दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं

मैं आशा करता हूँ कि तटस्थता की अभिलाषा में गाली देने वाले आपका स्वागत कर रहे होंगे। उन्हें फूल दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं बरसाने भी चाहिए। आपकी योग्यता निःसंदेह है। आप हम सबके हीरो रहे हैं। जो पत्रकारिता को धर्म समझ कर करते दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं रहे मगर यह न देख सके कि आप जैसे लोग धर्म को कर्मकांड समझकर निभाने में लगे हैं। चूँकि आजकल एंकर टीआरपी बताकर अपना महत्व बताते हैं तो मैं शून्य टीआरपी वाला एंकर हूँ। टीआरपी मीटर बताता है कि मुझे कोई नहीं देखता। इस लिहाज़ से चाहें तो आप इस पत्र को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं। मगर मंत्री होने के नाते आप भारत के हर नागरिक के प्रति सैंद्धांतिक रूप से जवाबदेह हो जाते हैं।उसी की ख़ैरियत के लिए इतना त्याग करते हैं। इस नाते आप जवाब दे सकते हैं। नंबर वन दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं टी आर पी वाला आपसे नहीं पूछेगा कि ज़ीरो टी आर पी वाले पत्रकार का जवाब एक मंत्री कैसे दे सकता है वो भी विदेश राज्य मंत्री। वन्स एगेन ईद मुबारक सर। दिल से।
दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं
ईद मुबारक़। आप विदेश राज्य मंत्री बने हैं, वो भी ईद से कम नहीं है। हम सब पत्रकारों को बहुत ख़ुश होना चाहिए कि आप भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता बनने के बाद सांसद बने और फिर मंत्री बने हैं। आपने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा। फिर उसके बाद राजनीति से लौट कर सम्पादक भी बने। फिर सम्पादक से प्रवक्ता बने और मंत्री। शायद मैं यह कभी नहीं जान पाऊँगा कि नेता बनकर पत्रकारिता के बारे में क्या सोचते थे और पत्रकार बनकर पेशगत नैतिकता के बारे में क्या सोचते थे? क्या आप कभी इस तरह के नैतिक संकट से गुज़रे हैं? हालाँकि पत्रकारिता में कोई ख़ुदा नहीं होता लेकिन क्या आपको कभी इन संकटों के समय ख़ुदा का ख़ौफ़ होता था ?
अकबर जी, मैं यह पत्र थोड़ी तल्ख़ी से भी लिख रहा हूँ। मगर उसका कारण आप नहीं है।आप सहारा बन सकते हैं। पिछले तीन साल से मुझे सोशल मीडिया पर दलाल कहा जाता रहा है। जिस राजनीतिक परिवर्तन को आप जैसे महान पत्रकार भारत के लिए महान बताते रहे हैं, हर ख़बर के साथ दलाल और भड़वा कहने की संस्कृति भी इसी परिवर्तन के साथ आई है। यहाँ तक कि मेरी माँ को रंडी लिखा गया और आज कल में भी इस तरह मेरी माँ के बारे में लिखा गया। जो कभी स्कूल नहीं जा सकी और जिन्हें पता भी नहीं है कि एंकर होना क्या होता है, प्राइम टाइम क्या होता है। उन्होंने कभी एनडीटीवी का स्टुडियो तक नहीं देखा है। वो बस इतना ही पूछती है कि ठीक हो न।अख़बार बहुत ग़ौर से पढ़ती है। जब उसे पता चला कि मुझे इस तरह से गालियाँ दी जाती हैं तो घबराहट में कई रात तक सो नहीं पाई।
हम कौन हैं
और हम क्या करते हैं।
हम 700 से अधिक गैर-लाभकारी भागीदारों के साथ काम करते हैं-जिनमें फूड पैंट्री, सामुदायिक रसोई, चाइल्डकैअर सेंटर, शेल्टर और वरिष्ठ केंद्र शामिल हैं- पूरे 67 देशों में COVID-1 के कारण खाद्य असुरक्षित होने वाले 19 मिलियन से अधिक लोगों को 29 मिलियन से अधिक भोजन वितरित करने के लिए। मेट्रो अटलांटा और उत्तरी जॉर्जिया।
