विदेशी मुद्रा ब्रोकर समीक्षाएं

विदेशी मुद्रा व्यापार संकेत

विदेशी मुद्रा व्यापार संकेत

भास्कर एक्सप्लेनर: जीडीपी में गिरावट के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के उच्चतम स्तर पर, क्या है इसकी वजह और यह देश के लिए कितना फायदेमंद?

देश का विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त के आखिरी हफ्ते में 541.43 बिलियन डॉलर (39.77 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया है। एक सप्ताह में इसमें 3.88 बिलियन डॉलर (28.49 हजार करोड़ रुपए) की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले 21 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 537.548 बिलियन डॉलर (39.49 लाख करोड़ रुपए) था। जून में पहली बार विदेशी मुद्रा भंडार 500 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार करते हुए 501.7 बिलियन डॉलर (36.85 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंचा था। 2014 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 304.22 बिलियन डॉलर (22.34 लाख करोड़ रुपए) था। इस समय पड़ोसी देश चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 3.165 ट्रिलियन डॉलर के करीब है।

इसलिए बढ़ रहा है विदेशी मुद्रा भंडार

  • आर्थिक मंदी के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का सबसे बड़ा कारण भारतीय शेयर बाजारों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ना है।
  • बीते कुछ महीनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने कई भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाई है।
  • मार्च में भारत के डेट और इक्विटी सेगमेंट से एफपीआई ने करीब 1.20 लाख करोड़ रुपए की निकासी की थी, लेकिन इस साल के अंत तक अर्थव्यवस्था के वापस पुरानी स्थिति में लौटने की उम्मीद के कारण एफपीआई भारतीय बाजारों में वापस आ गए हैं।
  • इसके अलावा क्रूड की कीमतों में गिरावट के कारण देश का आयात बिल कम हुआ है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार का बोझ घटा है। इसी तरह से विदेशों से रुपया भेजने और विदेश यात्राओं में कमी आई है। इससे भी विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ कम हुआ है।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 सितंबर 2019 को कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कटौती की घोषणा की थी। इसके बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

जीडीपी में गिरावट के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना अच्छा संकेत

कोरोनावायरस महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था में उदासी का माहौल है। इस कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून तिमाही) में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है। मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों और व्यापार में स्थिरता के कारण यह गिरावट आई है। ऐसे में विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है।

आज 1991 के विपरीत स्थिति

विदेशी मुद्रा भंडार की आज की यह स्थिति 1991 के बिलकुल विपरीत है। तब भारत ने प्रमुख वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए गोल्ड रिजर्व को गिरवी रख दिया था। मार्च 1991 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार केवल 5.8 बिलियन डॉलर (42.59 हजार करोड़ रुपए) था। लेकिन आज विदेशी मुद्रा भंडार के दम पर देश किसी भी आर्थिक संकट का सामना कर सकता है।

विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख असेट्स

  • फॉरेन करेंसी असेट्स (एफसीए)।
  • गोल्ड रिजर्व।
  • स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर)।
  • इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) के साथ देश की रिजर्व स्थिति।

विदेशी मुद्रा भंडार का अर्थव्यवस्था के लिए महत्व

  • विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी सरकार और आरबीआई को आर्थिक ग्रोथ में गिरावट के कारण पैदा हुए किसी भी बाहरी या अंदरुनी वित्तीय संकट से निपटने में मदद करती है।
  • यह आर्थिक मोर्चे पर संकट के समय देश को आरामदायक स्थिति उपलब्ध कराती है।
  • मौजूदा विदेशी भंडार देश के आयात बिल को एक साल तक संभालने के लिए काफी है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी से रुपए को डॉलर के मुकाबले स्थिति मजबूत करने में मदद मिलती है।
  • मौजूदा समय में विदेशी मुद्रा भंडार जीडीपी अनुपात करीब 15 फीसदी है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक संकट के बाजार को यह भरोसा देता है कि देश बाहरी और घरेलू समस्याओं से निपटने में सक्षम है।

आरबीआई करता है विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन

  • आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार के कस्टोडियन और मैनेजर के रूप में कार्य करता है। यह कार्य सरकार से साथ मिलकर तैयार किए गए पॉलिसी फ्रेमवर्क के अनुसार होता है।
  • आरबीआई रुपए की स्थिति को सही रखने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करता है। जब रुपया कमजोर होता है तो आरबीआई डॉलर की बिक्री करता है। जब रुपया मजबूत होता है तब डॉलर की खरीदारी की जाती है। कई बार आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए बाजार से डॉलर की खरीदारी भी करता है।
  • जब आरबीआई डॉलर में बढ़ोतरी करता है तो उतनी राशि के बराबर रुपया जारी करता है। इस अतिरिक्त लिक्विडिटी को आरबीआई बॉन्ड, सिक्योरिटी और एलएएफ ऑपरेशन के जरिए मैनेज करता है।

