मार्जिन और लाभ

नौसिखियों के लिए बिटकॉइन और एल्टोकोइन मार्जिन व्यापार
क्रिप्टो संसाधनों, अर्थात् बिटकॉइन और अल्टोकोइन, की सीमित मात्रा वाले व्यापारियों के लिए , निवेश में उत्तोलन जोड़ने के लिए मार्जिन ट्रेडिंग व्यापार का विकल्प होता है।ये संपत्ति को वास्तव में धारण किए बिना निवेश की राशि को बढ़ाता है। यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि मार्जिन व्यापार सभी के लिए अनुशंसित नहीं है और इसमें काफी ज्यादा जोखिम है।
चलो शुरू करें: मार्जिन व्यापार क्या है?
मार्जिन ट्रेडिंग व्यापार में एक व्यापारी को उत्तोलन के साथ एक स्थिति खोलने की अनुमति मिलती है। उदाहरण के लिए – हमने 2X उत्तोलन के साथ मार्जिन की स्थिति खोली। हमारी आधार परिसंपत्तियों में 10% की वृद्धि हुई थी| 2X उत्तोलन के कारण हमारी स्थिति में 20% की वृद्धि हुई। 1: 1 के उत्तोलन के साथ मानक ट्रेडों का कारोबार होता है
ऋण बाजार के अस्तित्व की वजह से मार्जिन ट्रेडिंग व्यापार संभव है। ऋणदाता व्यापारियों को ऋण प्रदान करते हैं ताकि वे कॉइन की बड़ी रकम में निवेश कर सकें, और उधारदाताओं को ऋण पर ब्याज से फायदा होगा। कुछ विनिमय में, जैसे की पोलोनिक्स विनिमय में , उपयोगकर्ता मार्जिन बाजारों के लिए ऋण प्रदान करते हैं और अन्य में विनिमय खुद ही उन्हें ऋण प्रदान करता है।उदाहरण के लिए, पोलोनीक्स विनिमय में कोई भी अपने बिटकॉइन या आल्टकॉइन को उधार दे सकता है और ऋण पर ब्याज से लाभ पा सकता है।इसमें मुख्य नुकसान यह है कि कॉइन को विनिमय वॉलेट में होना चाहिए, जो एक कोल्ड वॉलेट की तुलना में बहुत कम सुरक्षित है ।
मार्जिन व्यापार की लागत और जोखिम
जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, मार्जिन स्थिति की कीमत में उधार लिए गए कॉइन के लिए ब्याज का भुगतान (चाहे विनिमय या अन्य उपयोगकर्ताओं को), और विनिमय के साथ एक स्थिति खोलने की फीस शामिल है।
जैसे ज्यादा कमाने का मौका बढ़ता है,उसी के साथ खोने का खतरा भी बढ़ता है| जितना हमने स्थिति खोलने के लिए निवेश किया है,वो अधिकतम है जो की हम खो सकते है| इस स्तर को ही परिसमापन मूल्य कहा जाता है| परिसमापन मूल्य वह मूल्य होता है, जहां विनिमय खुद से हमारी स्थिति को बंद कर देगा, जिससे हम उधार के पैसे नहीं खोेते है, और केवल अपना पैसा खोते है|
उदाहरण: यदि हम मानक व्यापार, उत्तोलन 1: 1 के बारे में बात कर रहे हैं, तो परिसमापन मूल्य तब होता है जब स्थिति शून्य के मूल्य तक पहुंचती है। जैसे HI उत्तोलन बढ़ेगा, परिसमापन मूल्य हमारी खरीद मूल्य के करीब पहुंच जाएगा। उदाहरण के लिए, बिटकॉइन का मूल्य 1,000 डॉलर है, हमने 2: 1 के उत्तोलन के साथ एक बिटकॉइन (लंबी) खरीदी है| हमारी स्थिति की कीमत 1000 अमरीकी डालर है, इसके अलावा हमने और 1000 अमरीकी डालर का उधार लिया है । हमारी स्थिति का परिसमापन मूल्य 500 अमरीकी डालर से थोड़ा अधिक होगा – क्योंकि उस स्तर पर हम वास्तव में अपने शुरुआती 1000 अमरीकी डालर के साथ ब्याज और शुल्क खो देते हैं।
मार्जिन व्यापार भी बाजार के मार्जिन और लाभ खिलाफ हो सकती है, हम उत्तोलन के साथ स्थिति छोटी भी कर सकते हैं।
मार्जिन व्यापार के सुझाव
