बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

शेयर बाजार क्या है? (Stock Market)
शेयर बाज़ार किसी लिस्टेड कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने व बेचने की जगह है।
शेयर बाज़ार की तीन कड़ियां हैं : स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर और निवेशक।
निवेशक सीधे शेयर खरीद या बेच नहीं सकते। उन्हें यह ब्रोकर के जरिए करना पड़ता है।
ब्रोकर, स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते हैं और केवल वे ही उस स्टॉक एक्सचेंज में आपकी तरफ से किसी कंपनी के शेयर खरीद या बेच सकते हैं।
भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं जहां किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे-बेचे जाते हैं। इस बाजार में किसी कंपनी को एंट्री तब मिलती है, जब वह आईपीओ लाती है। इसके जरिए कोई भी कंपनी अपनी हिस्सेदारी आम लोगों, वित्तीय संस्थाओं और म्यूचुअल फंड को बेचती है।
आईपीओ की लिस्टिंग के दिन कंपनियां आवेदन करने वाले लोगों व संस्थाओं को तय रेट पर शेयर आवंटित करती हैं। जब इन शेयर्स की स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग शुरू होती है, इसके भाव मांग-आपूर्ति के आधार पर बदलते रहते हैं। बदलते भाव की वजह से ही लोगों को फायदा या नुकसान होता है।
शेयर बाज़ार से जुड़ी ये बातें भी जानें-
बाज़ार का रेगुलेशन
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) शेयर बाजार में होने वाली हर गतिविधि पर नज़र रखता है। निवेशकों के हितों की रक्षा करना सेबी का मुख्य मकसद और कार्य है। शेयर बाजार में किसी भी कंपनी के शेयर की गलत तरीके से खरीद या बिक्री पर रोक लगाना भी सेबी के कार्यों में शामिल है।
सेंसेक्स
यह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का बेंचमार्क संवेदी सूचकांक है जो बीएसई में लिस्टेड टॉप 30 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनियों के कुल मार्केट वैल्यू) को प्रदर्शित करता है। अगर सेंसेक्स बढ़ता है तो इसका मतलब होता है कि बीएसई में लिस्टेड टॉप 30 कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं। अगर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है सेंसेक्स गिरता है तो इसका मतलब है कि टॉप 30 कंपनियों में से अधिकांश कंपनियों का प्रदर्शन ख़राब रहा है।
निफ्टी
यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का बेंचमार्क संवेदी सूचकांक है जो एनएसई में लिस्टेड टॉप 50 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन को प्रदर्शित करता है। अगर निफ्टी बढ़ता है तो इसका मतलब है कि लिस्टेड टॉप 50 कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। निफ्टी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है के गिरने का मतलब है टॉप 50 कंपनियों में से अधिकांश का प्रदर्शन ख़राब रहा है।
वे 5 बड़ी वजहें जो साबित करती हैं कि शेयर बाजार के गिरने से हम सभी को चिंतित क्यों होना चाहिए।
वजह 1
ईपीएफ : क्योंकि हर नौकरीपेशा व्यक्ति इससे जुड़ा है
प्रत्येक नौकरीपेशा व्यक्ति (चाहे सरकारी हो या गैर सरकारी), ईपीएफ यानी कर्मचारी भविष्य निधि में योगदान देता है। नियमों के मुताबिक जिस कंपनी में 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, उसका पंजीकरण कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में होना अनिवार्य है। इस फंड को मैनेज करने वाला संगठन ईपीएफओ अपने एनुअल कॉर्पस/एक्यूमुलेशन का 15 फीसदी हिस्सा इक्विटी (शेयर बाजार) में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ के जरिए निवेश करता है। इसलिए अगर शेयर बाजार गिरता है तो इसका असर ईपीएफओ के कॉर्पस (फंड) पर भी पड़ता है। जाहिर सी बात है अगर ईपीएफओ के पास ज्यादा कॉर्पस होगा तो वह अपने सदस्यों को ज्यादा सुविधाएं दे सकेगा।
कॉर्पस कम होने का सबसे ज्यादा असर ब्याज पर पड़ता है। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दर को 8.65 फीसदी से घटाकर 8.50 फीसदी कर दिया है, जो पिछले सात सालों (2011-12 के बाद) में सबसे कम है।
देश में फिलहाल 6 करोड़ से ज्यादा एक्टिव ईपीएफ खाताधारक हैं। यानी शेयर बाज़ार से इतने परिवार सीधे प्रभावित होते हैं।
वजह 2
एनपीएस : क्योंकि करोड़ों लोगों की पेंशन इससे संबंधित है
नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस एक मार्केट लिंक्ड पेंशन कम इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जिसे केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था। इस तारीख को या इसके बाद जॉइन करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए इस योजना में निवेश करना अनिवार्य है।
1 मई 2009 से यह योजना स्वैच्छिक आधार पर निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों सहित देश के सभी नागरिकों के लिए उपलब्ध है। सितंबर 2019 तक इसके कुल एक करोड़ 28 लाख खाताधारक थे। इस योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद खाताधारक अपने टोटल कॉर्पस का 60 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं। बाकी रकम से रिटायरमेंट के बाद उन्हें पेंशन मिलती है।
चूंकि यह स्कीम शेयर बाजार से जुड़ी है, इसलिए खाताधारक के कॉर्पस का एक बड़ा हिस्सा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है। सरकारी कर्मचारी अपने कॉर्पस का अधिकतम 50 फीसदी, जबकि निजी क्षेत्र के कर्मचारी 75 फीसदी हिस्सा शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं। इसलिए शेयर बाजार जितना ऊपर जाएगा, खाताधारकों के कॉर्पस पर रिटर्न उतना ज्यादा मिलेगा और रिटायरमेंट बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है के बाद मैच्योरिटी अमाउंट भी ज्यादा होगा।
वजह 3
क्योंकि कारोबार के विस्तार से इसका सीधा संबंध है
शेयर बाज़ार से तकरीबन 7,500 कंपनियां जुड़ी हुई हैं। ये कंपनियां शेयर बाज़ार के जरिए फंड की उगाही करती हैं और उसी फंड से अपने कारोबार में विस्तार करती हैं। इन कंपनियों को शेयर बाज़ार में तेजी से जितना लाभ मिलता है, उनके लिए अपने कारोबार का विस्तार करने में उतनी आसानी होती है।
कारोबार के विस्तार करने का मतलब है अपना प्रोडक्शन बढ़ाना या अगर कोई सर्विस सेक्टर की कंपनी है तो वह अपनी सर्विस का एरिया बढ़ाती है। इससे कंपनी को काम के लिए नए लोगों की जरूरत पड़ती है और रोजगार बढ़ता है।
जब एक कंपनी अपना कारोबार बढ़ाती है तो उससे संबंधित दसियों अन्य क्षेत्रों के लिए भी रोजगार सृजित होते हैं। जब कंपनियां लाभ में होती हैं तो वे नई भर्तियां करने के साथ-साथ अपने मौजूदा कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में भी बेहतर वृद्धि करती हैं। वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी से लोगों की परचेसिंग पॉवर बढ़ती है। वे ज्यादा खरीदी करते हैं, ज्यादा यात्रा करते हैं, रेस्तरां या मनोरंजन में ज्यादा खर्च करते हैं। जाहिर है, इसका पूरा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। शेयर बाज़ार के गिरने पर अर्थव्यवस्था पर उल्टा असर पड़ता है।
वजह 4
क्योंकि इससे रुपए की कीमत पर भी फर्क पड़ता है
शेयर बाज़ार में गिरावट से रुपए का मूल्य भी गिरता है। इससे आयातित सामान की कीमतें बढ़ जाती हैं। हम महंगे आयातित सामान (जैसे स्मार्टफोन) को अवॉइड कर सकते हैं, लेकिन भारत में बनने वाले कई जरूरी सामान के लिए भी कच्चा माल व कलपुर्जे विदेशों से आते हैं। इनकी कीमत बढ़ने से हमारे यहां उत्पादित सामान जैसे दवाइयां, उर्वरक आदि के दाम बढ़ जाते हैं, जिससे आम लोगों से लेकर किसान तक सभी प्रभावित होते हैं।
वजह 5
क्योंकि डायरेक्ट रेवेन्यू भी मिलता है
जब बाजार अच्छा प्रदर्शन करता है तो उसमें निवेश करने वाले लोगों की संख्या और निवेश की मात्रा दोनों बढ़ती है। निवेश पर सरकार को सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी), कैपिटल गेन टैक्स वगैरह से भारी राजस्व मिलता है और सरकार इस राजस्व का इस्तेमाल तमाम लोककल्याणकारी कार्यों और बुनियादी ढांचे के निर्माण में करती है।
Meaning of stock exchange in Hindi – स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है ?
स्टॉक एक्सचेंज दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है एक स्टॉक और दूसरा एक्सचेंज किसी कंपनी के शेयर या बांड को स्टॉक कहा जाता है और एक्सचेंज का मतलब खरीदना और बेचना होता है स्टॉक एक्सचेंज को इस प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं
स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा स्थान होता है जहाँ पर निवेशक या ट्रेडर शेयर, बांड या सरकारी प्रतिभूतियाँ को खरीदते या बेचते हैं निवेशक केवल उन्हीं कंपनी के शेयर को खरीद या बेच सकते हैं जो कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होती हैं.
