डीमैट अकाउंट क्या होता है

प्रमुख डीमैट अकाउंट कंपनियों की सूचि
दोस्तों, शेयर बाजार के बारें में आप जरूर सुने होंगे। लेकिन क्या आप जानते है की शेयर बाजार में ट्रेडिंग कैसे किया जाता है ? इसमें ट्रेडिंग के लिए पैसे के अलावा सबसे बुनियादी जरुरत क्या होती है?
डीमैट खाता, जी डीमैट अकाउंट क्या होता है डीमैट अकाउंट क्या होता है हां दोस्तों। डीमैट अकाउंट (खाता) शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए सबसे बुनियादी जरुरत है। यह आपके बैंक अकाउंट (खाता) की तरह होता है। जैसे आपको पैसे की लेनदेन के लिए बैंक अकाउंट की जरुरत होती है, उसी तरह से शेयर बाजार में शेयर को खरीदने और बेचने के लिए डीमैट अकाउंट (खाता) की जरुरत होता है।
शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट (खाता) अनिवार्य होता है। डीमैट को डीमैटरियलाइज़ेशन कहते है, डीमैट इसका संक्षिप्त रूप है। शेयर बाजार में ट्रेडिंग डिजिटल होता है इसलिए डीमैट अकाउंट अनिवार्य है।
दोस्तों, अब आप समझ गए है की डीमैट अकाउंट की आवश्यकता शेयर बाजार में क्यूँ होता है। अब हम विस्तार से जानेंगे, भारत में सबसे प्रमुख कम्पनियाँ कंपनियों के बारे में, जो डीमैट अकाउंट (खाता) खोलती है।
सबसे प्रमुख डीमैट अकाउंट कम्पनियाँ
1. ज़ीरोदा (Zerodha)
ज़ीरोदा, बैंगलोर, कर्नाटक में स्थित एक डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनी है, जो शेयर बाजार में इक्विटी निवेश की निःशुल्क सुविधा देता है। अन्य ट्रेडिंग जैसे इंट्राडे और फ्यूचर और ऑप्शन (F&O) ट्रेडिंग पर एक निश्चित शुल्क 20 या 0.03% रुपये है।
प्रतिदिन ट्रेडो की संख्या के अनुसार, ज़ीरोदा भारत की सबसे बड़ी रिटेल (खुदरा) ब्रोकर है। यह प्रतिदिन 7 मिलियन से अधिक ट्रेड प्रोसेस करता है। ज़ीरोदा के पास 800 करोड़ रुपये से अधिक पूजी है जो किसी भी ब्रोकर कंपनी से ज्यादा है।
ज़ीरोदा ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (खाता) खोलने की सुविधा देती है, कोई भी निवेशक बहुत आसानी से अपना डीमैट अकाउंट (खाता) खोल सकता है। ज़ीरोदा में डीमैट खाता खोलने का कोई शुल्क नहीं लगता है लेकिन खाता का वार्षिक रखरखाव के लिए एक न्यूनतम शुल्क है, जो दूसरे वर्ष से लिया जाता है।
2. अपस्टॉक्स (Upstox)
अपस्टॉक्स मुंबई, महाराष्ट्र में स्थिति भारत की सबसे प्रमुख डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनियों में से एक है जो इक्विटी, कमोडिटी और करेंसी बाजार में ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करती है। उपस्टेक्स के माध्यम से निवेशक स्टॉक्स, म्यूच्यूअल फण्ड, डिजिटल गोल्ड और आईपीओ में आसानी से निवेश या ट्रेड कर सकते है। अपस्टॉक्स में कोई भी निवेशक अपना ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (खाता) आसानी से खोल सकता है और डीमैट अकाउंट खोलने का कोई फीस नहीं लगता है । लेकिन आपके खाता के रखरखाव का एक न्यूनतम वार्षिक शुल्क निवेशक को देना होता है।
अपस्टॉक्स, शेयर निवेशोंको को कम सुविधा शुल्क पर पर NSE, BSE और MCX में ट्रेडिंग की सेवा प्रदान करता है। अपस्टॉक्स में निवेश करने वाली कंपनी और उनकी साझेदरी ईएसएस प्रकार है; टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट – 31.1% हिस्सेदारी, कलारी कैपिटल पार्टनर्स – 15.21% हिस्सेदारी, जीवीके डेविक्स टेक्नोलॉजीज – 2.54% हिस्सेदारी और रतन टाटा – 1.33% हिस्सेदारी
3. 5 पैसा
5 पैसा एक डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनी है जो सभी डिस्काउंट ब्रोकरेज कंपनियों से काम शुल्क पर ट्रेडिंग सुविधा देती है। आईआईएफएल (इंडिया इन्फो लाइन लिमिटेड) ने साल 2015 में एक 5 पैसा कंपनी स्थापित की थी और आज भारत के प्रमुख डीमैट कंपनियों में से एक है। यह इक्विटी, करेंसी, म्यूचुअल फंड्स, बीमा, फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O), आईपीओ (IPO) आदि प्रतिभूति बाजार में ट्रेडिंग की सुविधा देता है। 5 पैसा कमोडिटी में ट्रेडिंग की अनुमति नहीं देता है।
