इस्लामी खाते

दुनिया भर में: 7-10 दिन
जमात ए इस्लामी के बैंक खाते फ्रीज, दर्जनों संपत्तियां सील
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने जमात ए इस्लामी को प्रतिबंधित करने के बाद संपत्तियों को सील करना शुरू कर दिया है. दूसरी ओर जमात-ए-इस्लामी (जम्मू-कश्मीर) पर प्रतिबंध व सरकार की कार्रवाई के खिलाफ श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती और पीडीपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. शुक्रवार को दक्षिणी कश्मीर के कई स्थानों पर छापे मारकर सुरक्षाबलों ने संगठन से जुड़े दो दर्जन से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार ‘जमात-ए-इस्लामी’ के सम्पत्तियां शुक्रवार रात को शहर और घाटी के कई इलाकों में सील कर दी गईं. साथ ही ‘जमात-ए-इस्लामी’ के बैंक खाते भी सील कर दिए गए हैं. विभिन्न जिलाधिकारियों ने भी जमात नेताओं की चल एवं अचल संपत्तियों की सूची मांगी है.
जमात-ए-इस्लामी पर देश में राष्ट्र विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकवादी संगठनों के साथ संपर्क में होने का आरोप है. सुरक्षाबलों ने पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद अलगाववादी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तथा जमात-ए-इस्लामी जम्मू – कश्मीर के कई नेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया है.
पी.एफ्.आई. के ३ लाख बैंक खातों में इस्लामी देशों से आते हैं प्रति वर्ष ५०० करोड रुपये !
नई देहली – राष्ट्रीय जांच एजेंसी (‘एन्.आई.ए.’) के अनुसार पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (‘पी.एफ्.आई.’) को प्रति वर्ष साऊदी अरब, कतार, कुवैत, संयुक्त अरब अमिरात तथा बहरीन देशों से ५०० करोड रुपये मिलते हैं । यह पैसा ‘वैस्टर्न यूनियन’ द्वारा परिवारों के खर्चे के नाम से विविध खातों में भेजा जाता है । इसके लिए पी.एफ्.आई. के सदस्यों के १ लाख और उनके सगे-संबंधियों एवं परिचितों के २ लाख बैंक खातों का उपयोग किया जाता है । प्रत्येक महिने अलग-अलग खातों से धनराशि आती है । एन्. आई.ए. पूछताछ कर रही है कि इतनी बडी धनराशि कहां खर्च की जाती है ? अब इस्लामी खाते तक के अन्वेषण से यह ध्यान में आया है कि पी.एफ्.आई. यह पैसा उन संगठनों को देता है जो युवाओं का बुद्धीभेद कर, उन्हें इस्लामी कट्टरता सिखाते हैं । इस वर्ष जून में प्रवर्तन निदेशालय (‘ईडी’) ने पी.एफ्.आई. के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता का प्रकरण दर्ज किया था इस्लामी खाते । वहीं उसके सहयोगी संगठन ‘रिहब इंडिया फाऊंडेशन’ के ३३ बैंक खाते फ्रीज किए थे । इन खातों में क्रमश: ६० करोड और ५८ करोड रुपये जमा थे । कार्यवाही से सुरक्षित रहने के लिए खातों से राशि निकाल ली गई थी । ‘ईडी’ की कार्यवाही के समय खाते में केवल ६८ लाख रुपये थे ।
पी.एफ्.आई. पर प्रतिबंध की संभावना !
