इक्विटी शेयर के नुकसान

बाजार में तेजी का सिलसिला छठे दिन भी जारी, सेंसेक्स, निफ्टी नए रिकॉर्ड स्तर पर
मुंबई, 29 नवंबर (भाषा) घरेलू शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार छठे कारोबारी दिन तेजी का सिलसिला जारी रहा और दोनों मानक सूचकांक…बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी…एक बार फिर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। एशिया के अन्य बाजारों में मजबूत रुख तथा विदेशी पूंजी का प्रवाह जारी रहने के साथ बाजार में तेजी रही।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 177.04 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की तेजी के साथ रिकॉर्ड इक्विटी शेयर के नुकसान 62,681.84 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 382.6 अंक तक चढ़ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 55.30 अंक यानी 0.30 प्रतिशत की बढ़त के साथ अपने अबतक के उच्चतम स्तर 18,618.05 अंक पर बंद हुआ।
कोटक सिक्योरिटीज लि. के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘बाजार में तेजी जारी है और प्रमुख मानक सूचकांक नई ऊंचाई पर पहुंच गये हैं। ऐसे में निवेशकों को सतर्क होकर कारोबार करना चाहिए। चीन में कोविड महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ को लेकर बढ़ता विरोध-प्रदर्शन चिंता का विषय है। ‘लॉकडाउन’ से सुस्त पड़ती जा रही वैश्विक अर्थव्यवस्था पर और प्रतिकूल असर पड़ सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर स्थिति नहीं सुधरी, इससे बाजार प्रभावित हो सकता है। लेकिन अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत बेहतर स्थिति में है, निवेशक यहां दांव लगाने को तैयार हैं।’’
सेंसेक्स के शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, सन फार्मा, नेस्ले, डॉ. रेड्डीज, टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, टाइटन और एचसीएल टेक्नोलॉजीज प्रमुख रूप से लाभ में रहे।
दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, मारुति, पावरग्रिड और लार्सन एंड टुब्रो शामिल हैं।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के प्रमुख (बुनियादी शोध) नरेंद्र सोलंकी ने कहा, ‘‘एशिया के अन्य बाजारों में सकारात्मक रुख के साथ भारतीय बाजार बढ़त के साथ खुला…दोपहर के कारोबार में दैनिक उपयोग का सामान तथा टिकाऊ उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में भारी लिवाली से बाजार में सकारात्मक रुख बना रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के सकारात्मक रुख से भी धारणा मजबूत हुई है। एफआईआई ने नवंबर महीने में अबतक 32,344 करोड़ रुपये का निवेश किया है और वे शुद्ध लिवाल बने हुए हैं।’’
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे, जबकि जापान के निक्की में नुकसान रहा।
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट सोमवार को नुकसान में रहा था।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 85.23 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, एफआईआई ने सोमवार को 935.88 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
आईओसी का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में 31 प्रतिशत घटा, 2021-22 में रिकॉर्ड मुनाफा कमाया
इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसी महीने 2021-22 में 7.92 लाख करोड़ रुपये के राजस्व की जानकारी दी थी। यह किसी भारतीय कंपनी का सबसे ऊंचा राजस्व है। लेकिन इसमें जीएसटी भी शामिल है जो कंपनी ने उत्पादों की बिक्री पर सरकार की ओर से जुटाया है। इसे सरकार को स्थानांतरित किया जाना है। आईओसी की आमदनी में जीएसटी शामिल नहीं है।
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शेयर बाजार का लेखा-जोखा: 2020 में अब तक इक्विटी मार्केट में 17.18% तक का नुकसान, सोने ने 13.02% का रिटर्न दिया
कोरोना संक्रमण के कारण पूरी दुनिया के शेयर बाजारों इक्विटी शेयर के नुकसान में आई गिरावट का असर घरेलू शेयर बाजारों में भी दिखा है। कैलेंडर ईयर 2020 में इक्विटी बाजारों ने निवेशकों को अब तक 17.18 फीसदी तक नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, इस अवधि में सोने ने 13.02 फीसदी का रिटर्न दिया है।
