व्यापार तकनीक क्या है

Fueling Traceability!
A remarkable innovation - this QR Code will be pasted on existing cylinders & welded on new ones - when activated it has the potential to resolve several existing issues of pilferage, tracking & tracing & better inventory management of gas cylinders. pic.twitter.com/7y4Ymsk39K— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) November 16, 2022
बेंगलुरू टेक समिट में PM मोदी का प्री-रिकॉर्डेड वीडियो संदेश, कहीं ये अहम बातें.
भारत ने यह भी दिखाया है कि तकनीक को मानवीय स्पर्श कैसे दिया जाता है। भारत में, प्रौद्योगिकी समानता और सशक्तिकरण की एक शक्ति है। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत लगभग 200 मिलियन परिवारों को सुरक्षा कवच प्रदान करती है। गरीबी के खिलाफ जंग में भारत तकनीक को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
क्या आपने किसी सरकार के सफल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म चलाने के बारे में सुना है? यह भारत में हुआ है! हमारे पास जीईएम नामक एक सरकारी ई-मार्केटप्लेस है। यह एक ऐसी जगह है जहां छोटे व्यवसाय और व्यापारी सरकार की जरूरतों को पूरा करते हैं।
साइलो को समाप्त करने, तालमेल को सक्षम करने और सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है।
आपका निवेश और हमारा नवप्रवर्तन चमत्कार कर सकता है। आपका भरोसा और हमारी तकनीकी प्रतिभा चीज़ों को घटित कर सकती है। मैं आप सभी को हमारे साथ काम करने के लिए आमंत्रित करता हूं क्योंकि हम दुनिया की समस्याओं को हल करने में अग्रणी हैं।
भारत ने इस वर्ष ग्लोबल इनोवेटिव इंडेक्स में 40 रैंकों की छलांग लगाई है। 2015 में हम 81वें स्थान पर थे। भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या दोगुनी होई है, अब हम दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप हब हैं। यह भारत के टैलेंट पूल के कारण है।
पिछले 8 सालों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन का आंकड़ा 60 मिलियन से 810 मिलियन पर आ गया है। स्मार्टफोन उपयोगकर्ता भी 150 मिलियन से 750 मिलियन पर पहुंच गए हैं। इंटरनेट की बढ़त ग्रामीण इलाकों में तेज़ी से हो रही है।
कोविड के समय में सब छोटे व्यापारी के लिए चिंतित थे और हमने उनकी मदद भी की। लेकिन हम एक कदम आगे गए और हमने स्ट्रीट वेंडर की मदद की। हमने उनको अतिरिक्त कार्यशील पूंजी दी जिसकी मदद से वह अपने व्यापार को फिर से शुरू कर सकें।
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अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी, यूपी पवेलियन का किया निरीक्षण
स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग प्रदान करने के लिए पीएम के प्रति जताया आभार
नई दिल्ली/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 समिट में भाग लेने गए हैं। यह गौरव की बात है कि भारत पीएम के नेतृत्व में अगले वर्ष तक जी-20 की अध्यक्षता करेगा। वहां जिन 20 विकसित देशों के राष्ट्राध्यक्ष आए हैं, उन्हें ओडीओपी ( वन जिला, एक उत्पाद) के उपहार प्रधानमंत्री की तरफ से दिए जा रहे हैं। इससे हमारे प्रोडक्ट को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। स्थानीय उत्पाद को वैश्विक स्तर पर नया ब्रांडिंग प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने पीएम के प्रति आभार जताया।