4. शेयरखान
शेयरखान एक फुल-सर्विस स्टॉकब्रोकर है जो स्टॉक, निवेश, म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज, रिसर्च, निवेशक शिक्षा आदि सहित अन्य शेयर बाजार से जुड़े सेवाएं प्रदान करता है। श्री श्रीपाल मोरखिअ द्वारा शेयरखान की स्थापना मुंबई, महाराष्ट्र में सन 2000 में हुआ था। शेयरखान बीएसई, एनएसई, एमसीएक्स, सीडीएसएल और एनएसडीएल का एक सदस्य है। शेयरखान अपनी ऑनलाइन ट्रेडिंग वेबसाइट शेयरखान के माध्यम से ब्रोकरेज सेवाएं प्रदान करता है।
शेयरखान द्वारा कोई डीमैट खोलने का शुल्क नहीं लिया जाता है जबकि दूसरे वर्ष से 400 रुपये का एक निश्चित डीमैट रखरखाव शुल्क लिया जाता है।
5. आईसीआईसीआई डायरेक्ट
आईसीआईसीआईडायरेक्ट, भारत की सबसे बड़ा खुदरा ब्रोकर है। यह निवेशकों को ऑनलाइन डीमैट अकाउंट (खाता) की सुविधा देता है, जिससे निवेशक निःशुल्क ट्रेडिंग कर सकते है। यह पिछले 2 दशकों में 50+ लाख से अधिक ग्राहकों को सेवा दे रहा है। इसका 170+ शाखाएं पुरे भारत में फैला हुआ है। आईसीआईसीआईडायरेक्ट इक्विटी, म्यूचुअल फंड, डेरिवेटिव्स, फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O), करेंसी, कमोडिटी, ईटीएफ, इंश्योरेंस, आईपीओ, कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट, लोन, एनपीएस, वेल्थ मैनेजमेंट, कॉरपोरेट सर्विसेज, एनआरआई सर्विसेज, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज आदि जैसे 50 से अधिक वित्तीय उत्पादों (Financial Products) और सेवाएं देती है।
6. एचडीएफसी सिक्योरिटीज
एचडीएफसी सिक्योरिटीज एक फुल टाइम सर्विस ब्रोकर है जिसकी शुरुवात सन 2000 में हुआ था। यह एचडीएफसी बैंक का हिस्सा है जो शेयर मार्किट ब्रोकिंग और डीमैट सेवा प्रदान करती है | डिजिटल गोल्ड, इक्विटी, स्टॉक एसआईपी, ईटीएफ, आईपीओ,, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, डेरिवेटिव, म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपाजिट (Fixed Deposit ), एनपीएस (NPS), ऋण, बीमा तथा अन्य सेवाएं देती है।
वे पहले वर्ष से INR 999 का ट्रेडिंग खाता खोलने का शुल्क और INR 750 का डीमैट खाता रखरखाव शुल्क लेते हैं।
7. मोतीलाल ओसवाल
मोतीलाल ओसवाल एक फुल टाइम ब्रोकर है, इसकी शुरुवात सन 1987 में वित्तीय सेवा (Financial Service) के रूप में हुआ था जो आज वित्तीय बाजार में जाना माना नाम हो गया है। शायद ही कोई निवेशक मोतीलाल ओसवाल से परिचित नहीं हो। आज यह इक्विटी, डेरिवेटिव, कमोडिटीज, करेंसी, म्यूचुअल फंड, आईपीओ, डिजिटल गोल्ड, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, बॉन्ड और कॉरपोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट आदि में सेवा देता है। मोतीलाgraल ओसवाल के पास 9 लाख से अधिक ग्राहक है और इसके 2200 से ज्यादा शाखा है।
खाता खोलने के लिए उनके पास कोई शुल्क नहीं है, लेकिन दूसरे वर्ष से सभी डीमैट खाताधारकों से 441 का वार्षिक रखरखाव शुल्क लिया जाता है।
दोस्तों, आप यहाँ शेयर बाजार में डीमैट खाता के जरुरत को समझा। डीमैट अकाउंट निवेशक के प्रतिभूति (Security) को जमा रखता है और अगर कोई निवेशक शेयर बाजार में अपने प्रतिभूति (Security) को खरीदना या बेचना चाहता है तो डीमैट खाता दे द्वारा खरीद या बेच सकता है। साथ ही भारत की प्रमुख डीमैट खाता खोलने वाली कंपनी के बारे और उनके विशेषतावों को विस्तार जानकारी प्राप्त किये है।
दोस्तों, अगर आपके पास डीमैट खाता है और शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश के लिए रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर चाहते है तो आप कॅपिटलविआ (CapitalVia) ग्लोबल रिसर्च लिमिटेड कमपनी को संपर्क कर सकते है।