हम फीडिंग अमेरिका के सदस्य हैं, जो देश की प्रमुख घरेलू भूख-राहत चैरिटी है।
हम कौन सेवा करते हैं
हम फूड पैंट्री, कम्युनिटी किचन, चाइल्डकैअर सेंटर, रैन बसेरों और वरिष्ठ केंद्रों के साथ साझेदारी करते हैं जो हमसे भोजन और सामान प्राप्त करते हैं। बदले में, ये भागीदार हमारे सेवा क्षेत्र में COVID-1 के कारण खाद्य असुरक्षित होने वाले 19 मिलियन से अधिक लोगों के लिए भोजन और अन्य महत्वपूर्ण संसाधन प्रदान करते हैं जो भूख और खाद्य असुरक्षा से पीड़ित हैं।
हमारा मिशन हमारे समुदाय को शामिल करके, शिक्षित करके और सशक्त बनाकर भूख से लड़ना है। जबकि हमारा मुख्य कार्य भोजन वितरण है, हमारे प्रयास इससे कहीं आगे तक फैले हुए हैं। हमारा मिशन हर दिन जरूरतमंद लोगों और मदद करने के इच्छुक लोगों को शामिल करके, शिक्षित और सशक्त बनाकर पूरा किया जाता है। अपना समय स्वेच्छा से देने से लेकर आर्थिक सुरक्षा खोजने में लोगों की सहायता करने तक, फ़ूड बैंक लोगों को सीखने और शामिल होने के लिए व्यापक अवसर प्रदान करता है।
राज्य को दलाल और बिचौलिए के हाथों सीएम ने छोड़ रखा है : बाबूलाल मरांडी
Ranchi: पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि हेमन्त सरकार को कुछ दलाल और बिचौलिए किस्म के लोग चला रहे हैं. वे सत्ता में बैठे लोगों से भी ज्यादा प्रभावशाली हैं. उनके सामने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की एक नहीं चलती है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन हो या अधिकारियों की ट्रांसफर- पोस्टिंग, सभी काम इस सरकार में दलालों और बिचौलिए के माध्यम से हो रहा है. भाजपा नेता ने कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग में आपने देखा होगा कि एक दिन नोटिफिकेशन निकलता था और दूसरे दिन उसे बदल दिया जाता है. जाहिर है कोई शक्ति सरकार में काम कर रही थी जो यह बदलाव करवाता था और यह भी स्पष्ट हो जाता है कि वह बदलाव बिना लेन देन के नहीं होता था. मुख्यमंत्री लाचार और विवश हैं. उनके इतर कोई अन्य सत्ता को चला रहे हैं. इसका ही यह परिणाम है कि अब सबलोग पकड़े जा रहे हैं, जेल जा रहे हैं. एक दलाल के घर पर पुलिस का ए के 47 मिलता है. जाहिर है कि ये लोग मुख्यमंत्री से प्रभावशाली है, सीएम विवश हैं.
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एक्टर वरुण धवन और नताशा दलाल की 24 जनवरी को होगी शादी, जानें- पूरी डिटेल
एक्टर वरुण धवन की उनकी गर्लफ्रेंड नताशा दलाल से शादी की तारीखों को लेकर लग रहे कयास अब खत्म हो गए हैं। वरुण धवन के चाचा अनिल धवन ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि दोनों की शादी 24 जनवरी को होने वाली है। इससे पहले भी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स दलाल कौन हैं और वे क्या करते हैं में कहा गया था कि दोनों अलीबाग में एक निजी समारोह में शादी के बंधन में बंधने वाले हैं। कहा जा रहा था कि यह शादी 5 दिन तक चलते वाली है। इसमें 50 के करीब मेहमान शामिल हो सकते हैं। इन खास मेहमानों की सूची में सुपरस्टार शाहरुख खान, सलमान खान और फिल्ममेकर करण जौहर का नाम भी बताया जा रहा था।