सीएम बुधवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान पर चल रहे 41वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में पहुंचे। वहां उन्होंने यूपी पवेलियन में लगे स्टॉलों का अवलोकन किया। सीएम ने कारीगरों, हस्तशिल्पियों से बात कर उनकी हौसलाअफजाई भी की।सीएम ने कहा कि 5 वर्ष के अंदर यूपी के परंपरागत उत्पाद को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के अनेक प्रयास हुए। इसके लिए हमने पहले मैपिंग कराई, फिर हर जिले के एक उत्पाद को चिह्नित कर डिजाइनिंग, मार्केटिंग, ब्रांडिंग व पैकेजिंग के लिए प्रोत्साहन दिया। हस्तशिल्पियों का प्रशिक्षण कराया। इस दौरान भी उन्हें मानदेय दिया। टूलकिट उपलब्ध कराए गए। प्रदर्शनियों में लाने- ले जाने के लिए हरसंभव सहयोग किया गया। उसका परिणाम है कि यूपी एक्सपोर्ट का हब बना है।
यूपी के विकास पर पड़ व्यापार तकनीक क्या है रहा था विपरीत असर
सीएम ने कहा कि इंडिया ट्रेड फेयर में आज यूपी डे है। उत्तर प्रदेश के स्टॉल का उद्घाटन हुआ है। प्रधानमंत्री जी ने कोरोना के दौरान आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य और लोकल फॉर वोकल का स्लोगन दिया था। उनकी प्रेरणा से हम लोगों ने 2018 में यूपी के परंपरागत उत्पादों की एक जिला, एक उत्पाद के रूप में ब्रांडिग की थी। यूपी इस दृष्टि से काफी समृद्धशाली है। वहां की आबादी 25 करोड़ है। हमारे पास 75 जनपद हैं और सभी के पास अपना कोई न कोई यूनिक उत्पाद है। उससे जुड़े कलस्टर पहले से हैं। इससे जुड़े हस्तशिल्पी व कारीगर सदियों से इस परंपरा से जु़ड़े हैं। समय के अनुरूप प्रोत्साहन, शासन-प्रशासन का सहयोग और तकनीक न मिलने से उनमें हताशा-निराशा थी। वे लोग इन कार्यों से मुंह मोड़ रहे थे। यूपी के विकास पर इसका विपरीत असर पड़ रहा था, इसलिए 2018 में यूपी दिवस पर ओडीओपी की अभिनव योजना प्रारंभ की गई, जो परंपरागत उत्पाद को प्रोत्साहित करने व उसे लोकल से ग्लोबल बनाने की मुहिमा का हिस्सा था। प्रसन्नता है कि यूपी का ओडीओपी पीएम के विजन के अनुरूप देश व विदेशों में भी समृद्ध हो रहा है।
यूपी का एक्सपोर्ट बढ़कर एक लाख 56 हजार करोड़ से अधिक का हो गया
सीएम ने बताया कि 2017-18 में यूपी का एक्सपोर्ट 86 हजार करोड़ का था, अब एक लाख 56 हजार करोड़ से अधिक का हो चुका है। इसमें अभी भी बहुत संभावनाएं हैं। एमएसएमई के कलस्टर के रूप में हस्तशिल्पी व कारीगर हैं। सरकार ने ओडीओपी व विश्वकर्मा व्यापार तकनीक क्या है श्रम सम्मान से उनके प्रोत्साहन के लिए कार्यक्रम चलाए। कोरोना में जब 40 लाख प्रवासी कामगार श्रमिक यूपी वापस आए थे तो ज्यादातर का समायोजन ओडीओपी के जरिए किया गया था। कोरोना में सबसे बड़ी आबादी वाले यूपी में भी अव्यवस्था नहीं फैली। ट्रेड फेयर का थीम पीएम की प्रेरणा से वोकल फॉर लोकल, लोकल फॉर ग्लोबल के साथ प्रारंभ हुआ। सभी 75 जनपदों के उत्पाद को यहां डिस्प्ले किया गया है। इससे जुड़े हस्तशिल्पी और उनके प्रोडक्ट यहां हैं। उनके उत्पादों को वैश्विक मान्यता मिलना यूपी के लिए गौरव की बात है। यह आत्मनिर्भर भारत को बढ़ाने का कार्यक्रम है।
व्यापार तकनीक क्या है
LPG Cylinder: देश में लगभग 30 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता है, जबकि गैस सिलेंडरों की संख्या करीब 70 करोड़ है। इनमें सबसे अधिक ग्राहक इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पास हैं।