जोखिम प्रबंधन – मार्जिन पर कारोबार करते वक़्त ये ज़रूरी है की जोखिम प्रबंधन के स्पष्ट नियम हो और , अत्यधिक लालच से सावधान रहें। उस राशि को ध्यान में रखें जिसपे आप जोखिम उठा रहे हैं, और ये ध्यान में रखे की इसे पूरी तरह से खो दिया जा सकता है | बंद करने की स्थिति, लाभ लेने के लिए या नुकसान रोकने के लिए स्पष्ट स्तर निर्धारित करें।
बारीकी से देखें – क्रिप्टो कॉइन अत्यधिक अस्थिरता वाला संपत्ति माना जाता है | क्रिप्टो मुद्राओं का मार्जिन व्यापार जोखिम को दोगुना करता है। इसलिए अल्पकालिक व्यापार उत्तोलन स्थिति बनाने की कोशिश करें | इसके अलावा, हालांकि दैनिक शुल्क या मार्जिन की स्थिति नगण्य है, लंबी अवधि में शुल्क एक बड़ी मार्जिन और लाभ राशि के बराबर हो सकता है।
अत्यधिक बदलाव – क्रिप्टो व्यापार में कभी-कभी अत्यधिक उतार-चढ़ाव होती हैं जो दोनों दिशाओं (“डीप”) में होती हैं। इस मामले में जोखिम यह है कि डीप हमारे परिसमापन मूल्य को छू जाएगा। ऐसा हो सकता है जहां उत्तोलन अपेक्षाकृत अधिक है, इसलिए परिसमापन मूल्य अपेक्षाकृत बंद है। वास्तव में आप इन डीप का लाभ उठा सकते हैं और लक्ष्य बंद करने की स्तिथि को तैयार कर सकते हैं, और उम्मीद कर सकते हैं कि डीप उनके साथ चलेगा जिससे आपको अच्छा लाभ मिलेगा और फिर पिछली कीमत पर वापस जा सकेंगे।
बिटकॉइन और ऑल्टकॉइन व्यापार के लिए अतिरिक्त सुझाव – यहां पढ़ा जा सकता है ।
विनिमय जो मार्जिन व्यापार को सक्षम करते हैं
अब ज्यादातर विनिमय पर मार्जिन व्यापार करना संभव है। उत्तोलन ट्रेडिंग के फायदे बहुत स्पष्ट हैं और एक और महत्वपूर्ण लाभ सुरक्षा पहलू है | क्रिप्टो व्यापारियों को विनिमय वाले कॉइन की मात्रा को कम करने का प्रयास करना चाहिए। विनिमय को हैकर्स के लिए आसान निशाना माना जाता है और हाल के वर्षों में एक्सचेंजों के कई हैकिंग हुए हैं, आखिरी प्रमुख हैक 2016 में बिटफिनिक्स हैक था, जब विनिमय के एक तिहाई बिटकॉइन चोरी हो गए थे।
मार्जिन पर व्यापार हमे ज़रूरत के बिट्कोइन प्रदान किये बिना ज्यादा स्थिति खोलने की अनुमति देता है , और इस तरह से हम विनिमय खाते में कम कॉइन रख सकते है| उदाहरण के लिए, यदि हमारे पोर्टफोलियो में पांच बिटकॉइन होते हैं और हम बिटकॉइन की गिरावट के जोखिम से बचाव चाहते हैं तो 10X उत्तोलन की छोटी स्थिति खुली हो सकती है और यह हमारे बिटकॉइन पोर्टफोलियो का 40% के बराबर होगी ।स्थिति को खोलने के लिए आवश्यक राशि इसका केवल दसवां अंश है (10 बार लीवरेज का)। इसका मतलब है कि हमें केवल 0.2 बिटकॉइन को रखना होगा ।इसलिए हमारे बिटकॉन्स को सुरक्षित रूप से कोल्ड वॉलेट में रखा जाता है।
प्लस500 – प्लस 500 एक विश्वव्यापी प्रसिद्ध फ़ॉरेक्स व्यापार कंपनी है।क्रिप्टो मार्जिन व्यापार के क्षेत्र में वो बीटकोइन और मार्जिन व्यापार (एटरेम, रिप, लाइटकोइन, बिटकॉइन कैश इत्यादि > के लिए सभी प्रमुख ऑल्टकॉइन की पेशकश करते हैं ।मुख्य लाभ इस तथ्य पर आधारित है कि वे पूरी तरह से विनियमित कंपनी हैं, और अपने लाखों ग्राहकों के लिए 24-7 समर्थन और दायित्व उपलब्ध हैं। वर्तमान में आप बिटकॉइन जमा नहीं कर सकते हैं , लेकिन आप क्रेडिट कार्ड जमा करके या बैंक हस्तांतरण का उपयोग करके मार्जिन व्यापार में शामिल हो सकते हैं और तत्काल शुरू कर मार्जिन और लाभ सकते हैं।मार्जिन उत्तोलन को 1:20 तक सेट किया जा सकता है, और शुरुआत आसान है क्योंकि डेमो खाते को मुफ्त में खोला जा सकता है। यहां पर आरम्भ करने के लिए एक वीडियो ट्यूटोरियल है प्लस 500
