दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल

Hot Stocks: RPG लाइफ साइंसेज, पूनावाला फिनकॉर्प, वेल्सपन में शॉर्ट टर्म में मिलेगा 10% रिटर्न, जानें कैसे
Poonawalla Fincorp स्टॉक अपने 20, 50, 100 और 200 डे मूविंग एवरेज से ऊपर टिका हुआ है, जिससे इसमें ऑल टाइम फ्रेम में तेजी के रुझान नजर आते हैं
Welspun Corp का शेयर डेली और वीकली चार्ट पर हायर टॉप और हायर बॉटम बना रहा है और सभी महत्वपूर्ण मूविंग एवरेज से ऊपर बना हुआ है
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आज बाजार खुलते ही तेजी देखने को मिली। BSE दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल के सभी सेक्टर इंडेक्स में बढ़त नजर आई। निफ्टी के सभी 50 शेयरों में तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स के सभी 30 शेयरों में तेजी नजर आई। बैंक निफ्टी के सभी 12 शेयरों में खरीदारी होती हुई दिखी। इंट्राडे में निफ्टी ने 17,800 पार किया है। ऐसे बाजार में जानते हैं किन स्टॉक्स में ट्रेड से मुनाफा होगा।
अगले 2-3 हफ्तों में इस स्टॉक्स में मिलेंगे जोरदार रिटर्न
RPG Life Sciences: Buy | LTP: Rs 768.75 | Stop-Loss: Rs 720 | Targets: Rs 860-910 | Return: 12-18 percent
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गोल्डन क्रॉसओवर का मतलब यह है कि जब किसी शेयर का शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज लंबी अवधि के मूविंग एवरेज को पार कर जाए तब गोल्डन क्रॉसओवर बनता है। गोल्डन क्रॉसओवर से संबंधित नियम के मुताबिक जब 50 दिन का मूविंग एवरेज 200 दिन के मूविंग एवरेज को पार कर जाता है तो इसे गोल्डन क्रॉसओवर कहा जाता है।
कुछ इन्वेस्टर एक्स्पोनेंशियल मूविंग एवरेज आई एम के को देखकर शेयरों में निवेश करते हैं, वह सिंपल मूविंग एवरेज नहीं देखते। कुछ निवेशक 200 दिन की जगह 100 दिन के मूविंग एवरेज की तुलना लंबी अवधि के मूविंग एवरेज से करते हैं।
निवेश की दुनिया में ऐसा माना जाता है कि गोल्डन क्रॉसओवर प्रवृत्ति में बदलाव (change in trend) को दर्शाता है।
गोल्डन क्रॉसओवर क्या देता है सुझाव
गोल्डन क्रॉसओवर तेजी और एक संभावित लॉन्ग टर्म ट्रेंड रिवर्सल का सुझाव देता है। हालांकि सिर्फ इसी आधार पर फैसले लेना फायदेमंद नहीं होगा। इसलिए, इसका उपयोग उन शेयरों को स्क्रीन करने के लिए एक पैरामीटर के रूप में किया जाना चाहिए जो एक ट्रेंड रिवर्सल की ओर बढ़ रहे हों। इसके अलावा, यह प्राइस दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल एक्शन के साथ बेहतर काम करता है और इससे आपको लॉन्ग टर्म बॉयस long-term bias शेयरों को चुनने में मदद मिलेगी। 50 डीएमए और 200 डीएमए के सकारात्मक और नकारात्मक क्रॉसओवर का उपयोग एंट्री और एक्जिट प्वाइंट के रूप में भी किया जाता है।
किन शेयरों में बन रहा है गोल्डन क्रॉसओवर?
