शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है?

मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक घंटे खुला बाजार: सेंसेक्स 525 अंक चढ़ा, निफ्टी 17700 के ऊपर बंद; ICICI बैंक और नेस्ले टॉप गेनर्स रहे
दिवाली को धन, समृद्धि और सौभाग्य का त्योहार माना जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की, अज्ञान पर ज्ञान की और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। किसी भी धार्मिक त्योहार की तरह, दीवाली पर भी कई मान्यताएं, रीति-रिवाज और परंपराएं है। ऐसी ही एक परंपरा है "मुहूर्त ट्रेडिंग"। इसके लिए शेयर बाजार आज शाम 6:15 बजे से शाम 7:15 बजे तक खुले।
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में सेंसेक्स 525 अंक चढ़कर 59,832 अंक पर बंद हुआ तो निफ्टी में 154 अंक की तेजी देखी गई। ये 17731 के स्तर पर बंद हुआ। FMCG को छोड़ सभी सेक्टर्स में खरीदारी नजर आई। निफ्टी बैंक इंडेक्स में सबसे ज्यादा 1.28% की तेजी दर्ज की गई। 30 शेयरों वाले बीएसई सेंसेक्स में 28 बढ़त में बंद हुए जबकि दो लाल निशान में रहे। वहीं निफ्टी 50 इंडेक्स के 47 स्टॉक बढ़कर बंद हुए, जबकि तीन में गिरावट देखी गई।
सेंसेक्स पर सबसे ज्यादा तेजी ICICI बैंक और नेस्ले में रही। ICICI बैंक 2.07% बढ़कर 925.90 पर बंद हुआ तो वहीं नेस्ले इंडिया 2.92% बढ़कर 20867.90 पर बंद हुआ।
मुहूर्त ट्रेडिंग का मतलब क्या है?
हिंदू रीति-रिवाजों में मुहूर्त एक ऐसा समय होता है जब ग्रहों की चाल अनुकूल मानी जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि मुहुर्त में किसी भी काम को शुरू करने से उसका पॉजिटिव रिजल्ट सुनिश्चित होता है। इसीलिए दिवाली के शुभ मुहूर्त पर जब एक घंटे के लिए शेयर बाजार खुलता है तो हिंदू धर्म के कई लोग अपने इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करते हैं।
ज्यादातर लोग देवी लक्ष्मी के प्रतीक के रूप में स्टॉक खरीदना पसंद करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस एक घंटे के दौरान ट्रेडिंग करने वाले लोगों के पास पूरे साल धन कमाने और समृद्धि प्राप्त करने का बेहतर मौका होता है।
1957 में पहली मुहुर्त ट्रेडिंग
मुहूर्त ट्रेडिंग का लगभग छह दशकों का इतिहास है। ये परंपरा 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से शुरू हुई थी। बाद में, इसे 1992 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में अपनाया गया। उस समय, ऑनलाइन ट्रेडिंग नहीं होती थी। इसलिए, मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान ट्रेडर्स BSE में ट्रेड करने के लिए इकट्ठा होते थे। हालांकि अब समय बदल गया है, लेकिन मुहूर्त ट्रेडिंग को लेकर उत्साह बरकरार है।
मुहुर्त ट्रेडिंग में आमतौर पर रुझान खरीदारी के पक्ष में होता है। यही कारण है कि ज्यादातर मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन हरे निशान में बंद हुए हैं। बीते 5 साल यानी 2017 से 2021 की बात करें तो शेयर बाजार 5 में से 4 बार बंढ़कर बंद हुए है। केवल 2017 में बाजार लाल निशान में बंद हुआ था। 2017 में, सेंसेक्स 32,656.75 पर खुला, लेकिन 194.3 पॉइंट गिरकर 32,389.9 पर बंद हुआ था।
मुहूर्त ट्रेडिंग में क्या होता है?
दिवाली पर NSE और BSE दोनों सीमित शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? समय के लिए ट्रेडिंग के लिए खुलते हैं। आमतौर पर, सेशन को 5 पार्ट में डिवाइड होता है। ब्लॉक डील सेशन, प्री-ओपन सेशन, नॉर्मल मार्केट सेशन, कॉल ऑक्शन सेशन और क्लोजिंग सेशन। ब्लॉक डील सेशन में दो पक्ष एक निश्चित मूल्य पर शेयर खरीदते-बेचते हैं और स्टॉक एक्सचेंज को इसके बारे में इंफॉर्म करते हैं। वहीं कॉल ऑक्शन सेशन में इलिक्विड सिक्योरिटीज का कारोबार होता है।
इस बार मुहूर्त ट्रेडिंग की टाइमिंग क्या थी?
