ओपनिंग ब्रोकर

अगर आपको अपना आर्डर रद्द करना है तो वो भी कर सकते है। नौ बजकर सात या आठ मिनट के दौरान यह स्लॉट खत्म हो जाता है। Life Insurance Corporation Lic के initial public offer (IPO) से ओपनिंग ब्रोकर पैसे कैसे कमायें?
डीमैट अकाउंट क्या है और इसे कैसे खोले सारी जानकारी हिंदी में
कोरोना काल के बाद लोगों के बीच एक सवाल बहुत पॉपुलर हो कर उभरा है की डीमैट अकाउंट क्या है। इसका एक बहुत बड़ा कारण रहा है कोरोना की वजह से लगने वाला लॉकडाउन। जिससे लोगों के काम – धंधे ठप्प हो गए। और लोग अब घर बैठे कुछ इनकम कमाना चाहते थे। जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग शेयर बाजार की तरफ आकर्षित हुए। परन्तु अब सवाल ये था की शेयर बाजार में इन्वेस्ट कैसे किया जाए। क्योंकि ओपनिंग ब्रोकर इसके लिए सबसे पहले एक डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है। इसीलिए आज हम आपको इस डीमैट अकाउंट की पूरी जानकारी देने जा रहे है।
सन 1996 से पहले किसी भी कंपनी के शेयर physical form में होते थे। मतलब जैसे हम किसी भी जमीन के मालिकाना हक का पता उसके कागजात देखकर पता करते है ठीक उसी तरह ये शेयर भी हमारे पास इन्ही कागजात के रूप में होते थे। जिनको संभालना ,बेचना, खरीदना इत्यादि बहुत ही मुश्किल होता था। क्योंकि सन 1996 से पहले जब भी किसी शेयर को खरीदना या बेचना होता था तो इसके लिए उस व्यक्ति या उसके स्टॉक ब्रोकर को स्टॉक एक्सचेंज में फिजिकल रूप में उपस्थित होना पड़ता था। जो की एक बहुत ही कठिन प्रक्रिया थी। जिस कारण बहुत से लोग तो शेयर मार्किट में इसीलिए इन्वेस्ट नहीं करते थे। इसके अलावा तब शेयर्स के physical form में होने के कारण इनके चोरी, गुम या नष्ट होने का खतरा भी बना रहता था।
डीमैट अकाउंट कहाँ खुलवाए –
अब तक आपको इतना तो समझ आ चूका होगा की डीमैट अकॉउंट क्या है और इसकी जरूरत क्यों होती है। अब सवाल उठता है की इसे कहाँ खुलवाए। इसके लिए आज के समय में बहुत से ब्रोकर है। परन्तु यह ब्रोकर भी तीन तरह के होते है।
- Full service broker – ये कुछ ऐसे ब्रोकर होते है जिनका ब्रोकरेज ज्यादा होता है क्योंकि ये कुछ अतिरिक्त सेवाएं देते है जैसे – समय – समय पर टिप देना या किसी ट्रेड के लिए call करना जिसे हम call in trade भी कह सकते है इसके अलावा ट्रेड से जुडी किसी भी प्रॉब्लम के लिए एक मैनेजर देना जिससे आप कभी भी अपनी प्रॉब्लम को शेयर कर सकते है। परन्तु इसके लिए ये बहुत ज्यादा ब्रोकरेज लेते है। इसके अलावा इनके द्वारा दी जाने वाली टिप और कॉल भी साधारण होती है।
- Bank – आजकल कुछ बैंक भी saving account के साथ – साथ डीमैट अकाउंट को भी open करते है। मगर इनकी ब्रोकरेज discount broker से बहुत ज्यादा होती है।
