Bitcoin क्या है

क्रिप्टोकरेंसी को टक्कर देने के लिए भारत में पहली बार करेंसी को डिजिटल रूप में लाया गया है. एक नवंबर को डिजिटल रुपी (Digital Rupee) यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को Bitcoin क्या है पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू कर दिया गया है. फिलहाल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India- RBI) कुछ समय तक इसमें आने वाली चुनौतियों को परखेगा और पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद इसके इस्तेमाल को शुरू किया जाएगा.
बिटकॉइन क्या है? Bitcoin कैसे ख़रीदे? Mining की जानकारी हिंदी में
परंतु यदि आपको Digital Currency बिटकॉइन क्या है? यह कैसे काम करती है? इसके फायदे और नुकसान तथा इसका इस्तेमाल कहां किया जाता है इसके बारे में बुनियादी बातें नहीं पता तो आज के इस लेख में हम आपको इस डिजिटल मुद्रा (ई-करेंसी) के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
Bitcoin Kya Hai in Hindi |
बिटकॉइन क्या है? (Bitcoin in Hindi)
वर्ष 2009 में सतोशी नाकामोतो द्वारा ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में निर्मित बिटकॉइन (Bitcoin) दुनिया की पहली विकेंद्रीकृत आभासी मुद्रा (Cryptocurrency) है। इस डिजिटल करेंसी का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है और ना ही इसे किसी सरकारी संस्थान या केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित किया जाता है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के जरिए बनाया गया है।
वर्चुअल करेंसी होने के कारण इसे देख या छू पाना, सिक्कों या नोट की तरह इसे जेब में रखकर घूम पाना संभव नहीं है यह कंप्यूटर/स्मार्टफोन में प्रोग्रामिंग के जरिए इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होता है।
Bitcoin कैसे काम करता है?
Bitcoin पीयर-टू-पीयर तकनीक पर काम करता है जिसका अर्थ है यहां होने वाले सभी लेनदेन एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर के बीच होते हैं और इन सभी लेन-देन का हिसाब ब्लॉकचेन में सुरक्षित होता है तथा हर ट्रांजैक्शन वेरीफाई की जाती है।
ब्लॉकचेन ही वह सार्वजनिक बहीखाता है जिस पर बिटकॉइन का पूरा नेटवर्क टिका हुआ है इसकी मदद से ही बिटकॉइन वॉलेट बैलेंस और खर्च करने वाले के बैलेंस की गणना और नई ट्रांजैक्शन को वेरीफाई किया जा सकता है।
Bitcoin को स्टोर करने के लिए Wallet की आवश्यकता होती है। बिटकॉइन वॉलेट का इस्तेमाल करना काफी आसान है यहां अकाउंट बनाने पर आपको एक एड्रेस मिलता है जिसे आप Bitcoin क्या है अपने दोस्त या किसी ऐसे व्यक्ति को दे सकते हैं जिससे आप पेमेंट प्राप्त करना चाहते हैं।
बिटकॉइन वॉलेट 1 सीक्रेट key रखता है जिसे Private Key या seed कहते हैं जो लेन-देन पर हस्ताक्षर करने के लिए इस्तेमाल में लाए जाते हैं। हर लेनदेन बिटकॉइन वॉलेट्स के बीच मूल्यों का हस्तांतरण है जो ब्लॉक चैन में शामिल हो जाता है।
Bitcoin Mining Meaning in Hindi
बिटकॉइन बनाने और इसके Bitcoin क्या है ट्रांजैक्शन को ब्लॉकचेन में सुरक्षित करने की प्रक्रिया को ‘बिटकॉइन माइनिंग‘ (Bitcoin Mining) कहा जाता है, जिसमें क्रिप्टोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। और यह काम बड़े-बड़े कंप्यूटर पर बैठे वह लोग करते Bitcoin क्या है हैं जिन्हें क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन को सॉल्व करना आता है इन्हें माइनर्स (Bitcoin Miners) कहा जाता है। और इन्हें माइनिंग के बदले Rewards के रूप में Bitcoins मिलते है।