हिंदू कैलेंडर वर्ष के अनुसार आज मुहूर्त ट्रेडिंग के साथ संवत 2079 शुरू हो गया।
ब्लॉक डील: शाम 5.45 बजे से 6
प्री ओपन सेशन: शाम 6:00 से 6:08
नॉर्मल मार्केट: शाम 6.15 से 7.15
कॉल ऑक्शन सेशन: शाम 6.20 से 7.05
क्लोजिंग सेशन: शाम 7.15 से 7.25
पिछले साल 300 अंक चढ़ा था बाजार
पिछले साल दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स 307 अंकों की तेजी के साथ 60079 के स्तर पर बंद हुआ था। निफ्टी भी 88 अंकों की तेजी के साथ 17917 के स्तर पर बंद हुआ था। बैंक, आटो, फाइनेंशियल सर्विस, FMCG, IT और रियल्टी शेयरों में अच्छी खरीदारी रही थी। मुहूर्त ट्रेडिंग पर M&M, ITC, बजाज ऑटो, LT, कोटक बैंक में सबसे ज्यादा तेजी रही थी।
सेंसेक्स, निफ़्टी और बिटक्वाइन क्या है
हम अक्सर समाचार पत्रों, टीवी न्यूज़, यहाँ तक कि लोगो को आपस में शेयर बाजार से सम्बंधित सेंसेक्स और निफ्टी आदि के बारें में चर्चा करते हुए सुनते और देखते है | दरअसल शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है, जहाँ पर दुनियाभर के लोग बहुत ही कम समय में लाभ कमानें के उद्देश्य से पैसा लगाते है | यदि हम भारतीय शेयर मार्केट की बात करे, तो यहाँ सबसे पहले सेंसेक्स और निफ्टी का नाम लिया जाता है |
ऐसे में स्वाभाविक है, कि सेंसेक्स और निफ्टी को लेकर आपके मन में अनेक प्रकार के प्रश्न उठ रहे होगे | सेंसेक्स (Sensex), निफ़्टी (Nifty) और बिटक्वाइन (Bitcoin) क्या है ? इसके प्रयोग और कीमत के बारें में आज हम इस बात को लेकर चर्चा करेंगे |
भारतीय शेयर बाजार से सम्बंधित जानकारी (Information Related To Indian Share Market)
Table of Contents
सेंसेक्स और निफ्टी के बारें में चर्चा करनें से पहले आपके लिए बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) के बारें में जानना आवश्यक है | आपको बता दें, कि बीएसई एशिया का सबसे पुराना शेयर बाजार है, जिसकी स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी | बीएसई को पहले बंबई स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता था | वर्तमान में इसका कार्यालय मुंबई के दलाल स्ट्रीट में स्थित है |
यदि हम एनएसई (NSE) की बात करे तो इसका पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) है | एनएसई की स्थापना वर्ष 1972 में हुई थी | हालाँकि बीएसई सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, परन्तु प्रतिदिन बड़ी संख्या में ट्रेड और टर्नओवर अधिक होनें के कारण वर्तमान समय में एनएसई की इम्पोर्टेंस काफी अधिक हो गयी है |
सेंसेक्स क्या है (What Is Sensex)
जैसा की हम जानते है, कि बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) स्टॉक एक्सचेंज हैं, जबकि सेंसेक्स और निफ्टी इसके प्रमुख संकेतक हैं | सेंसेक्स सेंसिटिव और इंडेक्स से लिया गया है और यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सूचकांक है | सेंसेक्स में 30 कंपनियां शामिल हैं, और इन्हें कंपनी की तरलता, बाजार पूंजीकरण, राजस्व और विविधीकरण के आधार पर चुना जाता है |
इसके अलावा, सेंसेक्स पर एक कंपनी के लिए बीएसई में सूचीबद्ध होना आवश्यक होता है।यह भारत के सबसे पुराने सूचकांकों में से एक है, और लोग इसे मार्केट के प्रदर्शन और भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रतिबिंब का एक उपाय मानते हैं | इसका उपयोग भारतीय अर्थव्यवस्था और उद्योग में वृद्धि और विकास को मापने और शेयर बाजार की प्रवृत्ति को समझने के लिए एक बेंचमार्क के रूप में किया जाता है |
सेंसेक्स 30 सबसे बड़ी कंपनियों के शेयरों पर आधारित सूचकांक होता है | सूचकांक का मूल्य अंतर्निहित प्रतिभूतियों के मूल्य पर निर्भर करता है | अधिकांश प्रतिभूतियों की कीमत में वृद्धि के कारण सेंसेक्स के मूल्य में वृद्धि होती है जबकि अधिकांश अंतर्निहित प्रतिभूतियों की कीमत में गिरावट के कारण सूचकांक के मूल्य में कमी होती है |