बीएसई सेंसेक्स में 18 जून तक 17.18 फीसदी की गिरावट
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के आंकड़ों के मुताबिक, 1 जनवरी को बीएसई सेंसेक्स 41,306 अंकों पर बंद हुआ था, जबकि 18 जून को यह गिरकर 34,208 अंकों पर आ गया। इस अवधि में सेंसेक्स में 7098 अंकों या 17.18 फीसदी की गिरावट रही है। बीएसई सेंसेक्स 30 कंपनियों का प्रमुख संवेदी सूचकांक है।
मिडकैप-स्मॉलकैप ने भी नेगेटिव रिटर्न दिया
बीएसई सेंसेक्स की तरह बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप ने भी समान अवधि में नेगेटिव रिटर्न दिया है। 1 जनवरी को बीएसई मिडकैप 14,998 अंकों पर और बीएसई स्मॉलकैप 13,786 अंकों पर बंद हुए थे। 18 जून को बीएसई मिडकैप 12,673 और बीएसई स्मॉलकैप 12,110 अंकों पर बंद हुए थे। इस प्रकार बीएसई मिडकैप में 15.50 फीसदी और बीएसई स्मॉल कैप में 12.16 फीसदी की गिरावट रही है।
सोने ने दिया है अच्छा रिटर्न
हालांकि, इक्विटी मार्केट के मुकाबले इस अवधि में सोने ने अच्छा रिटर्न दिया है। 1 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 1528 डॉलर प्रति ओंस थी, जो 18 जून को बढ़कर 1727 डॉलर प्रति ओंस पर पहुंच गई है। इस प्रकार सोने में 13.02 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का कारोबार ओंस में होता है। 1 ओंस में 28.35 ग्राम वजन होता है।
वार्षिक आधार पर इक्विटी बाजार का हाल
इंडेक्स | 1 जनवरी | 18 जून | रिटर्न |
बीएसई सेंसेक्स | 41,306 | 34,208 | -17.18% |
बीएसई मिडकैप | 14,998 | 12,673 | -15.50% |
बीएसई स्मॉलकैप | 13,786 | 12,110 | -12.16% |
सोना | 1528 | 1727 | 13.02% |
नोट: सोने की कीमत डॉलर प्रति ओंस में हैं।
23 मार्च को निचले स्तर पर पहुंचे थे घरेलू शेयर बाजार
2020 में 23 मार्च का दिन घरेलू शेयर बाजार के लिहाज से सबसे बुरा दिन रहा है। इस इक्विटी शेयर के नुकसान दिन शेयर बाजारों ने अपना इस वर्ष का निचला स्तर छुआ था। 23 मार्च को बीएसई सेंसेक्स 25,981 अंकों पर, बीएसई मिडकैप 9711 अंकों पर और बीसएई स्मॉलकैप 8872 अंकों पर बंद हुआ था। हालांकि, इसके बाद से घरेलू बाजारों में तेजी दर्ज की जा रही है।
बीएसई सेंसेक्स ने 23 मार्च से अब तक 32% का रिटर्न दिया
23 मार्च को निचला स्तर छूने के बाद लौटे घरेलू बाजारों ने रफ्तार पकड़ ली है। 23 मार्च से अब तक इक्विटी मार्केट ने 36.50 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, 23 मार्च को बीएसई सेंसेक्स 25,981 अंकों पर बंद हुआ था, जो अब उछलकर 34,208 अंकों पर पहुंच गया है। इस प्रकार इसमें 8227 अंकों या 31.67 फीसदी की तेजी रही है।
मिडकैप-स्मॉलकैप में भी रही तेजी
बीएसई सेंसेक्स की तर्ज पर बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप ने भी 23 मार्च के बाद से अब तक अच्छा रिटर्न दिया है। 23 मार्च को बीएसई मिडकैप 9711 अंकों पर बंद हुआ था, जो 18 जून तक बढ़कर 12,673 अंकों पर पहुंच गया है। इस प्रकार इसमें 2962 अंक या 30.50 फीसदी की तेजी रही है। बीएसई स्मॉलकैप भी 23 मार्च के 8872 अंक से बढ़कर 12,110 अंकों पर पहुंच गया है। इस प्रकार इसमें 3238 अंक या 36.50 फीसदी की तेजी रही है। हालांकि, इस दौरान सोने की कीमतों में ज्यादा इक्विटी शेयर के नुकसान बदलाव नहीं आया है।
23 मार्च से 18 जून तक इक्विटी मार्केट का हाल
रिटर्न
नोट: सोने की कीमत डॉलर प्रति ओंस में हैं।
निवेशकों का सेंटीमेंट सुधरा
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी), अनुज गुप्ता का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दुनियाभर में फैलने और कई देशों में लॉकडाउन लागू होने के कारण मार्च के तीसरे सप्ताह से निवेशकों का सेंटीमेंट बिगड़ गया था। इस कारण भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट रही थी। हालांकि, कोरोना से निपटने के लिए विभिन्न देशों की सरकारों और केंद्रीय बैंकों की ओर से किए गए उपायों से निवेशकों के सेंटीमेंट में सुधार आया है और वे धीरे-धीरे निवेश कर रहे हैं। यही कारण है कि भारत समेत अन्य देशों के शेयर बाजारों में भी उछाल दिख रहा है। इस दौरान इक्विटी बाजार के निवेशकों ने सोने में निवेश बढ़ाया है जिस कारण इसकी कीमतों में भी तेजी आई है।
सामान्य या इक्विटी शेयर (Equity Shares) से आप क्या समझते हैं?
