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IPO में ऐसे करें निवेश

IPO में ऐसे करें निवेश
आईपीओ में निवेश करने के लिए कुछ बुनियादी चीजों को जरूर जानना चाहिए। (सांकेतिक फोटो)

IPO में निवेश करने जा रहे हैं? तो इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना उठाना पड़ सकता है नुकसान

इस बात पर ध्यान जरूर दिया जाना चाहिए कि कंपनी द्वारा जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कहां किया जाना है. अगर कंपनी कर्ज के बोझ से दबी है तो निवेशकों को इसमें निवेश करने में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए.

IPO में निवेश करने जा रहे हैं? तो इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना उठाना पड़ सकता है नुकसान

आईपीओ में निवेश करते समय पर्याप्त सावधानी बरतें, क्योंकि कई बार ऐसे निवेश में आपके अनुमान से ज्यादा जोखिम हो सकता है.

IPO: भारतीय शेयर बाजार में हाल के दिनों में इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) की बाढ़ आई हुई है. स्टॉक इंडेक्स अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहे हैं. बाजार की इस तेजी का फायदा उठाने के लिए अभी और ज्यादा आईपीओ के आने की उम्मीद है. निवेशक भी इन आईपीओ के ज़रिए पैसा कमाने के लिए बिल्कुल तैयार हैं, हालांकि नए निवेशकों को इन आईपीओ में निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. नए निवेशकों के लिए यह जरूरी है कि वे आईपीओ में निवेश करते समय पर्याप्त सावधानी बरतें, क्योंकि कई बार ऐसे निवेश में आपके अनुमान से ज्यादा जोखिम हो सकता है.

क्या है IPO

इनिशियल पब्लिक ऑफर बाजार से पूंजी जुटाने के लिए किसी प्राइवेट कंपनी द्वारा लाया जाता है. यह एक प्राइवेट कंपनी को पब्लिक कंपनी में बदलने की प्रक्रिया है. जब कंपनियों को पैसे की जरूरत होती है तो ये शेयर बाजार में खुद को लिस्ट कराती हैं. आईपीओ के ज़रिए प्राप्त पूंजी को कंपनी अपनी जरूरत के हिसाब से खर्च करती है. इस फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने या कंपनी की तरक्की आदि में किया जा सकता है. स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों की लिस्टिंग से कंपनी को अपने मूल्य का उचित वैल्यूएशन प्राप्त करने में मदद मिलती है.

यह ध्यान रखना अहम है कि सभी आईपीओ को उनके मन मुताबिक सफलता नहीं मिलती है. अतीत में ऐसे कई आईपीओ रहे हैं जो सफल नहीं हो सके जबकि कई अन्य ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया और निवेशकों की संपत्ति में इजाफा किया. इसलिए, निवेशकों को किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले इसके बारे में अच्छी तरह समझ लेना जरूरी है. आईपीओ में पैसा लगाते समय निवेशकों के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, जिसके बारे में हमने यहां बताया है.

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DRHP को ध्यान से पढ़ें

किसी कंपनी के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस या DRHP के ज़रिए उस कंपनी को समझा जा सकता है. इस दस्तावेज को बाजार नियामक सेबी के सामने प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें कंपनी से संबंधित अहम जानकारियां होती हैं. इसमें कंपनी के बिजनेस, पास्ट परफॉरमेंस, संपत्ति और देनदारियां, आईपीओ के ज़रिए प्राप्त फंड के इस्तेमाल से संबंधित डिटेल और संभावित रिस्क फैक्टर्स जो कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं, आदि जानकारियां होती हैं. निवेश करने का निर्णय लेने से पहले आपको इसे अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए. DRHP कई अहम जानकारी प्रदान करता है, जिसकी मदद से आप कंपनी के व्यवसाय को बेहतर ढंग से समझने और इस आधार पर निवेश का निर्णय ले सकते हैं.

जुटाई गई पूंजी का उद्देश्य

इस बात पर ध्यान जरूर दिया जाना चाहिए कि कंपनी द्वारा जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कहां किया जाना है. अगर कंपनी कर्ज के बोझ से दबी है और डीआरएचपी में उल्लेख करती है कि आय का इस्तेमाल मौजूदा कर्ज का भुगतान करने के लिए किया जाएगा, तो निवेशकों को इसमें निवेश करने में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. हालांकि, अगर फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने के साथ-साथ कंपनी की तरक्की के मिश्रित उद्देश्य के लिए किया जाना है, तो निवेश करने पर विचार किया जा सकता है. अगर कंपनी पहले ही अच्छा परफॉर्म कर रही है और आईपीओ से प्राप्त फंड का इस्तेमाल कंपनी की तरक्की के लिए करना चाहती है तो ऐसे में इसमें निवेश करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है.