निफ्टी क्या है (What Is Nifty)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज फिफ्टी (निफ्टी) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का शेयर बाजार सूचकांक है | इसे NIFTY 50 और CNX Nifty के रूप में भी जाना जाता है| इसमें 50 स्टॉक शामिल हैं, जो NSE पर सक्रिय रूप से कारोबार करते हैं, और इसका स्वामित्व और प्रबंधन NSE की सहायक कंपनी India Index Services and Products Ltd. (IISL) द्वारा किया जाता है |
निफ्टी 50 में शीर्ष 50 स्टॉक 12 विभिन्न क्षेत्रों से हैं | इनमें से कुछ में सूचना प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता सामान, वित्तीय सेवाएं, ऑटोमोबाइल, दूरसंचार आदि शामिल हैं। इसके अलावा, सूचकांक का आधार मूल्य 1000 है, और यह मुक्त-फ्लोट बाजार पूंजीकरण भारित विधि का उपयोग करके गणना की जाती है |
बिटक्वाइन क्या है (What Is Bitcoin)
दरअसल बिटक्वाइन एक वर्चुअल अर्थात आभासी मुद्रा है | यह एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है | जिसका कोई भौतिक स्वरुप नहीं है अर्थात बिटक्वाइन को न ही आप छू सकते है और न ही देख सकते है | बिटकॉइन को वर्ष 2008 में सातोशी नकामोति ने बनाया था | हालाँकि सातोशी नकामोति कोई व्यक्ति है या संस्था है, इसकी कोई जानकारी नहीं है | इस क्रिप्टोकरेंसी को सबसे पहले वर्ष 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था |
इस मुद्रा पर किसी भी बैंक या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, हालाँकि भारतीय रिज़र्व बैंक नें इसे मान्यता नहीं दी है, परन्तु उच्च न्यायालय नें वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की स्वीकृति दे दी है | यदि किसी के पास बिटक्वाइन है, तो वह आम करेंसी की भांति सामान की खरीद-फरोख्त कर सकता है |
बिटक्वाइन कैसे बनता है (How DoesBitcoin Become)
बिटक्वाइन एक डिजिटल करेंसी है, जिसकी शुरुआत सतोशी नाकामोतो द्वारा की गयी थी | आपको बता दें, कि बिटक्वाइन की सबसे छोटी इकाई (Unit) सतोशी है | 1 बिटक्वाइन 10,00,00,000 करोड़ (सतोशी) होता है | जिस प्रकार भारतीय मुद्रा के 1 रुपये में 100 पैसे होते है, ठीक उसी प्रकार 10 करोड़ सतोशी से मिलकर 1 बिटक्वाइन बनता है |
बिटक्वाइन का लेन-देन डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के माध्यम से किया जाता है | इस वर्चुअल करेंसी पर पूरी तरह से डिजिटली कंट्रोल होता है | दुनियाभर में एक समय में बिटक्वाइन की कीमत एकसमान होती है, हालाँकि गतिविधियों के अनुसार इसकी कीमते घटती, बढ़ती रहती है और इसका कोई निर्धारित मूल्य नहीं होता है |
Sensex vs Nifty: आसान भाषा में समझें क्या होते हैं सेंसेक्स और निफ्टी? दोनों के बीच क्या है अंतर
Sensex And Nifty: अपने अक्सर समाचारों की हैडलाइन में सेंसेक्स और निफ्टी को कभी गिरते तो कभी उठते हुए सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते है कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं? (What are Sensex And Nifty?) आज के इस लेख में विस्तार से आपको समझाते है कि अर्थव्यवस्था को मापमे में Sensex और Nifty का क्या अहम योगदान है।
Sensex And Nifty in Hindi: आपने सेंसेक्स और निफ्टी के बारे में पक्का ही सुना ही होगा, क्योंकि रोजाना खबरों की सुर्खियों में इन दोनों शब्द का जिक्र होता है। खैर ये दो सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय सूचकांक (Index) हैं जो देश के शेयर बाजार (Share Market) का प्रतिनिधित्व करते हैं। Nifty और Sensex न केवल शेयर बाजार के प्रदर्शन को मापने में मदद करते हैं बल्कि हमारे देश की व्यापक अर्थव्यवस्था (Econom को भी मापने में मदद करते हैं।
तो चलिए इस लेख में सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) के बारे में अधिक जानते है, यह भी जानते है कि इनकी कैलकुलेशन कैसे की जाती है और ये एक दूसरे से कैसे अलग होते हैं। लेकिन सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि Stock Market Index Kya Hai?
