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आदेश बंद करो

आदेश बंद करो
टू फिंगर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट

कितना दुर्भाग्यपूर्ण.. बंद करो रेप पीड़िताओं का टू फिंगर टेस्ट, SC का सरकारों को सख्त आदेश

SC on Two Finger Test: सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िताओं के टू फिंगर टेस्ट पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने इस टेस्ट को जारी रखने पर सख्त आपत्ति जताई है।

Supreme court

टू फिंगर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट

हाइलाइट्स

  • सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़ितों के टू फिंगर टेस्ट पर तुरंत रोक लगाने का दिया आदेश
  • शीर्ष अदालत ने इस टेस्ट को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है
  • सर्वोच्च अदालत ने राज्यों को इस आदेश को लागू करने के लिए कहा है

शीर्ष अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को कुछ निर्देश जारी किए और राज्यों के पुलिस महानिदेशकों तथा स्वास्थ्य सचिवों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि ‘टू-फिंगर परीक्षण’ नहीं कराया जाए।

उसने कहा कि ‘टू-फिंगर’ परीक्षण करने वाले किसी भी व्यक्ति को कदाचार का दोषी ठहराया जाएगा। पीठ ने केंद्र और राज्य के स्वास्थ्य सचिवों को निर्देश दिया कि सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों के पाठ्यक्रम से ‘टू-फिंगर’ परीक्षण से संबंधित अध्ययन सामग्री को हटाया जाए।

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School Closed 2022: यूपी में 15 फरवरी तक स्कूल बंद, जानिए किन-किन राज्यों में अभी ऑफलाइन क्लासेस की उम्मीद नहीं

School Closed 2022: यूपी में 15 फरवरी तक स्कूल बंद, जानिए किन-किन राज्यों में अभी ऑफलाइन क्लासेस की उम्मीद नहीं

School Closed 2022: उत्तर प्रदेश में स्कूल 15 फरवरी तक बंद रहेंगे। राज्य में कोरोना के मामलों में वृद्धि को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। यह घोषणा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 30 जनवरी तक स्कूल बंद रखने की घोषणा के कुछ दिनों बाद आई है। इससे पहले यूपी सरकार ने 16 जनवरी से 23 जनवरी तक सभी स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया था। अब यह आदेश 15 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। आदेश अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने जारी किया। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी माध्यमिक बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए सभी स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी।

अधिकांश आदेश बंद करो राज्यों में 31 जनवरी तक स्कूल बंद

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जनवरी में एक बार फिर स्कूल बंद कर दिए गए थे। अधिकांश राज्यों में 31 जनवरी तक स्कूल बंद है। अच्छी खबर यह है कि स्कूल खोलने को लेकर माहौल बनने लगा है। जहां-जहां केस कम हो रहे हैं, वहां स्कूल खोलने जा रहे हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा, तमिलनाडु उन राज्यों में शामिल हैं जहां 1 फरवरी से फिर स्कूलों की घंटी बजने लगेगी। वहीं कुछ राज्य अभी इंतजार कर रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही मीटिंग करेगी।

इससे पहले उत्तराखंड में 31 जनवरी तक स्कूल बंद रखने का फैसला हो चुका है। उत्तराखंड सरकार ने बढ़ते COVID-19 मामलों को देखते हुए कक्षा 12 तक के सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने की घोषणा की है। साथ ही प्रदेश में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रात के कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। 12 आदेश बंद करो वीं कक्षा तक के सभी आंगनवाड़ी केंद्र और शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी।

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अब तक एमपी, छत्तीसगढ़, हरियाणा, राजस्थान पश्चिम बंगाल समेत 15 राज्यों में स्कूल बंद करने का फैसला हो चुका है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सहित राज्यों ने विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन कक्षाओं की अनुमति दी है। मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना केस देखते हुए 31 जनवरी तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे, लेकिन ऑनलाइन क्लासेस जारी रहेंगी। केरल में भी नौवीं तक की कक्षाएं बंद हैं।

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वहीं गुजरात के 10 शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है और सभी स्कूलों तथा कॉलेज को 31 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। गुजरात में इन प्रतिबंधों को मिनी लॉकडाउन बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के अनुसार, अहमदाबाद, आनंद, भावनगर, गांधीनगर, जामनगर, जूनागढ़, नडियाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रात का कर्फ्यू लागू रहेगा।

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कुल मिलकर बच्चे एक बार फिर घरों में कैद हो गए हैं और आशंका जताई जा रही है कि जनवरी के साथ पूरे फरवरी माह में स्कूल बंद रह सकते हैं। कहा जा रहा है कि कोरोना के नया वेरिएंट ओमिक्रोन फरवरी में पीक पर होगा।

Schools Closed: State wise updates

कर्नाटक: 10वीं 12वीं को छोड़कर सभी कक्षाओं के लिए दो सप्ताह के लिए स्कूल बंद।

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दिल्ली: सभी स्कूल 3 जनवरी से अगले अपडेट तक बंद, कॉलेज तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए गए क्योंकि सरकार ने बढ़ते मामलों पर येलो अलर्ट जारी किया है।

