टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं

किसी भी Shares का Technical Analysis कैसे करे Technical Analysis in Hindi
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Stock Market Technical Analysis Hindi- किसी भी कंपनी का शेयर्स का तकनीकी विश्लेषण (Stock Technical Analysis Hindi) उसके भविष्य में होने वाली गतिविधिओ को तय करता है और बताता है की कंपनी अपने काम से किस मुकाम पर है कंपनी कितनी मजबूत है।
शेयर मार्किट में प्रॉफिट कमाने के लिए शेयर में निवेश करने से पहले उसके ऊपर रिसर्च करना बहुत जरूरी है स्टॉक का तकनीकी विश्लेषण (Stock Technical Analysis Hindi) ) वॉल्यूम और कीमत सहित स्टॉक के ऐतिहासिक डेटा का अध्ययन कराता है।
Technical knowledge in hindi- कोई भी इन्वेस्टर जब किसी कंपनी के शेयर खरीदता है तो वह उस कंपनी से यही उम्मीद करता है की ये कंपनी आने वाले कुछ सालों के अंदर एक अच्छा Profit कमा कर दे शेयर खरीदने से पहले उस कंपनी पर संपूर्ण रिसर्च करनी होती है और ये रिसर्च किस प्रकार की जाती है इसकी पूरी जानकारी आप इस लेख के जरिये पढ़ सकते है। technical analysis investopedia
तकनीकी विश्लेषण क्या है? Technical Analysis in Hindi
What is Technical Analysis Hindi- Share Market में Investment करने के लिए जिस प्रकार हम अपने अच्छे शेयर को ढूढ़ते है उस शेयर्स को ढूढ़ने की प्रकिया को Technical Analysis कहते है।
Analyze meaning in hindi- अगर आपको आसान शब्दो में समजाय की तकनीकी विश्लेषण क्या है तो आपको बता दे को ऐसा विश्लेषण वह है जो किसी भी शेयर की बाहर की स्थिति को देखकर किया जाता है जैसे शेयर का चार्ट शेयर के वॉल्यूम और पीछे आकड़ो को देखकर जब हम शेयर को खरीदते है उसे तकनीकी विश्लेषण कहा जाता है आमतौर पर ये विश्लेषण छोटे और नए निवशकों या शार्ट-र्टम ट्रेडर्स द्वारा उपयोग किया जाता है। technical meaning in hindi
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क्या तकनीकी विश्लेषण करने का बाद हमको मार्किट में निवेश करना चाहिए?
टेक्निकल एनालिसिस– Technical Analysis कंपनी के बाहरी साधनो से किया जा सकता है की कंपनी देखने में कैसी है मगर आपको टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद शेयर नहीं खरीदे है टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद आपको फंडामेंटल एनालिसिस करने बहुत जरूरी होते है। technically meaning in hindi
किसी भी शेयर का Technical Analysis करने के बाद हम अपने प्रॉफिट को बुक नहीं कर सकते बल्कि नए निवेशकों को तो ये भी सलाह दे जाती है की आपको Technical Analysis के बाद सीधा स्टॉक मार्किट में निवेश नहीं करना है क्योकि इसमें आपको ज्यादा रिस्क है यह केवल एक्सपर्ट्स और जो लोग शेयर मार्किट के बारे में अच्छे से जानते है उनके लिए अच्छा है। किस प्रकार किया जाता है? investopedia technical analysis
तकनीकी विश्लेषण किस प्रकार किया जाता है?