Stock Market Index क्या है? | What is Stock Market Index in Hindi
एक सूचकांक (Index) एक सांख्यिकीय (Statistical) मेथड है जिसके साथ इन्वेस्टर मार्केट के परफॉरमेंस का मापने के स्टॉक की मौजूदा कीमत की तुलना पिछले मूल्य से करते हैं। आप अपने इन्वेस्टमेन्ट के परफॉरमेंस को एक मार्केट इंडेक्स के खिलाफ भी माप सकते हैं।
इंडेक्स कैसे बनाया जाता है?
इंडेक्स बनाने के लिए एक्सचेंज में पहले से लिस्टेड प्रतिभूतियों (Securities) में से कुछ समान शेयरों को चुना जाता है। स्टॉक का चयन मार्केट कैप, इंडस्ट्री या कंपनी के आकार के आधार पर किया जाता है और फिर एक साथ सबका ग्रुप बना दिया जाता है।
स्टॉक की कीमतों में होने वाला कोई भी परिवर्तन पूरे इंडेक्स वैल्यू को प्रभावित करता है। इसका मतलब है अगर चुनी गए सिक्योरिटीज की कीमत बढ़ती है, तो पूरे इंडेक्स का वैल्यू भी बढ़ता है।
आप मार्केट को समझने के लिए इन इंडेक्स का उपयोग कर सकते हैं और ट्रेंड पैटर्न की पहचान करने के बाद तय कर सकते हैं कि किस स्टॉक में निवेश करना है। इस प्रकार इंडेक्स बाजार की स्थिति का प्रतिनिधित्व करने वाले मानक के रूप में कार्य करते हैं। इंडेक्स के महत्व को नीचे बताया गया है।
- Index पूरे शेयर बाजार को रिप्रेजेंट करते है।
- Index स्टॉक पिकिंग के लिए एक बेंचमार्क के रूप में काम करता है।
- यह अन्य स्टॉक साथियों की तुलना करके स्टॉक का आकलन करने में मदद करता है।
- यह निवेशकों के मूड को नापने में भी मदद करता है।
अगर आप शेयरों पर रिसर्च और स्टॉक का चयन नहीं करना चाहते हैं, तो आप सेंसेक्स और निफ्टी जैसे इंडेक्स में निवेश कर सकते हैं और उनके परफॉरमेंस के अनुसार कमा सकते हैं।
Sensex Kya Hai? | What is Sensex in Hindi?
सेंसेक्स भारत का सबसे पुराना सूचकांक (Index) है। Sensex ka Full Form - Stock Exchange Sensitive Index है। यह शब्द दीपक मोहोनी नामक एक बाजार विश्लेषक द्वारा गढ़ा गया था। Sensex स्टॉक एक्सचेंज BSE में लिस्टेड टॉप 30 कंपनियों के शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है। इन 30 शेयरों को कंपनी के मार्केट कैप, रेवेन्यू, लिक्विडिटी और डायवर्सिफिकेशन के आधार पर चुना जाता है।
सेंसेक्स की गणना कैसे की जाती है? | How is Sensex calculated?
यह एक वैल्यू-वेटेड इंडेक्स है, जिसमें प्रत्येक स्टॉक के मार्केट कैप को फ्री-फ्लोट फैक्टर से गुणा किया जाता है, जिसके बाद आप स्टॉक के मोडिफाइड मार्केट कैप पर पहुंचते हैं। यहां बताया गया है कि इसकी गणना कैसे की जाती है:
- सबसे पहले सभी 30 कंपनियों के मार्केट कैप की कैलकुलेशन की जाती है।
- फिर कंपनियों के फ्री-फ्लोट मार्केट कैप का अनुमान लगाया जाता है और कुल फ्री-फ्लोट मार्केट कैप प्राप्त करने के लिए एक साथ जोड़ा जाता है।
- अब सेंसेक्स के वैल्यू को निर्धारित करने के लिए इन्हें Sensex के फार्मूले में रखा गया है।
Sensex Formula = (30 कंपनियों का फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन / बेस मार्केट कैपिटलाइजेशन) x इंडेक्स का बेस वैल्यू)
Nifty Kya Hai? | What is Nifty in Hindi
निफ्टी (Nifty) एक बेंचमार्क इंडेक्स भी है। जैसे सेंसेक्स BSE प्रतिनिधित्व करता है ठीक वैसे ही निफ्टी स्टॉक एक्सचेंज NSE का प्रतिनिधित्व करता है। निफ्टी दो शब्दों का मेल है जिसका फुल फॉर्म जो National Stock Exchange 50 है। यह 24 विभिन्न सेक्टर के टॉप परफॉरमेंस करने वाले 50 इक्विटी शेयरों का एक संग्रह है जो बाजार में सक्रिय रूप से कारोबार कर रहे हैं। इसी वजह से इसे Nifty 50 के नाम से शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? भी जाना जाता है।
निफ्टी का स्वामित्व और प्रबंधन इंडिया इंडेक्स सर्विस एंड प्रोडक्ट्स लिमिटेड (IISL) के पास है। यह ब्लू-चिप स्टॉक के रुझानों और पैटर्न को फॉलो करता है जो भारत में उच्च तरलता वाली सबसे बड़ी कंपनियों से संबंधित हैं। निफ्टी का हिस्सा बनने के लिए कंपनी का फ्लोट एडजस्टेड मार्केट कैप मौजूदा सबसे छोटे इंडेक्स कंपोजिशन से दोगुना होना चाहिए। वे सभी भारतीय होने चाहिए और NSE पर लिस्टेड होने चाहिए।
निफ्टी की गणना कैसे की जाती है? | How is Nifty calculated?
