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कितने पैसों के द्वारा स्टॉक मार्केट में शुरुआत करना ठीक है

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जल्दी पैसा बनाने की फर्जी स्कीमों से बचना: स्मार्टफोन ने लोगों को स्मार्ट ही नहीं बल्कि मूर्ख भी बनाया है। ठगी और धोखाधड़ी के मामले आये दिन सामने आते रहते हैं। निवेशकों के लिए एक बड़ी समस्या ये भी हो जाती है की इतनी सारी जानकारी में से किस पर भरोसा करें और किस पर नहीं। इंटरनेट से एकत्रित जानकारी में सही और गलत दोनों प्रकार के तथ्य होते हैं। कई बार ठग वित्तीय सलाहकार बन कर या फिर किसी कंपनी के कर्मचारी बन कर ऐसे लुभावने ऑफर या स्कीम बताते हैं जिसमे आदमी फँस जाता है। जिन लोगों की वित्तीय साक्षरता कम होती है वो अक्सर ऐसी ठगी का शिकार हो जाते हैं।

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वित्तीय साक्षरता की ताकत अब आम आदमी के हाथों में

वित्तीय साक्षरता की ताकत अब आम आदमी के हाथों में

किसी भी देश में देशव्यापी नीतियों पर काम करने के लिए सलाहकार, अर्थ शास्त्री, और नीति विशेषज्ञ होते हैं। लेकिन कई बार वित्तीय साक्षरता को एक बड़ी आबादी और आम आदमी तक पहुँचाने में काफी समय लग जाता है। हालाँकि ये बात तय है कि, तेजी से बदलते वैश्विक परिवेश में, वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने से देश की प्रगति को नई गति मिल सकती है।

किसी व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने में वित्तीय साक्षरता का बहुत योगदान है। इसकी वजह से आपका वर्तमान ही नहीं, भविष्य भी सुरक्षित होता है। लेकिन वित्तीय साक्षरता है क्या? क्या ये किसी प्रकार की पढ़ाई है ? आसान भाषा में समझें तो-- पैसे कैसे कमाये , बचाये और खर्च किए जाते हैं, इनकी जानकारी को वित्तीय साक्षरता कहते हैं। वित्तीय साक्षरता का मूल उद्देश्य है कि आपके पास जो भी वित्तीय साधन (या कमाई) है उसका कैसे सदुपयोग किया जा सके।

Digital Rupee क्या देसी Cryptocurrency है या फिर कुछ और? बिटकॉइन से कितना अलग है

RBI का डिजिटल रुपया यानी देश में करेंसी का एक नया दौर शुरू हो चुका है. आज से दिल्ली समेत देश के चार शहरों में आम लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि, इस डिजिटल करेंसी को लेकर लोग काफी ज्यादा कन्फ्यूज हैं. लोग इसे क्रिप्टोकरेंसी समझ रहे हैं. हालांकि, आप इसे कमोबेश वैसा ही समझ सकते हैं, लेकिन मूल रूप से दोनों में काफी ज्यादा अंतर है. डिजिटल रुपये का ऐलान इस साल के बजट में किया गया था.

गुरुवार यानी 1 दिसंबर को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), जिसे डिजिटल रुपये कहा जा रहा है, को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. पहले फेज में इस प्रोजेक्ट को दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है.

इन शहरों में कस्टमर और मर्चेंट्स डिजिटल रुपये का इस्तेमाल कर सकेंगे. दूसरे चरण में इसका विस्तार कई अन्य शहरों में भी किया जाएगा. मगर डिजिटल रुपया है क्या? ये अभी भी बहुत से लोगों के लिए सवाल बना हुआ है. आइए जानते हैं इसका आसान जवाब.

क्या है डिजिटल रुपया?