सबसे प्रमुख डीमैट अकाउंट कम्पनियाँ, डीमैट अकाउंट कम्पनियाँ, डीमैट कम्पनियाँ, ज़ीरोदा , अपस्टॉक्स, 5 पैसा, शेयरखान , आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एचडीएफसी सिक्योरिटीज, मोतीलाल ओसवाल, डीमैट कम्पनियाँ, डीमैट खाता शुल्क, डीमैट कम्पनियाँ in hindi, डीमैट कम्पनियाँ इन हिंदी
Demat Account क्या है What is Demat Account in hindi
How to open demat account शेयर बाजार में जब आप निवेश करने जाते हैं तो सबसे पहले आपसे डीमेट अकाउंट (Demat Account) के बारे में पूछा जाता है. जो लोग शेयर बाजार में पहली बार निवेश कर रहे हैं उनमें काफी कम लोगों को डीमेट अकाउंट की जानकारी (Demat account details in Hindi) होती है. कई डीमैट अकाउंट क्या होता है लोग ये नहीं जानते कि डीमेट अकाउंट क्या होता है? (Demat account kya hai?) डीमेट अकाउंट कैसे खोला जाता है? डीमेट अकाउंट के क्या फायदे हैं? इस तरह की काफी सारी जानकारी निवेश करने वालों को नहीं होती है. अगर आप शेयर बाजार में निवेश करने जा रहे हैं और डीमैट अकाउंट के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां आप डीमैट अकाउंट से जुड़ी सारी बातें जान पाएंगे.
डीमैट अकाउंट क्या है? (What is Demat Account?)
डीमैट अकाउंट से जुड़ा सबसे पहला सवाल जो हमारे दिमाग में आता है वो यही है कि डीमैट अकाउंट क्या होता है? Demat Account का full form “Dematerialized Account” होता है. ये एक तरह का अकाउंट होता है जो शेयर मार्केट में होने वाले transaction के काम आता है.
इसे समझने के लिए हम सेविंग अकाउंट का उदाहरण लेते हैं. सेविंग अकाउंट में हम कभी भी अपना पैसा जमा कर सकते हैं, कभी भी निकाल सकते हैं, और कोई उस पैसे को वहाँ से चोरी भी नहीं कर सकता. ये होता है सेविंग अकाउंट का काम. मतलब वो आपके पैसों का पूरा लेखा-जोखा संभालकर रखता है और जरूरत आने पर आपको वो पैसा रिटर्न भी करता है.
अब बात करते हैं Demat account की. इसका संबंध पैसों से नहीं बल्कि आपके खरीदे और बेचे गए शेयर से होता है. जब आप कोई शेयर खरीदते हैं तो ये शेयर आपके पास फिजिकल रूप में सीधे नहीं पहुंचता. इसे स्टोर करने के लिए Demat account खुलवाया जाता है. ताकि आपके खरीदे गए शेयर का पूरा लेखा-जोखा Demat अकाउंट में रहे. जब आप शेयर को बेचना चाहेंगे तो अपने Demat account से ही सीधे बेच पाएंगे.
मतलब Demat account एक ऐसा अकाउंट है जिसमें आप अपने खरीदे गए शेयर को स्टोर करके रख सकते हैं, उसमें उसका पूरा लेखा-जोखा होगा. जब आपकी मर्जी होगी तब आप उसे बेच पाएंगे. बिलकुल सेविंग अकाउंट में जमा पैसों की तरह.
Demat account कितने तरह के होते हैं? (Types of Demat Account)
शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए तीन तरह के डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल होता है. इन्हें निवेशक के प्रोफ़ाइल के हिसाब से तैयार किया जाता है. इसकी पूरी देखरेख ब्रोकरेज फर्म करती है. चलिये जानते हैं कौन से हैं वो तीन तरह के डीमैट खाते.
1) रेगुलर डीमैट खाता (Regular Demat account)
शेयर बाजार में आने वाले वो निवेशक जो भारतीय हैं उन्हें रेगुलर डीमैट खाता दिया जाता है. आप इसे किसी भी रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास कुछ जरूरी दस्तावेज़ दिखाकर खुलवा सकते हैं. इस खाते से Electronical रूप में शेयर का ट्रेड किया जाएगा.
2) रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Repatriable Demat Account)
ये Demat account खासतौर पर NRI के लिए होते हैं. इसके माध्यम से वे शेयर बाजार में ट्रेड कर सकते हैं. इसके साथ ही वे विदेश में फंड ट्रांसफर भी कर सकते हैं. इस खाते को खुलवाने के लिए पासपोर्ट, वीजा, विदेश का पता, पासपोर्ट साइज फोटो और NRE bank account होना बेहद जरूरी है.
