आपको गंभीरता से ट्रेंड को फॉलो कब करना चाहिए

आपको बता दे कि साल 2015 में आमिर खान ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के एक नागरिक होने के तौर पर चल रही घटनाओं से वो चिंतित महसूस करते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं उनकी पत्नी किरण राव ने भी देश छोड़ देने की बात की थी। उस समय इस बयान पर जमकर बवाल हुआ था। इसके बाद आमिर को अतिथि देवो भव के ब्रांड एंबेसडर के पद से भी हटा दिया गया था।
Investment Tips: बुढ़ापे में चाहते हैं बड़ी रकम तो जरूरी है यह बात
: आप भविष्य (Future) के लिए कुछ रकम जमा करना चाहते हैं। तो निवेश में अनुशासन (Investment Discipline) एक जरूरी चीज है। यदि आप इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं तो आपका निवेश कार्यक्रम (Investment Programme) पटरी से उतर सकता है। आप यदि किसी लक्ष्य के लिए निवेश कर रहे हैं तो आपको इस बात को गांठ बांधने में ही भलाई है।
लंबे समय तक बनाए रखें अनुशासन
प्रसिद्ध दार्शनिक फ्रेडरिक नीत्शे ने एक बार कहा था, "स्वतंत्रता स्वयं के प्रति जिम्मेदार होने की इच्छा है"। यह भावना आज भी प्रासंगिक बनी हुई है और निवेश की आदतों से आसानी से जुड़ जाती है। निवेश आपके स्वयं के प्रति जिम्मेदार होने का एक उप-उत्पाद है। इसका अहसास आपके निवेश में अनुशासन पैदा करने में मदद करता है। म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर वैभव अंकुश राणे कहते हैं कि हालांकि, अक्सर निवेशक अपने निवेश में लंबे समय तक चलने वाले अनुशासित दृष्टिकोण का प्रदर्शन करने में असमर्थ होते हैं। नतीजतन, न तो वे धन का सृजन करते हैं और न ही वे वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त कर पाते हैं।
आज़ादी के 75 साल: ‘नामांकन की प्रगति को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से सफल बनाने की है जरूरत’
सर्वे पर आधारित लेख: कोविड-19 के दौर में ऑनलाइन पढ़ाई की ज़मीनी वास्तविकता क्या थी?
हम अक्सर बच्चों में पढ़ने की आदत का विकास करने के बारे में सुनते हैं। इस बारे में चर्चा भी होती है। लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ग़ौर किया है कि जबतक माता-पिता, अभिभावक, शिक्षक खुद अपने पढ़ने की आदत का विकास नहीं करते, बच्चों को केवल कहने उनमें पढ़ने की ललक का विकास नहीं होगा। इस बात ने इस मुद्दे पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि बड़ों में पढ़ने की आदत का वर्तमान ट्रेंड क्या है और कौन-कौन आपको गंभीरता से ट्रेंड को फॉलो कब करना चाहिए से कारण हैं जिसके कारण वे पढ़ने की आदत डालने में परेशानी महसूस करते हैं। बड़े चाहते हैं कि बच्चे पढ़ें, लेकिन वे खुद बच्चों को पढ़ते हुए नज़र नहीं आते। ऐसे में बच्चों पर उनकी कही हुई बातों का भी बहुत ज्यादा असर नहीं होता है।
पढ़ने की मेहनत करने का संकल्प करें
अगर आप कोई किताब पढ़ रहे हैं तो कई बार ऐसा होता है कि आपके साथी कहते हैं कि इस किताब में क्या है? पढ़ने के बाद मेरे साथ शेयर कर दीजिएगा। दूसरा तरीका कि जदो किताब आप पढ़ रहे हैं, उसके ऊपर पीपीटी बना दीजिएगा ताकि बाकी लोगों को भी किताब पढ़ने का लाभ मिल सके। तीसरा तरीका किताब पढ़ने की क्या जरूरत है, मेरे साथ के लोग तो मुझे किताब पढ़कर बता ही देते हैं कि किताब में मुख्य-मुख्य बात क्या कही गई है। टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल खूब होता है जैसे किताब की समीक्षा गूगल सर्च करो और पढ़ लो।
अगर किताब के ऊपर कोई वीडियो है तो यू-ट्यूब पर सर्च करो और देख लो। किताब तो बाद में पढ़ी जाएगी। यह तरीके कुछ हद तक मदद करते हैं। लेकिन बतौर पाठक किसी किताब को पढ़ने से जो आपकी समझ में बढ़ोत्तरी होती है। शब्द भण्डार संपन्न होता है। आप अपने अनुभवों के लिए शब्द खोज पाते हैं। उदाहरण बनाने और तर्क देने की क्षमता का जो विकास करते हैं, वह केवल दूसरों पर निर्भरता से हासिल नहीं होगा। तो पढ़ने से बचने वाली आदत के कारण खुद आपको गंभीरता से ट्रेंड को फॉलो कब करना चाहिए से पढ़ने की आदत का विकास बड़ों में नहीं हो पाता है। हालांकि वे सैद्धांतिक तौर पर इस बात को स्वीकार तो करते हैं और कहते भी हैं कि पढ़ना बहुत जरूरी है।
सुरक्षित प्रसव पर ध्यान देना जरूरी
तमाम अभियानों के बावजूद भारत में मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य की स्थिति में बहुत सुधार नहीं हो रहा है। कुपोषण के अलावा नवजात शिशु की मृत्यु-दर के आंकड़े भी डराते हैं। इस महीने दिल्ली में हो रहे ग्लोबल पार्टनर्स फोरम 2018 का मेजबान भारत है। ऐसे में जरूरी है कि इस पहलू पर गंभीरता से विचार किया जाए।
सुरक्षित प्रसव पर ध्यान देना जरूरी
तमाम अभियानों के बावजूद भारत में मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य की स्थिति में बहुत सुधार नहीं हो रहा है। कुपोषण के अलावा नवजात शिशु की मृत्यु-दर के आंकड़े भी डराते हैं। इस महीने दिल्ली में हो रहे ग्लोबल पार्टनर्स फोरम 2018 का मेजबान भारत है। ऐसे में जरूरी है आपको गंभीरता से ट्रेंड को फॉलो कब करना चाहिए कि इस पहलू पर गंभीरता से विचार किया जाए।
Laal Singh Chaddha : जब ट्रेंड हुआ बायकॉट लाल सिंह चड्ढा तो आमिर के फैंस ने ऐसे दिया मुंहतोड़ जवाब
बॉलीवुड के अभिनेता आमिर खान (Aamir Khan) लंबे समय के बाद बड़े पर्दे पर वापसी करने जा रहे हैं। आमिर खान और करीना कपूर (Kareena kapoor) की मोस्ट अवेटेड फिल्म लाल सिंह चड्ढा 11 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। ये फिल्म लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद बहुत से लोगों को ये पसंद नहीं आया। इसके बाद सोशल मीडिया (Social Media) पर #BoycottLaalSinghChaddha ट्रेंड करने लगा था। लेकिन वहीं अब कुछ लोगों ने इस फिल्म के लिए आमिर खान की जमकर तारीफ की है और इस फिल्म का समर्थन कर रहे हैं। अब #BoycottLaalSinghChaddha के बाद #IndiaWithLaalSinghChaddha ट्विटर पर जमकर ट्रेंड कर रहा है। इस फिल्म को मिलते ऐसे रिएक्शंस को देख अब आमिर और करीना ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।