पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है

ग्लोबल इक्विटी फंड (Global Equity fund) के साथ आप घरेलू और दुनिया भर में स्टॉक खरीद सकते हैं और आवंटन रणनीतियों और प्रबंधन शैलियों के सैकड़ों संयोजनों में आ सकते हैं.
Investment Tips: शेयर वैल्यू गिरने से मुनाफे का हो जाए कमी तो घबराएं नहीं, जानें लाभ कमाने के टिप्स
Personal Finance : अच्छे रिटर्न (Good Return) की आस में निवेशक शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश करते हैं. स्टॉक को खरीद कर उसे होल्ड भी करते हैं, ताकि आने वाले समय में उन्हें अच्छा मुनाफा हो, लेकिन कई बार इसका उल्टा हो जाता है. आपने जिस शेयर को खरीदा है, उसका वैल्यू गिर जाता है और आपका मुनाफे का नुकसान हो जाता है. आम तौर पर सामान्य निवेशक इससे घबरा जाते हैं. हालांकि, बाजार के जानकार ऐसी परिस्थिति से घबराने की बजाए संयम बनाये रखने की सलाह देते हैं.
अपने पोर्टफोलियो पर रखें ध्यान
मॉर्निंगस्टार के डायरेक्टर का ऐसी परिस्थिति में कहना है कि अगर निवेशकों के सामने यह समस्या आती है तो यह सोचने का समय है कि ऐसे माहौल में जब स्टॉक का वैल्यू ऊपर नहीं जा रहा हो, उस स्थिति को कैसे नेविगेट किया जाए. उन्होंने कहा कि शेयर बाजार में अगर बड़ी बिकवाली (Selling) हो रही है तो इससे घबराना नहीं है. उन्होंने जोर देकर कह कि ऐसी स्थिति में अपने पोर्टफोलियो में क्या हो रहा है, इस पर ध्यान देना चाहिए.
शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव का दौर हमेशा देखने को मिलता है, लेकिन लॉस (Loss) और गेन (Gain) इस बात पर निर्भर करता है कि आपका पोर्टफोलियो कितना मजबूत है. अगर आपके पोर्टफोलियों में स्टॉक बुलिश (Bullish) हैं तो बाजार में गिरावट के बाद भी उस स्टॉक के वैल्यू बढ़ने की संभावना रहेगी. फंड मैनेजर मॉर्निंगस्टार की मानें, तो अगर आपका पोर्टफोलियों सिर्फ उच्च विकास (High Growth) और कम मुद्रास्फीति (Low Inflation) पर आधारित है तो आपके पास एक मजबूत पोर्टफोलियो नहीं है.
अच्छे शेयर का करें चयन
शेयर मार्केट में सबसे बड़े दिग्गज वॉरेन बफेट (Warren Buffett) अक्सर यह कहा करते हैं कि जब दूसरे निवेशक डर रहे हों, हो तो आप स्टॉक होल्ट करें. वहीं, जब दूसरे लोग होल्ट कर रहे पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है हों तो आप सचेत रहें. साफ है कि अच्छे शेयर को खरीदना अक्सर लाभकारी (Profitable) होता है. शेयर को लेकर अगर आपका चुनाव अच्छा होगा तो आप निश्चत ही गिरते बाजार से भी निवेश का लाभ उठा सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि अगर बाजार गिर रहा है तो तुरंत बिकवाली न करें, संयम के साथ स्टॉक को होल्ड करने की आदत डालें.
विशेष नोट: स्टॉक मार्केट में निवेश जोखिम के अधीन है. स्टॉक पर निवेश, होल्ड और सेल करने से पहले किसी जानकार की सलाह जरूर ले लें. prabhatkhabar.com किसी भी वित्तीय हानि या लाभ के लिए उत्तरदायी नहीं होगा.
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आपके पोर्टफोलियो में Global Equity Fund क्यों जरूरी है और यह आपके निवेश को कैसे फायदा पहुंचा सकता है?