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LPG Cylinder: देश में जैसे-जैसे गैस की कीमतों में इजाफा हो रहा है, सिलेंडरों से अवैध तरीके से गैस निकालने के मामले भी बढ़ रहे हैं।
आने वाले कुछ दिनों में आपने घर पहुुचने वाले एलपीजी सिलेंडर(LPG Cylinder) पर भी क्यूआर कोड लगा होगा। सरकार एलपीजी गैस सिलेंडर पर क्यू आर कोड लगाने का फैसला इसलिए लिया है ताकि आपके घर तक सिलेंडर पहुचाने की प्रक्रिया के दौरान वेंडर्स उससे गैस ना निकाल सकें।
देश में लगभग 30 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता है, जबकि गैस सिलेंडरों की संख्या करीब 70 करोड़ है। इनमें सबसे अधिक ग्राहक इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पास हैं।
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— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) November 16, 2022
A remarkable innovation - this QR Code will be pasted on existing cylinders & welded on new ones - when activated it has the potential to resolve several existing issues of pilferage, tracking & tracing & better inventory management of gas cylinders. pic.twitter.com/7y4Ymsk39K
देश में जैसे-जैसे गैस की कीमतों में इजाफा हो रहा है, सिलेंडरों से अवैध तरीके से गैस निकालने के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसी पर लगाम लगाने केलिए सरकार ने सिलेंडरों को क्यूआर कोडयुक्त करने का फैसला लिया है।
क्यूआर कोड युक्त सिलेंडर होने से उपभोक्ताओं को गैस की चोरी होने की स्थिति में मदद मिलेगी। दरअसल, क्यूआर कोड की मदद से उनके सिलेंडर को ट्रैक किया जा सकेगा, जिससे सिलेंडर वितरण की प्रक्रिया के दौरान गैस चोरी करने वालों की पहचान हाे सकेगी।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बात की जानकारी साझा करते हुए कहा है कि सरकार सभी एलपीजी गैस सिलेंडरों को क्यूआर कोड से लैस करने जा रही है। ऐसा होने से गैस सिलेंडरों की ट्रैकिंग आसान होगी और गैस चोरी करने वालों को पकड़ा जा सकेगा।
दूसरे शब्दों में कहें तो ये क्यूआर कोड बिल्कुल उसी तरह से काम करेगा, जैसे एक मनुष्य के लिए आधार कार्ड काम करता है। सरकार के इस फैसले से आने वाले समय में क्यूआर कोड से लैस हर सिलेंडर की अपनी एक अलग पहचान होगी।
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मरीना ग्रोनबर्ग एक सफल व्यवसायी, हेमा ग्रुप की सह-संस्थापक हैं।
एक स्टार्टअप एक कमर्शियल प्रोजेक्ट है जो एक सफल तकनीक विकसित कर रहा है और इसके लिए मल्टी-स्टेज फंडिंग की आवश्यकता होती है। किसी विचार की संभावनाओं का मूल्यांकन करते समय, आप बाजार की स्थिति पर विचार करते हुए विभिन्न कोणों से इसका विश्लेषण करने की आवश्यकता है। मरीना ग्रोनबर्ग के अनुसार, सबसे मुश्किल काम एक नहीं बनाना है व्यावसायिक विचार, लेकिन इसे लागू करना। किसी प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक निष्पादित करने के लिए, निवेशकों को सभी कारकों और परिस्थितियों का पूर्वानुमान लगाना चाहिए और तुरंत प्रतिक्रिया देनी चाहिए जो इसके विकास को प्रभावित कर सकता है। कोई सही चुनाव कैसे कर सकता है? क्या किसी को खोजते और उसका मूल्यांकन करते समय कारकों को ध्यान में रखा जाना चाहिए स्टार्टअप?
