ट्रेडिंग खाता

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By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 06 Oct 2021 02:51 PM (IST)
ऑनलाइन ओपन कराएं डीमैट अकाउंट
How to open demat account: अगर आप भी शेयर बाजार से कमाई (Earn money from stock market) करने का प्लान बना रहे हैं तो यह आपके लिए जरूरी खबर है. आज हम आपको एक ऐसे खाते के बारे में बताएंगे, जिसके बिना आप शेयर बाजार (Stock Market) में पैसा नहीं लगा सकते हैं. जी हां इस खाते का नाम डीमैट अकाउंट (Demat Account) है. वैसे तो बहुत से लोग इस खाते के बारे में जानते होंगे, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि आप कैसे आसानी से इस खाते को ओपन करा सकते हैं. इसके साथ ही इस खाते को ओपन कराने के लिए किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत ट्रेडिंग खाता ट्रेडिंग खाता होगी. आइए आपको डीमैट अकाउंट के बारे में डिटेल में बताते हैं-
डीमैट-ट्रेडिंग खाते में नॉमिनेशन की अंतिम तारीख बढ़ी, सेबी ने ग्राहकों को दी 1 साल की मोहलत
TV9 Bharatvarsh | Edited By: Ravikant Singh
Updated on: Mar 28, 2022 | 9:39 PM
31 मार्च की तारीख कई मायनों में अहम है. यह वित्तीय वर्ष की आखिरी तारीख है. 31 मार्च को कई काम के लिए अंतिम तारीख तय किया गया है. पैन कार्ड और आधार लिंक (Aadhaar-PAN Link) से लेकर ट्रेडिंग-डीमैट खाते (Demat Account) में नॉमिनी का नाम दर्ज करने तक, ये ऐसे जरूरी काम हैं जिन्हें जितनी जल्द निपटा लें उतना ही अच्छा. ईपीएफओ में ई-नॉमिनेशन (EPFO e-Nomination) के लिए 31 मार्च को डेडलाइन घोषित किया गया है. 31 मार्च तक ईपीएफओ खाते में ई-नॉमिनेशन कर देना है. अगर नहीं करते हैं तो ईपीएफ पासबुक नहीं देख पाएंगे. ईपीएफ का बैलेंस नहीं चेक कर पाएंगे. ईपीएफ से जुड़े और भी कई काम बिना ई-नॉमिनेशन के पूरा नहीं होगा.
डीमैट में कैसे करें नॉमिनेशन
अपने खाते में नॉमिनी व्यक्ति को जोड़ने के लिए, आप नामांकन फॉर्म भर सकते हैं, उस पर हस्ताक्षर कर सकते हैं और हेड ऑफिस (जिस ब्रोकर कंपनी से डीमैट खाता खोला है. जैसे जेरोधा.) के पते पर कुरियर कर सकते हैं. नॉमिनेशन आपके ट्रेडिंग और डीमैट खाते पर लागू होगा. चूंकि नॉमिनी को आपके डीमैट खाते में जोड़ा जाएगा, वही नॉमिनेशन आपके कॉइन (म्यूचुअल फंड) होल्डिंग्स के लिए भी लागू होगा.
आपको नॉमिनेशन फॉर्म के साथ नॉमिनी का आईडी प्रूफ भेजना होगा. कोई भी आईडी प्रूफ जैसे आधार, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि पर्याप्त होगा.
यदि आप अपना खाता खोलने और किसी को नॉमिनी बनाने के बाद नॉमिनी को बदलना चाहते हैं, तो आपसे 25+18% जीएसटी शुल्क लिया जाएगा. इसके लिए आपको अकाउंट ट्रेडिंग खाता मॉडिफिकेशन फॉर्म के साथ नॉमिनेशन फॉर्म की हार्ड कॉपी भेजनी होगी.
Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?
नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?
शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास ट्रेडिंग खाता डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।
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क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।
डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके ट्रेडिंग खाता से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।
डीमैट, ट्रेडिंग अकाउंट रखते हैं तो जल्द पूरा करें यह काम, खाता बंद हो जाएगा और शेयर भी नहीं खरीद-बेच पाएंगे
अगर आप डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट रखते हैं तो तुरंत इसकी केवाईसी करा लें. अगर 31 दिसंबर तक इसका काम पूरा नहीं होता है तो बाद में शेयर या स्टॉक की खरीद-बिक्री पर असर पड़ सकता है. सेबी या भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट की केवाईसी कराने की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2021 रखी थी जिसे बाद में बढ़ाकर 31 दिसंबर 2021 कर दिया गया था.
इस साल अप्रैल में सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर केवाईसी कराने की अनिवार्यता के बारे में जानकारी दी थी. सर्कुलर में कहा गया था कि जो लोग डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट रखते हैं वे केवाईसी के अंतर्गत नाम, पता, पैन, वैध मोबाइल नंबर, कमाई, सही ईमेल आईडी अपडेट करें, नहीं तो बाद में परेशानी उठानी पड़ सकती है.
क्या है सेबी का नया नियम
शेयर बाजार में निवेश करना है या शेयरों की खरीद-बिक्री करनी है तो डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है. अगर पहले ही ये दोनों खाते खुलवा रखे हैं तो इसकी केवाईसी जरूरी है. केवाईसी में आय की भी जानकारी देनी होगी. ब्रोकरेज कंपनियां बहुत पहले से ग्राहकों को यह जानकारी दे रही हैं. मैसेज में कहा जा रहा है कि यह काम 31 दिसंबर के पहले करा लें, वरना खाता बंद हो सकता है.