निफ्टी की गणना फ्री-फ्लोट मार्केट कैप-वेटेड मेथड के उपयोग के आधार पर की जाती है। इंडेक्स वैल्यू आधार के सापेक्ष सभी 50 शेयरों के कुल बाजार मूल्य को दर्शाता है। निफ्टी इंडेक्स वैल्यू की गणना में निम्नलिखित सूत्र शामिल हैं -
- मार्केट कैप = वर्तमान बाजार मूल्य x बकाया शेयर
- फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन = बकाया शेयर x मूल्य x इंवेस्टेबल वेट फैक्टर (IWF)
- इंडेक्स वैल्यू = (वर्तमान बाजार मूल्य / आधार बाजार पूंजी) x निफ्टी बेस इंडेक्स वैल्यू
निफ्टी बेस इंडेक्स वैल्यू 1000 है।
सेंसेक्स और निफ्टी के बीच अंतर | Difference between Sensex and Nifty
नीचे बिंदुओं के माध्यम से संख्या गया है कि Nifty और Sensex के बीच प्रमुख अंतर क्या है।
- Sensex का पूरा नाम Stock Exchange Sensitive Index है। वहीं Nifty का पूरा नाम National Stock Exchange Fifty है।
- Sensex का ओनरशिप BSE के पास है और Nifty का ओनरशिप NSE की सहायक कंपनी 'इंडेक्स एंड सर्विसेज एंड प्रोडक्ट्स लिमिटेड' (IISL) के पास है।
- सेंसेक्स की बेस संख्या 100 है जबकि निफ्टी की 1000 है।
- Sensex की स्थापना 1978-79 के बीच हुई है। Nifty की स्थापना 3 नवंबर 1995 को हुई थी।
- सेंसेक्स 13 सेक्टर्स को कवर करती है, जबकि Nifty 24 सेक्टर्स को कवर करती है।
- सेंसेक्स EUREX और ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका (BRCS) देशों के स्टॉक एक्सचेंजों पर भी ट्रेड करता है। जबकि निफ्टी सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज (SGX) और शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज (CME) पर ट्रेड करता है।
Q- क्या निफ्टी सेंसेक्स से बेहतर है?
Ans- निफ्टी NSE का प्रतिनिधित्व करता है और सेंसेक्स BSE का प्रतिनिधित्व करता है। दोनों स्वतंत्र बेंचमार्क इंडेक्स हैं और एक को दूसरे से श्रेष्ठ नहीं कहा जा सकता है।
Q- क्या Nifty और Nifty50 एक ही हैं?
Ans- हां, निफ्टी और निफ्टी50 के लिए एक और शब्द है।
Q- सेंसेक्स का रखरखाव कौन करता है?
एक्सचेंज का इंडेक्स सेल इंडेक्स कमेटी द्वारा निर्धारित व्यापक इंडेक्स पॉलिसी फ्रेमवर्क के भीतर इंडेक्स का दिन-प्रतिदिन रखरखाव करता है।
Q- निफ्टी 50 में कुछ सेक्टर कौन से हैं?