प्रमोटरों को जानें

जो लोग कंपनी को चला रहे हैं, उन पर नजर रखनी चाहिए. इसमें फर्म के प्रमोटर और प्रबंधन के अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल हैं. कंपनी ग्रोथ करेगी या नहीं, यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि उसके प्रमोटर और प्रमुख अधिकारी कौन हैं. कंपनी के सभी तरह के व्यावसायिक निर्णय इन्हीं के द्वारा लिए जाते हैं. एक निवेशक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रमुख प्रबंधन अधिकारियों ने कंपनी के साथ कितने साल बिताए हैं.

कंपनी के कारोबार और इसके विस्तार के बारे में जानें

कंपनी जिस सेक्टर से संबंधित है, उसमें कंपनी की स्थिति, उसकी बाजार हिस्सेदारी, उसके उत्पादों की पहुंच, भौगोलिक प्रसार, विस्तार योजनाएं, अनुमानित लाभ, सप्लाई चैन, संकट से निपटने की क्षमता जैसे फैक्टर्स पर ध्यान देना जरूरी है. इन सभी जीचों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कंपनी भविष्य में ग्रोथ करेगी या नहीं.

रिस्क फैक्टर्स के बारे में जानें

कंपनी अपने DRHP में रिस्क फैक्टर्स के बारे में बताती है. एक निवेशक को इसे ध्यान से पढ़ना चाहिए. ये ऐसी चीजें हैं जिन पर निर्भर करता है कि इस आईपीओ में निवेश से फायदा होगा या नुकसान. कानूनी मुकदमों, पॉलिसी से संबंधित परिवर्तनों और ब्याज दरों समेत कई तरह के रिस्क फैक्टर्स हो सकते हैं. यह कंपनी की भविष्य की विकास संभावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं.

किसी भी अन्य निवेश की तरह, निवेश करने से पहले अपनी जोखिम लेने की क्षमता का आकलन करना जरूरी है. आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार निवेश करना चाहिए. अगर बिजनेस बाजार सहभागियों की सलाह के अनुसार बहुत जोखिम भरा दिखता है और आपकी IPO में ऐसे करें निवेश जोखिम लेने की क्षमता से मेल नहीं खाता है, तो आईपीओ में निवेश से बचना बेहतर है.

(Article: Adhil Shetty)

(इस आर्टिकल को BankBazaar.com के CEO ने IPO में ऐसे करें निवेश लिखा है.)

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IPO में निवेश का बना लिया है प्लान, तो इन बातों का जरूर रख लें ख्याल, वरना हो सकता है नुकसान!

किसी भी नई कंपनी के IPO में निवेश करने से पहले उसके प्रोडक्ट और उसकी मार्केट में हिस्सेदारी की जानकारी होना काफी जरूरी है। क्योंकि IPO में ऐसे करें निवेश कई बार छोटी कंपनी भी जोर-शोर से IPO लेकर आती हैं और बाद में लोगों को इसी वजह से काफी नुकसान होता है।

IPO में निवेश का बना लिया है प्लान, तो इन बातों का जरूर रख लें ख्याल, वरना हो सकता है नुकसान!

आईपीओ में निवेश करने के लिए कुछ बुनियादी चीजों को जरूर जानना चाहिए। (सांकेतिक फोटो)

आदिल शेट्टी. भारतीय शेयर बाजार में इस समय नए आईपीओ की बहार आई हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि, स्टॉक मार्केट अभी तक के इतिहास में सबसे शीर्ष पर है। जिसके चलते नई कंपनियां शेयर बाजार में रजिस्टर हो रही है और अपना आईपीओ लॉन्च कर रही हैं। बीतें 2 साल में कई आईपीओ लॉन्च हुए हैं। जिसमें कई ने काफी अच्छा मुनाफा कमाया है तो कई आईपीओ बुरी तरह से पिट गए हैं। ऐसे में अगर आप भी किसी नए आईपीओ में निवेश करने की सोच रहे हैं। तो इससे पहले आपको आईपीओ और इसमें निवेश करने के तरीके के बारे में कुछ जरूरी चीजों को जान लेना चाहिए। जिससे आपके नुकसान की संभावना कम होगी। आइए जानते हैं इसके बारे में…