डीएनए हिंदी: ग्लोबल फंड (Global Fund) आपको अपने देश सहित दुनिया में कहीं भी निवेश करने की पॉवर देते हैं. यह सिक्योरिटीज के वैश्विक ब्रह्मांड से सर्वोत्तम निवेश की पहचान करने में मदद करता है. उन्हें निष्क्रिय रूप से भी प्रबंधित किया जा सकता है. आप अपने पोर्टफोलियो में अलग-अलग शेयर जोड़ कर अपने पोर्टफोलियो को मजबूत बना सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय निवेश पर विचार करते समय वैश्विक फंड का चयन करें, यह आपके जोखिम को कम करने में मदद करेंगे.
मार्केट को उभरते और सीमावर्ती, दो अलग-अलग विकसित बाजारों में बांटा गया है. यहां हर कैटेगरी में अपनी श्रेणी और जोखिम वाले देश शामिल होते हैं. जोखिम से बचने के सबसे बड़े अवसर हासिल करने के लिए, निवेशक को उभरते बाजारों का चयन करना चाहिए, क्योंकि ऐसे देश दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं. इसके चलते ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
नौसिखियों के लिए 9 मूल्यवान निवेश सलाह
कोविड -19 के बाद भारतीय शेयर बाजारों में क्रूर इक्विटी बुल रन ने निवेशकों की संपत्ति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस प्रकार वित्तीय समावेशन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के लिए तैयार है। कॉरपोरेट आय में सुधार और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की वापसी सूचकांकों के लिए देर से नई ऊंचाई पर पहुंचने के प्रमुख चालक थे। इसके अलावा, इक्विटी निवेश की बढ़ती जागरूकता और बढ़ती इक्विटी पंथ ने भारतीय शेयर बाजार की सफलता की कहानी को जोड़ा है। इतना ही नहीं भारत ने अमेरिका के S&P 500 इंडेक्स और चीन के शंघाई एसई कम्पोजिट इंडेक्स को पीछे छोड़ दिया है।
इस बेहतर प्रदर्शन ने खुदरा निवेशकों में बहुत रुचि जगाई है और इसलिए, हम 9 मूल्यवान निवेश सबक प्रदान करना चाहते हैं जो बेहतर निवेशक बनने में मदद कर सकते हैं।
भारत का श्रेष्ठ म्यूच्यूअल फंड ऐप
‘‘चॉइस इंडिया द्वारा लॉन्च किए गए म्यूच्यूअल फंड ऐप के मार्फत हम सरलतापूर्वक निवेश कर सकते हैं क्योंकि एसआईपी म्यूच्यूअल फंड में हर कोई निवेश करना चाहता है। यह निवेश करने का श्रेष्ठ मंच है। आप सरलता से स्टॉक का विवरण प्राप्त कर सकते हैं और यह कागजरहित निवेश है। इंवेस्टिक को मैं पसंद करती हूं।’’
‘‘यह मुझे मिला श्रेष्ठ म्यूच्यूअल फंड ऐप है। एप बहुत सरल है जिससे शुरूआत करने वाला भी ५०० रू.जैसी छोटी रकम द्वारा निवेश कर निवेश कर सकता है और सीख सकता है। एसआईपी कैल्क्युलेटर और पोर्टफोलियो मैनेजर जैसी विशेषताएं प्रभावशाली हैं। सभी तरह के निवेश के लिए अति संस्तुत।’’
‘‘अच्छी तरह से तैयार किए गए इस एप ने मार्केट एवं म्यूच्यूअल फंडों के पूर्व विश्लेषणों को जानने एवं समझने में मेरी मदद की। वित्तीय रिपोर्ट और निवेश पर सिफारिश प्रदान करने में ऑप्टिमो श्रेष्ठ है। टीम को धन्यवाद।’’
कॉन्ट्रा फंड क्या है, ये आपके निवेश पोर्टफोलियो में होने चाहिए?