बिटफाईनेक्स – यह विनिमय बिटकॉइन यूएसडी बाजार की सबसे बड़ी व्यापारिक मात्रा का समन्वय करता है, जो 3.3 एक्स के उत्तोलन तक मार्जिन व्यापर के साथ है। इंटरफ़ेस उपयोगकर्ता के अनुकूल है और लेनदेन करने में आसान है।
पोलोनीक्स – सबसे बड़ा क्रिप्टो विनिमय।11 ऑल्टकॉइन के उत्तोलन व्यापर में कोई BTC USD मार्जिन व्यापार नहीं हैउत्तोलन 2.5X पर ही उपलब्ध है। शॉर्टिंग के दौरान अपेक्षाकृत उच्च ब्याज शुल्क
एवाट्रेड – एक और विश्वव्यापी प्रसिद्ध सीएफडी विनिमय जो बिटकॉइन के सीएफडी के साथ-साथ कुछ प्रमुख क्रिप्टो मुद्राओं के कारोबार को सक्षम बनाता है ।कंपनी पूरी तरह से विनियमित है, और प्लस 500 की तरह, एक निःशुल्क डेमो अकाउंट है अवाट्रेड आरंभ करने के लिए यहां एक वीडियो ट्यूटोरियल है :
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गैस कीमतें बढ़ने से आईजीएल के मार्जिन पर असर, शुद्ध लाभ चार प्रतिशत बढ़ा
नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सीएनजी और रसोई गैस की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अपने शुद्ध लाभ में चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ने से उसके मार्जिन पर असर देखा गया।
आईजीएल ने एक बयान में कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 416.15 करोड़ रुपये रहा जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में उसे 400.54 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था।
आलोच्य तिमाही में आईजीएल का राजस्व करीब दोगुना होकर 3,922.02 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। पिछले साल की समान तिमाही में उसने 2,015.99 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया था।
इस साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमला करने के बाद से प्राकृतिक गैस की कीमतें करीब दोगुनी हो चुकी हैं। इसकी वजह से आईजीएल का गैस खरीद पर व्यय 929.97 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,610.03 करोड़ रुपये हो गया।
बीती तिमाही में कंपनी की कुल बिक्री एक साल पहले की तुलना में 12 प्रतिशत बढ़ गई और इसकी दैनिक बिक्री 80.9 लाख घन मीटर प्रतिदिन पर पहुंच गई।
इस दौरान सीएनजी की बिक्री मात्रा में 15 प्रतिशत की बढ़त देखी गई जबकि पाइप से रसोई गैस (पीएनजी) की बिक्री मात्रा तीन प्रतिशत बढ़ गई।
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
मार्जिन और लाभ
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Collateral Meaning in Hindi
अगर आप स्टॉक मार्केट में ट्रेड करते है तो आपका स्टॉकब्रोकर आपको लोन की सुविधा भी प्रदान करता है जिसके अंतर्गत आप अपने ट्रेडिंग मार्जिन को बढ़ा ज़्यादा ट्रेडिंग कर सकते है। लोन में मिले हुए अमाउंट को कोलैटरल मार्जिन कहा जाता है। इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो यहाँ पर collateral meaning in hindi में जाने की कब और कैसे ये अमाउंट शेयर बाजार में ट्रेड करने में लाभदायक है।