स्टार्टअप्स एक बड़ी क्षमता वाली परियोजना को कैसे खोजना
अनुभवी निवेशक ऐसी जगह पर स्टार्टअप्स की तलाश करते हैं, जिसमें वे अच्छी तरह से वाकिफ हों। यह करता है इसका मतलब यह नहीं है कि वे बाद में विशेषज्ञों को शामिल नहीं करेंगे, लेकिन बारीकियों को जानकर समस्या के कारण उनके लिए एक ही पृष्ठ पर होना संभव हो जाता है स्टार्टअप के संस्थापक। यह, बदले में, स्वस्थ कार्य को विकसित करने की ओर ले जाता है ऐसे संबंध जो एक निवेशक और एक के बीच गठजोड़ के लिए आवश्यक हैं उद्यमी।
द स्टार्टअप्स की खोज एक निरंतर, कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है। इनमें से केवल 3-4% फ़नल में आने वाली परियोजनाएँ एक फ़िनिश लाइन तक पहुँचती हैं, और पहले संसाधित किए जाने वाले एप्लिकेशन वे हैं जो विशेषज्ञ पैनल को मिलेंगे सबसे दिलचस्प। निवेशक उन स्टार्टअप्स की तलाश में हैं, जो अपने में राय, कुछ वर्षों में भुगतान कर सकते हैं।
ऑन दूसरी ओर, उद्यमी भी अपने विकास के लिए निवेशकों की तलाश कर रहे हैं विचार वे वीसी फर्मों और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर आवेदन जमा करते हैं और उपयोग करते हैं नेटवर्किंग का। वेंचर कैपिटल फर्मों के लिए क्या मायने रखता है जो समर्थन करते हैं वैश्विक क्षमता वाले स्टार्टअप्स के तेजी से स्केलिंग की संभावना है प्रोजेक्ट। उनकी प्राथमिकताएं आईटी और बायोटेक्नोलॉजी में निहित हैं। निवेशक सुनते हैं उनके अंतर्ज्ञान और मंच पर तुरंत कुछ भी âuninterestingâ बाहर निकाल देते हैं परियोजना को जानने के लिए।
चयन करना और मरीना ग्रोनबर्ग की एक स्टार्टअप की सलाह का मूल्यांकन करना
यह यदि आप किसी में विशेषज्ञ नहीं हैं, तो किसी परियोजना की संभावनाओं का आकलन करना मुश्किल है विशेष क्षेत्र। इसके अलावा, निवेशकों के पास उद्यमशीलता का अनुभव होना चाहिए स्टार्टअप्स के साथ काम करते हुए, उन्हें विकास के चरण के नुकसान को जानना चाहिए, मानसिक रूप से लचीला बनें और व्यावसायिक संपर्कों का पर्याप्त नेटवर्क रखें। निवेशकों के लिए एक और महत्वपूर्ण पहलू व्यवसाय में उनकी प्रतिष्ठा है। समुदाय। इस तथ्य के कारण कि अधिकांश स्टार्टअप महंगे प्रोजेक्ट हैं और उनकी आवश्यकता होती है पूंजी निवेश में दसियों लाख डॉलर, वे हैं वीसी फंड द्वारा विकसित किया गया है न कि निजी निवेशकों द्वारा। यह मजबूत फंड है भागीदारों से वित्तीय सहायता जो भविष्य की तकनीक का सक्षम मूल्यांकन प्रदान कर सकती व्यापार तकनीक क्या है है।
अनुसार मरीना ग्रोनबर्ग के लिए, तैयारी का चरण सबसे कठिन है और बहुत समय लेने वाली। इस अवधि के दौरान, व्यवसाय का मूल्यांकन करना आवश्यक है विचार, एक तथाकथित अवधारणा (या एक बड़ी तस्वीर) की कल्पना करें, प्राथमिकताएं निर्धारित करें और स्टार्टअप की संभावनाओं और व्यावसायिक रणनीति के बारे में अपने दृष्टिकोण पर ध्यान दें। उसके अंदर राय, आपको तीन अलग-अलग से कम से कम तीन विश्लेषण प्राप्त करने की आवश्यकता है विशेषज्ञों। इसके बाद ही आपको पूरी तस्वीर मिलेगी।