दरअसल, नए नियम में कहा गया है कि 1 जून, 2021 के बाद जो भी डीमैट या ट्रेडिंग खाते खुले हैं या खुल रहे हैं, उनमें छह तरह की जानकारी देना जरूरी है. इन जानकारियों में नाम, पता, पैन, वैध मोबाइल नंबर, कमाई, सही ईमेल आईडी के बारे में बताना जरूरी है. साथ ही, ग्राहकों का आधार नंबर उनके पैन से लिंक होना चाहिए. अगर कोई ऐसा नहीं करता है या केवाईसी में ये जानकारी नहीं देता है तो डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट बंद कर दिए जाएंगे.
KYC नहीं कराने पर क्या होगा
नियम के मुताबिक अगर किसी खाताधारक ने डीमैट और ट्रे़डिंग खाते में इन जानकारियों को अपडेट नहीं करता है तो उसका अकाउंट निष्क्रिय कर दिया जाएगा. उसके खाते में पहले से ट्रेडिंग खाता जो शेयर या पोर्टफोलियो हैं, वे बने रहेंगे, लेकिन नई तरह की कोई भी खरीद-फरोख्त नहीं कर पाएंगे. यह खाता दोबारा तभी सक्रिय होगा जब उसमें केवाईसी डिटेल को अपडेट किया जाएगा. इस बारे में सीडीएसएल और एनडीएसएल ने पहले ही सर्कुलर जारी किया है.
शेयर मार्केट का काम पारदर्शी बने और शेयरहोल्डिंग की पूरी जानकारी मिल सके, इसके लिए केवाईसी पर जोर दिया जा रहा है. केवाईसी से सेबी के पास शेयर खरीद-बिक्री का पूरा हिसाब रहेगा. इससे टैक्स चोरी पर भी लगाम लग सकेगी. केवाईसी में पैन की जानकारी अनिवार्य होती है जो टैक्स विभाग को कमाई आदि के बारे में सही-सही जानकारी मुहैया करा सकेगा.
Trading Account Ke Fayde
Shares को Trading Account में रखना बहुत ही फायदेमंद होता है, क्योंकि Trading Account हमे कई प्रकार की सुविधा देता है जैसे:
- इससे शेयर्स खरीदना और बेचना बिलकुल आसान हो जाता है।
- यह शेयर्स खरीदने के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी देता है।
- ट्रेडिंग अकाउंट के ऑनलाइन हो जाने से ब्रोकरेज चार्ज पहले के मुकाबले बहुत ही कम हो गया है।
- ट्रेडिंग अकाउंट से आप दुनिया में कही से भी ट्रेडिंग खाता शेयर्स खरीद और बेच सकते है।
- शेयर खरीदने पर पैसा कटना और बेचने पर खाते में जमा होना आदि कार्य अपने आप हो जाते है।
अब आप सोच रहे होंगे कि Trading Account Aur DEMAT Account Me Antar क्या है क्योंकि दोनों अकाउंट एक साथ खोले जा सकते है तो आइये हम आपको बताते है Difference Between DEMAT Account And Trading Account In Hindi.
Trading Account Aur Demat Account Me Antar
शेयर मार्केट में व्यापार करने के लिए डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों आवश्यक है। हालाँकि इन दोनों में अंतर पाया जाता है जिसके बारे में आपको आगे बताया गया है:
Trading Account का उपयोग शेयर मार्केट में ऑर्डर खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है, जबकि DEMAT Account का उपयोग एक स्टोर के रुप में शेयर्स को जमा करने के लिए किया जाता है। मतलब ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग लेन-देन के लिए किया जाता है, और डीमैट अकाउंट का उपयोग शेयर्स को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।
आइये आपको एक उदहारण के द्वारा समझाते है, मान लीजिये जब आप अपने Trading Account का उपयोग कर शेयर्स खरीदते है, तो पैसा आपके बैंक खाते से निकाल लिया जाता है और शेयर्स को आपके DEMAT Account में जमा कर दिया जाता है।
ठीक उसी प्रकार जब आप शेयर्स बेचते है, तो शेयर्स आपके DEMAT Account से निकाला जाता है और शेयर मार्केट में बेच दिया जाता है, शेयर बेचने से प्राप्त रकम आपके बैंक खाते में जमा कर दी जाती है।
Conclusion
जब निवेशक अपना ट्रेडिंग व डीमैट अकाउंट सफलता पूर्वक खोल लेता है तो, वह अपने मोबाइल फोन या ऑनलाइन, अपनी सुविधा अनुसार ऑर्डर्स खरीद या बेच सकते है। वर्तमान में अधिकतर चीजे ऑनलाइन हो जाने के कारण अब निवेशकों को अपने व्यापारिक डिटेल्स ऑनलाइन प्राप्त हो जाती है, जिससे उन्हें समय पर अपने महत्वपूर्ण निर्णय लेने में आसानी होती है।
उम्मीद करते है कि Trading Account Hindi Meaning या ट्रेडिंग अकाउंट क्या है की जानकारी आपको अच्छे से समझ में आयी होगी। यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो अपने सुझाव हमे Comment करके बताये व अगर आपके कोई सवाल हो तो वह भी आप हमसे पूछ सकते है जिनके जवाब आपको शीघ्र ही में मिल जायेंगे।