पी.एफ्.आई. विदेश से मिला हुआ धन आतंकवादी कार्यवाही के लिए व्यय करती थी, यह सिद्ध होने पर उस पर बंदी लाई जाने की संभावना है । अनेक राज्यों की गुप्तचर संस्थाओं ने पी.एफ्.आई. की पहचान संदिग्ध के रूप में की है । झारखंड ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाए थे; परंतु फिर उच्च न्यायालय की ओर से वे हटा दिए गए ।
इस्लामी संगठन की पी.एफ्.आई. पर प्रतिबंध की मांग
‘ऑल इंडिया सूफी सज्जादनशीन कौन्सिल’ ने आयोजित की परिषद में पी.एफ्.आई. जैसे संगठनों पर बंदी डालने का प्रस्ताव पारित किया है । इस परिषद में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी उपस्थित थे । कौन्सिल के अध्यक्ष हजरत सय्यद नसरुद्दीन चिश्ती ने कट्टरपंथीय संगठनों पर बंदी लाने की मांग की है ।
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- सीना : टेप के माप को फर्श के समानांतर रखते हुए, छाती के सबसे चौड़े हिस्से को मापें।
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दावत-ए-इस्लामी ः छह मदरसों को नोटिस जारी
बरेली ब्यूरो
Updated Sun, 10 Jul 2022 12:51 AM IST
पीलीभीत। पुलिस-प्रशासन के खुफिया तंत्र ने छह ऐसे मदरसे जिले में चिह्नित इस्लामी खाते किए हैं, जिनके संबंध दावत-ए-इस्लामी संगठन से रहे हैं। संगठन के लिए मदरसे में चंदा एकत्र होता था। चंदे की रकम बैंक खाते के माध्यम से भेजी जाती थी। क्या बदले में मदरसों को संगठन की ओर से इस्लामी खाते फंडिंग की जाती थी, इस सवाल का जवाब जानने को छानबीन शुरू कर दी गई है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मदरसों को नोटिस जारी किए हैं।
उदयपुर की घटना के बाद दावत ए इस्लामी संगठन का नाम चर्चा में आया। इस पर पुलिस और प्रशासन ने संगठन से जुड़े लोगों की निगरानी कराई। जिले में संगठन के लिए चंदा एकत्र करने वालों की छानबीन की गई। यह पता लगा कि छह मदरसों में गुल्लक रखी थी और चंदा एकत्र किया जाता था। इन मदरसों की सूची अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को मिल चुकी है।
विभाग के स्तर से नोटिस जारी किए गए हैं, ताकि संगठन के साथ इनके वित्तीय संबंधों का खुलासा हो सके। क्या मदरसों को संगठन की ओर से फंडिंग भी होती थी, इस पर भी जानकारी जुटाई जा रही है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी केपी सिंह ने बताया कि इस्लामी खाते छह मदरसों नोटिस जारी किए गए हैं। जब तक जवाब न आ जाए, निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है।
जवाब दाखिल करने के लिए मदरसा प्रबंधकों को सात दिन का वक्त दिया गया है। वहीं, एसपी दिनेश कुमार पी. ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि दावत-ए-इस्लामी संगठन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। पुलिस सिर्फ एहतियाती तौर पर छानबीन कर रही है। संगठन से जुड़ी शिक्षण संस्थाओं के बारे में शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग पता लगा रहा है। अगर नियम कानून का उल्लंघन मिलता तो यही विभाग अपने स्तर से कार्रवाई कर सकेंगे।
दावत-ए-इस्लामी ः छह मदरसों को नोटिस जारी
बरेली ब्यूरो
Updated Sun, 10 Jul 2022 12:51 AM IST
पीलीभीत। पुलिस-प्रशासन के खुफिया तंत्र ने छह ऐसे मदरसे जिले में चिह्नित किए हैं, जिनके संबंध दावत-ए-इस्लामी संगठन से रहे हैं। संगठन के लिए मदरसे में चंदा एकत्र होता था। चंदे की रकम बैंक खाते के माध्यम से भेजी जाती थी। क्या बदले में मदरसों को संगठन की ओर से फंडिंग की जाती थी, इस सवाल का जवाब जानने को छानबीन शुरू कर दी गई है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मदरसों को नोटिस जारी किए हैं।
उदयपुर की घटना के बाद दावत ए इस्लामी संगठन का नाम चर्चा में आया। इस पर पुलिस और प्रशासन ने संगठन से जुड़े लोगों की निगरानी कराई। जिले में संगठन के लिए चंदा एकत्र करने वालों की छानबीन की गई। यह पता लगा कि छह मदरसों में गुल्लक रखी थी और चंदा एकत्र किया जाता था। इन मदरसों की सूची अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को मिल चुकी है।
विभाग के स्तर से नोटिस जारी किए गए हैं, ताकि संगठन के साथ इनके वित्तीय संबंधों का खुलासा हो सके। क्या मदरसों को संगठन की ओर से फंडिंग भी होती थी, इस पर भी जानकारी जुटाई जा रही है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी केपी सिंह ने बताया कि छह मदरसों नोटिस जारी किए गए हैं। जब तक जवाब न आ जाए, निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है।
जवाब दाखिल करने के लिए मदरसा प्रबंधकों को सात दिन का वक्त दिया गया है। वहीं, एसपी दिनेश कुमार पी. ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि दावत-ए-इस्लामी संगठन पर कोई प्रतिबंध नहीं है। पुलिस सिर्फ एहतियाती तौर पर छानबीन कर रही है। संगठन से जुड़ी शिक्षण संस्थाओं के बारे में शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग पता लगा रहा है। अगर नियम कानून का उल्लंघन मिलता तो यही विभाग अपने स्तर से कार्रवाई कर सकेंगे।