दलाल सेवाएं

Thailand Bangkok Suvarnabhumi Airport Information : बैंकॉक सुवर्णभूमि हवाईअड्डे के पास करने को है बहुत कुछ
Thailand Bangkok Suvarnabhumi Airport Information: बैंकॉक का सबसे बड़ा हवाई अड्डा, बैंकॉक सुवर्णभूमि हवाई अड्डा है.
Thailand Bangkok Suvarnabhumi Airport Information: बैंकॉक का सबसे बड़ा हवाई अड्डा, बैंकॉक सुवर्णभूमि हवाई अड्डा है. यहां कई अंतरराष्ट्रीय और डोमेस्टिक फ्लाइट्स आती और यहां से जाती हैं. अगर आप भी थाइलैंड आते हैं, तो ज्यादा मुमकिन है कि आपकी फ्लाइट सुवर्णभूमि एयरपोर्ट ही आए. अगर किसी कारण से आपकी फ्लाट लेट हो जाती है या आपके पास थोड़ा वक्त हो तो आप सुवर्णभूमि हवाईअड्डे पर क्या-क्या कर सकते हैं इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे….
‘बैंकॉक सुवर्णभूमि हवाईअड्डे (BKK) के बारे में’
बैंकॉक के बाहरी रिंग रोड से जुड़े पांच मोटरमार्गों द्वारा बैंकॉक सुवर्णभूमि हवाई अड्डे तक पहुंचा जा सकता है. सेंट्रल बैंकॉक से, शहर से बाहर सिरत एक्सप्रेसवे टोल रोड को पूर्व में ले जाती है और यहां से सड़क सीधे हवाई अड्डे की साइट से गुजरती है और एक समर्पित मोड़ है. बैंकॉक से हवाई अड्डे तक का कुल ड्राइव समय लगभग 30 मिनट है.
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शटल बस || Shuttle bus
टर्मिनल और कार पार्कों के साथ-साथ साइट पर मौजूद नोवोटेल होटल के बीच एक निःशुल्क, 24 घंटे की शटल बस चलती है.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट || Public Transport
बस: सार्वजनिक परिवहन केंद्र से बस बीएमटीए (टेलीः +66 2 246 4262) बैंकाक में पांच मार्ग प्रदान करता है. शहर के केंद्र की यात्रा का समय औसतन लगभग 45 मिनट है और किराया 24 से शुरू होता है. बैंकॉक के अन्य हवाई अड्डे, डॉन मुआंग के साथ सुवर्णभूमि को जोड़ने वाली एक नियमित मुफ्त शटल बस सेवा भी है.
लोकल बसें पब्लिक ट्रांसपोर्ट केंद्र से चलती हैं, जहां एक शटल बस के माध्यम से पहुंचा जाता है. मार्ग बैंकॉक के विभिन्न जगहों से जुड़ते हैं.
शटल: एक पब्लिक वैन सेवा भी है जो शहर में और उसके आसपास कई जगहों के लिए नियमित अंतराल पर एक जगह से चलती है.
टैक्सी: एयरपोर्ट के बाहर टैक्सी उपलब्ध हैं. सर्विस काउंटरों पर टैक्सियों बुक करने की सलाह दी जाती है, या आधिकारिक टैक्सी रैंक में कतार जहां निश्चित दर की कीमतों की पेशकश की जाती है. किराए के अलावा ड्राइवर को शुल्क देना होता है, जो औसतन लगभग 300-350 होता है. दलालों से बचने की सलाह दी जाती है.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट ट्रेन || Public Transport Train
ट्रेन: हवाई अड्डा रेल लिंक (फोन नंबर: +66 2 308 5600) टर्मिनल भवन के दलाल सेवाएं ठीक नीचे एक स्टेशन से चलती है. फास्ट सेवाओं में फ़या थाई एक्सप्रेस लाइन शामिल है, जो शहर के केंद्र में फ़या थाई स्टेशन तक बिना रुके जाती है (यात्रा का समय: 17 मिनट; किराया: 150).
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एक धीमी सिटी ट्रेन, जो सात स्टेशनों पर रुकती है और 30 मिनट से थोड़ा कम समय लेती है, भी चालू है (किराया: 45).
टर्मिनल सुविधाएं || terminal facilities
ब्यूरो डी चेंज, बैंक और एटीएम पूरे टर्मिनल भवन में स्थित हैं.