कहां रखा होता है विदेशी मुद्रा भंडार

  • आरबीआई एक्ट 1934 विदेशी मुद्रा भंडार को रखने का कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
  • देश का 64 फीसदी विदेशी मुद्रा भंडार विदेशों में ट्रेजरी बिल आदि के रूप में होता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका में रखा होता है।
  • आरबीआई के डाटा के मुताबिक, मौजूदा समय में 28 फीसदी विदेशी मुद्रा भंडार दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक और 7.4 फीसदी कमर्शियल बैंक में रखा है।
  • मार्च 2020 में विदेशी मुद्रा भंडार में 653.01 टन सोना था। इसमें से 360.71 टन सोना विदेश में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स की सुरक्षित निगरानी में रखा है। बचा हुआ सोना देश में ही रखा है।
  • डॉलर की वैल्यू में विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी सितंबर 2019 के 6.14 फीसदी से बढ़कर मार्च 2020 में 6.40 फीसदी पर पहुंच गई है।

2014 में 300 बिलियन डॉलर के करीब था विदेशी मुद्रा भंडार

आरबीआई के डाटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2014 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 304.22 बिलियन डॉलर (22.34 लाख करोड़ रुपए) था। इसी साल नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे। तब से लगातार विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हो रही थी। 2018 में यह बढ़कर 424.5 बिलियन डॉलर (31.13 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया था। हालांकि, इसके अगले साल यानी 2019 में यह थोड़ा घटकर 412.87 बिलियन डॉलर (30.26 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया था। 28 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में यह बढ़कर 541.4 बिलियन डॉलर (39.77 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया है।

चीन का विदेशी मुद्रा भंडार भारत से 484% ज्यादा

पड़ोसी देश चीन का विदेशी मुद्रा भंडार भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा है। अगस्त 2020 में चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 3.165 ट्रिलियन डॉलर था। वहीं, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 541.4 बिलियन डॉलर है। इस प्रकार चीन का विदेशी मुद्रा भंडार भारत के मुकाबले 484 फीसदी ज्यादा है। 2014 में चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 4 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया था। हालांकि, तब से अब तक इसमें गिरावट आ रही है।

इस साल 19.33 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा क्रूड

इस साल 1 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 66 डॉलर प्रति बैरल थी। इसी सप्ताह 6 जनवरी को कीमतें बढ़कर 68.91 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। इसके बाद से क्रूड की कीमतें लगातार कम हो रही है। इस बीच मार्च के अंत में कोरोनावायरस महामारी पूरी दुनिया फैल गई। इससे क्रूड की मांग घट गई थी। इसका नतीजा यह हुआ कि क्रूड की कीमत घटकर 19.33 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। इस प्रकार क्रूड की कीमतों में इस साल अपने उच्चतम स्तर से 71 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार 7 सितंबर को यह 42.05 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।

से यूरो विनिमय दर 15.11.2022. यूरो विनिमय दर आज

डॉलर का पूर्वानुमान तकनीकी

आज, कल के लिए मुद्रा विनिमय दरें और किसी भी दिन के लिए (पुरालेख सेंट्रल बैंक). डॉलर बाजार पाठ्यक्रमों की गतिशीलता/रूबल, यूरो/शेड्यूल पर रूबल.

यूरो मार्केट और सेंट्रल बैंक के लिए रुस्टेड रुस्टेड. रूबल सेंट्रल बैंक और मार्केट चार्ट यूरो स्पीकर और डॉलर को मुद्रा विनिमय दरों का इतिहास.

सेंट्रल बैंक के रूबल को यूरो की विनिमय दर**

कोर्स सी बैंक 16.11.2022रूबल में
डॉलर 60,3116
यूरो 62,6297
LB। 70,7395
येना 100 42,9631
फ्रैंक 64,1818
कनाडस्क. डॉलर 45,3880
आस्ट्रेलियन. डॉलर 40,3846
बेलारूसी रूबल 24,9510
प्रति 10 रिव्निया 16,3306
प्रति 100 तेंगे 13,1186
XDR - जन्मदिन मुबारक 78,9286

यूरो से डॉलर*

आज बुधवार, 16 नवंबर, 2022 वर्ष

यूरो से 15.11.2022 г

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यूरो विनिमय दर पर 11:00 15.11.2022 16.11.2022 अदला बदली, GMT+3

क्या यूरो पाठ्यक्रम और मुद्राएं आपको अधिक सटीक रूप से रुचि रखते हैं?