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स्टॉक खरीदने के लिए मूविंग एवरेज का उपयोग कैसे करें
यदि आप शेयर मार्केट से परिचित हैं तो आपने सुना होगा कि इन्वेस्टर, ट्रेडर और मार्केट पर नजर रखने वाले सभी लोग अक्सर स्टॉक की कीमतों का विश्लेषण करने की कोशिश करते हैं। इन उपायों में फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस ध्यान देने लायक हैं। टेक्निकल एनालिसिस के दौरान मूविंग एवरेज (या एमए) का ज़िक्र होता है। मूविंग एवरेज इंडिकेटर समझने के लिए आगे पढ़ें।
मूविंग एवरेज की परिभाषा
मूविंग एवरेज एक जरिया है टेक्निकल एनालिसिस का और लगातार अपडेटेड एवरेज प्राइस के साथ प्राइस डाटा तैयार किया जाता है। यहां जिस एवरेज की बात हो रही है वह ट्रेडर की पसंद के अनुसार लम्बे समय तय किया जाता है। यह अवधि 15 दिन, 40 मिनट या 30 सप्ताह की भी हो सकती है। अपने ट्रेडिंग रूटीन में मूविंग एवरेज को शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है, खासकर जब आपके पास उस तरह के मूविंग एवरेज को चुनने का विकल्प होता है। मूविंग एवरेज से संबंधित स्ट्रेटेजी काफी लोकप्रिय हैं और किसी भी समय-सीमा के अनुरूप तैयार की जा सकती हैं जो अल्पकालिक ट्रेडर्स के साथ-साथ लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्सों के लिए उपयुक्त है।
मूविंग एवरेज के उपयोग का महत्त्व
मूविंग एवरेज के ज़रिये आप अपने प्राइस चार्ट पर बेवजह के आंकड़े कम कर सकते हैं। मूविंग एवरेज की दिशा देखकर ही यह पता लगाया जा सकता है कि कीमत किस तरह बढ़ रही है। यदि यह ऊपर की तरह है, तो यह संकेत करता है कि कीमत समग्र रूप से बढ़ रही है, और यदि यह नीचे दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल की ओर है, तो इसका मतलब है कि कीमत कुल मिलाकर गिर रही है। यदि मूविंग एवरेज साइडवेज़ चल रही है, तो इसका मतलब है कि कीमत सीमित दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल दायरे में रहेगी।
मूविंग एवरेज सपोर्ट या रेजिस्टेंस के रूप में काम कर सकता है। 50- 100- या 200-दिन के मूविंग एवरेज से जुड़े अपट्रेंड के मामले में, यह सपोर्ट लेवल की भूमिका निभा सकता है क्योंकि मूविंग एवरेज ऐसे स्तर की भूमिका निभाता है जिसके बाद कीमत में उछाल आ सकती है। यदि डाउनट्रेंड है, तो मूविंग एवरेज रेजिस्टेंस की तरह काम कर सकता है और कीमत इस स्तर पर आने बाद लुढ़कने लगती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कीमत के लिए हमेशा इस तरह से मूविंग एवरेज पर गौर करना ज़रूरी नहीं है। ऐसे कई उदाहरण हो सकते हैं जिनमें कीमत कुछ हद तक इसके माध्यम से चल सकती है या फिर उस तक पहुंचने से पहले रुक जाती है और वापस मुड़ जाती है।
आम तौर पर आप यह मान सकते हैं कि यदि कीमत मूविंग एवरेज से ऊपर है, तो रुझान बढ़ोतरी का है। दूसरी तरफ, यदि कीमत मूविंग एवरेज से नीचे आती है, तो रुझान गिरावट का है। इसका मतलब यह है कि एमए अलग-अलग हो सकता है और एक एमए यदि रुझान नीचे होने का संकेत दे रहा है तो दूसरा रुझान में तेज़ी का संकेत दे सकता है।
विभिन्न मूविंग एवरेज पर एक नजर
मूविंग एवरेज को कई तरीकों से कैलकुलेट किया जा सकता है, जिनमें से कुछ के बारे में नीचे बताया गया है।
सिंपल मूविंग एवरेज (या एसएमए) को कैलकुलेट करना - यदि आप पाँच दिन के सिंपल मूविंग एवरेज का उपयोग करना चाहते हैं, तो आपको पांच ताज़ा रोज़ाना क्लोजिंग प्राइस को जोड़ना होगा और जो संख्या आती है उसे पांच से भाग देना होगा ताकि आपको हर दिन के लिए एक नया एवरेज मिल सके। हर एवरेज को जोड़कर, आप एक ऐसी सिंपल लाइन जोड़ लेते हैं जो स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ती है।
एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज फॉर्मूला (या ईएमए) - यह कैलकुलेशन अधिक जटिल है क्योंकि सबसे हाल के दिनों कीमत को अधिक महत्त्व दिया जाता है। यदि आपको 50 दिन का ईएमए और 50-दिन का एसएमए एक ही चार्ट में बनाना हो, तो स्पष्ट हो जाएगा कि ईएमए एसएमए के मुकाबले कीमत में बदलाव पर अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया करता है क्योंकि हाल की कीमत को अधिक महत्त्व किया गया है। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और चार्टिंग सॉफ्टवेयर जिस तरह कैलकुलेट करते हैं, आपको मूविंग एवरेज के लिए अपने दिमाग पर उतना ज़ोर डालने की ज़रुरत नहीं है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मूविंग एवरेज का एक रूप दूसरे से बेहतर नहीं है। इसके बजाय,अलग-अलग हालत में वे सभी महत्वपूर्ण हैं। इसका मतलब यह है कि कुछ हालात में ईएमए स्टॉक या फिनांशियल मार्केट के अनुकूल हो सकता है जबकि अन्य में एसएमए अधिक उपयुक्त हो सकता है। इसके अलावा, मूविंग एवरेज के लिए चुनी गई समय सीमा भी महत्वपूर्ण है और यह प्रभावित करेगी कि यह कितना प्रभावी होगा, भले ही कैसा भी एमए विकल्प चुना गया हो।
मूविंग एवरेज के दायरे निर्धारण
10, 20, 50, 100 और 200 सबसे आम मूविंग एवरेज दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल के दायरे हैं और ट्रेडर की समय-सीमा के अनुसार किसी भी चार्ट टाइम फ्रेम में जोड़े जा सकते हैं। मूविंग एवरेज के लिए चुनी गई समय सीमा को "लुक बैक पीरियड" कहते हैं। यह समय सीमा मूविंग एवरेज की प्रभावशालिता पर असर डाल सकती है। इसे बेहतर ढंग से समझने के लिए, एक एमए लें जिसमें दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल एक शॉर्ट टाइम फ्रेम हो और यह लंबे लुक-बैक पीरियड के एमए घमंड के मुकाबले कीमत में बदलाव पर कहीं अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया करेगी।
निष्कर्ष
मूविंग एवरेज सरल प्राइस डाटा प्रदान करने में मदद करता है क्योंकि यह इसे दुरुस्त करता है और सिंगल फ्लोइंग लाइन बनाता है जिससे रुझान देखना आसान हो जाता है। यदि आप मूविंग एवरेज के बारे में और जानना चाहते हैं और बस एंजेल वन वेबसाइट पर जाएं।
डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य है, महज जानकारी प्रदान करना न कि इन्वेस्टमेंट के बारे में कोई सलाह/सुझाव प्रदान करना और न ही किसी स्टॉक को खरीदने -बेचने की सिफारिश करना।
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डेली चार्ट पर RSI की रीडिंग 80 के ऊपर होने के मतलब है कि बुल्स को अब सावधान हो जाना दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल चाहिए। अब जल्द ही हमें गिरावट या करेक्शन देखने को मिल सकता है
अब निफ्टी के लिए 17750 पर सपोर्ट नजर आ रहा है । अगर निफ्टी इसके नीचे जाता है तो अगला सपोर्ट 17600 पर है।
डेली चार्ट पर निफ्टी पिछले 2 महीनों से हायर हाई और हायर लो बॉटम फॉर्मेशन बना रहा है और बहुत ही कम अवधि में इसने 17 फीसदी की तेजी दिखाई है। 17 अगस्त को निफ्टी में ग्लोबल संकेतों के मुताबिक फ्लैट ओपनिंग देखने को मिली थी। लेकिन पूरे दिन यह इंट्राडे चार्ट पर हायर बॉटम फॉर्मेशन बनाते हुए हरे निशान में ट्रेड करता दिखा।
कल के कारोबार में निफ्टी डेली चार्ट पर अपने डाउनवर्ड स्लोपिंग ट्रेंडलाइन के ऊपर बंद हुआ था और वर्तमान में यह इसके ऊपर बना हुआ है। ट्रेंड लाइन के ऊपर की क्लोजिंग एक ब्रेकआउट का संकेत है। मोमेंटम ऑसीलेटर RSI डेली चार्ट पर ओवरबॉट जोन (70) के ऊपर पहुंच गया है और अभी भी इसमें तेजी बनी हुई है। डेली चार्ट पर RSI की रीडिंग 80 के ऊपर होने के मतलब है कि बुल्स को अब सावधान हो जाना चाहिए। अब जल्द ही हमें गिरावट या करेक्शन देखने को मिल सकता है।
शेयर बाजार में शेयर खरीदने के नियम
