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क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है?

क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है?
Ans : भारत में अभी 10 करोड़ भारतीय निवेशक है जो क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट किया है

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भारत में Bitcoin का फ्यूचर क्या है | Future of Bitcoin in India in Hindi

इस आर्टिकल हम जानेगे की bitcoin या यु कहो की क्रिप्टो करेंसी का भारत में क्या भविष्य है और भारत सरकार ,इस क्रिप्टो करेंसी को कब लागु करेगी तो क्या bitcoin सुरक्षित है क्या हमें bitcoin में निवेश करना चाहिए इन तमाम सवालो के जवाब हमने इस आर्टिकल के माध्यम से बताया है तो आइये जानते है भारत में Bitcoin का फ्यूचर क्या है.

Table of Contents

भारत में Bitcoin का फ्यूचर क्या है (Future of Bitcoin in India in Hindi)

दोस्तों भारत में अभी क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है? पूरी तरह क्रिप्टो को रेगुलेट नहीं किया गया है जब तक सरकार क्रिप्टो को लेकर कोई बिल पास नहीं करेगी और क्रिप्टो को लेकर कोई कानून नहीं बनाएगी तब तक bitcoin जैसे अन्य क्रिप्टो करेंसी भारत में लागु नहीं हो सकती है ,भारत सरकार क्रिप्टो करेंसी क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है? को लेकर काफी समय से विचार विमर्श कर रही है विशेषज्ञ की माने तो क्रिप्टो निवेश की द्रष्टि से इन्वेस्टर को फ़ायदा का सौदा साबित हो सकता है और अभी भारत में क्रिप्टो इन्वेस्टर की संख्या करोड़ो में है चुकी पूरी दुनिया में क्रिप्टो करेंसी यानि की bitcoin को Transaction और अन्य कामो के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

भारत सरकार जब तक क्रिप्टो पर कोई कानून नहीं लती क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है? तब तक क्रिप्टो करेंसी भारत में लागु नहीं हो सकती क्योकि क्रिप्टो decentralize करेंसी है और इस करेंसी पर सरकार का कोई कण्ट्रोल नही होता है इस पर सरकार क्रिप्टो को लाने के पहले इसके भविष्य में होने वाले इस्तेमाल को लेकर विचार विमर्श करेगी तभी इसे पूरी तरह लागु करेगी.

सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी है 2022 (10 Cheapest Crypto)

क्या आप जानना चाहते हैं की क्रिप्टो मार्किट में सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी है जिसकी कीमत 100 रूपए से कम है क्योंकि इन क्रिप्टो करेंसी को पहली बार क्रिप्टो में निवेश करने वाला भी बिना डरे निबेश कर सकता है।

पिछले कुछ साल पहले हम क्रिप्टो करेंसी के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे, क्योंकि इन सभी चीजों के बारे में कहीं ज्यादा जानकारी कहीं नहीं थी और हमारे पास टेक्नोलॉजी भी नहीं थी।

लेकिन आज की तारीख में क्रिप्टो करेंसी को हर कोईजानता है जैसे;

क्रिप्टोकोर्रेंसी का मतलब क्या होता है, क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है, क्रिप्टो करेंसी क्या है और यह कैसे काम करता है, भारत की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है इन सभी के बारे में गूगल और यूट्यूब पर मिल जाती है।

आज आप इस पोस्ट में हम जानेंगे 2022 में सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी है (sabse sasti cryptocurrency) जिसकी कीमत कम से कम 100 रूपए से कम हो।

TOP 10 सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी है 2022

यहां देखें 2022 की वर्तमान सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी है जिनकी कीमत 100 से कम है और इनमे हर कोई निवेश करता है क्योंकि फ्यूचर में इनकी कीमत बढ़ने वाली है।

अगर हम भारतीय रूपए के हिसाब से इन क्रीटो करेंसी का कीमत देखें तो लगभग 0.24 पैसे तक है इनमे निवेश करना आपके लिए बहुत आसान हो सकता है।

नीचे लिस्ट में देखें 10 सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी है उनके नाम, और कीमत:

#सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसीकीमत
1BitTorrentवर्तमान कीमत – 0.24 पैसे
2Siacoinवर्तमान कीमत – 1.29 पैसे
3Zillicaवर्तमान कीमत – 5.02 पैसे
4Vechainवर्तमान कीमत – 6.70 पैसे
5Ravencoinवर्तमान कीमत – 6.94 पैसे
6Tronवर्तमान कीमत – 7.20 पैसे
7Dogeवर्तमान कीमत – 13.25 पैसे
8Civicवर्तमान कीमत – 27.39 पैसे
9Polymathवर्तमान कीमत – 43.82 पैसे
10Rippleवर्तमान कीमत – 66.64 पैसे

FAQS | सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी है

भारत में 1 क्रिप्टोकुरेंसी का मूल्य क्या है?