प्रति सप्ताह EUR USD विनिमय दर की गतिशीलता

एक सप्ताह के लिए रूबल, विदेशी मुद्रा बाजार के खिलाफ यूरो की गतिशीलता

आपके लिए कौन सी विनिमय दरें सही हैं?

* यूरो, रूबलल आदि के मुकाबले डॉलर विनिमय दर सप्ताह में सात दिन।. मुद्राओं - सप्ताह के दिनों में विदेशी मुद्रा लेनदेन के परिणामस्वरूप ये सबसे ताज़ा पाठ्यक्रम हैं, जो लगातार एक मिनट में कई बार बदलते हैं. खरीदने और बेचने में अंतर (bid и ask) मुद्रा विनिमय पर बहुत छोटा है (usd / eur - कम 0,001 $), इसलिए, अक्सर खरीदने और बेचने या अंतिम लेनदेन की दर के बीच केवल औसत मूल्य का संकेत दिया जाता है. पाठ्यक्रम का समय अक्सर उद्धृत किया जाता है. कुछ सेकंड में, पाठ्यक्रम कूद सकता है और वापस आ सकता है, इसलिए पाठ्यक्रम विभिन्न साइटों पर और विभिन्न स्रोतों से थोड़ा भिन्न होता है।. मुद्रा लेनदेन, व्यापारियों के लिए विनिमय कार्यालयों के लिए उपयुक्त. यह पाठ्यक्रम अक्सर में निर्धारित किया जाता है मुद्रा कैलकुलेटर. सबसे अधिक संभावना यह डॉलर दर - जिसकी आपको जरूरत है.

** सेंट्रल बैंक के रूबल के लिए विनिमय दरें – रूबल के मुकाबले डॉलर, यूरो और मुद्राओं की आधिकारिक विनिमय दरें. सेंट्रल बैंक दरें मुख्य रूप से वित्तीय संस्थानों द्वारा विशेष उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है (राज्य रिपोर्टिंग, लेखा और बहीखाता पद्धति) और आदि. अक्सर वेबसाइटों पर मुखबिरों में संकेत दिया जाता है, बल्कि कल की दर प्रदर्शित करता है. कभी-कभी यह संकेत दिया जाता है- "कल के लिए यूरो विनिमय दर" - अगले कार्य दिवस पर डॉलर विनिमय दर, जो ज्ञात हो जाती है "आज" मास्को में दोपहर के करीब. सेंट्रल बैंक की विनिमय दर का उपयोग न करें यदि आप नहीं जानते कि यह वास्तव में क्या है। .

*** डॉलर, रूबलल, आदि के लिए यूरो की विनिमय दर।. मुद्रा विनिमय पर मुद्राएं विदेशी मुद्रा व्यापार संकेत - यह नवीनतम डेटा है, यह विदेशी मुद्रा के कामकाजी घंटों के दौरान हर सेकेंड बदलता है. बाजार पर लेनदेन का समय इंगित किया गया है. मुद्रा विनिमय पर खरीदने और बेचने के बीच का अंतर बहुत छोटा है, इसलिए अक्सर केवल खरीदने और बेचने के बीच की औसत दर या अंतिम लेनदेन की दर का संकेत दिया जाता है।. के लिये "निजी व्यापारी", व्यापारियों, इस पाठ्यक्रम को अक्सर निर्धारित किया जाता है मुद्रा परिवर्तक. अक्सर यही होता है यूरो विनिमय दर आप इसमे रुचि रखते हैं.

**** विनिमय दरों के लिए पूर्वानुमान - डॉलर, यूरो, आदि की गतिशीलता के बारे में विश्लेषकों की धारणाएं।. मुद्राओं. पूर्वानुमान, समाचार, चार्ट पर विनिमय दरों की गतिशीलता का अध्ययन आपको मुद्रा विनिमय पर अच्छा पैसा बनाने की अनुमति देता है. ध्यान दें, यह जोखिम से जुड़ा है. दलालों, विदेशी मुद्रा व्यवहार केंद्रों के साथ इंटरनेट के माध्यम से व्यापार मुद्राएं. ट्रेडिंग के लिए एक छोटी राशि का होना ही काफी है, लगभग 100 - 1000 डॉलर.