क्या होता है IPO ? आसान भाषा में समझें तो किसी प्राईवेट कंपनी को पब्लिक कंपनी में बदलने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए IPO लाया जाता है। इसमें कोई भी प्राईवेट कंपनी SEBI से मंजूरी मिलने के बाद शेयर बाजार में लिस्टेंड होती है और इसके बाद IPO में ऐसे करें निवेश अपने शेयर लोगों के लिए बाजार में पेश करती है। इस दौरान कंपनी अपने एक शेयर की न्यूनतम कीमत भी तय करती है। जिस पर आम लोग अपनी जरूरत के अनुसार शेयर खरीदते हैं। आपको बता दें IPO लाने का असली मकसद प्राईवेट कंपनियों का अपनी भविष्य की योजनाओं को पूरा करने के लिए पूंजी जुटाने का होता है। जिसमें आप IPO में ऐसे करें निवेश शेयर खरीद कर कंपनी में भागीदार बन सकते है। जिसके बाद अगर कंपनी को मुनाफा होता है तो आपके शेयर की कीमत भी बढ़ती है और आपको भी मुनाफा होता है।

DRHP को गहराई से पढ़ें – डीआरएचपी किसी भी नए आईपीओ की जन्मकुंडली होती है। इसे आईपीओ के लॉन्च से पहले सिक्योरीटीज मार्केट रेगुलेटर यानी सिक्योरीटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) में जमा कराया जाता है। जिसमें कंपनी से जुड़ी विस्तृत जानकारी शामिल की जाती है। डीआरएचपी में कंपनी का कारोबार, पिछला परफॉर्मेंस, सम्पत्ति और देयताएं, आईपीओ के ज़रिए प्राप्त फंड्स की क्यों जरूरत है और वह इस फंड का क्या करेगी, और संभावित जोखिम फैक्टर्स, जो कंपनी के परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकते हैं। उसकी पूरी जानकारी होती है। अगर आप डीआरएचपी को पूरा पढ़ते है तो आपके नुकसान की संभावना बहुत कम हो जाती है।

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IPO से मिली पूंजी का उद्देश्य – कंपनी को पूंजी की आवश्यकता के बारे में ‘क्यों चाहिए’ फेक्टर को बहुत अधिक महत्व दिया जाना चाहिए। यदि कंपनी कर्ज में डूबी है और डीआरएचपी में यह उल्लेख किया जाता है कि प्राप्त फंड्स का इस्तेमाल मौजूदा कर्ज को चुकाने के लिए किया जाएगा, तो निवेशकों को इस प्रकार के इश्यू के प्रति सावधान हो जाना चाहिए। लेकिन, यदि उपयोग कर्ज के भुगतान और साथ ही विस्तार, दोनों उद्देश्यों से किया जाएगा, तो आप निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।

प्रोमोटर्स और मैनेजमेंट को जानना जरूरी – जब भी आप नए IPO में निवेश करें तो सबसे पहले ये कंपनी किसके जरिए चलाई जा रही है। इसकी जानकारी हासिल करनी चाहिए। इसके साथ ही कंपनी के टॉप मैनंजमेंट में कौन किस पद पर है। इसकी भी जानकारी निवेश से पहले आपको होनी चाहिए। क्योंकि किसी भी कंपनी का भविष्य उसके मालिक और टॉप मैनेंजमेंट की योग्यता पर ही निर्भर करता है।

कंपनी की स्थिति का जानान जरूरी – किसी भी नई कंपनी के IPO में निवेश करने से पहले उसके प्रोडक्ट और उसकी मार्केट में हिस्सेदारी की जानकारी होना काफी जरूरी है। क्योंकि कई बार छोटी कंपनी भी जोर-शोर से IPO लेकर आती हैं और बाद में लोगों को इसी वजह से काफी नुकसान होता है।

IPO में जोखिम के फैक्टर्स – कंपनी द्वारा अपने डीआरएचपी में बताए गए जोखिम फैक्टर्स पर ध्यान दिया जाना चाहिए। ये फिल्टर्स की तरह काम करते हैं और जब बात आईपीओ में निवेश करने की आती है, तो इन्हीं के आधार पर तय किया जाता है कि क्या आईपीओ में निवेश किया जाए अथवा नहीं।

IPO में निवेश का बना लिया है प्लान, तो इन बातों का जरूर रख लें ख्याल, वरना हो सकता है नुकसान!