एक व्यवहार्यता अध्ययन इंटरनेट स्रोतों के विश्लेषण से शुरू होता है, इसके बाद अन्य निवेशकों के साथ मुख्य प्रश्नों और परामर्श की सूची। उसके बाद, आप धीरे-धीरे उन विशिष्ट संस्थानों की श्रेणी को कम करना शुरू करते हैं जो बाद में आपके विशेषज्ञ के रूप में कार्य करेंगे। साथ काम करने का व्यापक अनुभव होना निवेश, मरीना ग्रोएनबर्ग ने सभी को अति-महत्वाकांक्षी होने के खिलाफ चेतावनी दी है। आप केवल उन स्टार्टअप्स से निपटना चाहिए जो आपकी रुचि और आंतरिक रुचि को जगाते हैं सफलता का विश्वास और न केवल âfashionableâ के पीछे जाना। इसके अलावा, कोई भी निवेशक गलतियों से सुरक्षित नहीं है। उदाहरण के लिए, एक निराशाजनक परियोजना आपके द्वारा पहले ही इसे छोड़ने के बाद इसे शीर्ष पर पहुंचा सकते हैं। में क्या मायने रखता है यह स्थिति है कि कोई पछतावा न हो और आगे बढ़ें।
मरीना ग्रोएनबर्ग एक लघु जीवनी
मरीना ग्रोएनबर्ग एक अनुभवी निवेशक, सफल व्यवसायी और सह-संस्थापक हैं हेमा ग्रुप का। कंपनी की स्थापना 2009 में हुई थी और वर्तमान में इसमें परियोजनाएं हैं अमेरिका और यूरोप। यह ईएसजी तकनीक में निवेश को प्राथमिकता देता है। यह सबसे अधिक है सफल परियोजनाओं में शामिल हैं:
· NexWafe (जर्मनी), जो फोटोवोल्टिक का उत्पादन करता है कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने वाली एक विशेष तकनीक का उपयोग करने वाले सौर वेफर्स 75% तक और उत्पादन लागत को आधा
· टालानो (फ्रांस), जो TAMIC को विकसित करता है अवशोषण और निस्पंदन प्रणाली, से सूक्ष्म कण उत्सर्जन को कम करना कारों और गाड़ियों की ब्रेकिंग सिस्टम 90% तक
· कोप्टर (स्विटज़रलैंड), अगले डिज़ाइन को डिज़ाइन करना हेलीकॉप्टरों की पीढ़ी इस परियोजना को इतालवी कंपनी को बेच दिया गया है लियोनार्डो
मरीना एक स्विस नागरिक है। उनके पति इटली में हेमा ग्रुप की परियोजनाओं का प्रबंधन करते हैं विला रीले डि मारलिया सांस्कृतिक पुनर्स्थापना परियोजना और सुर-रीले रेस्तरां लुक्का में और विमानों और हेलीकॉप्टरों को चलाने का आनंद लेता है। इस जोड़े में दो हैं बेटियों। मरीना की जीवनी का एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि उसके पास तीन हैं विश्वविद्यालय की डिग्री और पाँच भाषाएँ बोलती हैं। वह एक सक्रिय जीवन शैली का नेतृत्व करती है, खेल, यात्रा और आधुनिक व्यंजनों में रुचि के साथ।
इजरायली तकनीक से फलेंगे संतरे के पौधे