यूरो गिर जाएगा? जब भेदक यूरो में गिरावट की भविष्यवाणी करते हैं?

मुद्राओं के बीच प्रतिस्पर्धा के बीच, अशांत समय में यूरो विनिमय दर में कुछ भी हो सकता है.
यूरो का पतन चुपचाप और अकेले असंभव है. यूरो विदेशी मुद्रा व्यापार संकेत कई मुद्राओं और यहां तक ​​कि सबसे विकसित बाजार अर्थव्यवस्था वाले देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी खींचेगा.

यूरो विनिमय दर - साबुन का बुलबुला?

यूरो समर्थन समय - आर्थिक संकट. इस समय, आपके पैसे के लिए एक आश्रय खोजना मुश्किल है, और यहां हर कोई यूरो सहित मुद्राओं की एक टोकरी में बदल जाता है।. यूरो अक्सर संकट के समय में मांग में होता है, जिसे फाइनेंसरों, बड़े पूंजी धारकों द्वारा समर्थित किया जाता है जो यूरो से जुड़े होते हैं. संकट के दौरान, यूरो पर विशेष रूप से कड़ी नजर रखी जाती है.
यूरो, एक शरण के रूप में, सोने के समान है, लेकिन सोने के विपरीत, यूरो विनिमय दर कीमत में फूला हुआ नहीं, लेकिन कम स्थिर. यूरो का नाम लेना मुश्किल है "साबुन का बुलबुला".

Dollar Vs Rupee : शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 50 पैसे चढ़कर 81.42 पर पहुंचा

Dollar Vs Rupee : शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 50 पैसे चढ़कर 81.42 पर पहुंच गया. रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.92 पर बंद हुआ था. मंगलवार को गुरुनानक जयंती के अवसर पर बाजार बंद थे.

Published: November 9, 2022 10:53 AM IST

Dollar Vs Rupee (Symbolic Image)

Dollar Vs Rupee : अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और वैश्विक स्तर पर निवेशकों के बीच जोखिम लेने की धारणा में सुधार आने से बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 50 पैसे चढ़कर 81.42 रुपये पर पहुंच गया.

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विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी का सतत निवेश बढ़ने से भी घरेलू मुद्रा को बल मिला.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 81.43 पर खुला, और फिर बढ़कर 81.42 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 50 पैसे की वृद्धि दर्शाता है.

रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.92 पर बंद हुआ था. मंगलवार को गुरुनानक जयंती के अवसर पर बाजार बंद थे.

इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.01 प्रतिशत बढ़कर 109.64 पर आ गया.

वैश्विक तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 95.07 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था.

शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने सोमवार को शुद्ध रूप से 1,948.51 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

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से यूरो विनिमय दर 15.11.2022. यूरो विनिमय दर आज

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पाठ्यक्रमों की गतिशीलता की गतिशीलता डॉलर और यूरो से रूबल - USD/RUB и EUR/RUB, मंडी. आज और कल के लिए मुद्रा विनिमय दर.

यूरो मार्केट और सेंट्रल बैंक के लिए रुस्टेड रुस्टेड. रूबल सेंट्रल बैंक और मार्केट चार्ट यूरो स्पीकर और डॉलर को मुद्रा विनिमय दरों का इतिहास.

सेंट्रल बैंक के रूबल को यूरो की विनिमय दर**

कोर्स सी बैंक 16.11.2022रूबल में
डॉलर 60,3116
यूरो 62,6297
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फ्रैंक 64,1818
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आस्ट्रेलियन. डॉलर 40,3846
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क्या यूरो पाठ्यक्रम और मुद्राएं आपको अधिक सटीक रूप से रुचि रखते हैं?

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आपके लिए कौन सी विनिमय दरें सही हैं?

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*** डॉलर, रूबलल, आदि के लिए यूरो की विनिमय दर।. मुद्रा विनिमय पर मुद्राएं - यह नवीनतम डेटा है, यह विदेशी मुद्रा के कामकाजी घंटों के दौरान हर सेकेंड बदलता है. बाजार पर लेनदेन का समय इंगित किया गया है. मुद्रा विनिमय पर खरीदने और बेचने के बीच का अंतर बहुत छोटा है, इसलिए अक्सर केवल खरीदने और बेचने के बीच की औसत दर या अंतिम लेनदेन की दर का संकेत दिया जाता है।. के लिये "निजी व्यापारी", व्यापारियों, इस पाठ्यक्रम को अक्सर निर्धारित किया जाता है मुद्रा परिवर्तक. अक्सर यही होता है यूरो विनिमय दर आप इसमे रुचि रखते हैं.