'कॉन्ट्रा' शब्द 'कॉन्ट्रेरियन' से आया है, जिसका अर्थ है- प्रचलित मानदंडों के विपरीत जाना। आम तौर पर इक्विटी से संबंधित, कॉन्ट्रा म्यूचुअल फंड ऐसे क्षेत्रों और शेयरों में निवेश करते हैं जो वर्तमान समय में नॉन-परफॉर्मर होते हैं और जिनका मूल्य घटा हुआ होता है लेकिन फिर भी उनका बुनियादी मूल्य (फंडामेंटल वैल्यू) मजबूत होता है। इसलिए, ये फंड एक विपरीत दृष्टिकोण अपनाते हुए भविष्य में प्रदर्शन करने वाले शेयरों पर दांव लगाते हैं। कॉन्ट्रा फंड की प्रकृति आमतौर पर चक्रीय होती है, और अपेक्षाकृत लंबी अवधि में ये उच्च रिटर्न प्रदान करते हैं।
कॉन्ट्रा फंड में किसे निवेश करना चाहिए?
कॉन्ट्रा फंड पर विचार करने से पहले निवेशकों को अपनी जोखिम प्रोफाइल और जोखिम लेने की क्षमता के बारे में जानना चाहिए। इसके अलावा, इसके लिए निवेशकों के निवेश व्यवहार को समझने की भी आवश्यकता होती है। इस तरह के फंड में आपके धैर्य, झटका सहने की क्षमता तथा फंड पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है असेट के मूल्य में और गिरावट होने पर अधिक निवेश करने की इच्छा रखना अपेक्षित है। इसलिए, मध्यम से उच्च जोखिम लेने वाले निवेशकों के पास यदि पर्याप्त समय है और वे परेशान हुए बिना अपने दृष्टिकोण में अनुशासित रह सकते हैं, तो वे कॉन्ट्रा फंड का विकल्प चुन सकते हैं।
लंबी अवधि में जोखिम की तुलना में रिटर्न की अधिक संभावना 'कॉन्ट्रा फंड' को बेहद आकर्षक बनाती है। आपको बाजार में लगातार तेज उतार-चढ़ाव दिखेगा लेकिन जरूरी है कि आप निवेश यात्रा के दौरान ठहर कर प्रतीक्षा करें। कभी कभी ऐसा भी हो सकता है कि निवेश का मूल्य आपकी लागत से कई गुना कम हो जाए। इस तरह का फेज आने पर आपको अधिक यूनिट्स खरीद कर रखनी चाहिए, जिससे कॉस्ट एवरेजिंग (यानी लागत को औसत करने) में मदद मिलती है।
कॉन्ट्रा फंड में निवेश करते समय बरती जाने वाली सावधानियां
यद्यपि भारतीय म्यूचुअल फंड सेक्टर द्वारा विभिन्न एसेट क्लास में करीब 1500 स्कीम की पेशकश की जा रही है, लेकिन वर्तमान समय में निवेशकों के लिए केवल पोर्टफोलियो मैनेजर क्या करता है 19 कॉन्ट्रा फंड उपलब्ध हैं। चूंकि इनकी संख्या कम है और ये अपेक्षाकृत कम एसेट का प्रबंधन करते हैं, इसलिए निवेशकों को आगे बढ़ने से पहले निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए।
1) पिछला प्रदर्शन: कॉन्ट्रा फ़ंड चुनते समय, निवेशकों को निवेश करने से पहले ऐसे फ़ंडों के पिछले प्रदर्शन की समीक्षा करनी चाहिए। इससे फ़ंड के प्रदर्शन चक्र को समझने में मदद मिलती है, और इस प्रकार निवेशकों को यह जान पाते हैं कि उन्हें कितने समय तक फ़ंड से जुड़े रहना चाहिए।
2) अपने आवंटन को सीमित करें: आदर्शतः किसी भी निवेशक को इस फ़ंड में अपने कुल निवेश के पांचवें हिस्से से अधिक आवंटन नहीं करना चाहिए। उच्च जोखिम लेने वाले अनुभवी निवेशक अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुरूप हायर एक्सपोजर का चुनाव कर सकते हैं।