भविष्य को सुरक्षित और सरल बनाने के लिए निवेश बहुत ही आवश्यक कार्यों में से एक है। सभी लोग अपने जोखिम के अनुसार अलग-2 वित्तीय संस्था में निवेश करते है जैसे बैंक , डेब्ट , गोल्ड और शेयर बाजार आदि। आप एक बेहतर returns चाहते है तो शेयर बाजार के उत्तम विकल्प है। लेकिन आपको एक सही रणनीति से निवेश करना चाहिए। शेयर बाजार के अंतर्गत आप इक्विटी, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव इत्यादि में ट्रेडिंग करने के लिए एक प्लेटफॉर्म आते है।
अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने के लिए निवेशक को जानकारी होनी चाहिए की आपको शेयर खरीदने के किये क्या करें, किस कंपनी के शेयर ख़रीदे , शेयर कब खरीदे और शेयर खरीदने के नियम क्या है ? यदि आप शेयर बाजार में नए है और आप स्टॉक मार्किट सलाहकार चाहते है तो CapitalVia को संपर्क करें।
यही आप शेयर बाजार में स्वं निवेश करना चाहते है तो आपको शुरू में कुछ नियमों को ध्यान में रखकर, धीरे-2 शेयर मार्किट में निवेश करने की योजना बनाने होगा। आईये सभी बिन्दुवो को जानते है।
शेयर खरीदने के नियम
वित्तीय लक्ष्य
कोई भी निवेश वित्तीय लक्ष्य के बिना दिशाहीन है। आपको शेयर बाजार में निवेश करने से पहले वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने है जैसे आपको लॉन्ग टर्म (Long Term) के लिए निवेश करना है या शॉर्ट टर्म (Short Term) के लिए निवेश करना है। शॉर्ट टर्म में मुख्यतः ट्रेडर आते है जो इंट्राडे ट्रेडिंग या स्विंग ट्रेडिंग को चुनते हैं। वहीं लॉन्ग-टर्म में निवेशक आते है जो डिलीवरी ट्रेडिंग या पोज़िशनल ट्रेडिंग का विकल्प चुन सकते हैं।
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग : शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग अल्प समय के लिए निवेश किया जाता है , जैसे एक दिन, एक सप्ताह या एक माह। शॉर्ट टर्म के अंतर्गत इक्विटी (Equity), डेरीवेटिव (Derivative), फ्यूचर (Future) और ऑप्शन (Options) ट्रेडिंग आता है। इसमें ट्रेडर्स प्रतिदिन, साप्ताहिक या मासिक अवधि में रिटर्न प्राप्त करते है। इस तरह की ट्रेडिंग में जोखिम ज्यादा होता है।
लॉन्ग टर्म निवेश : लॉन्ग टर्म में दीर्घ समय के लिए निवेश किया जाता है इसके अंतर्गत एक वर्ष या उससे अधिक अवधि के निवेश आते है। इसमें आप विशेष कंपनी के शेयर को खरीद लम्बे समंय तक होल्ड (Hold) कर के रख सकते है। लॉन्ग टर्म में डिलीवरी ट्रेडिंग किया जाता है। इस तरह की निवेश में जोखिम कम होता है।
मौलिक और तकनीकी विश्लेषण
यह शेयर को खरीदने के नियमों में सबसे महत्वपूर्ण नियम है क्यूकि यह आपके निवेश का दशा और दिशा निर्धारित करता है। जब आप सही विश्लेषण और रिसर्च के साथ निवेश करते है तो आपको बेहतर रिटर्न प्राप्त होता है। किसी विशेष कंपनी के शेयर खरीदते समय, कंपनी के पिछले प्रदर्शन के साथ उसके भविष्य की संभावनाओं पर रिसर्च करना आवश्यक है। शेयर मार्किट के विश्लेषण में एक और पहलु पे आपको अवश्य ध्यान देने चाहिए, शेयर खरीदने से पहले मार्केट ट्रेंड पर भी नज़र रखे और यह समझने की कोशिश करें कि शेयर मार्केट की स्थिति पहले कैसी थी और अभी कैसे चल रही है। इसके आधार पर ही शेयर खरीदें।
मौलिक विश्लेषण : शेयर के मौलिक विश्लेषण के अंतर्गत कंपनी के वित्तीय विवरणों का अध्धयन किया जाता है जो आपको कंपनी की वर्तमान स्थिति और विकास की संभावना के बारे में बताता है। इसके साथ-2 बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, ऑपरेटिंग मार्जिन, प्रति शेयर इनकम और अन्य जानकारी को समझना में मदद मिलता दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल है और आप समझ सकते है की कंपनी कैसा प्रदर्शन कर रही है।