Ans- निफ्टी 50 के सेक्टर्स में ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, सीमेंट, केमिकल, कंस्ट्रक्शन, कंज्यूमर गुड्स, एनर्जी, फाइनेंसियल सर्विस, आईटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, मेटल, फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार आदि शामिल हैं।
Share Market में करना चाहते हैं निवेश की शुरुआत, जानिए शेयर बाजार की ABCD
Share Market में अगर आप निवेश करने की प्लानिंग बना रहे हैं तो पैसा डुबे इससे पहले थोड़ी जानकारी उसके बारे में ले लें, ताकि आपको बेसिक जानकारी हो सकें और आपका ज्यादा रिटर्न अपने शेयर पर ले सकें।
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 05, 2022 19:07 IST
Photo:INDIA TV Share Market में निवेश की शुरुआत करने से पहले ये जानें
What is Share Market: शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिमों से भरा होता है। अगर आप नए हैं, आपने इससे पहले कभी किसी स्टॉक (Stock) में निवेश नहीं किया है और आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि शेयर मार्केट क्या होता है और यह कैसे काम करता है? क्या स्टॉक मार्केट में सिर्फ शेयर ही खरीदे-बेचे जाते हैं? तो आज हम आपके इन सभी सवालों का जवाब इस खबर में देने जा रहे हैं।
शेयर मार्केट क्या है?
शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है, जहां खरीदार BSE(Bombay Stock Exchange) और NSE(National Stock Exchange) पर सूचीबद्ध शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं। यह सेबी(Securities and Exchange Board of India) के देखरेख में काम करता है। सेबी भारत सरकार की संस्था है जो शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों पर नजर रखती है ताकि वह ग्राहक के साथ फ्रॉड ना कर सके। इसे दो भाग में क्लासिफाइड किया गया है। प्राइमरी और सेकेंडरी।
क्या है प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट?
जब कोई कंपनी शेयरों के माध्यम से धन जुटाने के लिए पहली बार स्टॉक एक्सचेंज में खुद को रजिस्टर करती है तो उसे प्राइमरी कैटेगरी में रखा जाता है, वहीं एक बार जब कंपनी की नई सिक्योरिटी को प्राइमरी मार्केट में बेच दिया जाता है, तब उसका कारोबार सेकेंडरी में किया जाने लगता है। यहां निवेशकों को बाजार की मौजूदा कीमतों पर शेयर खरीदने और बेचने का मौका मिलता है।
शेयर के आलावा इनमें भी कर सकते हैं निवेश
स्टॉक एक्सचेंज में इन चार रूप (शेयर, बांड, म्यूचुअल फंड और Derivatives) में ट्रेडिंग होती है, जिसमें सबसे पहला स्थान शेयर का होता है। अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के उतने फीसदी के हिस्सेदार हो जाते हैं। कंपनी के नफा-नुकसान का असर सीधे आपके उपर पड़ता है।
बांड लंबी अवधि के लिए खरीदे जाते हैं। जब एक कंपनी को पर्याप्त पूंजी की आवश्यकता होती है। पूंजी जुटाने का एक तरीका जनता को बांड जारी करना होता है। ये बांड कंपनी द्वारा लिए गए "ऋण" का प्रतिनिधित्व करते हैं। बांडधारक कंपनी के लेनदार बन जाते हैं और कूपन के रूप में समय पर ब्याज भुगतान प्राप्त करते हैं।
म्यूचुअल फंड कौन ऑपरेट करता है?
म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है। इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड द्वारा इन पैसों को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर निवेश किया जाता है। वहीं अगर बात डेरीवेटिव फंड की की जाए तो यह एक वित्तीय अनुबंध है जो एक या अधिक अंतर्निहित परिसंपत्तियों से इसके मूल्य को प्राप्त करता है।
Sensex vs Nifty: आसान भाषा में समझें क्या होते हैं सेंसेक्स और निफ्टी? दोनों के बीच क्या है अंतर
Sensex And Nifty: अपने अक्सर समाचारों की हैडलाइन में सेंसेक्स और निफ्टी को कभी गिरते तो कभी उठते हुए सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते है कि सेंसेक्स और निफ्टी क्या हैं? (What are Sensex And Nifty?) आज के इस लेख में विस्तार से आपको समझाते है कि अर्थव्यवस्था को मापमे में Sensex और Nifty का क्या अहम योगदान है।
Sensex And Nifty in Hindi: आपने सेंसेक्स और निफ्टी के बारे में पक्का ही सुना ही होगा, क्योंकि रोजाना खबरों की सुर्खियों में इन दोनों शब्द का जिक्र होता है। खैर ये दो सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय सूचकांक (Index) हैं जो देश के शेयर बाजार (Share Market) का प्रतिनिधित्व करते हैं। Nifty और Sensex न केवल शेयर बाजार के प्रदर्शन को मापने में मदद करते हैं बल्कि हमारे देश की व्यापक अर्थव्यवस्था (Econom को भी मापने में मदद करते हैं।
तो चलिए इस लेख में सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) के बारे में अधिक जानते है, यह भी जानते शेयर मार्केट में सेंसेक्स क्या होता है? है कि इनकी कैलकुलेशन कैसे की जाती है और ये एक दूसरे से कैसे अलग होते हैं। लेकिन सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि Stock Market Index Kya Hai?