Collateral Meaning in Share Market in Hindi
जैसे की ऊपर बताया गया है collateral amount एक तरह का लोन है जो आप अपने होल्डिंग और शेयर्स के आधार पर अपने स्टॉकब्रोकर से प्राप्त कर सकते है ।
लोन लेने की प्रक्रिया को pledge of shares कहा जाता है और मिले हुए अमाउंट को कोलैटरल मार्जिन कहा जाता है । इस मार्जिन अमाउंट से आप अपनी ट्रेडिंग लिमिट के साथ ज़्यादा ट्रेड कर अपने मुनाफा कमाने के मौके को भी कई गुना तक बढ़ा सकते है।
इस अमाउंट के बदले स्टॉकब्रोकर आपसे एक निर्धारित इंटरेस्ट रेट प्राप्त करते है ।
अब जब भी आप अपने शेयर pledge करते है तो वह शेयर्स कोलैटरल की तरह अकाउंट में होल्ड कर अस्थायी रूप से ब्लॉक कर दिए जाते है ।
यहाँ पर जब तक आप मार्जिन का भुगतान नहीं करते है तब तक आप ब्लॉक शेयर को बेच नहीं सकते । और यहाँ पर अगर आप मार्जिन अमाउंट वापिस करने में असफल होते है तो स्टॉकब्रोकर आना अमाउंट वापिस पाने के लिए प्लेज़ शेयर्स को बेच कर अपने अमाउंट की वसूली करता है।
कोलैटरल मार्जिन कैसे काम करता है?
Collateral meaning को समझने के बाद अब जानते है कि ये किस तरह से काम करता है । मान लेते है कि आपका एक डीमैट खाता है जिसमे 1,00,000 रुपए के शेयर्स है। अब आप एक कंपनी के 100 शेयर में ट्रेड करना चाहते है जिसकी वैल्यू 1000 रुपये प्रति शेयर है, लेकिन आपके पास अभी इतना फण्ड नहीं है।
यहाँ पर अब अपने शेयर्स को प्लेज़ कर ट्रेडिंग कर सकते है, तो मान लेते है की आपने अपने 80,000 रुपये के शेयर प्लेज़ करने का आवेदन किया ।
अब यहाँ पर स्टॉकब्रोकर प्लेज़ शेयर का मूल्यांकन कर एक वैल्यू निर्धारित करेगा जिसका मूल्य करंट मार्केट प्राइस से थोड़ा कम होता है । मार्जिन और लाभ ये स्टॉकब्रोकर नुकसान से बचने के लिए करता है, जिससे की अगर स्टॉक का प्राइस आगे चलकर कम भी हो जाए तो ब्रोकर को उसका नुकसान न उठाना पड़े।
इस अमाउंट को स्टॉक मार्केट में हेअरकट (haircut in share market) कहा जाता है । ये स्टॉक कुछ प्रतिशत होता है और स्टॉक के वर्तमान प्रदर्शन और अस्थिरता के अनुसार निर्धारित किया जाता है।
मान लेते है की आपकी होल्डिंग्स पर 5 % हेअरकट लगा यानी की 4000 रुपये तो यहाँ पर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में ₹76000 collateral मार्जिन ऐड हो जायेगा ।
यहाँ पर अगर आप अपने ट्रेड में सफल होते है तो आप collateral margin का भुगतान कर अपने मार्जिन और लाभ होल्डिंग्स को अन-प्लेज़ कर सकते है ।
लेकिन अगर आपको नुकसान होता है या किसी कारणवश आप अपने होल्डिंग को अन-प्लेज़ करने में असमर्थ होते है तो वहां पर ब्रोकर एक सीमित अवधि के बाद आपके शेयर्स को बेच अपनी रकम को वसूलेगा ।
कोलैटरल मार्जिन के फायदे
स्टॉक मार्केट में कोलैटरल मार्जिन के साथ ट्रेड करने से बहुत सारे फायदे जुड़े हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं।
- एक कोलैटरल मार्जिन आपके खरीदने की लिमिट को बढ़ाता है।
- यह आपको आपने ऑनलाइन डीमैट में अच्छे उपयोग के लिए निष्क्रिय (Idle) शेयर रखने की अनुमति देता है।
- कोलैटरल मार्जिन आपके कैपिटल पर रेट ऑफ़ रिटर्न बढ़ा सकता है।
- यह आपको बाजार में शार्ट-टर्म कीमत के उतार-चढाव से लाभ कमाने की अनुमति देता है ।
निष्कर्ष