Bitcoin Mining पूरी तरह से ब्लॉकचेन पर निर्भर होती है सभी बिटकॉइन नेटवर्क पर मौजूद पब्लिक Ladger (बही खाते) को देखा जा सकता है केवल कंफर्म हो चुके ट्रांजैक्शन ही ब्लॉकचेन में शामिल होते हैं। और सभी नए ट्रांजैक्शन को वेरीफाई किया जाता है जिससे यह पता लगाया जा सके कि नए ट्रांजैक्शन को करने वाले के पास इतने बिटकॉइन है या नहीं और क्या वह ही इसका मालिक है। इस पूरे सिस्टम को ‘प्रूफ ऑफ वर्क‘ कहा जाता है।
bitcoin में तेजी का दौर जारी, जानिये क्या है दिसंबर में आया उछाल
जानकारी के लिए बता दें कि क्वॉइनबेस एक्सचेंज क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग के सबसे बड़े एक्सचेंज में से एक है। इसमें बढ़त के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इसके खतरे के प्रति लोगों को तीन बार आगाह कर चुका है।
क्या है बिटकॉइन करंसी
बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी (क्रिप्टो करेंसी) जैसी है जिसे एक ऑनलाइन एक्सचेंज के माध्यम से कोई भी खरीद सकता है। इसकी खरीद-फरोख्त से फायदा लेने के अलावा भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
इसमें इस साल 900 फीसद से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया है। अगस्त 2011 में इसकी कीमत पहली बार 1000 डॉलर हुई थी इसके बाद 20 मई 2017 को यह 2000 डॉलर का हुआ था। उसके बाद से इसमें रैली जारी है।
क्या आप भी Bitcoin में निवेश करने का बना रहे प्लान, तो जानिए यहां क्या करें.
टेस्ला की ओर से निवेश की घोषणा के बाद क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन में हर दिन उछाल दर्ज किया जा रहा है.
क्या आप भी बिटकॉइन में पैसा लगाने का सोच रहे हैं. अगर ऐसा है तो उससे पहले आप इसके बारे में अच्छे से जान लीजिए कि आखिर ये बिटकॉइन क्या है और इसमें कैसे ट्रेडिंग होती है.
- News18Hindi
- Last Updated : February 09, 2021, 13:42 IST
नई दिल्ली: क्या आप भी बिटकॉइन (Bitcoin) में पैसा लगाने का सोच रहे हैं… अगर ऐसा है तो उससे पहले आप इसके बारे में अच्छे से जान लीजिए कि आखिर ये बिटकॉइन क्या है और इसमें Bitcoin क्या है कैसे ट्रेडिंग होती है. इन दिनों ये दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके रिटर्न ने निवेशकों को हैरान कर दिया है, लेकिन इसमें जिस तरह का रिटर्न मिलता है रिस्क भी उसी हिसाब से होता है.
साल 2017 में, दिल्ली के 37 साल के राहुल मिश्रा ने अपने कार्यालय के सहयोगियों को देखकर बिटकॉइन में निवेश किया. बता दें उस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन की कीमत पहले ही 65,000 रुपये से बढ़कर 3.61 लाख रुपये हो गई थी. हर महीने, वह 25,000 रुपये का निवेश करते रहे. उन्होंने अपनी चल रही म्यूचुअल फंड व्यवस्थित निवेश योजनाओं को बिटकॉइन में बदल दिया था.
Cryptocurrency पर बड़ी खबर- बैन पर नरम पड़ सकती है सरकार? RBI और SEBI के बीच रेगुलेट करने पर चर्चा: सूत्र
Cryptocurrency latest news: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों के लिए राहत की खबर है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही इसके फ्रेमवर्क पर Bitcoin क्या है आखिरी फैसला हो सकता है और नियमों में ढील दी जा सकती है.
Cryptocurrency latest news: भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तौर पर मान्य नहीं है. लेकिन ये गैरकानूनी भी नहीं है. इसमें पैसा लगाने वालों के हितों का ख्याल रखने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार इसके लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रही है. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल करेंसी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं है और अभी तक किसी देश में इसे कोई कंट्रोल नहीं करता. साल 2009 में शुरू होने के बाद अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से इनकी कीमतों में बड़ी तेजी देखने को मिली है.
पूरी तरह से बैन नहीं होगी क्रिप्टोकरेंसी?