तकनीकी विश्लेषण : तकनीकी विश्लेषण का मूल उद्देश्य कंपनी के भविष्य और पूर्व मूल्य के मूवमेंट के बारे में पता चलता है या तकनीकी विश्लेषण का मतलब शेयर मार्केट चार्ट और अन्य ट्रेडिंग इंडिकेटर का उपयोग करके शेयर मूल्य और वॉल्यूम के पिछले ट्रेंड को देखकर स्टॉक प्राइस के बारे में सही अनुमान करना है। यहाँ आप मूविंग एवरेज, कैंडलस्टिक चार्ट, बोलिंजर बैंड, इचिमोकू चार्ट और ऐसे ही कई अन्य चार्ट्स और इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए, शेयर खरीदने के लिए इंडिकेटर और ऑसिलेटर का प्रयोग करें जो कि प्राइस मोमेंटम का सपोर्ट करते हैं वह आपको शेयर खरीदने का फैसला लेने में आपकी मदद करता है।
सही कीमत पर शेयर खरीदें
शेयर खरीदने के एक मुख्य उद्देश्य आपको अपने निवेश का बेहतर रिटर्न प्राप्त हो सके। इसके इसलिए दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल आपको किसी विशेष कंपनी के शेयर मूल्य पर सदैव नज़र रखना चाहिए और जब शेयर का मूल्य अपने निचले स्तर पर होता है तब शेयर खरीदने चाहिए। शेयर खरीदने से पहले अपने जोखिम लेने की क्षमत को अवश्य जानना चाहिए। सदैव अपने बजट के अनुसार शेयर खरीदे और जो आपको बेहतर रिटर्न दे सके। यही शेयर आपके बजट से नहीं है तो ऐसे शेयर को छोड़ देना चाहिए या सही समय का प्रतीक्षा करना चाहिए। कभी भी लोन या उधार के कर शेयर नहीं खरीदना चाहिए। शेयर मार्किट से ट्रेंड्स को देख कर जब आपको लगे कि आपको शेयर बेचना चाहिए और आपको अच्छा रिटर्न मिल रहा है तब आपको शेयर बेच देने दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल चाहिए। लेकिन ध्यान रहे कि अगर इसका प्राइस नीचे जाता है तो आपको नुकसान भी हो सकता है।
इसलिए, शेयर हमेशा सही समय पर खरीदें और सही समय आने पर बेच दें।
समय-समय पर करें निवेश
अगर आप शेयर बाजार के खबरों से प्रतिदिन अवगत है तो यह भलीभांति जानते होंगे क़ि शेयर बाजार में शेयर के मूल्य हमेशा बदलते रहते है। अगर अपने एक ही दिन में पूरा पैसा निवेश कर दिया है तो आपको निवेश या ट्रेड किये हुए मूल्य का रिटर्न एक बार में नहीं मिल पायेगा। संभावना यह भी है क़ि आपको लाभ हो या नुकशान हो। यही समय और शेयर बाजार के परिस्थिति को ध्यान में रख कर निवेश कर रहे है तो आपको बेहतर रिटर्न की संभावना अधिक है।
निवेशक सलाहकार से परामर्श
आप शेयर बाजार में नए है सदैव निवेशक सलाहकार (investment Advisor) के परामर्श से निवेश करने चाहिए। क्यूकि इन्वेस्टमेंट एडवाइजर के अनुभवी रिसर्चर आपको उचित शेयर खरीदने में मदद करते है जिससे आपको बेहतर रिटर्न प्राप्त हो सके।
शेयर बाजार में निवेश एक अच्छा विकल्प है एक बेहतर रिटर्न के लिए। आपको सदैव अपने वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रख कर शेयर खरीदने चाहिए।
शेयर बाजार में निवेश करना जोखिम है इसलिए किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले आपको सुनिश्चित करना चाहिए की आपको शार्ट टर्म के लिए निवेश करना है या लॉन्ग टर्म के लिए। कंपनी के मौलिक और तकनिकी अध्धयन ध्यान में रखकर निवेश करने चाहिए।
विशेष कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करके उस कंपनी के बारे में बारीकी से जान सकते हैं जिस कंपनी के शेयर आप खरीदना दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज रूल चाहते हैं।
शेयर खरीदने के लिए आपको सही शेयर मूल्य का इंतज़ार करना चाहिए और अपने जोखिम को ध्यान में रख कर बजट में शेयर को खरीदना चाहिए। कभी भी लोन या उधार ले कर शेयर नहीं खरीदना चाहिए।
कभी भी एक बार में निवेश नहीं करना चाहिए अपने वित्तीय लक्ष्य को ध्यान में रख कर धीरे -2 अपने बजट के अनुसार निवेश करना चाहिए। यही आप अनुभव की कमी के वजय से सही शेयर नहीं खरीद पाते है तो आपको इन्वेस्टमेंट एडवाइजर के परामर्श से निवेश करना चाहिए।
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