किसी भी नई कंपनी के IPO में निवेश करने से पहले उसके प्रोडक्ट और उसकी मार्केट में हिस्सेदारी की जानकारी होना काफी जरूरी है। क्योंकि कई बार छोटी कंपनी भी जोर-शोर से IPO लेकर आती हैं और बाद में लोगों को इसी वजह से काफी नुकसान होता है।

IPO में निवेश का बना लिया है प्लान, तो इन बातों का जरूर रख लें ख्याल, वरना हो सकता है नुकसान!

आईपीओ में निवेश करने के लिए कुछ बुनियादी चीजों को जरूर जानना चाहिए। (सांकेतिक फोटो)

आदिल शेट्टी. भारतीय शेयर बाजार में इस समय नए आईपीओ की बहार आई हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि, स्टॉक मार्केट अभी तक के इतिहास में सबसे शीर्ष पर है। जिसके चलते नई कंपनियां शेयर बाजार में रजिस्टर हो रही है और अपना आईपीओ लॉन्च कर रही हैं। बीतें IPO में ऐसे करें निवेश 2 साल में कई आईपीओ लॉन्च हुए हैं। जिसमें कई ने काफी अच्छा मुनाफा कमाया है तो कई आईपीओ बुरी तरह से पिट गए हैं। ऐसे में अगर आप भी किसी नए आईपीओ में निवेश करने की सोच रहे हैं। तो इससे पहले आपको आईपीओ और इसमें निवेश करने के तरीके के बारे में कुछ जरूरी चीजों को जान लेना चाहिए। जिससे आपके नुकसान की संभावना कम होगी। आइए जानते हैं इसके बारे में…

क्या होता है IPO ? आसान भाषा में समझें तो किसी प्राईवेट कंपनी को पब्लिक कंपनी में बदलने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए IPO लाया जाता है। इसमें कोई भी प्राईवेट कंपनी SEBI से मंजूरी मिलने के बाद शेयर बाजार में लिस्टेंड होती है और इसके IPO में ऐसे करें निवेश बाद अपने शेयर लोगों के लिए बाजार में पेश करती है। इस दौरान कंपनी अपने एक शेयर की न्यूनतम कीमत भी तय करती है। जिस पर आम लोग अपनी जरूरत के अनुसार शेयर खरीदते हैं। आपको बता दें IPO लाने का असली मकसद प्राईवेट कंपनियों का अपनी भविष्य की योजनाओं को पूरा करने के लिए पूंजी जुटाने का होता है। जिसमें आप शेयर खरीद कर कंपनी में भागीदार बन सकते है। जिसके बाद अगर कंपनी को मुनाफा होता है तो आपके शेयर की कीमत भी बढ़ती है और आपको भी मुनाफा होता है।

DRHP को गहराई से पढ़ें – डीआरएचपी किसी भी नए आईपीओ की जन्मकुंडली होती है। इसे आईपीओ के लॉन्च से पहले सिक्योरीटीज मार्केट रेगुलेटर यानी सिक्योरीटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) में जमा कराया जाता है। जिसमें कंपनी से जुड़ी विस्तृत जानकारी शामिल की जाती है। डीआरएचपी में कंपनी का कारोबार, पिछला परफॉर्मेंस, सम्पत्ति और देयताएं, आईपीओ के ज़रिए प्राप्त फंड्स की क्यों जरूरत है और वह इस फंड का क्या करेगी, और संभावित जोखिम फैक्टर्स, जो कंपनी के परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकते हैं। उसकी पूरी जानकारी होती है। अगर आप डीआरएचपी को पूरा पढ़ते है तो आपके नुकसान की संभावना बहुत कम हो जाती है।

साल के आखिरी 25 दिनों में इन 4 राशियों के लोगों की बदल सकती है किस्मत, जानिये कहीं आपकी राशि तो नहीं शामिल

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प्रोमोटर्स और मैनेजमेंट को जानना जरूरी – जब भी आप नए IPO में निवेश करें तो सबसे पहले ये कंपनी किसके जरिए चलाई जा रही है। इसकी जानकारी हासिल करनी चाहिए। इसके साथ ही कंपनी के टॉप मैनंजमेंट में कौन किस पद पर है। इसकी भी जानकारी निवेश से पहले आपको होनी चाहिए। क्योंकि किसी भी कंपनी का भविष्य उसके मालिक और टॉप मैनेंजमेंट की योग्यता पर ही निर्भर करता है।