पिछले काफी समय से यह सवाल उठ रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य क्या है? इस बीच खबर आ रही है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख नरम कर सकती है. सूत्रों की मानें तो भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन में थोड़ी नरमी दी जा सकती है. ज़ी बिज़नेस चैनल को एजेंसी के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकारी सूत्रों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा पर RBI, SEBI में सहमति नहीं बनी है.
Cryptocurrency को RBI एसेट मानने को तैयार नहीं है. वहीं, SEBI भी इसे कमोडिटी नहीं मानता. दरअसल, सरकार चाहती है कि क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वालों के लिए रेगुलेशन बनने चाहिए. इसके फ्रेमवर्क पर भी काम चल रहा है. चर्चा है कि RBI और SEBI मिलकर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम तैयार कर रहे हैं और दोनों ही क्रिप्टो को रेगुलेट करेंगे.
सरकार करेगी आखिरी फैसला
क्रिप्टोकरेंसी के कानून (Law on Cryptocurrency) पर आखिरी फैसला सरकार को करना है. लेकिन, इसका फ्रेमवर्क क्या होगा और किस तरह से इसे रेगुलेट किया जाएगा, इस पर अभी सफाई नहीं है. सूत्रों की मानें तो बजट 2022 में इसे रेगुलेट करने के लिए कानून लाया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश (Cryptocurrency Investment) करने वालों को उनका पैसा डूबने का खतरा नहीं होगा. बता दें, RBI ने अगस्त 2021 की अपनी मॉनटरी पॉलिसी के दौरान यह इशारा दिया था कि RBI अपनी डिजिटल करेंसी पर भी काम कर रहा है और साल के अंत तक इसका मसौदा तैयार हो सकता है. RBI Governor शक्तिकांता दास ने कहा कि Bitcoin क्या है डिजिटल करेंसी का मॉडल साल के अंत तक आ जाएगा.
डिजिटल करेंसी (Indian Digital Currency) की टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर काम चल रहा है. ये कैसे काम करेगी इसका फ्रेमवर्क भी तैयार हो रहा Bitcoin क्या है है. RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के वेबिनार में कहा था कि भारत को भी डिजिटल करेंसी की जरूरत है. यह बिटकॉइन जैसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी Bitcoin क्या है यानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले नुकसान से बचाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक इस पर काम कर रहा है. RBI ने साफ कर दिया है कि प्राइवेट वर्चुअल करेंसी को लेकर उसने सरकार को अपनी चिंताएं बता दी हैं.
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर
क्रिप्टोकरेंसी: ये एक विकेंद्रित (Decentralized) डिजिटल संपत्ति है. इसके जरिए डिजिटल तरीके से लेनदेन किया जा सकता है. ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्टोकरेंसी अलग-अलग जगहों पर स्टोर रहती है. ब्लॉकचेन ऐसी तकनीक है जिससे Digital Currency बनाने के साथ ही किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. ये एक तरह का डिजिटल लेजर है. लेकिन चिंता वाली बात ये है कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या अन्य संस्था नहीं है और न ही इसे कोई सरकार मॉनिटर नहीं करती है. ये पूरी तरह से निजी करेंसी है. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी के रेट में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है.
डिजिटल रुपी: डिजिटल रुपी से भी लेनदेन को क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही डिजिटल माध्यम से ही किया जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा फर्क है कि ये पूरी तरह से रेगुलेटेड है. इसे सरकार की मंजूरी प्राप्त है और यह पूरी तरह से सरकार समर्थित वैध मुद्रा है. इसमें नियामक के रूप में आरबीआई और लेन-देन की मदद के लिए दूसरे बैंक मौजूद रहेंगे. किसी भी तरह की दिक्कत आने पर वित्तीय संस्थान दखल दे सकते हैं. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी में ये संभव नहीं है. यूपीआई और पेमेंट वॉलेट के जरिए किए जाने वाले डिजिटल भुगतान से ये पूरी तरह से अलग है. वहीं डिजिटल रुपी में उतार-चढ़ाव जैसा कुछ नहीं होगा. इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है. इसके अलावा डिजिटल रुपी को नकदी में बदला जा सकेगा.