- Discount broker – दोस्तों अब तीसरी तरह के ब्रोकर आते है जो की आज के समय में सबसे उपयुक्त है और इन्हे हम discount ब्रोकर के नाम से भी जानते है। इनकी ब्रोकरेज बहुत ही कम होती है इसके अलावा इनका अकाउंट ओपनिंग चार्ज भी ना के बराबर होता है। इनके कुछ के नाम है जैसे – Angle broking, upstocks, zerodha, 5 paisa, Groww इत्यादि भारत के कुछ famous stock broker है। इन पर समय समय पर बहुत से ऑफर चलते रहते है। इसीलिए आप इनके ऑफर्स ओपनिंग ब्रोकर को चेक करके अपने लिए बेस्ट ब्रोकर ढूंढ सकते है। इसीलिए आज के समय अनुसार हमे डिस्काउंट ब्रोकर पर ही अकाउंट खुलवाना चाहिए।
अपना डीमैट अकाउंट खुलवाते समय किन बातों का ख्याल रखे –
दोस्तों हमे ये तो पता चल गया है की हमे अपना डीमैट अकाउंट डिस्काउंट ब्रोकर पर ही खुलवाना चाहिए परन्तु इसके अलावा भी कुछ ऐसी बाते है जिनका हमे डीमैट अकाउंट खुलवाते समय मुख्य रूप से तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए –
- Annual maintenance charge ( A.M.P. ) – दोस्तों किसी भी डिस्काउंट ब्रोकर से अपना अकाउंट खुलवाने से पहले यह पता कर ले की उसका A.M.P. क्या है। क्योंकि कई ब्रोकर आपका अकाउंट तो फ्री में खोल देते है परन्तु उनका annual maintenance charge बहुत ज्यादा होता है। इसीलिए डीमैट खुलवाते समय इस बात का ध्यान रखे की आपका A.M.P. कम से कम या फिर शून्य हो।
- ब्रोकरेज – वैसे तो डिस्काउंट ब्रोकर की ब्रोकरेज बहुत कम होती है परन्तु बहुत से ऐसे ब्रोकर है जिनकी ब्रोकरेज जीरो होती है। अगर ओपनिंग ब्रोकर बाकी सब चीजे ठीक है तो किसी ऐसे ही ब्रोकर पर डीमैट अकाउंट खुलवाए जो जीरो ब्रोकरेज लेता हो।
- अकाउंट ओपनिंग चार्ज – आप किसी ऐसे डिस्काउंट ब्रोकर के साथ जिसका अकाउंट ओपनिंग चार्ज भी जीरो हो।
शेयर मार्केट का ओपनिंग और क्लोजिंग टाइम क्या होता है?
शेयर मार्केट पूरी तरह से ओपन होने के पहले Pre-Open होता हैं, जहां पर हम शेयर को खरीदने या हमारे पास होल्डिंग में पहले से हैं, तो उसे बेचने के लिए आर्डर लगा सकते हैं। जिस का निर्धारित समय सुबह 9:00 बजे से 9:08 तक होता हैं, ओपनिंग ब्रोकर उसके बाद 9:08 से 9:15 के बीच में ऑर्डर एग्जीक्यूशन का टाइम होता हैं, जहां पर अगर किसी ने ऑर्डर खरीदने के लिए या ऑर्डर के लिए लगाया हैं, तो आर्डर मैच होने के बाद प्रि-ओपन मार्केट में ही खरीदारी और बिकवाली हो जाती हैं।
उसके बाद 9:15 से मार्केट पूरी तरह से ओपन हो जाता हैं, जहां पर हम इंट्राडे ट्रेड या उसके अलावा फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग कर सकते हैं, जो कि 3:00 बजे तक होता है 3:00 बजे के बाद इंट्राडे क्लोजिंग करने का समय हो जाता हैं।
जिसमें सभी ब्रोकर में अलग-अलग समय निर्धारित किया गया हैं, जैसा कि ZERODHA में 3:22 मिनट में, UPSTOX में 3:18 मिनट में, ऐसा करके 3:25 के अंदर सभी इंट्राडे पोजीशन क्लोज हो जाते हैं, और 3:30 ओपनिंग ब्रोकर में हमारा मार्केट एनएसई और बीएसई बंद हो जाता है, और शाम 3:40 मिनट में जो भी आर्डर है कंप्लीट कर दिए जाते हैं, पेंडिंग ऑर्डर कैंसिल कर दिए जाते हैं। उसके बाद अगले दिन सुबह 9:00 बजे फिर से मार्केट की ओपनिंग होती हैं, और वही और पिछले दिन की दिनचर्या के ऐसा ही चलता हैं, जहां पर शनिवार और रविवार की छुट्टी होती हैं। किसी प्रकार से त्यौहार होता हैं, वहां पर भी छुट्टी दी जाती हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम
इंट्राडे ट्रेडिंग यानी की एक ही दिन के अंतराल में स्टॉक को बाय ओपनिंग ब्रोकर और सेल करना । लेकिन मार्केट के 6 घंटे की अवधि किस अवधि में इंट्राडे ट्रेडिंग करना फायदेमंद होता है, साथ ही इक्विटी और कमोडिटी के लिए क्या इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम रखा गया है, ये सभी ज़रूरी बातो को यह विस्तार में जानेंगे।
अब जैसे की आप जानते है कि शेयर बाजार के नियम है जिसका पालन कर आप ट्रेड कर सकते है । सभी नियमों में से एक नियम शेयर मार्केट के समय का है जिसमे आप ट्रेड कर सकते है। इक्विटी शेयर बाजार की बात करे तो वह सुबह 9:15 से शाम 3:ओपनिंग ब्रोकर 15 तक खुला रहता है । यह 6 घंटे की अवधि एक ट्रेडर के लिए विभिन्न अवसर लेकर आती है जिसमे ट्रेडर मुनाफा कमा सकता है।
लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग में मुनाफे के लिए ज़रूरी है एक सही समय का चुनाव करना । ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रेडिंग के दौरान वोलैटिलिटी, लिक्विडिटी और अन्य कारक प्राइस में तेज़ी से उतार-चढ़ाव लाते है जिसकी वजह से एक ट्रेडर को नुकसान भी हो सकता है।
कमोडिटी इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम
कमोडिटी मार्केट में ओपनिंग ब्रोकर इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम रात को 11:55 तक खुली रहती है तो अगर किसी कमोडिटी (crude oil, cotton, natural gas, etc) में ट्रेड करते है तो आप अपनी पोजीशन को रात तक ओपन करके रख सकते है ।
लेकिन इक्विटी मार्केट की तरह यहाँ भी आपको स्क्वायर-ऑफ टाइम का ध्यान रखना है और मार्केट बंद होने से कम से कम 15 मिनट पहले अपनी पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होता है ।
इंट्राडे ट्रेडिंग स्क्वायर ऑफ का समय हर ब्रोकर का अलग होता है और इसलिए आप अपने ब्रोकर से इसकी जानकारी ज़रूर प्राप्त करें ।
इंट्राडे ट्रेडिंग करने का सही समय
इंट्राडे ट्रेडिंग उन्ही स्टॉक में ज़्यादातर की जाती है जिसमे अस्थिरता ज़्यादा होती है, अब यहाँ पर अलग अलग समय में वोलैटिलिटी भी अलग होती है जिसके अनुसार इंट्राडे ट्रेडिंग समय सीमा को निम्नलिखित चरणों में बांटा गया है:
ये इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम सबसे ज़्यादा वोलेटाइल होता है। सुबह के पहले घंटे में इंट्राडे स्टॉक में सबसे ज़्यादा अस्थिरता देखी जाती है, इसका सबसे बढ़ा कारण मार्केट बंद होने के बाद आयी कोई न्यूज़ या अन्य कोई कारण हो सकता है। ये वह समय में सबसे ज़्यादा वॉल्यूम देखि जाती है यानी की इस समय सबसे ज़्यादा ट्रेडर एक्टिव रहते है।
