डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

बता दें कि इससे पहले अनुराग ठाकुर ने बजट सत्र के दौरान कहा था कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबध में जल्द ही एक विधेयक लाएगी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि नियामक संस्थाएं जैसे RBI और SEBI के पास क्रिप्टोकरेंसी को सीधे तौर पर रेगुलेट करने के लिए कोई कानूनी व्यवस्था मौजूद नहीं है। क्योंकि वे पहचान किए जा सकने वाले यूजर्स द्वारा जारी करेंसी, मुद्रा, सिक्योरिटी या कमोडिटी नहीं हैं।
डिजिटल मुद्रा : आज की आवश्यकता
बीते एक दशक में एथरियम और बिटकॉइन जैसी डिजिटल मुद्राओं या क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता ने विश्व भर के अधिकांश केंद्रीय बैंकों को उनके द्वारा नियंत्रित डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने पर गंभीरता से विचार करने के लिये मजबूर कर दिया है, जो कि कैशलेस सोसाइटी के लक्ष्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में डिजिटल मुद्रा की कमियों को दूर करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगी। इस संदर्भ में यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने यूरोपीय संघ के लिये 'सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी’ यानी केंद्र बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा के मूल्यांकन का इरादा व्यक्त किया है। ज्ञात हो कि वर्ष 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्तीय संस्थाओं को किसी भी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेन-देनों को सुविधा न प्रदान करने का निर्देश दिया था।
हालाँकि बीते दिनों रिजर्व बैंक ने संकेत दिया था कि वह सरकार समर्थित डिजिटल मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) विकसित करने की व्यवहार्यता का अध्ययन कर रहा है। विश्व भर में आज ऐसे तमाम देश हैं, जो सरकार द्वारा समर्थित डिजिटल मुद्रा की संभावना की तलाश कर रहे हैं, जिसमें चीन और अमेरिका जैसे बड़े देश भी शामिल हैं, ऐसे में भारत को डिजिटल मुद्रा विकसित करने हेतु प्रतिस्पद्र्धा में पीछे नहीं रहना चाहिये और जल्द-से-जल्द इस प्रकार की संभावनाओं की तलाश करनी चाहिये।
digital currency kya hai | What is digital currency?
E Rupee एक cashless और digital payment system का मीडियम है जो SMS स्ट्रांग या QR कोड के रूप में प्राप्त होगा| यह एक तरह से गिफ्ट वाउचर के समान है जिसे बिना किसी क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड मोबाइल एप्लीकेशन यां इंटरनेट बैंकिंग के खास एक्सेप्टिंग से सेंटर यानी जो डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? डिजिटल रूपी को स्वीकारते हो वहां पर इसे रिडीम यां अपनाया जा सकेगा|
हकीकत में digital currency की जो विशेषताएं हैं वह इसे virtual currency से बेहतर बनाती है यह एक तरह से वाउचर आधारित पेमेंट सिस्टम की तरह है|
Digital currency को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन पेमेंट को ज्यादा आसान और सुरक्षित बनाना है|
‘डिजिटल करेंसी, को हम डिजिटल रुपी, या डिजिटल मुद्रा भी कह सकते है’
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है? | Digital currency v/s cryptocurrency?
Digital currency देश में चलने वाली मुद्रा (फिएट करेंसी) का डिजिटल रूप होता है और इसे उस देश की सॉवरेन करेंसी में जब चाहे तब बदला जा सकता है जैसे-भारत में रुपया, US में डॉलर आदि में|
डिजिटल करेंसी के प्रकार (Types of Digital Currency)
Digital currency दो तरह की होती है –
1- Retail Currency (रिटेल करेंसी)
2- Wholesale Currency (होलसेल करेंसी)
1- Retail Currency (रिटेल करेंसी)- रिटेल करेंसी का उपयोग सभी व्यक्ति और कंपनियां कर सकती है |
2- Wholesale Currency (होलसेल करेंसी)-इस currency का उपयोग वित्तीय संस्थान (जैसे-बैंक आदि) के द्वारा किया जाता है |
डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है|
आरबीआई द्वारा जारी की गई डिजिटल करेंसी कौन सी है?