जैसा की हमने आपको बताया की Technical Analysis कंपनी के बाहरी साधनो से किया जा सकता है की कंपनी देखने में कैसी है मगर आपको टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद शेयर नहीं खरीदे है टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद आपको फंडामेंटल एनालिसिस करने बहुत जरूरी होते है।
How To Do Technical Analysis
1. Company के चार्ट (Chart) का उपयोग करना जिससे कंपनी के Share Price Movement के बारे में पता चलता है कंपनी की तरक्की भी उसका Share Market Graph (Chart) ही दर्शाता है।
2. Chart-Pattern को समझना की कंपनी का शेयर किस प्रकार निचे आता है और किस प्रकार ऊपर जाता है Chart-Pattern का Technical Analysis में काफी बड़ा रोल होता है।
3. इतिहास (Past) किसी कंपनी का इतिहास देखना की वो पीछे से कैसे परफॉर्म करती टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं आ रही ये भी काफी जरूरी होता है।
4. Price-Range का Technical Analysis में भी काफी बड़ा रोल होता है इसलिए टेक्निकल एनालिसिस में आपको शेयर के मूलय का भी विश्लेषण करना चाहिए। meaning of technical analysis
तकनीकी विश्लेषण क्यों करना चाहिए?
जैसा की हम सबको पता है की शेयर्स मार्किट में Risk बहुत ज्यादा होता है और उस रिस्क से बचने के लिए शेयर मार्किट में निवेशों दुवारा तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) किया जाता है।
शेयर मार्किट में कभी भी शेयर को उसके कीमत के हिसाब से नहीं खरीदना चाहिए क्योकि हर शेयर्स की कीमत हर टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं दिन कभी बढ़ जाती है कभी घट जाती है लेकिन शेयर का तकनीकी विश्लेषण ही उसके बारे में सही जानकारी देता है।
जिसके कारण शेयर मार्किट ने निवेश करने से पहले तकनीकी विश्लेषण करना जरूरी है। technical stock analysis
Technical analysis Fundamental Analysis Difference
Technical analysis Fundamental Analysis Difference Hindi-
मौलिक विश्लेषण करने के लिए हमको सबसे पहले एक बड़ी सी कंपनी चुननी होती है जिसका Market-Cap काफी बड़ा हो मतलब उस कंपनी की कीमत ज्यादा हो।
उसके बाद कंपनी का मौलिक विश्लेषण दो प्रकार से किया जाता है। टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस
Technical Analysis क्या होता है?
टेक्निकल एनालिसिस कंपनी के बाहरी साधनो से किया जा सकता है की कंपनी देखने में कैसी है मगर आपको टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद शेयर नहीं खरीदे है टेक्निकल एनालिसिस करने के बाद आपको फंडामेंटल एनालिसिस करने बहुत जरूरी होते है।
How To Do Technical Analysis
1. Company के चार्ट (Chart) का उपयोग करना जिससे कंपनी के Share Price Movement के बारे में पता चलता है कंपनी की तरक्की भी उसका Share Market Graph (Chart) ही दर्शाता है।
2. Chart-Pattern को समझना की कंपनी का शेयर किस प्रकार निचे आता है और किस प्रकार ऊपर जाता है Chart-Pattern का Technical Analysis में काफी बड़ा रोल होता है।
3. Price-Range का Technical Analysis में भी काफी बड़ा रोल होता है इसलिए टेक्निकल एनालिसिस में आपको शेयर के मूलय का भी विश्लेषण करना चाहिए।
4. इतिहास (Past) किसी कंपनी का इतिहास देखना की वो पीछे से कैसे परफॉर्म करती आ रही ये भी काफी जरूरी होता है।
Fundamental Analysis क्या होता है?