इक्विटी शेयरधारक व्यवसाय के मालिक हैं; वे शेयर खरीदते हैं, धन का उपयोग कंपनी द्वारा संपत्ति खरीदने के लिए किया जाता है, संपत्ति का उपयोग मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है, जो सामान्य इक्विटी शेयर के नुकसान शेयरधारकों के होते हैं।
वरीयता शेयरों के अधिकारों को संतुष्ट करने के बाद, इक्विटी शेयर कंपनी के वितरण योग्य इक्विटी शेयर के नुकसान शुद्ध लाभ की शेष राशि में साझा करने के हकदार होंगे।
इक्विटी शेयरों पर लाभांश तय नहीं है और उपलब्ध लाभ की संख्या के आधार पर साल-दर-साल भिन्न हो सकता है। लाभांश की दर की सिफारिश कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा की जाती है और वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों द्वारा घोषित की जाती है।
इक्विटी शेयरधारकों को बैठक में रखे गए प्रत्येक प्रस्ताव पर वोट देने का अधिकार है और मतदान अधिकार भुगतान की गई पूंजी के अनुपात में होगा। दीर्घकालिक वित्त के स्रोत के रूप में, साधारण शेयर एक कंपनी के लिए कई फायदे और नुकसान उठाते हैं।
इक्विटी शेयरों के अर्थ और विशेषताएं:इक्विटी शेयर के नुकसान
इक्विटी शेयर एक फर्म के वित्त का मुख्य स्रोत हैं। इसे आम जनता के लिए जारी किया इक्विटी शेयर के नुकसान जाता है। इक्विटी शेयरधारकों को पूंजी और लाभांश के पुनर्भुगतान के संबंध में कोई तरजीही अधिकार प्राप्त नहीं है।
वे कंपनी की अवशिष्ट आय के हकदार हैं, लेकिन उन्हें व्यवसाय के मामलों को नियंत्रित करने का अधिकार प्राप्त है और सभी शेयरधारक सामूहिक रूप से कंपनी के मालिक हैं।
एक इक्विटी शेयर एक साधारण शेयर या एक आम शेयर है। इसे एक ऐसे शेयर के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो एक वरीयता शेयर नहीं है; क्योंकि यह वरीयता साझा करने के लिए संलग्न विशेषाधिकारों के हकदार नहीं है।
इक्विटी शेयर की कुछ मुख्य विशेषताएं हैं:
इक्विटी शेयर स्वामित्व सुरक्षा है:
इक्विटी शेयरों के धारक सामूहिक रूप से कंपनी के स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसा होने पर, व्यावहारिक रूप से कंपनी के प्रशासन के संबंध में सभी मतदान अधिकार इक्विटी शेयरधारकों द्वारा प्राप्त किए जाते हैं।
इक्विटी शेयर परिवर्तनीय आय सुरक्षा है:
मुनाफे की उपलब्धता और मुनाफे की अवधारण के बारे में निदेशक मंडल की नीति पर निर्भर करता है; उन्हें बहुत अधिक या बहुत कम लाभांश या कोई लाभांश नहीं मिल सकता है। यह कहना है कि इक्विटी शेयर धारक के लिए जोखिम भरा सुरक्षा है।
इक्विटी शेयर अविश्वसनीय सुरक्षा है:
कंपनी को अपने जीवनकाल में, इस सुरक्षा को भुनाने (या चुकाने) के लिए कानून द्वारा कभी अनुमति नहीं दी जाती है। हालाँकि, इक्विटी शेयर धारक अपने शेयर को स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित कर सकता है, यदि वह सिक्योरिटी रखने से थक जाता है।
सामान्य या इक्विटी शेयर (Equity Shares) से आप क्या समझते हैं? Reviewed by Admin on Monday, June 10, 2019 Rating: 5