Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख

संसद टीवी संवाद
क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।
यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।
विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)
Cryptocurrency को लेकर RBI गवर्नर ने दी चेतावनी, निवेशक हो जाए सावधान!
क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को आगाह करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ऐसी संपत्तियों का कोई आधार नहीं है।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: February 10, 2022 14:49 IST
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Highlights
- आरबीआई गवर्नर ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई आधार नहीं है
- क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया गया है
- क्रिप्टोकरेंसी भारत की आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपना रुख एक बार फिर साफ किया है। आरबीआई की मौद्रिक पॉलिसी समीक्षा गुरुवार को पेश करते हुए शक्तिकांत दास ने फिर दोहराया कि क्रिप्टोकरेंसी भारत की आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने साफ किया कि निजी क्रिप्टोकरेंसी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख लिए खतरा हैं, और दोनों मोर्चों पर चुनौतियों से निपटने की इसकी क्षमता को कमजोर करते हैं। उन्होंने कहा कि RBI को इस भारी उतार-चढ़ाव वाली मुद्रा को लेकर बड़ी चिंता हैं।
निवेशकों को फिर किया अगाह
क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को आगाह करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ऐसी संपत्तियों का कोई आधार नहीं है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि आगे भी किप्टोकरेंसी पर भारत सरकार और आरबीआई का रुख सख्त रहने वाला है। गौरतलब है कि केंद्रीय बजट में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया गया है। इसके अलावा वर्चुअली डिजिटली एसेट्स को ट्रांसफर करने पर 1% TDS भी देना होगा।
सरकार बिल लाने की तैयारी में
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार बिल लाने की तैयारी में है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि बिल पर चर्चा हो रही है। इसके बाद सरकार इसे संसद में पेश करेगी। माना जा रहा है कि बिल में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्थिति साफ होगी। दुनिया के कई देश पहले ही इसपर प्रतिबंध लगा चुके हैं। ऐसे में भारत में और सख्ती बढ़ने की आशंका है।
आरबीआई ला रहा डिजिटल करेंसी
आरबीआई द्वारा पेश किए जाने वाले डिजिटल करेंसी पर पूछे गए सवाल के जवाब में आरबीआई ने कहा कि हम करीब डेढ़ साल से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पर काम कर रहे हैं। इस बार के बजट में प्रस्ताव है कि डिजिटल करेंसी के लिए आरबीआई एक्ट में बदलाव किया जाएगा। हालांकि, ये कब तक लॉन्च होगा, इस सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख कोई टाइमलाइन नहीं देना चाहते हैं। हम जल्दाबाजी में नहीं हैं, इसे पूरी तरह से सुरक्षित और सावधानी से इसे लॉन्च करेंगे।
क्रिप्टो मार्केट में आई गिरावट पर बोले RBI गवर्नर, 'क्रिप्टोकरेंसी की नहीं है कोई वैल्यू'
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "यह कुछ ऐसा है जिसकी कोई वैल्यू नहीं है. आप इसे कैसे रेग्यूलेट करते हैं, इस पर बड़े सवाल हैं. हमारा रुख बिल्कुल साफ है, यह भारत की मौद्रिक, वित्तीय और वृहद आर्थिक स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर करेगा."
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत का रुख हमेशा से ही अधिक उदार नहीं रहा है, और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में एक बार फिर इसे स्पष्ट कर दिया है. सोमवार को RBI गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी और इसके मार्केट के प्रति आगाह कर रहा था, और अब यह क्रैश हो गया है.
CNBC TV18 को दिए एक इंटरव्यू में RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "हम क्रिप्टो के खिलाफ सावधानी बरत रहे हैं और देखिए कि क्रिप्टो मार्केट में अब क्या हुआ है. अगर हम पहले से ही इसे रेग्यूलेट कर रहे थे, तो लोगों ने सवाल उठाया होगा कि नियमों का क्या हुआ."
RBI गवर्नर ने कहा, "यह कुछ ऐसा है जिसकी कोई वैल्यू नहीं है. आप इसे कैसे रेग्यूलेट करते हैं, इस पर बड़े सवाल हैं. हमारा रुख बिल्कुल साफ है, यह भारत की मौद्रिक, वित्तीय और वृहद आर्थिक स्थिरता को गंभीर रूप से कमजोर करेगा."