फंडामेंटल विश्लेषण का उपयोग हमेशा Long Time Frame में किया जाता है इसमें जल्दी पैसा कमाने का टारगेट नहीं रखा जाता है बल्कि अपने Portfolio को एक सही Rate of Return पर Compounding करने पर ध्यान दिया जाता है। technical analysis of stocks
फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए कंपनी के अन्दर की चीज़ो को परखा जाता है की कंपनी किस प्रकार का बिज़नेस करती है कंपनी की फाइनेंसियल स्टेटमेंट क्या है कंपनी से जुड़े लोग कौन कौन से है, उन लोगो कि PERSONAL BUSINESS EXPERIENCE और BACKGROUND क्या है इन सब की जानकारी हमे फंडामेंटल एनालिसिस दुवारा मिलती है।
How To Do Fundamental Analysis
Fundamental Analysis करने के लिए हमे कंपनी के डाक्यूमेंट्स (Documents) की जांच करनी होती है जैसे:-
1. Balance Sheet पर नज़र डालना
2. P&L (Profit &Loss) Account पर नज़र डालना
3. Cash Flow Statements को चेक करना
4. Annual Report को देखना
5. Financial Ratio को देखना
6. PE Ratio नज़र डालना
7. EPS Earning Per Share नज़र डालना
8. Book Value को चेक करना
9. Management Analysis नज़र डालना
10. Profit And Sales Growth को देखना
11. Opponent Company की जांच करना
12. जिस क्षेत्र की कंपनी है उस क्षेत्र के नियम और कानून (Law and Rules)
इस तरह हम फंडामेंटल एनालिसिस में हम ये चेक करते है कि – हम जिस कंपनी का स्टॉक खरीदना चाहते है, वह कंपनी आर्थिक रूप से कितना STRONG है, और वो कंपनी फ्यूचर में कितना ग्रोथ कर सकती है।
अगर आपको Supermarket Franchise in India Hindi Technical Analysis in Hindi से जुडी जानकारी से कुछ सिखने को मिला तो शेयर जरूर करे धन्यवाद्।
Technical Analysis क्या है? और इसे कैसे सीख सकते है? 2022
Finance तथा सिक्योरिटी मार्केट मे 2 तरीकों के analysis का अध्ययन किया जाता है। जिसे fundamental analysis तथा technical analysis कहते हैं। जहां fundamental analysis का उपयोग कंपनी में विभिन्न प्रकार के आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखकर long term investment के अनुसार किया जाता है वहीं technical analysis का उपयोग शेयर बाजार के साथ इस इंडस्ट्री में trading के लिए किया जाता है। आज के इस आर्टिकल में आपको बताया जाएगा की technical analysis होता क्या है इसके क्या आधार होते हैं तथा आप इसे कैसे सीख सकते हैं।
Technical analysis क्या होता है
Technical analysis मार्केट में उस तकनीकी विश्लेषण को कहते हैं जिसके आधार पर आप मार्केट में उपस्थित विभिन्न प्रकार के टूल्स का उपयोग कर मार्केट के price movement को ध्यान में रखकर अनुमान लगाते हैं की मार्केट भविष्य में किस प्रकार का प्रदर्शन कर सकता है ।
Technical analysis का उपयोग भूतकाल में हुए प्राइस movement तथा ट्रेडिंग एक्टिविटी के आधार पर किया जाता है टेक्निकल एनालिसिस में कंपनी के financial records को नहीं बल्कि आगे हुए price pettern और stock trends को देखकर की जाती है। इसका उपयोग मार्केट मैं मूवमेंट के आधार पर opportunity खोजने तथा अपने trading में हुए investment को calculate करने में किया जाता है।
Technical analysis की मदद से आप शेयर बाजार में तथा अन्य trading platforms पर मार्केट की हर एक चाल पर नजर रख सकते हैं। Technical analysis के अध्ययन में विभिन्न प्रकार के chart patterns, indicators , time frames , trendlines, तथा अन्य टूल्स का उपयोग किया जाता है।
Technical analysis का आधार केंद्र demad और supply पर आधारित होता है ।मार्केट का उतार चढ़ाव भी इसी पर आधारित होता है । विभिन्न चार्ट पैटर्न्स तथा इंडिकेटर्स के द्वारा आप मार्केट में डिमांड सप्लाई को समझ सकते है
Technical analysis का उपयोग
Finance तथा सिक्योरिटी मार्केट में अनेकों इसे researcher हुए हैं जिन्होंने अनेकों trading instruments,tools तथा indicators का आविष्कार किया है तथा अनेकों therories बनाई है जिसकी मदद से मार्केट की चाल अर्थात उसके price movement,price volume , volatility को समझ सकते हैं।
प्रोफेशनल ट्रेडर्स,रिसर्चर्स , तथा market analyst in tools का उपयोग मार्केट स्ट्रैटजी को बनाने ,मार्केट रिसर्च करने तथा trading में करते हैं। वहीं retail traders इसका अध्ययन करके प्राइस मूवमेंट के आधार पर ट्रेड प्लान करते हैं।
Tecnical analysis का उपयोग शेयर बाजार के अलावा अन्य security markets जैसे commodity market, forex market, crypto market इत्यादि में भी किया जाता है। जहां मार्केट की विभिन्न conditions को ध्यान में रखकर short term में ट्रेडिंग की जाती है ।
Technical analysis कैसे सीखें?
