महीने का ऑनलाइन ब्रोकर

> ब्रोकर के पास अनावश्यक बैलेंस न रखें। कृपया ध्यान रहे कि ब्रोकर के दिवालिया निष्कासित होने पर उन खानों के दावे स्वीकार नहीं होंगे जिनमें 90 दिन से कोई ट्रेड ना हुआ महीने का ऑनलाइन ब्रोकर हो।
महीने का ऑनलाइन ब्रोकर
असंभव सी बात संभव हो गई। पिछले महीने गूगल के ऑनलाइन शॉपिंग फेस्टिवल के दौरान टाटा हाउसिंग ने देश भर में अपनी विभिन्न परियोजनाओं के तकरीबन 200 मकानों की बिक्री की। वर्ष 2013 के ऐसे आयोजन में 50 मकान बिके थे। अधिकांश भारतीय अपने पूरे जीवनकाल में एक ही मकान खरीदते हैं। ज्यादा खुशनसीब लोग दो मकान खरीद लेते हैं। प्रत्येक खरीद में मकान की जगह का कई दौरों में किया गया मुआयना और बिल्डर से तमाम सवालों की झड़ी लगी रहती है। महीने का ऑनलाइन ब्रोकर कोई भी ब्रोकर आपको बताएगा कि किसी खरीदार को मकान खरीदने के लिए अपना मन बनाने में कम से कम तीन महीने लगते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बाजार में अविश्वास की खाई बहुत चौड़ी है। क्या बिल्डर मेरी जीवन भर की बचत को डुबा देगा? क्या वह समय पर मकान मुहैया कराएगा? क्या वह सभी वादों को पूरा कर पाएगा? क्या उसने सभी तरह की मंजूरियां हासिल की हैं?
खरीदारों पर बेवजह शंकालु होने का आरोप नहीं लगाया जा सकता, बीते कुछ वर्षों में जालसाज बिल्डरों ने खूब गड़बडिय़ां की हैं, जिन्होंने खरीदारों का भरोसा डिगा दिया। कई खरीदारों से जमा रकम को लेकर ही गायब हो गए। कई ने अपनी परियोजनाओं को काफी अवधि के लिए लटका दिया। ग्राहकों को बरगलाने के लिए लगभग हर किसी ने कार्पेट एरिया, फ्लोर एरिया और सुपर एरिया का दांव चला। ऑनलाइन संपत्ति खरीदारी दर्शाती है कि कुछ विश्वास बहाली हुई है। निश्चित रूप से कंपनी के नाम में 'टाटा' जुड़े होने से मदद मिली। फिर भी यह इस बात का सूचक है कि रियल एस्टेट में बेहतरी के लिए चीजों में बदलाव हो सकता है।
ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को
हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों की दिलचस्पी होती है और आप में से बहुत लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी करते होंगे, आपके ट्रेडिंग अकाउंट में काफी स्टॉक्स होंगे और उनकी वैल्यू भी काफी होगी। ऐसे में अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो आपको लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है। हम आपको बता रहे हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय किन बातों को गलती से भी नहीं भूलना चाहिए-
Digital Gold: अगले महीने से स्टॉक ब्रोकर बंद करेंगे डिजिटल गोल्ड की बिक्री, जानिए कहां जारी रहेगी खरीदारी और क्या करें अपने पुराने निवेश का
जिन निवेशकों ने डिजिटल गोल्ड खरीदे हैं, वे ब्रोकर्स के जरिए इसकी बिक्री कर सकते हैं या फिजिकल डिलीवरी ले सकते हैं.
