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शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
1 दिन के लिए किए गए निवेश को इंट्राडे निवेश कहते हैं यह निवेश काफी जोखिम भरा होता है किंतु इसमें प्रॉफिट भी अधिक मिलता है इसीलिए निवेशकों को indraday trading भी काफी पसंद है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान 1 दिन के लिए किए गए निवेश में यह कोई जरूरी नहीं है कि आपको प्रॉफिट ही मिले नुकसान भी होने की गुंजाइश बनी रहती है कभी-कभी तो इंट्राडे ट्रेडिंग में अत्यधिक लाभ होता है और कभी कभी हानि हो जाती है निवेश की दृष्टि से यह बिल्कुल सही नहीं है

ITR Filing: कैपिटल मार्केट से होने वाली Income की जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में देना जरूरी

ITR Filing: कैपिटल मार्केट से होने वाली Income की जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में देना जरूरी

Updated on: Jul 28, 2022 | 1:47 PM

शेयरों के लेन-देन से दो तरह के कैपिटल गेन होते हैं, पहला है शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और दूसरा है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन. एक साल से कम की अवधि में हुई कमाई को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहते हैं और एक साल या उससे अधिक की अवधि में हुई कमाई को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहते हैं. 31 जुलाई को इनकम टैक्स रिटर्न भरने की मियाद खत्म होने जा रही है. इसलिए हम आपके लिए इससे जुड़ी काम की खबर लेकर आए हैं. मसलन, अगर आपकी कैपिटल मार्केट से इनकम होती है, तो इसकी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में देनी जरूरी है.

समझें शेयर बाजार की कमाई को

शेयर बाजार से हुई कमाई पर लगने वाले टैक्स से पहले से समझना जरूरी है कि शेयर बाजार से कितने तरह के फायदे होते हैं. शेयरों के लेन-देन से दो तरह के कैपिटल गेन होते हैं, पहला है शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और दूसरा है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन. 1 साल से कम की अवधि में हुई कमाई को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहते हैं और एक साल या उससे अधिक की अवधि में हुई कमाई को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहते हैं.

अब इंट्रा-डे ट्रेडिंग के बारे में जान लेते हैं. जैसा कि नाम से ही साफ है कि ये कमाई एक ही दिन में होती है. यानी सुबह से शाम तक के वक्त में आप शेयर बाजार में पैसे लगाकर उसे बेच देते हैं और फायदा कमाते हैं, तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं और इससे हुआ फायदा शॉर्ट टर्म कैटिपल गेन होता है. ऐसे में उन्हें अपने मुनाफे पर 15 फीसदी का इनकम टैक्स चुकाना होगा. ध्यान रहे कि इंट्रा-डे से हुई कमाई को स्पेक्युलेटिव बिजनेस के तौर पर देखा जाता है, इसलिए आईटीआर फाइल करते वक्त आपको आईटीआर-3 फॉर्म का इस्तेमाल करना होगा.

कब भरना होता है आईटीआर-2

वहीं, अगर आप शेयर बाजार में एक दिन से अधिक के लिए शेयर खरीदते हैं तो उससे हुई कमाई के लिए आपको आईटीआर-2 फॉर्म भरना होगा. अगर आपकी कमाई शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन है तो आपको 15 फीसदी टैक्स देना होगा, जबकि अगर आपकी कमाई लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन है तो 1 लाख से अधिक की रकम पर 10 फीसदी का टैक्स देना होगा. बता दें कि 1 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर आयकर में छूट दिए जाने का प्रावधान है.

कैपिटल ऐसेट्स जैसे म्यूचुअल फंड, स्टॉक्स, सोने और अचल संपत्ति से मिलने वाला लाभ कैपिटल गेन होता है. टैक्सपेयर्स को आईटीआर फॉर्म के CG शेड्यूल में कैपिटल गेन्स को भरना होता है. टैक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि ऐसे टैक्सपेयर्स जो टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं लेकिन उन्हें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मिला है और उसकी सीमा छूट की लिमिट से ज्यादा है तो उन्हें आईटीआर जरूर भरना चाहिए.

शेयर मार्केट से हुई कमाई पर कैसे बनती है टैक्स की देनदारी, जानिए सभी जरूरी सवालों के जवाब

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taxation on Share Selling : सैलरी, किराये और बिजनेस से होने वाली आय पर शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान इनकम टैक्स लगता है. लेकिन क्या शेयरों की खरीद-बिक्री और इस पर होने वाले मुनाफे पर भी टैक्स लगता है? जी हां, शेयरों की खरीद-बिक्री और इससे होने वाले लाभ पर टैक्स लगता है. शेयरों की बिक्री से होने वाली आय या घाटा ‘कैपिटल गेन्स’ के तहत कवर होता है.