3) नॉन रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट (Non Repatriable Demat Account)
ये Demat account भी NRI के लिए ही होते हैं. इन्हें भी शेयर बाजार में निवेश करने के हिसाब से ही तैयार किया गया है. लेकिन इस अकाउंट के माध्यम से अकाउंट होल्डर विदेश में फंड ट्रांसफर नहीं कर सकता. इसके लिए NRO Bank Account की जरूरत होती है. इसे वो लोग खुलवा सकते हैं. जिनकी आय भारत और विदेश दोनों जगह से होती है.
कैसे खुलवाएं Demat account? (How to open a Demat Account Online?)
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए यदि आप Demat account खुलवाना चाहते हैं तो नीचे दिये गए स्टेप्स को फॉलो करें.
1) Demat Account Opening Documents
डीमैट खाता खुलवाने के लिए सबसे पहले तो आपके पास कुछ जरूरी दस्तावेज़ होने चाहिए.
– बैंक अकाउंट
– पैन कार्ड
– पहचान पत्र
– निवास प्रमाण पत्र
– कई मामलों में ITR की आवश्यकता भी होती है.
– पासपोर्ट साइज फोटो
2) Demat Account Charges
डीमैट खाता खुलवाने एवं रखरखाव के लिए आपको कुछ फीस या चार्जेस भी देने पड़ सकते हैं. इसलिए पहले इनके बारे में जान लेना जरूरी है.
A) वार्षिक रखरखाव शुल्क : ये आपके खाते को मेंटेन करने के लिए ब्रोकरेज फर्म हर साल लेती है.
B) संरक्षण शुल्क : ये भी आपके खाते और आपके transaction को सेफ और सिक्योर रखने के लिए ब्रोकरेज फर्म द्वारा लिया जा सकता है.
C) लेनदेन शुल्क : इसे लेना और न लेना पूरी तरह आपकी ब्रोकरेज फर्म पर निर्भर करता है. ये आपके प्रत्येक लेनदेन पर अपने हिसाब से चार्ज कर सकते हैं.
3) Demat Account Opening Process
जरूरी चीजे आपने इकट्ठी कर ली. चलिये अब जानते हैं कि आप कैसे Demat account ओपन कर सकते हैं.
Demat account open करना आज के समय में बेहद आसान है. आप इसे दो तरीके से खोल सकते हैं. पहला तो डीमैट अकाउंट क्या होता है डीमैट अकाउंट क्या होता है आप किसी रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास जाकर, जरूरी दस्तावेज़ देकर खुद खुलवा सकते हैं. या फिर ऑनलाइन Zerodha या Upstox जैसे एप पर जाकर अपना Demat account open कर सकते हैं.
Demat Account के क्या फायदे हैं? (Benefits of Demat Account?)
Demat account होने से आपको कई तरह के फायदे होते हैं.
1) इसके होने से आपको शेयर को संभालने का या उसके खोने का कोई झंझट नहीं होता है. आपके Demat account में Electronic रूप में ये हमेशा के लिए सेव हो जाता है.
2) आपके शेयर आपके Demat account में रहते हैं तो आपके साथ धोखा होने के चांस भी कम हो जाते हैं. आप खुद अपने transaction पर पूरी नजर बनाए रखते हैं.
3) अगर आपके पास Demat account है तो आपको लोन भी आसानी से मिल जाता है.
4) Demat account आपके शेयर को खरीदने और बेचने में लगने वाले फिजूल के समय को भी बचाता है.
5) Demat account की मदद से आप ये आसानी से ट्रैक कर सकते हैं कि आपने कौन सा शेयर खरीदा था? आज उसका दाम क्या है? किसी ने आपके शेयर के साथ कोई छेड़छाड़ तो नहीं की है.
शेयर बाजार में निवेश करने के बारे में मन बना रहे हैं तो सबसे पहले Demat account open करवाएं. इसके बिना शेयर बाजार की दुनिया में कदम भी न रखें. क्योंकि एक यही वो account है जिसमें आप अपने शेयर को रख पाएंगे और उन्हें ट्रैक कर पाएंगे.
डीमैट अकाउंट demat account का क्या मतलब होता है?