Digital Gold: गोल्ड में निवेश के लिए डिजिटल गोल्ड का विकल्प तेजी से निवेशकों को आकर्षित कर रहा है. हालांकि अगले महीने 10 सितंबर से स्टॉक ब्रोकर के जरिए इसे नहीं खरीद सकेंगे. ऐसा मार्केट रेगुलेटर सेबी के एक निर्देश के चलते होगा. सेबी ने एक्सचेंजों को निर्देश दिए हैं कि ब्रोकर अब डिजिटल गोल्ड की बिक्री न कर सकें. विशेषज्ञों ने इसे लेकर सावधान किया है लेकिन आप अब भी आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक नॉन-बैंकिंग प्लेटफॉर्म या वॉलेट्स से डिजिटल गोल्ड की खरीदारी कर सकते हैं. सेबी ने डिजिटल गोल्ड की बिक्री को सिक्योरिटीज कांट्रैक्टस (रेगुलेशन) रूल्स, 1957 के रूल 8(3) का उल्लंघन बताया है. सिक्योरिटीज कांट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) रूल्स, 1957 के हत डिजिटल गोल्ड को सिक्योरिटी नहीं माना जाता है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने अपने सभी सदस्यों, स्टॉकहोल्डर्स और वेल्थ मैनेजर्स को 10 सितंबर से अपने प्लेटफॉर्म पर इसकी बिक्री रोकने का निर्देश दिया है.
क्या है Digital Gold?
निवेशक गोल्ड को फिजिकल फॉर्म में होल्ड किए बिना डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं. तीन मेटल ट्रेडिंग कंपनियां- ऑगमोंट गोल्ड, एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया (सरकारी कंपनी एमएमटीसी महीने का ऑनलाइन ब्रोकर और स्विस कंपनी एमकीएस पैंप का ज्वाइंट वेंचर) और सेफगोल्ड ब्रांड के जरिए डिजिटल गोल्ड इंडिया इसकी बिक्री करती है. ये कंपनियां फिजिकल गोल्डज खरीदती हैं और फिर इसे सुरक्षित वॉल्ट में रखकर स्टॉक ब्रोकिंग, नॉन-ब्रोकिंग व मेटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर डिजिटल गोल्ड की बिक्री करती है. निवेशक चाहे तो क्वाइन या बूलियन के रूप में इसकी फिजिकल डिलीवरी ले सकता है या खरीदे गए गोल्ड की डिजिटली बिक्री कर सकता है.
डिजिटल गोल्ड को कोई नियामक रेगुलेट नहीं करता है और इसके चलते यह चिंता जाहिर की जाती है कि निवेश सर्टिफिकेट को फिजिकल गोल्ड का सहारा मिला हुआ है या नहीं. हालांकि निवेशकों का मानना है कि मेटल ट्रेडिंग फर्म अपने वॉल्ट में डिजिटल गोल्ड के मूल्य के बराबर गोल्ड रखती है और इसे आईडीबीआई ट्रस्टी सुनिश्चित करता है. अगले महीने से स्टॉक ब्रोकर डिजिटल गोल्ड की बिक्री बंद कर देंगे लेकिन वॉलेट्स व प्लेटफॉर्म इसकी बिक्री जारी रखेंगे. फोन-पे और गूगल पे जैसे नॉन-ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म पर सेबी के नए निर्देशों का प्रभाव नहीं पड़ेगा और ये अपने ग्राहकों को डिजिटल महीने का ऑनलाइन ब्रोकर गोल्ड ऑफर करते रहेंगे. ऑगमोंट गोल्ड ग्राहकों को सीधे अपने प्लेटउफॉर्म के जरिए डिजिटल गोल्ड ऑफर करता है.
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
- जिन निवेशकों ने डिजिटल गोल्ड खरीदे हैं, वे ब्रोकर्स के जरिए महीने का ऑनलाइन ब्रोकर इसकी बिक्री कर सकते हैं या फिजिकल डिलीवरी ले सकते हैं. 10 सितंबर के बाद से निवेशकों को सीधे मेटल ट्रेडिंग कंपनियों के जरिए डील करनी होगी.
- निवेश व रिसर्च फर्म पेनीवाइज के को-फाउंडर व प्रमुख गौतम कुमार के मुताबिक जिन लोगों ने डिजिटल गोल्ड खरीदा है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसकी खरीदारी के बाद वे अपने आप गोल्ड प्रोवाइडर/मैन्यूफैक्चरर के सदस्य बन जाते हैं. गौतम कुमार के मुताबिक अगर आप अपने निवेश को बनाए रखने चाहते हैं तो 10 सितंबर के बाद आपको सीधे प्रॉडक्ट के मैन्यूफैक्चरर के संपर्क में रहना होगा या तो आप चाहें तो ब्रोकर के जरिए अपने निवेश से एग्जिट कर सकते हैं.