क्रिप्टो करेंसी मार्किट में हजारों कॉइन हैं जिनकी कीमत लाखों रूपए तक है और कई ऐसी क्रिप्टो करेंसी हैं जिनकी कीमत 1 रूपए से कम हैं। उदाहरण: वर्तमान बिटकॉइन की कीमत 16 लाख के आसपास है तो Doge कॉइन की कीमत 16 रूपए है।

कौन सा कॉइन खरीदना चाहिए?

क्रिप्टोकरेंसी एक नया और बढ़ता हुआ निवेश क्षेत्र है। हालांकि कोई एक उत्तर नहीं है जिसके लिए क्रिप्टोकुरेंसी खरीदना क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है? है, लेकिन कुछ कारकों पर विचार करें जैसे करेंसी की अंतर्निहित तकनीक, इसकी मार्केट कैप और इसका समुदाय शामिल क्या है। बिटकॉइन, एथेरियम और लिटकोइन में निवेश करने लायक कुछ लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं।

बिटकॉइन का मालिक कौन है?

बिटकॉइन एक क्रिप्टोक्यूरेंसी और भुगतान प्रणाली है जिसका आविष्कार सातोशी नाकामोटो ने किया था। लेन-देन को क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से नेटवर्क नोड्स द्वारा सत्यापित किया जाता है और एक सार्वजनिक बिखरे हुए लेज़र में रिकॉर्ड किया जाता है जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले जान लें क्रिप्टो कॉइन और क्रिप्टो टोकन क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है? में क्या है अंतर

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले जान लें क्रिप्टो कॉइन और क्रिप्टो टोकन में क्या है अंतर

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया

Updated on: Jan 27, 2022 | 7:18 PM

भारत समेत दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का जबरदस्त क्रेज चल रहा है. हालांकि, देश में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अभी तक कोई साफ तस्वीर दिखाई नहीं दे रही है. सरकार, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कुछ भी कहना पसंद नहीं कर रही है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स (Tax) वसूलने और क्रिप्टो के विज्ञापन (Crypto Advertisements) को लेकर सख्त नियम-कानून बनाने की पूरी तैयारी में है. खैर, ये तो बाद की बात रही लेकिन सच्चाई यही है कि क्रिप्टोकरेंसी में लोग जमकर पैसा लगा रहे हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है? में निवेश करने की आपाधापी में ये जानना बहुत जरूरी है कि क्रिप्टो कॉइन और क्रिप्टो टोकन में बड़ा अंतर है. आइए जानते हैं कि आखिर क्रिप्टो कॉइन और क्रिप्टो टोकन में क्या अंतर है?

क्या है क्रिप्टो कॉइन और क्रिप्टो टोकन में अंतर

देखा जाए तो क्रिप्टो कॉइन और क्रिप्टो टोकन फंडामेंटली एक ही है लेकिन असल में ये काफी अलग है. आपको ये जानना जरूरी है कि सभी क्रिप्टो कॉइन, टोकन की कैटेगरी में तो आते हैं लेकिन सभी क्रिप्टो टोकन, क्रिप्टो कॉइन की कैटेगरी में नहीं आते हैं. क्रिप्टो के मामले में सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि क्रिप्टो में निवेश करने वाले ज्यादातर लोग यही बात नहीं जानते कि वे क्रिप्टो कॉइन में पैसा लगा रहे हैं या क्रिप्टो टोकन में पैसा लगा रहे हैं. दरअसल, क्रिप्टो कॉइन और क्रिप्टो टोकन दोनों ही डिजिटल संपत्ति है और दोनों के अपने निवेशक हैं. आपको ये जानना बहुत जरूरी है कि क्रिप्टो कॉइन और क्रिप्टो टोकन को अलग-अलग खास मकसद से बनाया गया है और दोनों का इस्तेमाल भी अलग-अलग है.