हाल ही में, दुनियाभर के क्रिप्टोकरेंसी मार्केट भारी गिरावट देखने को मिली है. सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन इस महीने की शुरुआत में 27,000 डॉलर पर ट्रेड कर रही थी. एक वक्त था जब इसने अब तक के सबसे अधिक 69,000 डॉलर के आंकड़े को छुआ था. लेकिन जब से बिटकॉइन Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख गिरावट आनी शुरू हुई, तब से यह 30,000 डॉलर से ऊपर नहीं पहुंच पाई है.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि उनका मानना है कि केंद्र सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्रीय बैंक साथ खड़ी नज़र आती है. दास का मानना है कि सरकार भी यह समझती है कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है.
दास ने कहा, “हमने सरकार को अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है और वे इस पर विचार करेंगे. मुझे लगता है कि सरकार की ओर से जो बयान सामने आ रहे हैं, वे लगभग एक जैसे हैं। वे भी समान रूप से चिंतित हैं."
RBI ने क्रिप्टो एक्सचेंजों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है. अपने शुरुआती दिनों में, जब बिटकॉइन धीरे-धीरे भारत में अपनी पहचान बना रहा था; RBI ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई थी. हालांकि, 2018 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध को हटा दिया था, और तब से RBI ने वर्चुअल करेंसी पर कड़ा रुख बनाए रखा है. इसने भारत में मैक्रोइकॉनॉमी पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रभाव को लेकर समय-समय पर आगाह किया है.
सरकार भी क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से स्वीकार करने में हिचक रही है.
इस साल के केंद्रीय बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी और इससे जुड़ा संपत्तियों की ट्रेडिंग पर 30 प्रतिशत कर का प्रस्ताव दिया था. इसके ट्रांजेक्शन पर बतौर TDS 1 प्रतिशत कटौती तय की गई है.
गौरतलब हो कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इससे पहले बीते साल नवंबर में भी चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी ने RBI के लिए 'गंभीर चिंता' पैदा की है. शक्तिकांत दास ने तब ये भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या को बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है.
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक की चिंता के बावजूद देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में क्रेज बढ़ता जा रहा है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश बढ़ने से बीते साल के अगस्त महीने में CoinDCX यूनिकॉर्न बन गया था. और इसके बाद अक्टूबर में CoinSwitch Kuber ने यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारी थी.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की तैयारी, जानिए अन्य देशों में इसको लेकर क्या है नियम
भारत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाए जाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाने का निर्णय किया है। सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने वाले विधेयकों की मंगलवार को जारी की गई सूची में भी क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित विधेयक शामिल था। हालांकि, भारत से पहले कई अन्य देश भी क्रिप्टोकरेंसी पर सख्ती बरत चुके हैं। यहां जानते हैं कि अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर क्या नियम है।
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह वर्चुअल या डिजिटल होती है। इसे देखा या छुआ नहीं जा सकता है, लेकिन डिजिटल कॉइन के रूप में ऑनलाइन वॉलेट में जमा किया जा सकता है। यह एक तरह की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो पूरी तरह के कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर निर्भर है। इसी पर किसी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। साल 2009 में बिटकॉइन के साथ इसकी शुरुआत हुई और ढेरों नाम इस वर्चुअल करेंसी सिस्टम से जुड़ते चले गए।
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 10 करोड़ से अधिक लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखा है। यह देश की आबादी का आठ प्रतिशत हिस्सा है। सरकार के इस पर बैन लगाने से इन लोगों द्वारा निवेश किए गए 70,000 करोड़ फंस जाएंगे।
द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 की प्रस्तावना में लिखा है कि इसका मकसद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल करेंसी के निर्माण के लिए फ्रेमवर्क Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख तैयार करना है। इसका मकसद भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना भी है, हालांकि कुछ अपवादों को मंजूरी दी जाएगी ताकि क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इसके उपयोगों को भविष्य में बढ़ावा दिया जा सके।