भोजन|| Meal
बैंकॉक सुवर्णभूमि हवाई अड्डे पर कई फास्ट फूड आउटलेट, बार और रेस्टोरेंट हैं. इसके अलावा, पास के नोवोटेल में चार रेस्टोरेंट और दो बार हैं.
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खरीदारी|| Shopping
ताज़े कटे फूलों से लेकर डिज़ाइनर कपड़ों तक सब कुछ बेचने वाली दुकानें टर्मिनल बिल्डिंग के लेवल 2, 3 और 4 पर उपलब्ध हैं. जिनमें से अधिकांश मुख्य गेट नंबर 4 पर स्थित हैं. इंटरनेशनल यात्रियों को डिपार्चर करने के लिए वैट रिफंड उपलब्ध हैं.
सामान || Luggage
अराइवल और डिपार्चर हॉल में सामान ट्रॉली उपलब्ध हैं. लेफ्ट लगेज सर्विस लेवल 2 और पर उपलब्ध है.
राजस्थान में बेटियों का व्यापार: तलाश में भटक रहे हैं मां-बाप, कुछ लौटीं भी तो बिन ब्याही मां बनकर
'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का अभियान देश में जोर-शोर पर चल रहा है. मगर, देश में एक हिस्सा ऐसा भी है, जहां बेटियों का व्यापार हो रहा है. यह है राजस्थान का गुजरात बॉर्डर इलाका. यहां मजदूरी के लिए आई लड़कियों को खरीदने-बेचने का व्यापार होता है. कुछ किस्मत की धनी बेटियां भी है, जो वापस भी आ गई. जानते हैं उनकी कहानी.
शरत कुमार
- उदयपुर,
- 08 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 08 नवंबर 2022, 6:46 PM IST)
देश में हर तरफ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का अभियान चलाया जा रहा है. मगर, एक हिस्सा ऐसा भी है, जहां बेटियों का व्यापार हो रहा है. राजस्थान-गुजरात बॉर्डर का इलाका लड़कियों की मंडी बन गया है. यहां मजदूरी के लिए आई लड़कियों का खरीदने-बेचने का व्यापार होता है. बहुत सारी खुशकिस्मत लड़कियां वापस घर लौटीं भी हैं, लेकिन बिन ब्याही मां बनकर.
वहीं, कुछ मां-बाप बरसों से बेटियों के घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं. 'आजतक' के पास मौजूद आंकड़ों के अनुसार, करीब 500 से ज्यादा लड़कियां उदयपुर (गुजरात बॉर्डर) इलाके से गायब हुई हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग के पास भी 40 लड़कियों के गायब होने की रिपोर्ट पहुंची है.
जमीन गिरवी रखकर पुलिस को दिए 50 हजार रुपए
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कोटड़ा के मामेर में सीमा (बदला नाम) चार साल बाद अपने घर लौटी है. वो 12 साल की उम्र में मजदूरी के लिए गुजरात गई थी. अब जब लौटी, तो बिन ब्याही मां बन गई. उसके साथ तीन साल का बच्चा है. मगर, वह भी आसानी से अपने परिवार के पास नहीं पहुंच सकी.
पहले पिता ने बहुत खोजबीन की. जहां वह काम करती थी, उस खेत का मालिक भी कुछ नहीं बता रहा था. इसके बाद पिता ने थाने में मामला दर्ज कराया, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की. फिर पिता ने अपना खेत गिरवी रखकर पुलिस को रिश्वत में 50 हजार रुपए दिए.
इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर पहले दलाल को गिरफ्तार किया और फिर लड़की के खरीददार को भी गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, पीड़ित पिता ने बताया, "मैं अपनी बेटी और उसके बच्चे को पाल लूंगा. मगर, बेटी को काम करने के लिए अब कहीं नहीं भेजूंगा."
पीड़िता ने बताया, "मजदूरी करने गई थी. गुजरात का लड़का खरीदकर ले गया गया. वहां मेरे साथ गलत काम किया. वह घर में बंद करके रखता था और हमेशा मेरे साथ मारपीट करता था."
यहां के घर-घर की यही कहानी है
यह अकेली सीमा की कहानी नहीं है. उदयपुर जिले के कोटड़ा, झाड़ोल और पलासिया इलाके में घर-घर की यही कहानी है. ठेकेदार के यहां मां के साथ कोटड़ा की ममता (बदला हुआ नाम) भी मजदूरी के लिए गई थी. मां ने पैसे कमाने के लिए पटेल के साथ गुजरात भेज दिया.