आज हम बात करेंगे डीमेट अकाउंट demat account होता क्या है,डिमैट अकाउंट demat account हम कैसे खोल सकते हैं. डिमैट अकाउंट demat account खोलने के क्या फायदे हो सकते हैं इसके बारे में हम विस्तारपूर्वक जानेंगे। आपको बता दें कि आप लोगों ने इसके बारे में एक नेट पर बहुत से पोस्ट पढ़े होंगे। पर कोई भी वेबसाइट आपको हिंदी में जानकारी नहीं बताएगी लेकिन हम आपको इसके बारे में हिंदी में अच्छे से समझाएंगे।
डिमैट अकाउंट demat account के जरिए ही लोग शेयर बाजार में शेयर खरीदे और बेच सकते हैं। इस अकाउंट को खुलवाने के लिए आपके पास पैन कार्ड का होना जरूरी है बिना पैन कार्ड के आप डीमेट अकाउंट demat account नहीं खोल सकते। कुछ साल पहले जब भी आप किसी कंपनी के शेयर खरीदे थे. तो कंपनी आपको उनसे जुड़े कुछ कागज भेजती थी वह कागज इस बात का सबूत होते थे कि आपने उस कंपनी में निवेश किया है, और उस कंपनी में शेयर खरीद रखे हैं पर डिमैट अकाउंट के आने के बाद सब बदल गया है ,इसके बारे में चलिए आपको बताते हैं.
डीमैट अकाउंट क्या है
आपको बता दें कि डिमैट अकाउंट Demat account में लोगों द्वारा शेयर खरीदने और बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. जिस प्रकार हम अपने पैसे बैंक अकाउंट में रखते हैं उसी प्रकार से लोग डिमैट Demat account खाते में अपने शेयर रखते हैं. जब भी हम अपने बैंक खाते से पैसा निकालते हैं, तो वह हमें भौतिक रूप में मिलता है, लेकिन जब तक यह बैंक में है, वह डिजिटल मुद्रा डिजिटल मुद्रा है। जब भी हम डेबिट कार्ड debit card से कहीं पर पेमेंट करते हैं, तो किया भी डिजिटल पेमेंट digital payment यानी कि इलेक्ट्रॉनिक Money Transfer का एक रूप होती है. इसी तरह जब हमारे पास डिमैट अकाउंट Demat account में शेयर होते हैं तो हम उनको किसी दूसरे व्यक्ति के लिए Demat account में digitally ट्रान्सफर कर सकते हैं .
आसान शब्दों में बात की जाए तो शेयरों को Digitally यानी कि इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा को डिमैट कहते हैं. डीमैट का पूरा नाम “डिमैटरियलाइज़” सिक्योरिटी है यानी शेयरों को भौतिक रूप से बदलने की प्रक्रिया को डीमैटरियलाइज़ेशन कहा जाता है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पुराने समय में जब भी कोई शेयर खरीदा थे। तो कंपनी आपको उस शेयर से जुड़े सारे दस्तावेज भेज दी थी वह इस बात का सबूत होते कि थे कि आपने शेयर में निवेश किया है, लेकिन जब भी आप उस शेयर को बेचते थे, तो पहले और दस्तावेज कंपनी के कार्यालय में जाते थे, वहां कंपनी देखती थी कि जब आप शेयर बेचते थे तो उसकी कीमत क्या थी, और उसके अनुसार आपको पैसे मिलते थे, इस प्रक्रिया में लंबा समय लगता था समय। यह जटिल होने के साथ-साथ खराब भी था, इसलिए ज्यादातर लोग शेयरों में निवेश करने से बचते रहे।
अपने जैसे ही शेयर खरीदा होगा कुछ ही समय के बाद आपके अकाउंट में आ जाएगा, और आप अगर कोई शेयर बेचते हैं, तो उसका पैसा उसी डीमैट अकाउंट क्या होता है समय आपके अकाउंट में दे दिया जाएगा। आजकल तो शेयर खरीदने या बेचने के लिए कंप्यूटर की भी आवश्यकता नहीं पड़ती .
डीमैट खातों तक पहुंचने के लिए आपको एक पासवर्ड की आवश्यकता होती है और transaction के लिए आपको transaction password दर्ज करना होता है।
Documents जिनकी जरुरत होती हैं : –
Pan Card / Pan Card
Aadhar Card / Aadhar Card
2 passport size photographs
Canceled Check / Savings Bank Account Passbook
Demat Account खोलने में कितने रुपये लगते है?
अगर आप सोच रहे हैं कि डीमेट अकाउंट demat account को खोलने में आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे तो आप गलत सोच रहे हैं आपको एक डिमैट अकाउंट खोलने में आप300 से 700 ₹ आसानी से demat account खोल सकते हैं, और आप शेयरों में निवेश शुरू कर सकते हैं।demat account अकाउंट को खुलवाने के लिए आपको वैसे तो मात्र ₹300 या उससे कुछ ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ते हैं पर डीमेट अकाउंट को चलाने के लिए डीपी आपसे कई तरह की फीस लेती है, हर चीज के लिए अलग फीस होती है.यह फिर अलग-अलग कंपनी में अलग-अलग हो सकती है.