Stock Market Index क्या है? | What is Stock Market Index in Hindi
एक सूचकांक (Index) एक सांख्यिकीय (Statistical) मेथड है जिसके साथ इन्वेस्टर मार्केट के परफॉरमेंस का मापने के स्टॉक की मौजूदा कीमत की तुलना पिछले मूल्य से करते हैं। आप अपने इन्वेस्टमेन्ट के परफॉरमेंस को एक मार्केट इंडेक्स के खिलाफ भी माप सकते हैं।
इंडेक्स कैसे बनाया जाता है?
इंडेक्स बनाने के लिए एक्सचेंज में पहले से लिस्टेड प्रतिभूतियों (Securities) में से कुछ समान शेयरों को चुना जाता है। स्टॉक का चयन मार्केट कैप, इंडस्ट्री या कंपनी के आकार के आधार पर किया जाता है और फिर एक साथ सबका ग्रुप बना दिया जाता है।
स्टॉक की कीमतों में होने वाला कोई भी परिवर्तन पूरे इंडेक्स वैल्यू को प्रभावित करता है। इसका मतलब है अगर चुनी गए सिक्योरिटीज की कीमत बढ़ती है, तो पूरे इंडेक्स का वैल्यू भी बढ़ता है।
आप मार्केट को समझने के लिए इन इंडेक्स का उपयोग कर सकते हैं और ट्रेंड पैटर्न की पहचान करने के बाद तय कर सकते हैं कि किस स्टॉक में निवेश करना है। इस प्रकार इंडेक्स बाजार की स्थिति का प्रतिनिधित्व करने वाले मानक के रूप में कार्य करते हैं। इंडेक्स के महत्व को नीचे बताया गया है।
- Index पूरे शेयर बाजार को रिप्रेजेंट करते है।
- Index स्टॉक पिकिंग के लिए एक बेंचमार्क के रूप में काम करता है।
- यह अन्य स्टॉक साथियों की तुलना करके स्टॉक का आकलन करने में मदद करता है।
- यह निवेशकों के मूड को नापने में भी मदद करता है।
अगर आप शेयरों पर रिसर्च और स्टॉक का चयन नहीं करना चाहते हैं, तो आप सेंसेक्स और निफ्टी जैसे इंडेक्स में निवेश कर सकते हैं और उनके परफॉरमेंस के अनुसार कमा सकते हैं।
Sensex Kya Hai? | What is Sensex in Hindi?
सेंसेक्स भारत का सबसे पुराना सूचकांक (Index) है। Sensex ka Full Form - Stock Exchange Sensitive Index है। यह शब्द दीपक मोहोनी नामक एक बाजार विश्लेषक द्वारा गढ़ा गया था। Sensex स्टॉक एक्सचेंज BSE में लिस्टेड टॉप 30 कंपनियों के शेयरों का प्रतिनिधित्व करता है। इन 30 शेयरों को कंपनी के मार्केट कैप, रेवेन्यू, लिक्विडिटी और डायवर्सिफिकेशन के आधार पर चुना जाता है।
सेंसेक्स की गणना कैसे की जाती है? | How is Sensex calculated?
यह एक वैल्यू-वेटेड इंडेक्स है, जिसमें प्रत्येक स्टॉक के मार्केट कैप को फ्री-फ्लोट फैक्टर से गुणा किया जाता है, जिसके बाद आप स्टॉक के मोडिफाइड मार्केट कैप पर पहुंचते हैं। यहां बताया गया है कि इसकी गणना कैसे की जाती है:
- सबसे पहले सभी 30 कंपनियों के मार्केट कैप की कैलकुलेशन की जाती है।
- फिर कंपनियों के फ्री-फ्लोट मार्केट कैप का अनुमान लगाया जाता है और कुल फ्री-फ्लोट मार्केट कैप प्राप्त करने के लिए एक साथ जोड़ा जाता है।
- अब सेंसेक्स के वैल्यू को निर्धारित करने के लिए इन्हें Sensex के फार्मूले में रखा गया है।
Sensex Formula = (30 कंपनियों का फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन / बेस मार्केट कैपिटलाइजेशन) x इंडेक्स का बेस वैल्यू)
Nifty Kya Hai? | What is Nifty in Hindi
निफ्टी (Nifty) एक बेंचमार्क इंडेक्स भी है। जैसे सेंसेक्स BSE प्रतिनिधित्व करता है ठीक वैसे ही निफ्टी स्टॉक एक्सचेंज NSE का प्रतिनिधित्व करता है। निफ्टी दो शब्दों का मेल है जिसका फुल फॉर्म जो National Stock Exchange 50 है। यह 24 विभिन्न सेक्टर के टॉप परफॉरमेंस करने वाले 50 इक्विटी शेयरों का एक संग्रह है जो बाजार में सक्रिय रूप से कारोबार कर रहे हैं। इसी वजह से इसे Nifty 50 के नाम से भी जाना जाता है।
निफ्टी का स्वामित्व और प्रबंधन इंडिया इंडेक्स सर्विस एंड प्रोडक्ट्स लिमिटेड (IISL) के पास है। यह ब्लू-चिप स्टॉक के रुझानों और पैटर्न को फॉलो करता है जो भारत में उच्च तरलता वाली सबसे बड़ी कंपनियों से संबंधित हैं। निफ्टी का हिस्सा बनने के लिए कंपनी का फ्लोट एडजस्टेड मार्केट कैप मौजूदा सबसे छोटे इंडेक्स कंपोजिशन से दोगुना होना चाहिए। वे सभी भारतीय होने चाहिए और NSE पर लिस्टेड होने चाहिए।
निफ्टी की गणना कैसे की जाती है? | How is Nifty calculated?