ये समय ट्रेडर्स के लिए मुनाफा कमाने का अवसर लेकर आता है लेकिन वोलैटिलिटी अधिक होने के कारण इस समय नुक्सान भी ज़्यादा हो सकता है और इसलिए शुरूआती ट्रेडर को इस समय इंट्राडे ट्रेड करने की सलाह नहीं दी जाती।
Post Closing Session
पोस्ट क्लोजिंग सेशन तीन चालीस से चार बजे तक होता है। यानी कि सिर्फ बीस मिनट के लिए। हम इस सेशन में नार्मल सेशन के क्लोजिंग प्राइस पर शेयर खरीद तथा बेच सकते है- जैसे मन लीजिये इंफोसिस के शेयर का क्लोजिंग प्राइस 600 रूपये है तथा कोई ट्रेडर इंफोसिस के शेयर खरीदना या बेचना चाहता है, तो वह post closing session में 600 रूपये के भाव पर खरीद या बेच सकता है।
प्रीओपनिंग सेशन तथा पोस्ट क्लोजिंग सेशन सिर्फ cash segment में ही होते है। फ्यूचर एंड ऑप्शन में ये दोनों सेशन नहीं होते है।संक्षेप में Stock market opening and closing in India इस प्रकार है -
9, 00 AM To 9 ; 15 AM , Price Opening Session
9, 15 AM To 3 ; 30 PM Normal Session ( Regular Session )
3, 30 PM To 3 ; 40 PM Closing Price Calculation
3, 40 PM To 4 ; 00 PM Post Closing Session
कई बार ऐसा होता है कि stock market open session के दौरान किसी कारणवश शेयर खरीद या बेच नहीं पाहैं। तब After Market Order यानि AMO का उपयोग कर सकते है। आफ्टर मार्केट ऑर्डर में आप अपने शेयर खरीदने तथा बेचने के ऑर्डर, स्टॉक मार्केट ओपनिंग ब्रोकर बंद होने से लेकर स्टॉक मार्केट खुलने तक दे सकते है। इस समय में वास्तविक ट्रेडिंग नहीं होती है, ओपनिंग ब्रोकर क्योंकि तो बंद ही Stock market रहता है आप बस अगले ट्रेडिंग सेशन के लिए ऑर्डर प्लेस सकते है।
अलग-अलग ब्रोकर्स के आफ्टर मार्केट ऑर्डर का समय अलग हो सकता है। कुछ स्टॉक ब्रोकर आफ्टर मार्केट ऑर्डर कि ओपनिंग ब्रोकर सुविधा नहीं प्रदान करते है। Stock market में एक स्पेशल ट्रेडिंग सेशन भी होता है, जिसे दीपावली पर किया जाता है। इसे मुहूर्त ट्रेडिंग भी कहते है। इसमें दीपावली के दिन एक घंटे के लिए ट्रडिंग होती है। मुहूर्त ट्रडिंग ज्यादातर शाम के समय होती है।
डीमैट अकाउंट के शुरूआती और सालाना Charges कितने होते है
डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए अलग अलग शुल्क है ये 6 तरह के Charges होते है आइये जानते है इनके बारे में ..
डीमैट अकाउंट खुलवाने पर आपको जो शुल्क देना होगा उसे अकाउंट ओपनिंग चार्ज कहते है और ये वन टाइम Free होती है। यानी पहली बार अकाउंट खुलवाने पर आपको कोई पैसा नही देना होगा. जबकि कुछ बैंक अकाउंट क्लोजिंग चार्ज भी लेते है.
ब्रोकर चार्ज
आप अपने अकाउंट से जो भी शेयर खरीदते और बेचते हो उसपर ब्रोकर का चार्ज बनता है और सभी ब्रोकर के अलग अलग चार्ज होते है.
फंड ट्रांसफर चार्ज
पेमेंट, NEFT/RTGS/IMPS और चेक से ट्रांसफर किये फंड के लिए ब्रोकर कोई चार्ज नही लेते है.
सालना चार्ज
ब्रोकर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट पर सालभर का मेंटेनेंस चार्ज लगाते है जोकि 150 रूपये से लेकर 900 रूपये तक होते है.