वहां से वह 6 साल बाद करीब 6 महीने पहले ही घर लौटी है. उसने बताया कि पटेल ने उसे बेच दिया था. वहां ममता भी बिन ब्याही मां बन गई. बच्चा कहां है, पता नहीं है. एक दिन गांव के ही मजदूर मिल गए तो, उनके साथ भागकर वापस आ गई.
दलाल और तस्कर उठा ले जाते हैं बेटियों को
ऐसा नहीं है कि पुलिस को बेटियों के इस व्यापार के बारे में पता नहीं है. ये इलाका पहाड़ी है. पहाड़ी के रास्ते से दलाल और तस्कर बेटियों को उठाकर ले जाते हैं. फिर औने-पौने दाम में बेच देते हैं. मगर, पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है.
रात को सौदा होता था, महीने में 4 बार बेचा गया
ये वो लड़कियां है, जो गुजरात में अपने-अपने खरीददारों के चंगुल से किसी तरह निकलकर वापस घर लौट आई हैं. काली (बदला नाम) बताती है कि उसको तस्कर उठाकर ले गया था. उसे एक महीने में चार बार बेचा गया. रात को सौदा होता था. फिर खरीदार रेप करता था.
इसके बाद फिर से किसी और से सौदा कर दिया जाता था. एक दिन दो लाख में सौदा फाइनल करके एक घर में रखा था. तभी उसने अपने मां-बाप को खिड़की से देखा. इसके बाद किसी तरह से वहां से भागकर घर वापस आ गई.
9 सालों से बहन की तलाश
उदयपुर के जैर के रहने वाली एक लड़की कहती है कि वो 9 साल से अपनी बहन की तलाश कर रही है. गांव के ही लोगों के साथ मजदूरी करने के लिए वह गुजरात गई थी. वहां से सब आ गए. मगर, मेरी बहन नहीं आई है. उन लोगों से पूछा, तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया.
इसकी शिकायत पुलिस से की. पुलिस वहां गई भी थी, जहां मेरी बहन काम करती थी. मगर, पुलिस उनसे बात कर लौट आई. जांच में क्या निकला, पुलिस नहीं बता रही है.
लड़कियों को पता ही नहीं होता कि वे कहां हैं
सामाजिक कार्यकर्ता रीता देवी ने बताया, "गुजरात के पाटन, मेहसाणा, पालनपुर, हिम्मतनगर, बीजापुर और अहमदाबाद में इन लड़कियों की सप्लाई की जाती है. उदयपुर का इलाका ऐसा है कि एक गांव राजस्थान में पड़ता है, तो दूसरा गुजरात में."
उन्होंने आगे बताया, "तस्करी की जाने वाली लड़कियां कम पढ़ी लिखी होती हैं दलाल सेवाएं और कई बार भाषा की भी समस्या होती है. इसी वजह से वे जान ही नहीं पाती है कि किस गांव में उन्हें ले जाया गया है. जब तक दलाल सेवाएं वे कुछ समझ पाती हैं, तब तक देर हो जाती है."
कई मामलों में शामिल होते हैं परिचित- आईजी हिंगलाज
मामले में उदयपुर के तत्कालीन आईजी हिंगलाज दान ने बताया, "बहुत सारे मामलों में परिचित और जानकार ही शामिल होते हैं. गुजरात बॉर्डर होने की वजह से तस्कर और दलाल आसानी से इस इलाके में बेटियों के खरीद-फरोख्त में सफल हो जाते हैं."
राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की सर्किल कबड्डी प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
हाथरस 14 नवंबर | बागला डिग्री कॉलेज के मैदान में कल सोमवार को राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की सर्किल कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसका उद्घाटन कॉलेज के प्राचार्य डॉ महावीर सिंह छौंकर ने बजरंग बली महाराज के छविचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन करके किया। पुरुष वर्ग में पहला मैच बागला डिग्री कॉलेज और राजकीय डिग्री कॉलेज खैर की टीम के बीच हुआ। जिसमें बागला कॉलेज की टीम दलाल सेवाएं विजयी रही। दूसरा मैच एसवी कॉलेज अलीगढ़ और आरजे कॉलेज टप्पल के बीच हुआ। जिसमें आरजे कॉलेज विजयी रहा। तीसरा मैच एसबी कॉलेज अलीगढ़ और आरजे कॉलेज टप्पल के बीच हुआ। जिसमें आरजे कॉलेज विजयी रहा। बागला कॉलेज और डीएस कॉलेज अलीगढ़ के बीच सेमी फाइनल मुकाबला हुआ। फाइनल मुकाबला डीएस कॉलेज और आरजे कॉलेज के बीच हुआ। जिसमें आरजे कॉलेज टप्पल की टीम विजयी रही। वहीं यहां पर हुई महिला वर्ग की कबड्डी प्रतियोगिता में एसवी कॉलेज अलीगढ़ की टीम विजय रही। निर्णायक मंडल में रवि, प्रवीन चौधरी, हरिओम चौधरी रहे। संचालन डॉ सत्यदेव पचौरी ने किया। इस मौके पर डॉ मान सिंह, डॉ शाहनवाज, डॉ प्रमोद दलाल, डॉ धर्मेंद्र सिंह चाहर आदि मौजूद रहे।
पैक हाउस लगने से बदल जाएगी हरियाणा की तस्वीर- नरेंद्र सिंह तोमर
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18नवंबर। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि फसल उत्पादन और बागवानी में हरियाणा आगे है, इसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। आज जरुरत है कि किसान नई-नई फसल की खेती करें, पैदावार में तकनीक का इस्तेमाल दलाल सेवाएं करें और गुणवत्तापरक उत्पादन करें। यह खुशी की बात है कि हरियाणा का किसान और हरियाणा सरकार इसी रास्ते पर चल रही है। तोमर सोनीपत (हरियाणा) के अटेरना गांव में प्रदेशभर के 30 एकीकृत पैक हाउस के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। इस दौरान हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जयप्रकाश दलाल भी मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री तोमर ने हरियाणा सरकार के उद्यानिकी विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में, राज्य में किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की प्रशंसा की। हरियाणा में 30 पैक हाउस एफपीओ के माध्यम से प्रदेशभर में बनाए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में 100 पैक हाउस नहीं, बल्कि 500 पैक हाउस बनाने की बात कही है। 100 दलाल सेवाएं पैक हाउस लगने से हरियाणा की तस्वीर बदल जाएगी, वहीं 500 पैक हाउस से तो प्रदेश में बागवानी के क्षेत्र में क्रांति आ जाएगी। श्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी किसानों की चिंता करते हैं। किसानों की मदद करने के लिए केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 2 लाख 17 दलाल सेवाएं हजार करोड़ रुपये करोड़ों किसानों के खातों में जमा करवाए हैं। रबी और खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है, जिससे किसानों को सीधे फायदा मिल रहा है। श्री तोमर ने कहा कि हरियाणा सरकार, केंद्र सरकार से कदम से कदम मिलाकर चल रही है और केंद्र की शत-प्रतिशत योजनाओं को भी प्रदेश में लागू कर रही है। उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा फल सब्जियों के लिए बीमा योजना शुरू करने पर भी तारीफ की।
तोमर ने कहा कि हरियाणा खेती में अग्रणी राज्य है। यहां का किसान अच्छी अवस्था में है। पिछले 7 से 8 सालों में खेती में नवाचार हुए हैं। किसान और खेती को विकसित करने के लिए प्रयास हुए हैं। हरियाणा सरकार ने मोटा अनाज खरीद कर किसानों की मदद की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार की नई-नई योजनाओं के परिणाम आने लगे हैं। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व कृषि मंत्री श्री जे.पी. दलाल के कृषि क्षेत्र को लेकर उठाए जा रहे कदमों की तारीफ भी की।
कृषि की प्रधानता और प्राथमिकता को केंद्र व हरियाणा सरकार ने किया स्वीकार
तोमर ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। कृषि की प्रधानता व प्राथमिकता को केंद्र व हरियाणा सरकार ने स्वीकार किया है। इतिहास साक्षी है कि मंदी में गांव की अर्थव्यवस्था ने सहारा दिया है। कोरोना के समय दुनिया थम गई थी। केंद्र सरकार ने किसानों की तकलीफ को जाना और ज्यादा खरीद केंद्र स्थापित कर फसल को खरीदा। उस वर्ष किसान की फसल की बुआई पहले सालों से ज्यादा रही। कृषि उत्पादों का निर्यात पौने 4 लाख करोड़ रुपये रहा।