निफ्टी की गणना फ्री-फ्लोट मार्केट कैप-वेटेड मेथड के उपयोग के आधार पर की जाती है। इंडेक्स वैल्यू आधार के सापेक्ष सभी 50 शेयरों के कुल बाजार मूल्य को दर्शाता है। निफ्टी इंडेक्स वैल्यू की गणना में निम्नलिखित सूत्र शामिल हैं -
- मार्केट कैप = वर्तमान बाजार मूल्य x बकाया शेयर
- फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइज़ेशन = बकाया शेयर x मूल्य x इंवेस्टेबल वेट फैक्टर (IWF)
- इंडेक्स वैल्यू = (वर्तमान बाजार मूल्य / आधार बाजार पूंजी) x निफ्टी बेस इंडेक्स वैल्यू
निफ्टी बेस इंडेक्स वैल्यू 1000 है।
सेंसेक्स और निफ्टी के बीच अंतर | Difference between Sensex and Nifty
नीचे बिंदुओं के माध्यम से संख्या गया है कि Nifty और Sensex के बीच प्रमुख अंतर क्या है।
- Sensex का पूरा नाम Stock Exchange Sensitive Index है। वहीं Nifty का पूरा नाम National Stock Exchange Fifty है।
- Sensex का ओनरशिप BSE के पास है और Nifty का ओनरशिप NSE की सहायक कंपनी 'इंडेक्स एंड सर्विसेज एंड प्रोडक्ट्स लिमिटेड' (IISL) के पास है।
- सेंसेक्स की बेस संख्या 100 है जबकि निफ्टी की 1000 है।
- Sensex की स्थापना 1978-79 के बीच हुई है। Nifty की स्थापना 3 नवंबर 1995 को हुई थी।
- सेंसेक्स 13 सेक्टर्स को कवर करती है, जबकि Nifty 24 सेक्टर्स को कवर करती है।
- सेंसेक्स EUREX और ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका (BRCS) देशों के स्टॉक एक्सचेंजों पर भी ट्रेड करता है। जबकि निफ्टी सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज (SGX) और शिकागो मर्केंटाइल एक्सचेंज (CME) पर ट्रेड करता है।
Q- क्या निफ्टी सेंसेक्स से बेहतर है?
Ans- निफ्टी NSE का प्रतिनिधित्व करता है और सेंसेक्स BSE का प्रतिनिधित्व करता है। दोनों स्वतंत्र बेंचमार्क इंडेक्स हैं और एक को दूसरे से श्रेष्ठ नहीं कहा जा सकता है।
Q- क्या Nifty और Nifty50 एक ही हैं?
Ans- हां, निफ्टी और निफ्टी50 के लिए एक और शब्द है।
Q- सेंसेक्स का रखरखाव कौन करता है?
एक्सचेंज का इंडेक्स सेल इंडेक्स कमेटी द्वारा निर्धारित व्यापक इंडेक्स पॉलिसी फ्रेमवर्क के भीतर इंडेक्स का दिन-प्रतिदिन रखरखाव करता है।
Q- निफ्टी 50 में कुछ सेक्टर कौन से हैं?
Ans- निफ्टी 50 के सेक्टर्स में ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, सीमेंट, केमिकल, कंस्ट्रक्शन, कंज्यूमर गुड्स, एनर्जी, फाइनेंसियल सर्विस, आईटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, मेटल, फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार आदि शामिल हैं।