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (Long term Capital gains tax)

अगर शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर लाभ होता है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कहते है. शेयरों की बिक्री करने वाले को इस कमाई पर उसे टैक्स देना पड़ता है. 2018 के बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को फिर से शुरू किया गया था. इससे पहले इक्विटी शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड ( Equity Mutual funds) की यूनिटों की बिक्री से होने वाले लाभ पर टैक्स नहीं लगता था. इनकम टैक्स रूल्स (Income tax Rules) के सेक्शन 10 (38) के तहत इस पर टैक्स से छूट मिली हुई थी. लेकिन 2018 के बजट में शामिल किए गए प्रावधान में कहा गया कि अगर एक साल के बाद बेचे गए शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिटों की बिक्री पर एक लाख रुपये से ज्यादा का कैपिटेल गेन हुआ है तो इस पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.

शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म निवेश के फायदे

Benefit of long term investment in stock market शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म निवेश करने पर मुनाफे के चांस ज्यादा रहते हैं लंबी अवधि के लिए किए गए निवेश में नुकसान होने की गुंजाइश बहुत ही कम रहती है जो निवेशक स्टॉक मार्केट में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं वह शेयर बाजार से अच्छा रिटर्न कमाते हैं long term investment एक फायदा यह भी होता है कि रिटर्न आपको भले ही ज्यादा ना मिले किंतु नुकसान ना के बराबर रहता है इसीलिए शेयर बाजार में नए निवेशकों को लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहिए

Stock market ने निवेश के प्रकार

शेयर बाजार में निवेशक 3 तरीके से निवेश करते हैं

  1. लॉन्ग टर्म निवेश long term investment
  2. शॉर्ट टर्म निवेश short tarm investment
  3. इंट्राडे निवेश indraday investment

आप भी करते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग, समझ लें इंट्रिन्सिक और टाइम वैल्यू का गणित

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - November 7, 2022 / 05:53 PM IST

आप भी करते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग, समझ लें इंट्रिन्सिक और टाइम वैल्यू का गणित

ऑप्शन मार्केट में ज्यादातर नए इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स सीमित जोखिम के साथ असीमित फायदे की वजह से कॉल या पुट खरीदना पसंद करते हैं. शॉर्ट टर्म प्रॉफिट के लिए निवेशक ऑप्शन ट्रेडिंग का इस्तेमाल करते हैं. किसी ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को खरीदने के लिए ट्रेडर प्रीमियम का भुगतान करता है और इसका इस्तेमाल प्रॉफिट बनाने के लिए किया जाता है. ऐसे में ऑप्शन की इंट्रिन्सिक वैल्यू और टाइम वैल्यू को समझना जरूरी है. यह आपको प्रोफेशनल ऑप्शन ट्रेडर बनने में मदद कर सकता है.

हाइलाइट्स

शेयरों से मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स और लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स लगता है.
लांग टर्म कैपिटल लॉस का समायोजन सिर्फ लांग टर्म कैपिटल गेन के साथ ही किया जाता है.
शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस की भरपाई आप लांग टर्म और शॉर्ट टर्म दोनों ही तरह से कर सकते हैं.

नई दिल्‍ली. वैसे तो शेयर बाजार में कोई भी नुकसान उठाने के लिए निवेश नहीं करता है, लेकिन यहां पैसे लगाना और रिटर्न पाना अनिश्चितताओं का खेल है. अगर आपको फायदा होता है तो उस पर टैक्‍स चुकाना पड़ता है, लेकिन क्‍या नुकसान होने पर टैक्‍स छूट का लाभ भी मिलता है.

इस शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान सवाल का जवाब टैक्‍स एक्‍सपर्ट से पूछा तो आयकर कानून के कई रोचक नियमों के बारे में जानकारी मिली. आयकर कानून कहता है कि अगर आपको किसी वित्‍तवर्ष में शेयर बाजार में नुकसान हुआ है तो टैक्‍स की गणना करते समय इसकी भरपाई की जा सकती है. आप अपने नुकसान को टैक्‍स में समायोजित कर अपनी देनदारी को घटा सकते हैं.

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