इसे आप कैश का डिजिटल वर्जन समझ सकते हैं और इसे शुरुआत में रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए पेश किया गया है. भविष्य में इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट सेक्टर, नॉन- फाइनेंशियल कस्टमर्स और बिजनसेस द्वारा किया जा सकेगा. इस सीधा कंट्रोल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कितने पैसों के द्वारा स्टॉक मार्केट में शुरुआत करना ठीक है के पास होगा.

आसान भाषा में कहें तो जिस तरह से आप कितने पैसों के द्वारा स्टॉक मार्केट में शुरुआत करना ठीक है आज के वक्त में कैश इस्तेमाल करते हैं, ये ठीक वैसा ही रहेगा, लेकिन इसका रूप डिजिटल होगा. e₹-R डिजिटल टोकन के रूप में कितने पैसों के द्वारा स्टॉक मार्केट में शुरुआत करना ठीक है होगा और इनको आप सिक्कों व नोट की तरह ही कर काम में ले सकेंगे.

यूजर्स डिजिटल रुपये का यूज पार्टिसिपेटिंग बैंक के जरिए कितने पैसों के द्वारा स्टॉक मार्केट में शुरुआत करना ठीक है कर सकेंगे. इन्हें मोबाइल फोन्स और डिवाइसेस में स्टोर भी किया जा सकेगा. इसका इस्तेमाल पर्सन-टू-पर्सन और पर्सन-टू-मर्चेंट दोनों तरह के ट्रांजेक्शन में किया जा सकता है.

आरबीआई ने डिजिटल रुपये को दो कैटेगरी में लॉन्च किया है. बैंक ने इसे जनरल पर्पज (रिटेल) और होलसेल दो रूप में पेश किया है. 1 नवंबर को RBI ने डिजिटल रुपये को होलसेल सेगमेंट में लॉन्च किया था. बैंक ऑफ बड़ोदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं.

क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग है?

एक सवाल ये भी मन में आता है कि क्या डिजिटल रुपये भी क्रिप्टोकरेंसी ही है. वैसे तो ये है भी और नहीं भी. क्रिप्टोकरेंसी मूल रूप से डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी होती है. यानी इसका कंट्रोल किसी एक बैंक या ऑर्गेनाइजेशन के पास नहीं होता है और इसे ब्लॉकचेन के जरिए मैनेज किया जाता है.

वहीं डिजिटल रुपया जिसे आरबीआई ने लॉन्च किया है, एक सेंट्रलाइज्ड डिजिटल करेंसी है. इसके सेंट्रल बैंक द्वारा कंट्रोल किया जाएगा. यानी ये मौजूदा करेंसी का डिजिटल रूप है.

क्या हैं इसके फायदे?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने शुरुआत में कहा था कि डिजिटल करेंसी को एक्सप्लोर करने का मूल मकसद फिजिकल कैश मैनेजमेंट में ऑपरेशनल कॉस्ट को कम करना है. इसके अलावा डिजिटल रुपये का इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड्स को कम करने में किया जा सकेगा. साथ ही लोगों को प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी की ओर जाने से रोकने में भी मदद मिलेगी.

जहां प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी अस्थिर हैं, वहीं डिजिटल रुपये के साथ ऐसा नहीं होगा. इसमें आपको रुपये की तरह ही स्थिरता देखने को मिलेगी. इसे उसी वैल्यू पर जारी किया गया है, जो आज हमारे रुपये की है. लोग डिजिटल रुपये को फिजिकल कैश में भी बदल सकेंगे. इसके सर्कुलेशन पर आरबीआई का कितने पैसों के द्वारा स्टॉक मार्केट में शुरुआत करना ठीक है कंट्रोल होगा.

यहां तक ​​कि दक्षिणी फ़िनलैंड में 10 डिग्री की ठंढ भी बिजली संकट को ट्रिगर कर सकती है - एक आउटेज सबसे कितने पैसों के द्वारा स्टॉक मार्केट में शुरुआत करना ठीक है पहले कारुना, हेलेन और एलेनिया के ग्राहकों को प्रभावित करेगा।

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