समझा जाता था लेकिन अब कागजी और डिजिल मुद्रा के बीच का अंतर समाप्त हो रहा है। उपयोग को मान्यता मिलने के अलावा बिटकॉइन को तेजी से दुनिया के कई देशों में वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किया जा रहा है। यह पूरे क्रिप्टो मार्केट के लिए भविष्य का सुनहरा संकेत है।

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