कोलैटरल अमाउंट आपको कई लाभ प्रदान करता है लेकिन आपको यह ध्यान रखना चाहिए की यदि आप वापस भुगतान करने में असमर्थ हो जाते है, तब आप उस स्थिति में अपने प्लेज्ड किए हुए शेयर खो सकते हैं ।
डीमैट अकाउंट में कोलैटरल अमाउंट एक लोन की तरह उपयोग किया जाता है जैसाकि यह डीमैट अकाउंट में यह निष्क्रिय (Idle) संपत्ति की तरह है ।
यह ब्रोकर और निवेशक के लिए संपत्ति बनाने के लिए अच्छा’ जरिया हो सकता है ।
कोलैटरल मार्जिन से जुड़े हुए आवश्यक तथ्य
अब आप अपने ऑनलाइन डीमैट अकाउंट में कोलैटरल अमाउंट के अवधारणा (Concept) को समझ चुके हैं । आइए अब कोलैटरल मार्जिन से जुड़े आवश्यक चीजों के बारे में समझते हैं ।
1. कोलैटरल मार्जिन का लाभ उठाने के लिए क्या कोई शर्त है?
एक निवेशक के तौर पर अपने स्टॉकब्रोकर से कोलैटरल मार्जिन का लाभ लेने के लिए कुछ विशेष शर्तों का पालन करने की जरुरत होती है । कई स्टॉकब्रोकर यह ऑफर देते हैं और इसके लिए आपको आपने ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन मूल्य के विशेष प्रतिशत को बनाए रखने की आवश्यकता होती है ।
2. कोलैटरल मार्जिन का उपयोग आप किन चीजों के लिए कर सकते हैं?
आप अपने स्टॉकब्रोकर द्वारा ऑफर की गयी गई कोलैटरल मार्जिन का उपयोग स्टॉक मार्केट में इक्विटी शेयर (equity meaning in hindi) खरीदने के लिए कर सकते हैं । इसके अतिरिक्त आप डेरीवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स (derivative meaning in hindi) में ट्रेड करने के लिए कर सकते हैं जैसेकि स्टॉक खरीदने और बेचने के लिए।
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Reliance Jio के मुनाफे में 28% उछाल, रेवेन्यू हो या मार्जिन, सबकुछ में इजाफा
जियो ने सितंबर 2022 को समाप्त तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। इस तिमाही में जियो ने 4,518 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून की अवधि के मुकाबले 4 फीसदी से ज्यादा उछाल है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम कंपनी जियो ने सितंबर 2022 को समाप्त तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। इस तिमाही में जियो ने 4,518 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून की अवधि के मुकाबले 4 फीसदी से ज्यादा का उछाल है। एक साल पहले जुलाई से सितंबर की अवधि में कंपनी का लाभ 3524 करोड़ रुपये था। इस लिहाज से 28 फीसदी का उछाल है। सितंबर तिमाही में रिलायंस जियो का मार्जिन 90 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 51% हो गया, जबकि जून तिमाही में यह 50.1% था।
रेवेन्यू का हाल: रिलायंस जियो ने सितंबर तिमाही में 22,521 करोड़ रुपये का रेवेन्यू अर्जित किया, जो जून तिमाही में 21,873 करोड़ रुपये से मामूली 3% अधिक है। एबिटा की बात करें तो 11,489 करोड़ रुपये रहा, जो जून तिमाही में 10,964 करोड़ से 4.8% अधिक था।
यह तिमाही नतीजे ऐसे समय में आए हैं जब इस महीने की शुरुआत में Jio ने चार शहर- मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और वाराणसी में यूजर्स के लिए अपनी True-5G सेवाओं का बीटा परीक्षण शुरू किया है। यूजर्स को 1 जीबीपीएस प्लस स्पीड के साथ अनलिमिटेड 5जी डेटा मिलेगा।