टेक्निकल एनालिसिस को सीखने से पहले इसे समझना जरूरी है की टेक्निकल एनालिसिस किन मापदंडों पर कार्य करता है । तथा इसके अध्ययन में किन किन चीजों को समझना जरूरी है । तथा इसके अलावा आपको मार्केट के basics पता होने चाहिए तथा यह भी की मार्केट किस तरह काम करता है । तो जानते हैं टेक्निकल analysis मे कौन कौन सी चीजें होती हैं।
चार्ट technical analysis का प्रमुख भाग होता है।चार्ट के बिना technical analysis का कोई अस्तित्व नहीं है। क्योंकि चार्ट में मार्केट का सारा विवरण उपस्थित होता है। मार्केट में आए उतार चढ़ाव को तथा प्राइस की चाल को चार्ट के द्वारा ही समझा जाता है तथा उसी के अनुसार मार्केट को pridict करने की कोशिश की जाती है। मार्केट में बहुत सारे चार्ट उपलब्ध है जिन्हें candlistick chart,bar chart,line chart,hekinashi chart इत्यादि के नाम से जाना जाता है।
Indicators tecnical analysis मे दिशा सूचक यंत्र (campus) की तरह कार्य करता है। जो मार्केट की दशा और दिशा को बताता है । Indicators की सहायता से किसी शेयर में प्राइस मूवमेंट में बदलाव की जो प्रक्रिया होती है उसी के आधार पर आगामी समय में अनुमान लगाता है कि शेयर का भाव किस तरफ जाएगा।
मार्केट में सैकड़ों तरह के इंडिकेटर हैं जो हमें चार्ट के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराते हैं जिससे हम मार्केट की औसत चाल उसके ट्रेंड उसकी वॉल्यूम तथा अन्य चीजों के बारे में सीख सकते हैं तथा उसके आधार पर भविष्य में अनुमान लगा सकते हैं।
अगर आप टेक्निकल एनालिसिस कर रहे हैं तो आप को कैंडल्स का ज्ञान होना आवश्यक है क्योंकि इसी के आधार पर विभिन्न प्रकार के चार्ट पैटर्नों का निर्माण होता है। कैंडल्स का टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग जापान की देन है। इंटरनेट से पहले के समय में टेक्नोलॉजी इतनी अच्छी नहीं थी इसलिए पहले कैंडल्स की जगह लाइन चार्ट का उपयोग किया जाता था। परंतु आज के समय में कैंडल्स ही चार्ट का आधार है।
कैंडल्स तीन प्रकार की होती है
bullish candle मार्केट में हुए प्राइस की बढ़ोतरी को दर्शाती है यह कैंडल मार्केट में तेजी को प्रदर्शित करती है। साधारणतः यह कैंडल ग्रीन कलर की होती है परंतु आप चार्ट सेटिंग में जाकर इसको modify कर सकते हैं।
यह कैंडल मार्केट में प्राइस movement मे आई गिरावट को दर्शाती है।तथा long term मे मार्केट में आई मंदी का प्रतीक है। इसको रेड कलर से प्रदर्शित किया जाता है ।
– न्यूट्रल कैंडल को उदासीन कैंडल के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह मार्केट में उदासीनता को दर्शाती है जिससे हम समझ सकते हैं कि मार्केट में किस प्रकार का प्राइस मूवमेंट है।
इसके अलावा भी मार्केट मे bullish, bearish ,neutral candle के भी बहुत से प्रकार हैं जिनका अध्ययन हम आने वाले आर्टिकल मे करेंगे।
Time frame बाजार में समय अवधि को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है। आप जितने समय का data देखना चाहते हैं यह आपको उतने समय का data दिखा देता है ।कैंडल्स तथा चार्ट patterns के बनने का आधार भी टाइम फ्रेम है । आप जितने समय के लिए प्राइस के उतार चढ़ाव को देखना चाहते है वह आप टाइम फ्रेम दर्ज़ करते ही देख सकते हैं। इसका उपयोग आप analysis करने से लेके trade करने तक कर सकते हैं।
मार्केट में 1 मिनिट से लेकर 1 month candle time frame तथा 1दिन से लेकर ytd (टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं year to date) तक का टाइम फ्रेम देखने को मिल जाता है ।
Technical analysis in hindi | Technical Analysis क्या है?