क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम कसने के मामले में सबसे कड़ा रुख चीन का रहा है। चीन ने 2019 से क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाया था, लेकिन यह विदेशी एक्सचेंजों के माध्यम से ऑनलाइन जारी रहा। इस साल की शुरुआत में चीन ने क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले लेनदेन को पूरी तरह से गैर-कानूनी बना दिया। सितंबर में सरकार ने स्पष्ट किया कि क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय में शामिल लोगों इससे होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार होंगे और उन पर मुकदमे भी दर्ज किए जाएंगे।
नेपाल के केंद्रीय बैंक 'नेपाल राष्ट्र बैंक' ने अगस्त 2017 में ही क्रिप्टोकरेंसी को अवैध घोषित कर दिया था। इसी तरह वियतनाम के स्टेट बैंक ऑफ वियतनाम ने बिटकॉइन और बाकी अन्य क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल, जारी करने और आपूर्ति को अवैध करार दिया है। भुगतान में इसके इस्तेमाल पर वहां 1.5 करोड़ वियतनामी डोंग (करीब 50,000 रुपये) से लेकर 2 करोड़ वियतनामी डोंग (करीब 65,668 रुपये) तक का जुर्माना लगाया जाता है।
रूस की व्लादिमिर पुतिन सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को एक एसेट के रूप में मान्यता दे रखी है। ऐसे में इसे रखने वालों को रूस के कानून के हिसाब से कर चुकाना Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख पड़ता है। इसी तरह फ्रांस सरकार ने साल 2019 में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करना शुरू कर दिया था। फ्रांस में क्रिप्टोकरेंसी पर चल संपत्ति की तरह ही नियमानुसार कर लगाया जाता है। इसके चलते वहां इसमें निवेश करने वालों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है।
इंडोनेशिया सरकार ने भी क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम कसने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। वहां की सरकार ने साल 2018 में ही क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के लिए एक कानून बना दिया था। उसके बाद से यहां इस करेंसी का इस्तेमाल नहीं होता है।
तुर्की सरकार ने अप्रैल में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया। देश के केंद्रीय बैंक के नियमानुसार वितरित लेजर तकनीक पर आधारित क्रिप्टोकरेंसी और ऐसी अन्य डिजिटल संपत्ति का उपयोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भुगतान के रूप में नहीं किया जा सकता है। Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख अमेरिका में इसको लेकर सभी राज्यों में अलग-अलग नियम है। हालांकि, अमेरिका शुरू से ही इसे मंजूरी देने के पक्ष में रहा है।
यूरोपीय संघ में के देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर अलग-अलग नियम है। अधिकतर देशों ने सॉफ्ट-टच नियामक ढांचे का विकल्प चुना है। यूरोपीय आयोग ने पिछले साल सितंबर में 'मार्केट्स इन क्रिप्टो-एसेट्स रेगुलेशन' शीर्षक से जारी किए मसौदे में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित वित्तीय साधनों के रूप में माना जाएगा। इसके अनुसार, किसी भी फर्म की होल्डिंग, ट्रेडिंग, ब्रोकरेज सेवाओं की पेशकश या निवेश सलाह देने के लिए पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होगी।
यूनाइटेड किंगडम (UK) में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार सीधे नहीं होता है। वहां क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग जैसी सेवाओं के लिए प्राधिकरण की आवश्यकता होती है। वित्तीय आचरण प्राधिकरण (FCA) ही अधिकृत क्रिप्टोकरेंसी-संबंधित व्यवसायों को लाइसेंस प्रदान करता है। हालांकि, वह लोगों को सावधानी से निवेश की सलाह भी देता है। कनाड़ा में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तो है, लेकिन इस पर कर नियम लागू होते हैं। इसके इस्तेमाल पर Cryptocurrency को लेकर क्या है केंद्र सरकार का रुख कर में छूट नहीं मिलती है।
एक ओर जहां अधिकतर देश क्रिप्टोकरेंसी पर फैसला नहीं ले पा रहे हैं, वहीं मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने सितंबर में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी रूप से मान्यता दे दी है। ऐसे में अब यहां रोजमर्रा की चीजों की खरीददारी के लिए होने वाले वित्तीय लेनदेन में बिटकॉइन को भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि बिटकॉइन वहां पूरी तरह को कानूनी है। अल सल्वाडोर ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है।