आपको बता दें कि इसमें सबसे पहले जो फीस डीमैट अकाउंट क्या होता है ली जाती है वह होती है अकाउंट ओपनिंग फीस opening fee इसके बाद अकाउंट को मैनेज करने के लिए जो फीस ली जाती है वह होती है एनुअल मैनेजमेंट annual management फीस या फिर कंपनी शुरुआत में ही ले लेती है और साल भर खाते को मैनेज करके फिर उसे रखा जाता है.
Transaction fees: इसका मतलब है जब भी कोई शेयर कर दो डिमैट अकाउंट में आदान-प्रदान किया जाता है तो उसके लिए कंपनी एक अलग से शुल्क चार्ज करती है वह शुल्क शेयर के नंबर और उनकी कीमत के अनुसार हो सकता है अगर आप बाजार में नए-नए हैं तो आपको यह सलाह दी जाएगी कि आप निवेश करने से पहले किसी ब्रोकर से अवश्य सहायता ले।
डीमैट खाता कौन खोलेगा
आपको बता दें कि यदि आप भारत में डीमेट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो भारत में 2 संस्थाएं कार्य करती हैं पहली NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी CDSL (central securities depository limited). इनके करीबन 500 से अधिक एजेंट है, जिनको डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंटdepository participants कहा जाता है. इनका काम खाता खुलवाना होता है और इन्हें आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. ऐसा जरूरी नहीं है कि डीपी कोई बैंक ही हो और सिर्फ वही डिमांड अकाउंट खोल सकती है इसके अलावा कोई भी कई संस्थाएं हैं जो कि डिमैट अकाउंट खोल सकती है इनमें से कुछ मुख्य संस्थाएं जैसे कि sharekhan,india infoline आदि है.
आप इनके दफ्तर जाकर भी डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं या फिर आप अपने घर बैठे ही डिमैट अकाउंट ऑनलाइन इन ट्रेंड की मदद से खोल सकते हैं यह क्रिया बहुत ही सरल है और इसको खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड का होना बहुत ही जरूरी है.
डीमैट अकाउंट क्या होता है
डीमैट अकाउंट क्या होता है -(Demat Account in Hindi)
- Post last modified: July 12, 2020
- Post author: Yogesh Singh
- Post category: Share Market
- Post comments: 0 Comments
हेलो दोस्तों ! क्या आप को पता है Demat Account क्या होता है (Demat Account in Hindi)? इसके आने से Share Market में निवेश करने की प्रक्रिया में कैसे बदलाव आया है और कैसे आप भी Demat Account खोल सकते है ? इसके क्या क्या फायदे है ?बाजार में निवेश करने के लिए Demat Account क्यों जरुरी है ?आईये विस्तार में जानते है |
Demat Account क्या होता है (Demat Account in Hindi)?
Demat Account में लोगो द्वारा खरीदे गए शेयर्स को रखा जाता है और शेयर के अलावा म्युचुअल फंड यूनिट,बॉन्ड , डिबेंचर, और सिक्योरिटीज को भी रखा जाता है । बाजार में निवेश करने के लिए आपके पास Demat Account जरूर होना चाहिए |
जैसे आप बैंक में जाकर अपने पैसे निकालते है तो वह भौतिक रूप में आपको मिलते है | वही जब आप क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग के के माध्यम से किसी को पैसे ट्रांसफर करते हो तो वह भी Digital Money कहलाता है |
ठीक उसी प्रकार आपके शेयर्स भी डिजिटल रखे जाते है जिसे आप भौतिक रूप से देख नहीं सकते और शेयर्स बेचने पर दूसरे व्यक्ति के Demat Account में वह शेयर्स स्थानांतरित हो जाते है|
Demat Account एक बैंक अकाउंट की तरह ही है बस यहाँ पैसे नहीं डीमैट अकाउंट क्या होता है शेयर्स रखे जाते है और शेयर्स बेचने पर यही से दुसरे निवेशक के Demat Account में ट्रांसफर भी किये जाते है|
लेकिन पहले यह प्रक्रिया इतनी सरल नहीं थी| उस समय आप को कंपनी द्वारा दस्तावेज दिए जाते थे और जब आपको अपने शेयर्स को बेचना होता था तो उन सब दस्तावेजों को कंपनी में वापिस जमा करना पड़ता था | कभी कभी इस प्रक्रिया में कई महीने भी लग जाए किया करते थे |
Demat Account क्यों होना चाहिए ?
अगर आपको शेयर मार्किट से shares खरीदने और बेचने है तो आपके पास Demat Account जरूर होना चाहिए | क्योँकि SEBI(Security and Exchange Board OF India) के निर्देशानुशार बिना डीमैट खाते के आप shares खरीद और बेच नहीं सकते |
Demat Account कौन खोलता है ?