- क्वांटम म्यूचुअल फंड के सीनियर फंड मैनेजर (अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट) चिराग मेहता के मुताबिक निवेशकों को भविष्य में किसी समस्या से बचने के लिए सुरक्षित और रेगुलेटेड तरीके देखने चाहिए. मेहता के मुताबिक गोल्ड ईटीएफ व गोल्ड फंड-ऑफ-फंड्स निवेश के लिए बेहतर विकल्प हैं. ये रेगुलेटेड हैं और इन्हें 24 कैरट फिजिकल गोल्ड का सपोर्ट मिला हुआ है. इसके अलावा ये कम गुणक यानी कम वजन में उपलब्ध हैं और लिक्विड हैं. इसके अलावा इनमें निवेश प्राइस और टैक्स एफिशिएंट है.
- निवेशक सोवरेन गोल्ड बॉन्ड का विकल्प भी देख सकते हैं क्योंकि इनमें सालाना ब्याज मिलता है और ये टैक्स एफिशिएंट है लेकिन इनकी सेकंडरी मार्केट में लिक्विडिटी कम है जिसके चलते प्राइस इनएफिशिएंसी है.
(Article: Saikat Neogi)
ProStocks Media Coverage
स्टॉक मार्केट में निवेश से मिलनेवाले ऊंचे रिटर्न्स की वजह से लोग हमेशा से ही स्टॉक मार्केट की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन इक्विटीज़ में पैस बनाना कभी-भी आसान नहीं होता. इसके लिए रिसर्च के साथ-साथ मार्केट की समझ होना भी ज़रूरी महीने का ऑनलाइन ब्रोकर है, जिसके लिए बहुत धीरज और अनुशासन की ज़रूरत होती है.
नीचे हम कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में ट्रेडिंग करने से पहले आपको ज़रूर ध्यान देना चाहिए:
1. ट्रेडिंग कॉस्ट
ट्रेडिंग कॉस्ट में ब्रोकरेज, टैक्स और मार्जिन फ़ंड कॉस्ट तीनों ही शामिल होते हैं. इन तीनों में से ब्रोकरेज का हिस्सा बड़ा होता है. यदि ब्रोकरेज की राशि में बचत की जा सके तो ट्रेडिंग कॉस्ट कम हो जाती है और लाभ बढ़ जाता है.
मंथली अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लान्स में ग्राहकों की ब्रोकरेज पर सबसे ज़्यादा बचत होती है. इस प्लान में ग्राहकों को एक सेग्मेंट के लिए अनलिमिटेड संख्या में ट्रेड्स के लिए एक निश्चित मासिक शुल्क देना होता है.
एक इन्ट्राडे महीने का ऑनलाइन ब्रोकर ट्रेडर एक दिन में औसतन 20 ट्रेड्स करता है और 15 रु प्रति ट्रेड ब्रोकरेज के हिसाब से एक महीने में 6000 रुपए के ब्रोकरेज का भुगतान करता है. वहीं अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लान्स लगभग 899 रुपए प्रति माह पर ही मिल जाते हैं, जिससे आपकी बड़ी बचत होती है.
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कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश
म्यूचुअल फंड के किसी भी डायरेक्ट प्लान में आप ऑनवाइन या एएमसी की वेबसाइट पर जाकर निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आपको म्यूचुअल फंड एप्लिकेशन फॉर्म को जरूरी डिटेल जैसे कि नाम, बैंक की डिटेल के साथ भर सकते हैं. इसी के साथ ईकेवाईसी के लिए पैन और आधार की जानकारी देनी होगी. आप अपने ऑनलाइन बैंक अकाउंट के माध्यम से भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि एसआईपी के जरिये ऑनलाइन पैसे कैसे जमा कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको अपना केवाईसी पूरा करना होगा. आप केआरए (केवाईसी पंजीकरण एजेंसी) में ऑनलाइन केवाईसी पंजीकरण फॉर्म भरकर और सेल्फ एटेस्टेड पहचान और पते का प्रमाण जमा करके ऐसा कर सकते हैं.