Technical analysis in hindi
Technical analysis in hindi कैसे करें इस आर्टिकल में आपको बताएंगे Technical Analysis क्या है? करने के लिए यदि आप शेयर मार्केट में नए हैं और टेक्निकल एनालिसिस करना चाहते हैं
जो लोग Share Market में मुनाफा कमाना चाहते हैं तो वह शेयर मार्केट में अपने पैसे को Invest करने से पहले वह एक बार जरूर Technical Analysis करता है अगर वह टेक्निकल एनालिसिस नहीं करता है तो वह शेयर मार्केट में पैसे नहीं कमा पाते हैं
Share Market में अपने पैसे Invest करने से पहले आपको सबसे पहले Share Market के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए अगर आपके पास शेयर मार्केट की बारे में पूरी जानकारी नहीं है तब आप शेयर मार्केट में ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाएंगे
आप बहुत सारे पैसे Share Market में गवां देंगे इसलिए आपको सबसे पहले Technical Analysis करना बहुत जरूरी होता है
अगर आप शेयर मार्केट के बारे में पूरी तरह जानना चाहते हैं कि शेयर मार्केट क्या है? शेयर मार्केट कैसे काम करता है? तब आप हमारा Ebook पढ़ सकते हैं इस Ebook के माध्यम से हमने आपको शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी दिए हैं जो कि एक नए लोगों के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है तो चलिए जानते हैं Technical analysis in hindi
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Technical analysis in hindi
Technical analysis in hindi : जितने भी लोग Share Market से पैसा कमाते हैं वह लोग टेक्निकल एनालिसिस जरूर करता है Technical Analysis एक ऐसा तरीका है प्रॉफिट कमाने का जो कोई इस सीख लेता है वह शेयर मार्केट में प्रॉफिट बना लेता है
Share Market के 417 साल की इतिहास में किसी चीज को सबसे ज्यादा पसंद किया है तो वह है टेक्निकल एनालिसिस टेक्निकल ऐसा तरीका है जिससे इन्वेस्टर को शेयर मार्केट में प्रॉफिट बनाना बहुत ही आसान लगता है
इन सबके बाद भी Share Market में बहुत ही काम investor है जिनको शेयर मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस करना अच्छी तरह से आता है तो चलिए जानते हैं कि Technical Analysis in hindi और Technical analysis of stocks in hindi
Technical analysis kya hai? (WHAT IS TECHNICAL ANALYSIS)
जब हम Stock Market में Trading करते हैं तो हम किसी भी कंपनी के शेयर का Price देखकर उस कंपनी का Share खरीद लेते हैं और Short Term में Share Price के मूवमेंट को देख कर अपना प्रॉफिट बनाना चाहते हैं लकिन Short Term में किसी भी Company का Share Price काफी जल्दी बदल जाता है कभी जल्दी से नीचे आ जाता है और कभी जल्दी से ऊपर चला जाता है
इस तरह हमें कैसे पता चलेगा कि हमें किस प्राइस पर किस तरह से ट्रेडिंग करना है ताकि हमें Profit हो सके तो इसी समस्या का समाधान करने के लिए Technical Analysis को बनाया गया था
Technical Analysis शेयर मार्केट का वह तरीका है किसी भी Share Price के हिस्ट्री को देखते हुए हम उस शेयर का प्राइस के मूवमेंट को जान सकते हैं की प्राइस ऊपर जाएगा या शेयर का प्राइस नीचे जाएगा
इन्हें जरूर पढ़ें
Technical analysis क्या होता है? (What is technical analysis in Hindi)