2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में यह घोषणा की थी कि 2023 तक क्रिप्टो करेंसी जारी होगी। CBDC-central bank digital currency होगी। डिजिटल करेंसी को (RIB) नए financial year की शुरुआत में launch करेगा।
डिजिटल करेंसी के क्या हैं फायदे | Benefits Of Digital Currency?
Digital currency के लिए किसी भी व्यक्ति को बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं है, ये ऑफलाइन भी हो सकता है|
FAQ: About digital currency
डिजिटल करेंसी कब लॉन्च होंगी ?
वित्तमत्री निर्मला सीतारमण ने दिए गए बजट भाषण के अनुसार वित्त वर्ष 2022-2023 के स्टार्टिंग years में digital currency को जारी करेगा।
डिजिटल करेंसी कौन जारी करेगा?
RBI यानि भारतीय बैंक Reserve Bank of India की तरफ से digital currency जारी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? की जाएगी।
Cryptocurrency और Digital Rupee में क्या है फर्क, अगर शुरु हो गया इसका इस्तेमाल तो आपको क्या होगा फायदा?
क्रिप्टोकरेंसी को टक्कर देने के लिए भारत में पहली बार करेंसी को डिजिटल रूप में लाया गया है. एक नवंबर को डिजिटल रुपी (Digital Rupee) यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू कर दिया गया है. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India- RBI) कुछ समय तक इसमें आने वाली चुनौतियों को परखेगा और पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद इसके इस्तेमाल को शुरू किया जाएगा.
RBI ने अभी डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? इसे होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए जारी किया है और इसे होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट नाम दिया है. लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में डिजिटल रुपी का इस्तेमाल आम लोग भी करेंगे. ऐसे में ये समझना बहुत जरूरी है कि आखिर डिजिटल रुपी और क्रिप्टोकरेंसी में क्या फर्क है और इससे आम लोगों को क्या फायदा होगा?
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी: ये एक विकेंद्रित (Decentralized) डिजिटल संपत्ति है. इसके जरिए डिजिटल तरीके से लेनदेन किया जा सकता है. ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्टोकरेंसी अलग-अलग जगहों पर स्टोर रहती है. ब्लॉकचेन ऐसी तकनीक है जिससे Digital Currency बनाने के साथ ही किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ये एक तरह का डिजिटल लेजर है. लेकिन चिंता वाली बात ये है कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या अन्य संस्था नहीं है और न ही इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती है. ये पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी के रेट में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है.
डिजिटल रुपी: डिजिटल रुपी से भी लेनदेन को क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही डिजिटल माध्यम से ही किया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा फर्क है कि ये पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. इसमें नियामक के रूप में आरबीआई और लेन-देन की मदद के लिए दूसरे बैंक मौजूद रहेंगे. किसी भी तरह की दिक्कत आने पर वित्तीय संस्थान दखल दे सकते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में ये संभव नहीं है. यूपीआई और पेमेंट वॉलेट के जरिए किए जाने वाले डिजिटल भुगतान से ये पूरी तरह से अलग है. वहीं डिजिटल रुपी में उतार-चढ़ाव जैसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. इसके अलावा डिजिटल रुपी को नकदी में बदला जा सकेगा.
डिजिटल रुपी के फायदे
- अगर डिजिटल रुपी को आम आदमी के लिए शुरु किया गया तो आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी या हो सकता है कि जरूरत ही न पड़े.
- इसे आसानी से मोबाइल वॉलेट में रखा जा सकेगा. डिजिटल रुपी का इस्तेमाल आप कहीं भी कर सकेंगे. जिस तरह जगह-जगह डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, ऑनलाइन पेमेंट एक्सेप्ट किए जाते हैं ठीक उसकी तरह डिजिटल रुपी भी एक्सेप्ट किए जा सकेंगे.
- नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा. कागज के नोट की प्रिटिंग का खर्च बचेगा. इसके अलावा सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले लेनदेन सरकार की नोटिस में होंगे.
- जिस तरह नोट पुराने हो जाते हैं, खराब हो जाते हैं या कट-फट जाते हैं, डिजिटल करेंसी में इस तरह की कोई समस्या नहीं आएगी.
- इसके इस्तेमाल से कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा मिलेगा और इससे बैंकिंग क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आएगा. डिजिटल रुपी कुछ इस तरह से लाया जाएगा कि बिना इंटरनेट के भी इसका पेमेंट किया जा सकेगा.
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? डिजिटल करेंसी की शुरुआत को लेकर जारी चर्चा
डिजिटल मुद्रा लाने की योजना पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर के वक्तव्य के बाद चर्चा जोर-शोर से शुरू हो गई है। शंकर ने कहा था कि केंद्रीय बैंक चरणबद्ध तरीके से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) लाने की दिशा में काम कर रहा है। कई लोग सीबीडीसी को आभासी मुद्राओं (क्रिप्टोकरेंसी) के विकल्प के रूप में देख रहे हैं। वैसे आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत उत्साहित नहीं रहा है। सीबीडीसी क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता कम करने का साधन नहीं बल्कि महज एक वॉलेट या इलेक्ट्रॉनिक बटुआ होगी।
दुनिया के कम से कम 60 केंद्रीय बैंक सीबीडीसी उतारने की तैयारी के विभिन्न चरणों में हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व, बैंक ऑफ इंगलैंड (बीओई) और यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) सहित विकसित देशों के ज्यादातर केंद्रीय बैंक सीबीडीसी की तरफ सुस्त चाल से कदम बढ़ा रहे हैं लेकिन चीन डिजिटल युआन मुद्रा का सफलतापूर्वक परीक्षण करने का दावा कर चुका है। मई में करीब 1,81,000 ग्राहकों को शांघाई के निकट सुझोऊ सिटी में 'डबल फाइव शॉपिंग फेस्टिवल' में खर्च करने के लिए 55 युआन डिजिटल वॉलेट में मुफ्त दिए गए थे। हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार जून तक डिजिटल युआन से 34.5 अरब युआन (5 अरब डॉलर) मूल्य के 7.075 करोड़ लेनदेन हुए थे। क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग और वॉलेट की तरह सीबीडीसी भी भुगतान प्रणाली का हिस्सा होगी और नकदी रखने की जरूरत कम करेगी लेकिन यह नकदी का विकल्प नहीं होगी। यह वॉलेट के जरिये वस्तु एवं सेवा के लिए भुगतान करने का मात्र एक जरिया होगी। भारतीय वित्तीय प्रणाली में कई ऐसे वॉलेट परिचालन में हैं। सीबीडीसी इनमें एक है, बस एक अंतर यह है कि इसे देश का केंद्रीय बैंक जारी करेगा।
क्रिप्टोकरेंसी पर अनुराग ठाकुर का बड़ा बयान, कहा- 'ब्लॉकचेन डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? है उभरती हुई तकनीक'
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा बयान दिया है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने ब्लॉकचेन को उभरती हुई तकनीत बताते हुए कहा कि हमें नए विचारों को खुले मन से मूल्यांकन और प्रोत्साहित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 'ब्लॉकचेन एक नई उभरती तकनीक है। Cryptocurrency डिजिटल मुद्रा का एक रूप है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? हमें हमेशा खुले विचारों के साथ नए विचारों का मूल्यांकन, अन्वेषण और प्रोत्साहन करना चाहिए।'
Blockchain is a new emerging technology. Cryptocurrency is a form of digital currency. I firmly believe that we must always evaluate, explore and encourage new ideas with an open mind: MoS Finance Anurag Thakur on cryptocurrency