हरियाणा: 30 जनवरी तक सभी स्कूल, कॉलेज बंद

महाराष्ट्र: मुंबई में स्कूल 31 जनवरी तक बंद। हालांकि जल्द स्कूल खोलने का फैसला हो सकता है।

तमिलनाडु: कक्षा 1 से 8 तक के लिए स्कूल बंद, कक्षा 9 से 12 के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी।

ओडिशा: प्राथमिक कक्षाओं को फिर से खोलना अगली सूचना तक स्थगित।

पश्चिम बंगाल: स्कूल, कॉलेज अगली सूचना तक बंद।

बिहार: कक्षा 8 तक के सभी स्कूल बंद, 50% क्षमता के साथ 9 से 12 के लिए ऑफलाइन कक्षाएं।

झारखंड: सभी स्कूल, कॉलेज बंद।

गोवा: 26 जनवरी तक सभी स्कूल, कॉलेज बंद।

छत्तीसगढ़: 4% या उससे अधिक की सकारात्मकता दर वाले जिलों में स्कूल अगली सूचना तक बंद।

बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुंबई के सभी स्कूलों को 31 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया गया है (Mumbai School Closed), सिर्फ 10वीं और 12वीं की ही कक्षाएं चलेंगी। महाराष्ट्र के अन्य जिलों से खबर है कि यहां स्कूल-कॉलेज फिर से बंद करने पर एक बार फिर फैसला हो सकता है। महाराष्ट्र देश के उन राज्यों में शामिल है जहां ओमिक्रोन से सबसे ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले 15 दिन में इस बारे में फैसला हो सकता है। उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री बेटे आदित्य ठाकरे ने भी कहा है कि लोग घरों में रहें और कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। इससे पहले प्रदेश की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ कह चुकी हैं कि यदि ओमिक्रोन के केस बढ़ते हैं तो स्कूल फिर से बंद किए जा सकते हैं। हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

Twitter Controversy: आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट की ट्विटर को कड़ी फटकार, कहा- आदेश मानो या बंद करो कारोबार

अदालत ने ट्विटर को अगली सुनवाई तक इस संबंध में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 7 फरवरी तय कर दी।

Andhra pradesh high court

आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के आदेशों की अवहेलना करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने ट्विटर से कारण पूछते हुए कहा कि इस मुद्दे पर इसे बंद क्यों नहीं कर दिया जाना चाहिए। यह कहते हुए कि ट्विटर का रुख अदालत की अवमानना के समान है, मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एम सत्यनारायण मूर्ति की खंडपीठ ने पूछा कि इसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।

हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
अदालत ने ट्विटर को अगली सुनवाई तक इस संबंध में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 7 फरवरी तय कर दी। हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश बंद करो ट्विटर से कहा कि वह तकनीकी बातों को छुपा नहीं सकता। पिछली सुनवाई के दौरान, हमने स्पष्ट आदेश दिया था कि आपत्तिजनक आदेश बंद करो सामग्री को तुरंत हटा दिया जाए। ऐसा करने में विफलता अदालत की अवमानना के बराबर है। अगर आपको अपनी सेवाएं जारी रखनी है, तो आपको देश के कानूनों का सम्मान करना होगा। अन्यथा, अपना कारोबार बंद करें।

न्यायपालिका के खिलाफ ट्विटर पर टिप्पणियां
सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों और समर्थकों द्वारा कथित तौर पर न्यायपालिका के खिलाफ विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक और अपमानजनक पोस्ट से संबंधित एक स्वत: संज्ञान मामले पर सोमवार को नियमित सुनवाई के दौरान ट्विटर को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ा। सीबीआई हाई कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच कर रही है और इस सिलसिले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शिकायतकर्ता हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से अधिवक्ता एन अश्विनी कुमार ने अदालत के संज्ञान में लाया कि हालांकि ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक सामग्री को हटाने का दावा किया है, लेकिन इसे वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है।

सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने अदालत को बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अपनी साइट से अपमानजनक सामग्री को हटाने में सहयोग नहीं कर रहा है। आदेश बंद करो डिवीजन बेंच ने ट्विटर से पूछा कि उसके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जाए।

विस्तार

आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के आदेशों की अवहेलना करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत आदेश बंद करो ने ट्विटर से कारण पूछते हुए कहा कि इस मुद्दे पर इसे बंद क्यों नहीं कर दिया जाना चाहिए। यह कहते हुए कि ट्विटर का रुख अदालत की अवमानना के समान है, मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एम सत्यनारायण मूर्ति की खंडपीठ ने पूछा कि इसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।

हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
अदालत ने ट्विटर को अगली सुनवाई तक इस संबंध में एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 7 फरवरी तय कर दी। हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए ट्विटर से कहा कि वह तकनीकी बातों को छुपा नहीं सकता। पिछली सुनवाई के दौरान, हमने स्पष्ट आदेश दिया था कि आपत्तिजनक सामग्री को तुरंत हटा दिया जाए। ऐसा करने में विफलता अदालत की अवमानना के बराबर है। अगर आपको अपनी सेवाएं जारी रखनी है, तो आपको देश के कानूनों का सम्मान करना होगा। अन्यथा, अपना कारोबार बंद करें।

न्यायपालिका के खिलाफ ट्विटर पर टिप्पणियां
सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों और समर्थकों द्वारा कथित तौर पर न्यायपालिका के खिलाफ विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक और अपमानजनक पोस्ट से संबंधित एक स्वत: संज्ञान मामले पर सोमवार को नियमित सुनवाई के दौरान ट्विटर को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ा। सीबीआई हाई कोर्ट के आदेश पर मामले की जांच कर रही है और इस सिलसिले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शिकायतकर्ता हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से अधिवक्ता एन अश्विनी कुमार ने अदालत के संज्ञान में लाया कि हालांकि ट्विटर ने अपने प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक सामग्री को हटाने का दावा किया है, लेकिन इसे वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है।

सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने अदालत को बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अपनी साइट से अपमानजनक सामग्री आदेश बंद करो को हटाने में सहयोग नहीं कर रहा है। डिवीजन बेंच ने ट्विटर से पूछा कि उसके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जाए।

एनुअल फंक्शन तो होंगे?: विपक्ष ने सदन में कहा एनुअल फंक्शन बंद करो, शिक्षा विभाग ने स्कूलों को आदेश दिया आवश्यक रूप से करें

सरकारी स्कूलों में इन दिनों कक्षा छह से बारह तक की कक्षाएं आयोजित हो रही है। इस बीच वाषिकोत्सव का भी हो रहे हैं। - Dainik Bhaskar

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एनुअल फंक्शन को लेकर विधानसभा में सोमवार को विपक्ष ने विरोध दर्ज कराया। उदयपुर में बड़ी संख्या में बच्चों के कोरोना पॉजिटिव आने का सवाल उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने एनुअल फंक्शन सहित अन्य आयोजनों पर रोक लगाने की मांग सरकार से की थी। वहीं शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने मंगलवार को आदेश जारी कर 31 मार्च तक आवश्यक रूप से एनुअल फंक्शन करने के आदेश दिए हैं।

उदयपुर सहित राज्य के अनेक जिलों आदेश बंद करो में कोरोना पीड़ितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। राज्य के सरकारी स्कूलों में इन दिनों एनुअल फंक्शन चल रहे हैं। विधानसभा सत्र के शून्यकाल के दौरान सोमवार को कटारिया ने कहा था, हमने सरकारी स्कूल तो खोल दिया, लेकिन अब वहां रैंडम सैंपलिंग करवा दें, ताकि समय पर कंट्रोल हो। कोरोना गाइंडलाइंस की शिक्षा विभाग के अफसरों ने जानबूझकर तौहीन की है बड़गांव में फंक्शन किया, 400 की संख्या थी उसमें, अंध विद्यालय के 100 बच्चे भी वहां गए थे। उस फंक्शन में गए उदयपुर के अंध विद्यालय के 29 बच्चे पॉजिटिव पाए गए।

शिक्षा विभाग वार्षिक उत्सव बंद करें। रैंडम चैकिंग करें। इस घटना के कारण 43 लोग पॉजिटिव आए है। इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने चिकित्सा विभाग की गाइडलाइन को देखते हुए अनुअल फंक्शन को रद्द करने के निर्देश भी दिए थे। वहीं अब माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने मंगलवार को आदेश जारी कर कहा है कि वार्षिक उत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह 2021 का आयोजन पूर्व निर्धारित बीस मार्च के बजाय अब 31 मार्च तक आवश्यक रूप से संपादित करवाया जाए।

इतना ही नहीं निदेशक ने इन कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों को भी बुलाने के आदेश दिए हैं। ज्यादा से ज्यादा भामाशाहों को आमंत्रित करने के आदेश दिए हैं। राज्य के सभी संभागीय संयुक्त निदेशकों, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला शिक्षा अधिकारियों को मंगलवार को अति आवश्यक बताते हुए यह निर्देश दिए गए हैं।

क्यों हो रहा विरोध?

सरकारी आदेश बंद करो स्कूलों में एनुअल फंक्शन का आयोजन होने से बड़ी संख्या में बच्चे और बड़े एक जगह एकत्र हो रहे हैं। कोरोना फिर आदेश बंद करो आदेश बंद करो से बढ़ने के कारण बच्चों की सुरक्षा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शिक्षक संगठनों ने भी इसका विरोध किया था। आरोप लगाया जा रहा है कि महज दस हजार रुपए का बजट हर स्कूल में खपाने के लिए ऐसे आयोजन हो रहे हैं।

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