हरियाणा किसानों का प्रदेश- जितनी योजना हरियाणा सरकार लेकर आई है, इतनी किसी प्रदेश में नहीं – जे.पी. दलाल
हरियाणा के कृषि मंत्री श्री दलाल ने केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर का हरियाणा पहुंचने पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा किसानों का प्रदेश है। जितनी योजना हरियाणा सरकार किसानों के लिए लेकर आई है, इतनी योजना किसी प्रदेश में नहीं हैं। इसमें फसल बीमा योजना, भावांतर भरपाई योजना, एमसपी पर फसलों की खरीद, मंडियों की उचित व्यवस्था आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में एफपीओ के माध्यम से प्रदेश में पैक हाउस स्थापित किए गए हैं। इससे किसानों को फायदा होगा।
श्री दलाल ने कहा कि आज प्रदेश में 11 एक्सिलेंसी सेंटर हैं, जिनके माध्यम से करोड़ों पौधे किसानों को तैयार करके दिए जा रहे हैं। हरियाणा के किसानों को फसल बीमा योजना का दलाल सेवाएं लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने नहरों के बजट को दोगुना कर दिया है। सिंचाई के क्षेत्र में 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। हरियाणा सरकार ने तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए पौंड अथॉरिटी बनाई है। इसके साथ-साथ खारे पानी के किसानों को झींगा पालन के लिए प्रोत्साहित किया है। जिस जमीन पर दलाल सेवाएं पहले किसान सालाना 20 से 30 हजार रुपये आमदनी लेता था, आज झींगा पालन से 20 से 30 लाख रु. आमदनी ले रहा है। श्री दलाल ने कहा कि प्रदेश में कोल्ड स्टोर, पैक हाउस स्थापित किए जा रहे हैं। गन्नौर में दुनिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी स्थापित की जा रही है, जो 5500 एकड़ में होगी। इसे बनाने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
श्री दलाल ने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब हरियाणा के किसानों के उत्पाद अमेरिका व दूसरे देशों में जाएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा का किसान श्री मोदी व श्री मनोहर लाल की नीतियों से प्रभावित है। किसानों की समृद्धि से हरियाणा में समृद्धि आएगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा खेती में नंबर वन था, नंबर वन है और नंबर वन रहेगा।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती सुमिता मिश्रा ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर सोनीपत के सांसद श्री रमेश कौशिक ने भी केंद्रीय मंत्री श्री तोमर का सोनीपत पहुंचने पर स्वागत- अभिनंदन किया।
सूरत : नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान बीजेपी और आप के बीच नारेबाजी
बीजेपी ने आप प्रत्याशी के खिलाफ खालिस्तान हत्याकांड के नारे लगाए
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए फॉर्म भरने के आखिरी दिन राजनीतिक दलों के बीच ड्रामा हुआ। पार्टी प्रत्याशी और समर्थक जब पर्चा भरने पहुंचे तो भाजपा कार्यकर्ताओं से भिड़ गए। कार्यकर्ता आमने-सामने आए तो भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा खालिस्तान हत्याकांड का मुद्दा उठाने से मामला गरमा गया। इससे पहले कि दोनों कार्यकर्ता आगे संघर्ष कर पाते, पुलिस ने हस्तक्षेप किया और मामला शांत हुआ।
फॉर्म भरने के आखिरी दिन जमकर राजनीतिक ड्रामा
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के फॉर्म भरने के आखिरी दिन सूरत में जमकर राजनीतिक ड्रामा हुआ। आज फार्म भरने के अंतिम दिन बड़ी संख्या में भाजपा कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी व कार्यकर्ता रैली में निकले। सूरत के कलेक्टर कार्यालय व विभिन्न कार्यालयों में फार्म भरने को लेकर प्रत्याशी व समर्थकों के बीच दलाल सेवाएं दलाल सेवाएं कई बार नोकझोंक भी हुई। एक तरफ सूरत कलेक्टर कार्यालय की सड़क पर भाजपा कार्यकर्ता खड़े थे तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी व समर्थक जीप में सवार होकर निकले।
भाजपा छोडकर गए पीवीएस शर्मा को देखकर कार्यकर्ता आक्रामक हुए
बीजेपी छोड़कर आप जोईन्ट करनेवाले पीवीएस शर्मा को देख बीजेपी कार्यकर्ता आक्रामक हो गए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने खालिस्तान हत्याकांड के नारे लगाए और माहौल गरम हो गया। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता और आक्रामक हो गए और दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के हस्तक्षेप करने वाली पुलिस से भिडऩे से पहले ही पुलिस सतर्क हो गई और मामला शांत हो गए। दूसरी ओर जब कांग्रेस प्रत्याशी पर्चा भरकर जा रहे थे तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोदी, मोदी के नारे लगाए।