भारत में केवल दो संस्थाओ द्वारा ही डीमैट अकाउंट खोला जाता है:
- National Securities Depository Limited(NSDL)
- Central Depository Services Limited (CDSL)
आपको बस अपने ब्रोकर या बैंक को निर्देश देने की जरुरत है वह इन दोनों संस्थाओ में से किसी एक के पास आपका डीमैट अकाउंट खोल देंगे | भारत में बहुत से ब्रोकर्स है जो इन दो संस्थाए से जुड़े है जिनके पास जाकर आप अपना डीमैट खाता खुलवा सकते है अब तो इंटरनेट के माधयम से यह प्रक्रिया काफी सरल हो चुकी बस आपके पास खाता खुलवाने के लिए पैन कार्ड जरूर होना चाहिए |
डीमैट खाता खोलने के लिए कौन कौन से Documents की जरुरत पड़ती है ?
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास नीचे दिए गए डाक्यूमेंट्स की जरुरत पड़ती है|
- पैन कार्ड (Pan Card)
- आधार कार्ड (Aadhar Card)
- २ पासपोर्ट फोटो (2 Passport Size Photos)
- सेविंग खाता पासबुक (Saving Bank Account Passbook)
Demat Account खुलवाने का खर्च ?
आपको लगता होगा की डीमैट अकाउंट खोलना काफी ख़र्चे वाला काम होगा तो में आपको बता दू आप बिलकुल गलत हो | डिस्काउंटेड ब्रोकर्स के आने जाने से डीमैट अकाउंट रखना काफी किफायती हो गया है |
यहाँ तक की कुछ ब्रोकर्स तो बिना पैसे लिए ही आपका खाता खुलवा देते है Upstox और Angel Broker वह दो ब्रोकर्स है जो आपका खाता बिना पैसे लिए ही खुलवा देते है साथ ही में 1 साल तक फ्री मेन्टेन्स भी देते है | वैसे डीमैट अकाउंट खुलवाने का ख़र्च 300-700 तक आ जाता है वही मेन्टेन्स चार्जेज भी ब्रोकर्स के अपने अलग अलग होते है |
Note: डीमैट अकाउंट खुलवाने से पहले आप ब्रोकर्स की फीस ,सालाना मेन्टेन्स चार्जेज ,जरुर देख ले |
Demat Account काम कैसे करता है ?
जब आप शेयर्स खरीदते है तो आपका ब्रोकर Demat Account में वह शेयर्स को Credit कर देता है और आपको अपनी होल्डिंग्स में वो नज़र आने लगता है लेकिन शेयर्स को क्रेडिट होने में 2 दिन का समय लगता है और आप इंटरनेट के माध्यम से उसे अपनी होल्डिंग में देख सकते है |
और जब आप शेयर्स को बेचते है तो आपका ब्रोकर उन शेयर्स को आपके डीमैट अकाउंट से Debit कर देता है और आपके बिके हुए शेयर्स के पैसो को आपके Trading Account में ड़ाल देता है और आपको यह सारा विवरण इंटरनेट के माध्यम से आपको दिखने लगता है |
यह भी पढ़े
Demat Account के फायदे
- पहले शेयर्स भौतिक रूप में मिला करते थे तो इसमे चोरी तथा डकैती का खतरा बना रहता था जिस वजह से अधिकतर लोग शेयर्स में इन्वेस्ट नहीं करते थे| लेकिन अब इस परिक्रिया में से जोखिम समाप्त किया जा चूका है क्यूंकि अब शेयर्स को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाता है|
- पहले ऐसा संभव नहीं था की आप Demat account खोलते समय किसी व्यक्ति को नामांकित करे लेकिन अब आप कर सकते है|
- Demat Account के आने से शेयर्स को स्थानांतरित करने में बिलकुल भी समय नहीं लगता पहले इस परक्रिया में कभी कभी कई महीने लग जाते थे |
- Demat Account को बंद करने की प्रक्रिया भी काफी सरल हो चुकी है आप को कही भी जाने की आवश्यकता नहीं है आप इसे ऑनलाइन कर सकते है|
- पहले Shares को बेचने की प्रक्रिया सरल नहीं थी | क्योँकि आप odd lot में shares नही बेच सकते थे लेकिन अब आप कम से कम 1 share को भी बेच सकते है |
Conclusion
आज हमने जाना की Demat Account क्या होता है किसी निवेशक के लिए यह कितना जरुरी है अगर आपका डीमैट अकाउंट क्या होता है कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमे कमेंट कर सकते है |
Investment Tips: बाजार के जोखिम से बचाते हैं 'बॉन्ड', जानिए कैसे करें इनमें निवेश और कितना मिलता है रिटर्न
सरकारी और कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश करके स्थिर और सुरक्षित रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है.