Technical Analysis को हम इसे थोड़ा Example के साथ समझते हैं कई बार आपने तो TV पर मौसम का हाल तो सुना होगा मौसम विभाग टीवी पर बादलों की वर्तमान स्थिति और हवाओं का रुख देखकर आने वाले 24 घंटे में कैसा मौसम रहेगा और कहां बारिश होगी और कहां पर मौसम साफ रहेगा यह स्थिति स्पष्ट रूप से बता देता है
मौसम का बात हम इसलिए बताते हैं क्योंकि Technical Analysis कुछ इसी तरह काम करता है किसी भी शेयर का टेक्निकल एनालिसिस करने के लिए किसी भी शेयर का भूतकाल और भविष्य काल को देख कर उसके शेयर का अंदाजा लगाता है
जिस तरह हवा का रुख बदल जाता है तो बादलों की भी स्थिति बदल जाती है उसी प्रकार जब Technical Analysis में कैंडल की स्थिति बदलती है तो बाजार का ट्रेंड भी बदल जाता है आसान भाषा में से समझे तो चार्ट के आधार पर किसी भी कंपनी के भविष्य का पता लगाया जा सकता है इसी चार्ट को Technical Analysis कहा जाता है
Technical analysis क्यों करना चाहिए
मान लीजिए की आपको कोई शहर जाना चाहते हैं और आपको किसी खास लोकेशन पर जाना है और आप गाड़ी लेकर चले गए हैं बिना किसी नक्शे के इस इस्थिति में आपको गुम हो जाने का डर और गलत रास्ते पर जाने का डर लगा हुआ रहता है कुछ इसी प्रकार Technical Analysis काम करता है
मतलब की Technical Analysis आपके लिए एक तरह से नक्शे का काम करता है अगर आप चार्ट को को बिना सोचे समझे अपने पैसे को इन्वेस्ट किया तो वह अंधेरे में तीर चलाने जैसा होगा
Technical Analysis में चार्ट शेयर में कैसी स्थिति चल रही है यह आपको बताता है और यह तरीका काफी सटीक है आप इससे से अंदाजा लगा सकते हैं कि अब शेयर ऊपर जाएगा या नीचे जाएगा
Note : जो लोग intraday Trading करते हैं उनके लिए मेरा हमेशा से ही Request है कि आप Technical Analysis अच्छे से करना सीख जाए उसके बाद ही intraday Trading करना शुरू करें नहीं तो आप अपना पैसा गवां सकते हैं
Conclusion This Article
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बताया कि टेक्निकल एनालिसिस क्या है? Technical Analysis in hindi में पूरी जानकारी दिए हैं अगर आप अभी टेक्निकल एनालिसिस करना चाहते हैं तब आप हमें कमेंट में जरूर बताएं हम उस पर भी एक न्यू आर्टिकल लिखेंगे और यह पोस्ट पसंद आया है तो कमेंट में जरूर बताएं और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें
Technical Analysis in hindi FAQ
Q. टेक्निकल किसे कहते हैं
Ans. Technical Analysis से आप पता लगा सकते हैं शेयर का प्राइस ऊपर जाएगा या नीचे
Q. Technical Analysis क्यों करना चाहिए
Ans. Technical Analysis अगर आप इंट्राडे में नहीं करते हैं तब आप बहुत बड़ा नुकसान झेलने के लिए तैयार रहें
Q. Technical Analysis नहीं करे तो क्या होगा
Ans. Technical Analysis अगर आप इंट्राडे में नहीं करते हैं तब आप बहुत बड़ा नुकसान झेलने के लिए तैयार रहें
कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव
शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकसद पैसा कमाना ही होता है, लेकिन इनमें समय अवधि का अंतर होता है. निवेश का संबंध जहां कई वर्षों से है, वहीं ट्रेडिंग में कुछ मिनटों से लेकर कुछ साल तक के लिए पॉजिशन रखा जाता है.