कंपनी की स्थिति का जानान जरूरी – किसी भी नई कंपनी के IPO में निवेश करने से पहले उसके प्रोडक्ट और उसकी मार्केट में हिस्सेदारी की जानकारी होना काफी जरूरी है। क्योंकि कई बार छोटी कंपनी भी जोर-शोर से IPO लेकर आती हैं और बाद में लोगों को इसी वजह से काफी नुकसान होता है।

IPO में जोखिम के फैक्टर्स – कंपनी द्वारा अपने डीआरएचपी में बताए गए जोखिम फैक्टर्स पर ध्यान दिया जाना चाहिए। ये फिल्टर्स की तरह काम करते हैं और जब बात आईपीओ में निवेश करने की आती है, तो इन्हीं के आधार पर तय किया जाता है कि क्या आईपीओ में निवेश किया जाए अथवा नहीं।

9 नवंबर को आ रहे दो और IPO, पैसा रखिए तैयार. मिलेगा दांव लगाने का मौका, चेक करें डिटेल्स

Upcoming IPOs: आईपीओ में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है। इस महीने कई कंपनियों के आईपीओ लॉन्च हो रहे हैं। इनमें से दो आईपीओ अगले सप्ताह 9 नवंबर को निवेश के लिए ओपन होंगे।

9 नवंबर को आ रहे दो और IPO, पैसा रखिए तैयार. मिलेगा दांव लगाने का मौका, चेक करें डिटेल्स

Upcoming IPOs: आईपीओ में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है। इस महीने कई कंपनियों के आईपीओ लॉन्च हो रहे हैं। अपकमिंग आईपीओ के लिस्ट में आर्कियन केमिकल इंडस्ट्रीज (Archean Chemical Industries) और फाइव स्टार बिजनेस फाइनेंस (Five Star business finance) कंपनी के आईपीओ शामिल हैं। ये दोनों आईपीओ अगले सप्ताह बुधवार यानी 9 नवंबर को निवेश के लिए ओपन हो रहे हैं। निवेश इसमें 11 नवंबर तक दांव लगा सकते हैं। आइए जानते हैं दोनों आईपीओ के डिटेल्स.

1. Archean Chemical IPO: आर्कियन केमिकल इंडस्ट्रीज का आईपीओ (IPO) बुधवार, 9 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए शुरू होगा। कंपनी ने इसके लिए 386-407 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है। आर्कियन केमिकल भारत की प्रमुख मेरिन केमिकल कंपनी है और दुनिया भर में ग्राहकों को ब्रोमीन, औद्योगिक नमक और पोटाश के सल्फेट के प्रोडक्शन और निर्यात पर केंद्रित है।
इस आईपीओ का साइज 1,462.3 करोड़ रुपये तक का है। इसमें 805 करोड़ रुपये के नए इक्विटी शेयर जारी करना और मौजूदा प्रमोटरों और शेयरधारकों द्वारा 1,61,5,00 इक्विटी शेयरों की बिक्री की पेशकश (ओएफएस) शामिल है। प्रमोटर केमिकास स्पेशलिटी ओएफएस के जरिए 20 लाख शेयर बेचेगी, जबकि निवेशक पीरामल नेचुरल रिसोर्सेज और इंडिया रिसर्जेंस फंड 38.35 लाख शेयर बेचेंगे। इंडिया रिसर्जेंस फंड II 64.78 लाख शेयरों की बिक्री करेगा।

2. Five Star Business Finance IPO: फाइव-स्टार बिजनेस फाइनेंस (एफएसबीएफएल) की आईपीओ बुधवार, 9 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हो रहा है। कंपनी ने अपनी शुरुआती हिस्सेदारी बिक्री के लिए 450-474 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है। यह इश्यू पूरी तरह से कंपनी के प्रमोटरों और मौजूदा शेयरधारकों की ओर से 1,960 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) है। दक्षिण भारत स्थित लेंडर ने अपने आईपीओ का साइज 2,752 करोड़ रुपये से कम कर दिया है। एससीआई इन्वेस्टमेंट्स, मैट्रिक्स पार्टनर्स इंडिया इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स और नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स कंपनी के ओएफएस में भाग लेने वाले प्रमुख शेयरधारक हैं।

निवेशक कम से कम 31 इक्विटी शेयरों की बोली लगा सकते हैं और फिर उसके गुणकों में। इश्यू शुक्रवार 11 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए बंद होगा, जबकि एंकर बुक सोमवार, 7 नवंबर को खुलेगी।
बता दें कि 1984 में स्थापित फाइव स्टार बिजनेस फाइनेंस एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC) है जो SME और सेल्फ एम्पलाॅयड व्यक्तियों को सुरक्षित कारोबारी लोन देती है।

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