**** विनिमय दरों के लिए पूर्वानुमान - डॉलर, यूरो, आदि की गतिशीलता के बारे में विश्लेषकों की धारणाएं।. मुद्राओं. पूर्वानुमान, समाचार, चार्ट पर विनिमय दरों की गतिशीलता का अध्ययन आपको मुद्रा विनिमय पर अच्छा पैसा बनाने की अनुमति देता है. ध्यान दें, यह जोखिम से जुड़ा है. दलालों, विदेशी मुद्रा व्यवहार केंद्रों के साथ इंटरनेट के माध्यम से व्यापार मुद्राएं. ट्रेडिंग के लिए एक छोटी राशि का होना ही काफी है, लगभग 100 - 1000 डॉलर.

यूरो गिर जाएगा? जब भेदक यूरो में गिरावट की भविष्यवाणी करते हैं?

मुद्राओं के बीच प्रतिस्पर्धा के बीच, अशांत समय में यूरो विनिमय दर में कुछ भी हो सकता है.
यूरो का पतन चुपचाप और अकेले असंभव है. यूरो कई मुद्राओं और यहां तक ​​कि सबसे विकसित बाजार अर्थव्यवस्था वाले देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी खींचेगा.

यूरो विनिमय दर - साबुन का बुलबुला?

यूरो समर्थन समय - आर्थिक संकट. इस समय, आपके पैसे के लिए एक आश्रय खोजना मुश्किल है, और यहां हर कोई यूरो सहित मुद्राओं की एक टोकरी में बदल जाता है।. यूरो अक्सर संकट के समय में मांग में होता है, जिसे फाइनेंसरों, बड़े पूंजी धारकों द्वारा समर्थित किया जाता है जो यूरो से जुड़े होते हैं. संकट विदेशी मुद्रा व्यापार संकेत के दौरान, यूरो पर विशेष रूप से कड़ी नजर रखी जाती है.
यूरो, एक शरण के रूप में, सोने के समान है, लेकिन सोने के विपरीत, यूरो विनिमय दर कीमत में फूला हुआ नहीं, लेकिन कम स्थिर. यूरो का नाम लेना मुश्किल है "साबुन का बुलबुला".

व्लादिमीर पुतिन की जी20 में ग़ैर मौजूदगी क्या गुल खिलाएगी?

जो बाइडन

व्लादिमीर पुतिन ने इंडोनेशिया के शहर बाली में चल रहे जी20 नेताओं विदेशी मुद्रा व्यापार संकेत की बैठक में शामिल नहीं होने का फ़ैसला किया है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि उनकी ग़ैरमौजूदगी के बावजूद यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस की जंग का मुद्दा इस बैठक का टॉप एजेंडा होगा. वो मुद्दा जिसने दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक ताकतों को बांट दिया है और दुनिया के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है.

दुनिया के सबसे ताक़तवर देशों के अधिकतर राष्ट्र प्रमुख बाली पहुँचे हैं और उनके सामने चर्चा के लिए कई मुद्दे हैं. रूस और यूक्रेन की आठ महीने से चली आ रही जंग को कैसे खत्म किया जाए, ये बड़ा सवाल तो है ही, दुनियाभर में शोर मचाती महंगाई, बेरोज़गारी, अनाज और ऊर्जा की कमी भी अहम मुद्दे हैं.

दुनिया के 20 बड़े देशों का संगठन जी20 को मौजूदा दौर में सबसे कारगार और प्रभावशाली मंच कहा जा सकता है. वो मंच जिसमें दुनिया की बड़ी आर्थिक और सैन्य महाशक्तियां शामिल हैं.

इस मंच में शामिल देशों के पास दुनिया के कुल सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का 85 फ़ीसदी हिस्सा है. ये देश वैश्विक व्यापार में तीन-चौथाई से अधिक का दखल रखते हैं और कुल मिलाकर दुनिया की 66 फ़ीसदी से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं.

चीन और भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश तो हैं ही, ये विश्व की छह सबसे ताक़तवर अर्थव्यवस्थाओं में भी शामिल हैं. और इन दोनों देशों ने ही रूस के पूर्वी यूक्रेन पर हमले की खुलकर निंदा नहीं की है.

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