- News18Hindi
- Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST
नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप टेक्निकल एनालिसिस कैसे करते हैं कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.
सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.
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इंट्राडे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.
पॉजिशनल ट्रेडिंग
पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अवधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
टेक्निकल ट्रेडिंग
टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.
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Stock Market Trading Tips: स्टॉक ट्रेडिंग से चाहिए मुनाफा तो टेक्निकल एनालिसिस पर करें गौर, चुन सकेंगे सही शेयर
नई दिल्ली, समीत चव्हाण। शेयर बाजार के निवेशक निवेश करते समय आने वाली दिक्कतों को समझते हैं, खासकर जब अस्थिरताओं पर आवश्यक जानकारी नहीं मिल पाती। बाजार में उतार-चढ़ाव के समय अनिश्चितता और बढ़ जाती है, तब निवेशक मूल्य में उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी नहीं कर पाते। औसत निवेशक आमतौर पर अपने निवेश/पोर्टफोलियो मैनेजर की सलाह पर या विशेषज्ञों की भविष्यवाणियों पर दांव लगाते हैं। टेक्निकल एनालिसिस की मदद से निवेशक स्टॉक चार्ट को देखकर इनसाइट्स प्राप्त कर पाते हैं और उन्हें स्टॉक में निवेश से जुड़े कैलकुलेशंस और जोखिम की जानकारी देते हैं जिससे वे हायर रिटर्न्स प्राप्त कर पाते हैं।
एक निश्चित अंतराल में शेयरों की कीमत और वॉल्यूम वैरिएशंस का अध्ययन करते हुए भविष्य के लिए कीमत का पूर्वानुमान आसान हो जाता है। टेक्निकल एनालिसिस 100 प्रतिशत सटीकता के साथ परिणाम प्रदान नहीं करता, यह सच है लेकिन जब बाजार में सुस्ती छाई हो तो सही विकल्प चुनने में यह मूल्यवान मददगार होता है। निवेश करते समय लोगों को टेक्निकल एनालिसिस के निम्नलिखित फीचर्स को समझना आवश्यक है।
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग
शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल करते हैं और उनके लिए यह एक भरोसेमंद टूल है जो उन्हें स्टॉक के मौजूदा ट्रैजेक्टरी का अंदाज लगाने में मदद करता है। चूंकि, यह अपेक्षाकृत सीमित समयसीमा में शेयरों को खरीदने, बेचने या रखने के लिए एक रिस्की तरीका हो सकता है, पैटर्न और ट्रेंड्स का अध्ययन करने के लिए किसी विधि या कुछ टूल्स पर निर्भरता जोखिम को नियंत्रित रखने में मदद कर सकती है। इसके अलावा ट्रेडर्स इसका इस्तेमाल अनिश्चित निवेशकों को बाहर निकालने के लिए एक टूल के रूप में करते हैं। यह प्रॉमिसिंग स्टॉक्स पहचानने और सुविधाजनक निर्णय लेने का लाभ प्रदान करता है।
एंट्री और एक्जिट पॉइंट्स
स्टॉक चार्ट का एनालिसिस करके निवेशक शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए अपने एंट्री और एक्जिट पॉइंट्स का समय निर्धारित कर पाते हैं। यह डिमांड और सप्लाई को समझने के साथ ही ट्रेंड्स को तोड़ने और अधिक से अधिक रिटर्न हासिल करने का समय तय करने में मदद करता है। स्टॉक के बारे में बहुत सारी जानकारी अक्सर लोगों को भ्रमित करती है और उनके निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करती है, ऐसे में टेक्निकल एनालिसिस महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स को सरल बनाता है, निवेशकों के लिए ट्रेडिंग को सुव्यवस्थित करता है।
