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FIFA World Cup 2022: दुनिया में पांच अरब लोग देखेंगे फीफा विश्व कप

कतर में 20 नवम्बर से शुरू होने जा रहे फीफा विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट को दुनिया में पांच अरब लोग देखेंगे. फीफा के अध्यक्ष जियानी विश्व विदेशी मुद्रा इनफेंटिनो ने विश्व कप से पहले एक साक्षात्कार में यह बात कही.

FIFA World Cup 2022: दुनिया में पांच अरब लोग देखेंगे फीफा विश्व कप

बाली (इंडोनेशिया), 16 नवम्बर : कतर में 20 नवम्बर से शुरू होने जा रहे फीफा विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट को दुनिया में पांच अरब लोग देखेंगे. फीफा के अध्यक्ष जियानी इनफेंटिनो ने विश्व कप से पहले एक साक्षात्कार में यह बात कही. बाली में चले रहे जी 20 सम्मेलन में हिस्सा ले रहे इनफेंटिनो ने वैश्विक नेताओं से आपसी तनाव और संघर्षों को दरकिनार करते हुए विश्व कप फुटबॉल का आनंद लेने का आह्वान किया. विश्व कप कतर में 20 नवम्बर से 18 दिसम्बर तक होना है.

इनफेंटिनो ने शिन्हुआ से कहा, "विश्व कप खुशी और एकता का मौका होना चाहिए. इसे उम्मीद का सन्देश देना चाहिए." फीफा अध्यक्ष ने कहा कि फुटबॉल महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है जिसकी ग्लोबल जीडीपी सैकड़ों विश्व विदेशी मुद्रा अरब अमेरिकी डॉलर है,यह लाखों नौकरियां पैदा करता है और आर्थिक वृद्धि को बढ़ाता है इनफेंटिनो को उम्मीद है कि कतर में विश्व कप को दुनिया में पांच अरब लोग देखेंगे जो दुनिया की आधी आबादी से ज्यादा है. यह भी पढ़ें : Ind vs NZ 2022: हार्दिक पांड्या के जबरे फैन हुए केन विलियमसन, कहा- वे क्रिकेट के सुपरस्टार हैं

वर्ष 2031 में फीफा महिला विश्व कप की मेजबानी की दावेदारी को लेकर चीन की योजना के बारे में इनफेंटिनो ने कहा, "यह योजना और चीन की फुटबॉल क्लबों और युवा फुटबॉल में सलिंप्तता से क्षेत्रीय असंतुलन का समाधान करने में मदद मिलेगी और यह खेल के सम्प्पूर्ण विकास के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, "चीन फुटबॉल के विकास के लिए महत्वपूर्ण है. महत्वपूर्ण इवेंट्स की बोली लगाना एक ऐसा तत्व है जिससे चीन में फुटबॉल, महिला या पुरुष, तरक्की करेगा." उन्होंने कहा, "फुटबॉल लोगों की भावनाओं को छूता है. यह खेल को लेकर लोगों के जूनून के बारे में है. जब भी आप किसी लड़की या लडके को फुटबॉल देते हैं तो वह मुस्कराने लगता है."

विश्व मत्स्य दिवस 2022 : 21 नवंबर

विश्व मत्स्य दिवस प्रतिवर्ष 21 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन स्वस्थ समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के महत्वपूर्ण महत्व को उजागर करने और दुनिया में मत्स्य पालन के स्थायी स्टॉक को सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है। विश्व मत्स्य दिवस दुनिया भर में मछुआरे समुदाय के हित और विकास और विकास की रक्षा करते हुए हमारे महासागर पारिस्थितिक तंत्र के स्थायी मॉडल का पालन करने के लिए दुनिया का सामना कर रही तेजी से विश्व विदेशी मुद्रा परस्पर जुड़ी समस्याओं के समाधान खोजने की खोज करता है।

महत्व :