कोटा। नींबू वर्गीय फल उत्कृष्टता सेंटर नांता पर विभिन्न नींबूवर्गीय फलों जैसे संतरा, मौसमी, किन्नू, की विभिन्न किस्मों की उत्कृष्ट व गुणवत्तापूर्ण पौध तैयार की जा रही है। इंडो इजरायलकृषि परियोजना के अंतर्गत स्थापित इस सेंटर पर वर्तमान में संतरा, मौसमी व नींबू की 29 स्थानीय व विदेशी किस्में तैयार की जा रही हंै। साथ ही कुछ अन्य किस्मों पर शोध कार्य भी जारी है। सेंटर के माध्यम से किसानों को इजराइली पद्धति जैसे बेड बनाकर पौधे लगाना, ड्रिप संयंत्र स्थापना, फर्टिगेशन, केनोपी मैनेजमेंट, ट्रेनिंग, प्रूनिंग आदि की जानकारी दी जाती है व किसानों को उच्च गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए इस पद्धति से पौधे लगाने को लेकर प्रेरित किया जाता हैं। संतरे की प्रचलित किस्मों में नागपुर संतरा, नागपुर सीडलेस, डेजी, फ्रीमोंट , फेयर चाइल्ड तथा मौसमी की प्रचलित किस्मों में कटोल गोल्ड, व्यापार तकनीक क्या है जाफा, वेलेंसिया ओलिंडा, ब्लड रेड व नींबू की लोकप्रिय किस्मों में एनआर सी- 7, एन आर सी -8, बालाजी, प्रमालिनी, साई शरबती, विक्रम, थाई लेमन आदि शुमार है। वर्ष भर में हजारों किसान इस सेंटर से पौधे लेकर अपने खेत पर उत्तम गुणवत्ता के फलों का उत्पादन ले रहे हैं। उत्कृष्ट पौध तैयार करने के अलावा सेंटर पर व्यापार तकनीक क्या है वर्ष भर में हजारों किसान प्रशिक्षण में शामिल होते हंै जिसमें किसानों को उन्नत उद्यानिकी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है साथ ही फील्ड विजिट के माध्यम से प्रायोगिक पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी जाती है।
प्रदेश में नींबू वर्गीय फलों के बगीचों के विकास के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन से वित्त पोषित इन्डो इजरायली कार्य योजना के तहत उद्यान विभाग ने नांता फार्म पर संतरा उत्कृष्टता केन्द्र (सेनूटर आॅफ एक्सीलेंस फोर सिट्रस) स्थापित किया गया हैं। इस सेन्टर पर संतरे के देशी एवं विदेशी किस्मों के एक दर्जन उत्पादन तैयार किए जा चुके हैं। संतरे के बगीचे विकसित करने में किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
कृषि अनुसंधान व्यापार तकनीक क्या है अधिकारी ने बताया कि सेन्टर पर अत्याधुनिक तकनीकी से बने मदर ब्लॉक ,नेट हाऊस संतरे की देशी किस्म के एक लाख पौधे तैयार किऐ गए हैं। इन पौधों के चैम्बर नेट हाऊस फोर में स्थान्तरित कर इजरायली तकनीकी के आधार पर संतरे की नागपुरी ,सीडलेस ,मेन्डरोन ,डेजी क्लेंम मेंन्टास,किन्नों,मिखारबल ,जाफा,ब्लडऐल आदि किस्म के पौधे का प्रत्यारोपण (वंडिग)किया गया । पौधे विभाजित होने पर परीक्षण के लिए पॉली हाऊस व खुले वातावरण में रोपे गए हैं।
कोटा का वातावरण संतरों के लिए अनुकूल है। इजराइल के संतरा विशेषज्ञ व कृषि मंत्री भी ले यहां का जायजा ले चुके हैं। इजरायली तकनीकी के तहत पहले हमने बीस हजार पौधे लगाए व इस बार एक लाख पौधे लगाए जाएंगे।
हम समय समय पर उधानिकी में गोष्ठी का आयोजन कर नई-नई तकनीक से किसानों को अवगत कराते हैं। इससे संतरा उत्पादकों को खासा लाभ हो रहा है।