क्रिप्टो कॉइन और क्रिप्टो टोकन में एक बड़ा अंतर ये भी क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है? है कि कुछ प्लेटफॉर्म्स पर सिर्फ क्रिप्टो कॉइन एक्सेप्ट किए जाते हैं तो कुछ प्लेटफॉर्म्स पर सिर्फ क्रिप्टो टोकन एक्सेप्ट किए जाते हैं. अगर आप क्रिप्टो में दिलचस्पी रखते हैं तो आपको ये जानना भी बहुत जरूरी है कि क्रिप्टो कॉइन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करता है लेकिन क्रिप्टो टोकन का कोई ब्लॉकचेन नहीं है. क्रिप्टो टोकन को भी क्रिप्टो कॉइन के ही ब्लॉकचेन पर बनाया जाता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि क्रिप्टो कॉइन के ब्लॉकचेन पर हजारों क्रिप्टो टोकन्स को होस्ट किया जा सकता है.

बैंक ट्रांजैक्शन की तरह होता है क्रिप्टो कॉइन एक्सचेंज

आपको क्रिप्टो कॉइन और क्रिप्टो टोकन में एक बड़ा अंतर और बताते हैं. क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर जब कभी भी किसी क्रिप्टो टोकन को एक्सचेंज किया जाता है तो वह सीधे-सीधे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के पास चला जाता है. इसे ऐसे समझें कि आपके पास एक साधारण टोकन है, उसे जब एक्सचेंज किया जाएगा तो आपका वह टोकन उस व्यक्ति के पास चला जाएगा जिससे उसे एक्सचेंज किया गया है. वहीं दूसरी ओर, क्रिप्टो कॉइन के मामले में ऐसा नहीं होता. क्रिप्टो कॉइन एक्सचेंज ठीक बैंक ट्रांजैक्शन की तरह होता है. यानी क्रिप्टो एक्सचेंज में होने वाले ट्रांजैक्शन में सिर्फ अकाउंट बैलेंस में बदलाव होता है जैसे बैंक अकाउंट के बैलेंस में बदलाव होता है. मान लीजिए आपने अपने बैंक अकाउंट से किसी दूसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते हैं तो आपके सिर्फ अकाउंट बैलेंस में बदलाव होता है.

Crypto currency: भारत में आशंकाओं के डर से सहम गया डिजिटल करेंसी का भविष्य

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भारत में क्रिप्टो करेंसी (Crypto currency) पर शिकंजा कसने की खबरों के सामने आने के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में इसकी वैल्यू गोते खाने लगी है. क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट लगातार जारी है और इनमें 15 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. दरअसल, लोकसभा बुलेटिन में केंद्र सरकार की ओर से जानकारी दी गई थी कि संसद के शीतकालीन सत्र में द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 (The Crypto currency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) लाया जा सकता है. केंद्र सरकार के इस फैसले को कुछ लोग सही मान रहे हैं, तो कुछ लोग गलत बता रहे हैं. क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर चुके लोगों के बीच इसके बैन होने की आशंकाएं बढ़ गई हैं और लगातार टूटती कीमतों की वजह से भारी नुकसान होना भी तय माना जा रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो डिजिटल करेंसी का भविष्य भारत में आशंकाओं के बीच झूल रहा है.

क्रिप्टो करेंसी है 'पंटर गेम'

एक अनुमान के अनुसार, भारत में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी में पुराने निवेश के जरिये लोगों ने काफी पैसा बनाया है. लेकिन, यह लोगों को जितनी तेजी से मुनाफा देती है, उतनी ही तेजी से घाटा भी पहुंचाती है. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी एक तरह का पंटर गेम है. आसान शब्दों में इसे कमोडिटी यानी वायदा बाजार की तरह माना जा सकता है. लेकिन, इस पर किसी तरह का कंट्रोल नहीं है तो इसमें जोखिम की संभावना बहुत ज्यादा होती है. कोरोना महामारी के बाद से ही क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव बना हुआ है. टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के एक बयान पर इसके भाव बढ़ने लगते हैं, तो चीन के प्रतिबंध लगाने पर क्रिप्टो करेंसी के दामों में गिरावट आने लगती है. भारतीय संसद में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल आने की खबर के बाद से भी इसका भाव लगातार गिर रहा है.

क्या सारी क्रिप्टो करेंसी हो जाएंगी बैन?