मत्स्य पालन क्षेत्र हमारी दुनिया में मछुआरों या तटीय समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र को एक शक्तिशाली आय और रोजगार जनरेटर के रूप में मान्यता दी गई है क्योंकि यह कई सहायक उद्योगों के विकास को प्रोत्साहित करता है, और विदेशी मुद्रा अर्जक होने के अलावा सस्ते और पौष्टिक भोजन का एक स्रोत है।

इतिहास :

पहला विश्व मत्स्य दिवस 21 नवंबर, 2015 को मनाया गया था। उसी दिन, अंतर्राष्ट्रीय मछुआरे संगठन का भव्य उद्घाटन नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। वर्ल्ड फिशरीज कंसोर्टियम के लिए एक फोरम 1997 के आसपास स्थापित किया गया था और इसे WFF (वर्ल्ड फिशरीज फोरम) कहा जाता था।

Indians in US: जानिए अमेरिका में भारतीय पेशेवर अपने फंड को कैसे करते हैं मैनेज?

अमेरिका पहुंची 26 वर्षीय रेशमा येल्लापु को जब पता चला कि बोस्टन, मैसाचुसेट्स स्टेट में सिंगल-बेडरूम फ्लैट का मासिक किराया 2,500 डॉलर है, तो वह अचंभित रह गई.

Dollar vs Rupees

Indians in US: हाल ही में अमेरिका गई 26 वर्षीय रेशमा येल्लापु को जब पहली बार पता चला कि बोस्टन, मैसाचुसेट्स स्टेट में सिंगल-बेडरूम फ्लैट का मासिक किराया 2,500 डॉलर है, तो वह अचंभित रह गई. दरअसल, सिंगल-बेडरूम फ्लैट के लिए मासिक किराया के तौर पर उन्हें भारतीय करेंसी के रूप में 2 लाख रुपये (₹80 प्रति डॉलर की विनिमय दर पर) देना था.

अमेरिका में रहने की लागत में बड़ा अंतर

मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, रेशमा येल्लापु की तरह अधिकांश भारतीय प्रचलित विनिमय दर का उपयोग करके विदेशी मुद्रा-संप्रदाय संख्याओं को भारतीय रुपये में परिवर्तित करते हैं. लेकिन, किसी भी आय/व्यय को सीधे विनिमय दर के साथ परिवर्तित करने में एक अंतर्निहित दोष है, क्योंकि दोनों देशों में रहने की लागत में काफी अंतर हो सकता है. उदाहरण के लिए, अमेरिका में $100,000 का वेतन एक जीवन शैली का समर्थन कर सकता है, जो भारत केवल ₹23.14 लाख (क्रय शक्ति समानता के अनुसार) के लिए प्रदान करता है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि भारत में रहने की लागत तुलनात्मक रूप से कम है.

दुनिया के सबसे खर्चीले शहरों के बारे में जानें

मर्सर के ‘कॉस्ट ऑफ लिविंग सर्वेक्षण, 2022 के अनुसार, वैश्विक स्तर पर हांगकांग में रहने के लिए दुनिया के अन्य शहरों की तुलना जेब पर सबसे अधिक भार पड़ेगा. वहीं, जिनेवा का ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड का बासेल और बर्न, इजराइल का तेल अवीव, अमेरिका विश्व विदेशी मुद्रा का न्यूयॉर्क, सिंगापुर, जापान का टोक्यो और चीन का बीजिंग भी सबसे खर्चीले शहरों में शामिल है.

बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए कौन सा शहर है सबसे पसंदीदा

सर्वेक्षण के अनुसार, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भारत में मुंबई अपने कारोबार को स्थापित करने के लिए सबसे पसंदीदा शहर है. इसके अलावा, हैदराबाद में रहना सबसे सस्ता है. हालांकि, यह रहन-सहन के मामले में पुणे और कोलकाता से महंगा है. जबकि, मुंबई में किराये पर घर लेना सबसे महंगा है. इसके बाद नयी दिल्ली और बेंगलुरु का नंबर आता है.

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