बॉन्ड कम जोखिम के साथ स्थिर और निश्चित रिटर्न देने वाले विकल्प माने जाते हैं. एनएसई ऐप या बॉन्ड प्लेटफार्म के जरिए सरकारी बॉन्ड में निवेश किया जा सकता है. कूपन वैल्यू, मैच्योरिटी, लिक्विडिटी और अन्य विशेषताओं के साथ बॉन्ड में निवेश कई विकल्प हैं.
- News18 हिंदी
- Last Updated : November 21, 2022, 12:27 IST
हाइलाइट्स
बॉन्ड एक डेब्ट इंस्ट्रूमेंट होता हैं जिसका अर्थ प्रतिभूति या ऋणपत्र होता है.
मुख्य रूप से बॉन्ड सरकार और कंपनियों के द्वारा जारी किये जाते हैं.
इनमें एक निश्चित ब्याज दर का भुगतान करने का वादा किया जाता है.
नई दिल्ली. बाजार में उच्च और कम जोखिम से जुड़े निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं. आपने अक्सर बॉन्ड के बारे में सुना होगा. ये कम जोखिम के साथ स्थिर और निश्चित रिटर्न देने वाले विकल्प माने जाते हैं. महंगाई और अन्य आर्थिक अनिश्चितता के बीच बाजार में जब भी वॉलेटिलिटी बढ़ती है तो निवेशक सरकारी और कॉरपोरेट बॉन्ड में पैसा लगाते हैं.
एनएसई ऐप या बॉन्ड प्लेटफार्म के जरिए सरकारी बॉन्ड में निवेश किया जा सकता है. कूपन वैल्यू, मैच्योरिटी, लिक्विडिटी और अन्य विशेषताओं के साथ बॉन्ड में निवेश कई विकल्प हैं. खास बात यह है कि ये सभी जोखिम रहित हैं. आइये समझते हैं बॉन्ड क्या होते हैं, कितने प्रकार के होते हैं और इनमें कैसे निवेश किया जा सकता है.
क्या होते हैं बॉन्ड?
बॉन्ड एक डेब्ट इंस्ट्रूमेंट होता हैं जिसका अर्थ प्रतिभूति या ऋणपत्र होता है. बॉन्ड्स के जरिए निवेशक बॉन्ड जारीकर्ता को लोन उपलब्ध करवाते हैं. इसके बदले में बॉन्ड जारी किया जाता है. इसमें एक निश्चित ब्याज दर का भुगतान करने का वादा किया जाता है. इन जारी किये बॉन्ड्स पर ब्याज दर लिखी होती हैं जिसे कूपन रेट भी कहा जाता है.
मुख्य रूप से बॉन्ड सरकार और कंपनियों के द्वारा जारी किये जाते हैं. निवेश के लिहाज से बॉन्ड्स काफी सुरक्षित माने जाते हैं. कंपनी का बॉन्ड धारक को भुगतान करने की प्रथम जिम्मेदारी होती है.
कितने तरह के होते डीमैट अकाउंट क्या होता है हैं बॉन्ड
फिक्सड रेट बॉन्ड: इनमें निवेश करने पर निवेशक को मैच्योरिटी तक ब्याज की एक निश्चित रकम मिलती है.
फ्लोटिंग रेट बॉन्ड: इसमें इंटरेस्ट रेट बेंचमार्क के अनुसार परिवर्तित होती रहती है. आमतौर पर ये बॉन्ड सरकारों द्वारा जारी किए जाते हैं.
जीरो कूपन बॉन्ड: ऐसे बॉन्ड डिस्काउंट पर जारी किए जाते हैं और इन्हें बॉन्ड होल्डर्स से निश्चित अवधि के बाद वापस खरीदा जाता है. इसमें आने वाला अंतर ही निवेशक की कमाई है.
कन्वर्टिबल बॉन्ड: इसमें ब्याज का भुगतान होता है और मैच्योरिटी पर फेस वैल्यू मिलती डीमैट अकाउंट क्या होता है डीमैट अकाउंट क्या होता है है. खास बात है कि इन्हें जारीकर्ता कंपनी द्वारा शेयरों में भी बदला जा सकता है.
कैसे खरीदें बॉन्ड
आप घर बैठे ऑनलाइन डायरेक्ट बॉन्ड खरीद सकते हैं. ऑनलाइन वेबसाइट से बॉन्ड खरीदने पर ये आपके डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाते हैं. कॉर्पोरेट बॉन्ड्स स्टॉक एक्सचेंज पर भी ट्रेड के लिए उपलब्ध होते हैं. स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है. गवर्नमेंट बॉन्ड्स भी बोली के जरिए ब्रोकर की मदद से खरीदे जा सकते हैं.
निवेशक चाहे तो सीधे बैंक के द्वारा भी बॉन्ड खरीद सकते हैं. इन सब के अलावा जो कंपनी अपने बॉन्ड जारी करती है. उनकी ऑफिशियल वेबसाइट के जरिए भी बॉन्ड की खरीदी की जा सकती है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|