केंद्र सरकार क्रिप्टो करेंसी को लेकर क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाने जा रही है. ये बिल अभी संसद में पेश होना बाकी है. इस स्थिति में अभी इसके बारे में केवल संभावनाएं जताई जा रही हैं. जिसने लोगों में आशंकाएं बढ़ा दी हैं कि अगर सरकार सारी क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित कर देगी, तो निवेशकों का नुकसान होना तय है. भारत में जिन लोगों ने इसमें निवेश किया है, वो फंसने की संभावना है. लेकिन, केंद्र सरकार के इस बिल को लेकर सामने आए संकेतों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की ओर से सभी क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने की संभावना कम नजर आ रही है. दरअसल, क्रिप्टो करेंसी दो तरह की होती है. पहली पब्लिक और दूसरी प्राइवेट. पब्लिक क्रिप्टो करेंसी को ट्रेसेबल करेंसी कहा जा सकता है. क्योंकि, पब्लिक क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन एक-दूसरे से लिंक होते हैं और उनके लेन-देन के बारे में जानकारी जुटाई जा सकती है. वहीं, प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी में इसके यूजर या लेनदेन की जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया जाता है. प्राइवेट क्रिप्‍टो करेंसी के यूजर की प्राइवेसी को बनाए रखा जाता है. जिसकी वजह से इसे ट्रेस करना मुश्किल है.

क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके लाभ और नुकसान

Crypto Currency kya hai नोट एवं सिक्कों के अलावा अब धीरे-धीरे एक प्रकार की और करेंसी दुनिया में प्रचलित हो रही है, जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजि़टल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की मदद से उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। इसका भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह सिर्फ ऑनलाइन रूप से डिजिट्स के रूप में उपलब्ध क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है? रहती है। इस करेंसी से आप सामान खरीद-बेच सकते हैं अथवा निवेश कर सकते हैं। कुछ क्रिप्टो करेंसी का मूल्य उनकी लोकप्रियता के कारण काफी अधिक है, लेकिन इसके साथ एक तथ्य यह भी है कि इसके मूल्य में स्थिरता नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के मूल्य क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है? में बहुत तेज़ी से उतार-चढाव होता रहता है, जिस कारण इसकी कीमतें दिन में बार बदलती रहती हैं।

इस करेंसी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है अर्थात् इस पर किसी भी देश अथवा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसी कारण शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया, लेकिन बाद में BITCOIN की लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों ने इसे वैध कर दिया। कुछ देश तो अभी भी इसके विरुद्ध हैं।

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार

प्रमुख क्रिप्टो करंसियों के प्रकार हैं- ETHERIUM, (ETH), RIPPLE (XRP), LITECOIN (LTC), क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है? COSMOS (ATOM), NAMECOIN (NMC) और BITCOIN] जोकि दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है। इसे वर्ष 2009 में जापान के सतोशी नाकामोतो ने बनाया था। इस करेंसी को शुरुआत में बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजि़टल करेंसी है। इन क्रिप्टो करंसियों के आलवा वर्तमान में 1500 से अधिक क्रिप्टो करेंसी हैं।

  1. डिजि़टल करेंसी होने के कारण चोरी हो जाने का डर नहीं होता।
  2. इसे खरीदना-बेचना तथा निवेश करना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि इसमें कई डिजि़टल वॉलेट्स उपलब्ध हैं।
  3. इसकी कीमतों में बहुत तेज़ी से उछाल आता है, जिस कारण यह निवेश हेतु अच्छा विकल्प है।

क्रिप्टो करेंसी के नुकसान

  1. इस पर किसी भी सरकारी संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण इसकी कीमतों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव आता रहता है।
  2. इसे डिजि़टल होने के कारण हैक किया जा सकता है। ETHERIUM करेंसी के साथ ऐसा हो चुका है।

कई देशों ने क्रिप्टो करेंसी को वैध कर दिया है, लेकिन कुछ देश अभी भी इसके खिलाफ़ हैं। भारत में भी उच्चतम न्यायालय द्वारा 04 मार्च, 2020 को ही इस करेंसी में निवेश एवं व्यापार पर आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। क्रिप्टो करेंसी व्यापार, निवेश, तकनीकी और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और कम खर्च वाली भविष्य की विनिमय प्रणाली की अवधारणा को प्रस्तुत करती है, लेकिन वर्तमान में इसके संदर्भ में गोपनीयता, मूल्य-अस्थिरता और विनियमन की नीति का अभाव आदि अनेक समस्याएं दिखाई पड़ती हैं। भारत सरकर ने हाल ही में यह अनिवार्य किया है कि सभी कम्पनियाँ क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश की घोषणा करेंगी।

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