कीमत के पैटर्न्स का एनालिसिस
स्टॉक ट्रेडिंग में बुद्धिमानी से भरे निर्णय लेने के सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक होने के नाते टेक्निकल एनालिसिस से प्राइस पैटर्न का एनालिसिस निवेशकों को बेस्ट प्राइस पर खरीदने या बेचने में काफी मदद कर सकता है। इससे उन्हें मूवमेंट और ओवर-वैल्यूएशन से बचने की अनुमति मिलती है क्योंकि बदलते मूल्यों की भविष्यवाणी आसान हो जाती है। वे संभावित टारगेट तय करने में भी उपयोगी हो सकते हैं, वहीं शुरुआती ट्रेंड रिवर्सल भी पहचाना जा सकता है। जैसे पैटर्न खुद को दोहराते हैं, निवेशकों को सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। रोजमर्रा के कामों में टेक्निकल एनालिसिस लागू नहीं होते।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल
इस परिदृश्य में लंबी अवधि तक शेयरों की कीमत में एक सीमा में उतार-चढ़ाव दिखता है, जिससे स्टॉक की बिक्री और खरीद पर भविष्यवाणी करना और कॉल लेना मुश्किल हो जाता है। टेक्निकल एनालिसिस की सहायता से स्टॉक चार्ट के भीतर सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों की पहचान करने से निवेशक को खरीदने या बेचने के बारे में निर्णय लेने के लिए प्रासंगिक विकल्प मिल सकते हैं। यदि कोई विशेष स्टॉक सपोर्ट और रेजिस्टेंस सीमा को पार करता है, तो यह ट्रेडिंग करने योग्य होता है जो उसके अच्छे स्वास्थ्य और मांग को दर्शाता है।
ट्रेंड्स का एनालिसिस
चाहे वह टेक्निकल एनालिसिस टूल के इस्तेमाल की बात हो या न हो, शेयर बाजारों के मौजूदा ट्रेंड्स को समझना किसी भी निवेशक के लिए सिस्टम में प्रवेश करने से पहले की एक बुनियादी आवश्यकता है। व्यावहारिक निर्णय लेने के लिए वर्तमान और व्यापक डिग्री में बाजार के ट्रेंड्स को समझना आवश्यक है। टेक्निकल एनालिसिस किसी स्टॉक के ऐतिहासिक, वर्तमान, समग्र प्रदर्शन और स्वास्थ्य को सामने लाता है। फिर चाहे वह अपट्रेंड्स, डाउनट्रेंड्स या हॉरिजोन्टल ट्रेंड्स में रहें, निवेशक उसकी खरीद-बिक्री का फैसला बेहतर तरीके से ले सकेंगे।
मूल्य और वॉल्यूम एनालिसिस का कॉम्बिनेशन
अंत में, एक कॉम्बिनेशन के रूप में प्राइस मूवमेंट और वॉल्यूम का एनालिसिस अक्सर निवेशकों को किसी भी चाल की वास्तविकता का पता लगाने में मदद करता है। डिमांड और सप्लाई साइकिल दोनों पहलुओं में बदलाव को प्रभावित करती है। टेक्निकल एनालिसिस ट्रेड के वॉल्यूम के इतिहास के अवलोकन की अनुमति देता है। इससे स्टॉक्स के ट्रेंड्स को समझने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, जब स्टॉक का मूल्य बढ़ता है और परिणामी रूप से वॉल्यूम भी बढ़ता तो यह एक पॉजिटिव ट्रेंड की पहचान होती है। यदि ट्रेड का वॉल्यूम में मामूली वृद्धि है, तो इसे रिवर्स ट्रेंड के रूप में पहचाना जाता है। इस वजह से दो पहलुओं की कम्बाइंड स्टडी निवेशकों को पैटर्न बेहतर ढंग से समझने की अनुमति देता है।
इस वजह से, सही रणनीति के साथ निवेश करने के लिए, स्टॉक चार्ट्स के ओवरऑल असेसमेंट और उस समय के अनुसार ट्रेडिंग विकल्पों की उपलब्धता के लिए टेक्निकल एनालिसिस टूल फायदेमंद हो सकते हैं।
(लेखक एंजेल ब्रोकिंग लिमिटेड के टेक्निकल एंड डेरिवेटिव्स के चीफ एनालिस्ट हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)