स्टॉक एक्सचेंज का नियामक SEBI होता है स्टॉक एक्सचेंज सेबी के नियमों के अंतर्गत ही काम करते हैं. जब किसी कंपनी को फण्ड जुटाने के लिए शेयर बाजार में पैसा उठाना होता है तो कम्पनी को पहले खुद को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवाना होता है जिससे कि निवेशक कंपनी के शेयरों में निवेश कर सके |
अर्थव्यवस्था में स्टॉक एक्सचेंज की बहुमुखी भूमिका होती है जहां स्टॉक एक्सचेंज अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर होता है विभिन्न प्रकार के बिजनेस के लिए पूंजी का प्रबंध करना बचत को निवेश के लिए गतिमान करना कंपनियों के वृद्धि और विकास के लिए सुविधाएं प्रदान करना प्रॉफिट शेयरिंग कॉरपोरेट गवर्नेंस स्माल इंवेस्टर्स के लिए निवेश के अवसर प्रदान करना विकासात्मक प्रोजेक्ट्स के लिए सरकार को पूंजी जुटाने में सहयोग देना |
स्टॉक एक्सचेंज स्टॉक ब्रोकर्स और ट्रेडर्स को स्टॉक्स व सिक्योरिटीज में ट्रेड करने के लिए एक प्लेटफॉर्म मुहैय्या कराता है यह सिक्योरिटीज को जारी करने व वापस लेने की सुविधा प्रदान करने के साथ ही अन्य फिनांशियल इंस्ट्रूमेंट तथा कैपिटल इवेंट्स और डिविडेंड व आय के वितरण के लिए भी आधार का कार्य करता है. अमूमन स्टॉक एक्सचेंज में कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले शेयर, यूनिट ट्रस्ट्स, डेरिवेटिव्स, पूल्ड इंवेस्टमेंट प्रोडक्ट और बांडों की खरीद-बिक्री होती है |
कोई भी व्यक्ति सीधे स्टॉक एक्सचेंज से Share खरीद नहीं सकता है बल्कि ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट ओपन करवाना होता है और उस ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के जरिये शेयर को Buy और Sell करना होता है सभी ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के मेंबर होते है |
भारत में स्टॉक एक्सचेंज – Stock Exchange In India
भारत में स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 1875 में हुयी थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पहला और सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जो वर्तमान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है में भी कार्यरत है
इस समय भारत में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंज है लेकिन उनमें से केवल 2 राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज है NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) बाकि 21 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है सेबी ने 15 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज को अपने काम काज को बंद करने का आदेश दे दिया है भारत में भविष्य के अंदर केवल 2 Stock एक्सचेंज ही प्रमुख रहेंगे NSE और BSE.
- NSE (National Stock Exchange): NSE भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है भारत में सबसे ज्यादा खरीदी या बिक्री NSE में होती है NSE की शुरुआत 1992 में हुयी थी NSE भारत का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज था जिसने इलेट्रॉनिक तरीके से Share को Buy और Sell करना शुरू किया था, NSE में लगभग 2000 कम्पनिया लिस्टेड है NSE का प्रमुख Index (सूचकांक) Nifty 50 है NSDL NSE के लिए Depository Service प्रोवाइड करती है NSE के बारे में ज्यादा जानकारी NSE की वेबसाइट https://www.nseindia.comसे प्राप्त कर सकते है।
- BSE (Bombay Stock ExchBSE (Bombay Stock Exchange): BSE भारत का सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है BSE की शुरुआत 1875 में हुयी थी भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है सर्वप्रथम Equity Derivatives ट्रेडिंग की शुरुआत BSE ने की थी BSE में 5000 से भी ज्यादा कंपनिया लिस्टेड है BSE का प्रमुख Index (सूचकांक) Sensex 30 है CDSL BSE के लिए Depository Service प्रोवाइड करती है BSE के बारे में ज्यादा जानकारी BSE की वेबसाइट https://www.bseindia.com से प्राप्त कर सकते है।
- MCX (Multi Commodity Exchange): MCX एक कमोडिटी एक्सचेंज है MCX में मुख्य रूप से Bullion में ही ट्रेड होता है जिसका अर्थ है की इसमें केवल कमोडिटी जैसे: Gold, Silver, Crudeoil, Zinc etc ट्रेड होती है। MCX के बारे में ज्यादा जानकारी MCX की वेबसाइट https://www.mcxindia.com से प्राप्त कर सकते है।
- NCDEX (National Commodity and Derivatives Exchange): NCDEX भी एक कमोडिटी एक्सचेंज है लेकिन इसमें केवल Agriculture Commodity ही ट्रेड की जाती है जैसे: चना, दाल, जीरा, सोयाबीन आदि ट्रेड होती है।NCDEX के बारे में ज्यादा जानकारी NCDEX की वेबसाइट https://www.ncdex.com से प्राप्त कर सकते है।
स्टॉक्स एक्सचेंज कैसे काम करता है –
स्टॉक एक्सचेंज निवेशक और कंपनी के बीच में एक मध्यस्थ की भूमिका निभाता है. जब कंपनी को फण्ड जुटाने के लिए पैसों की जरुरत होती है तो वह कुछ अपने कुछ प्रतिशत शेयर आम जनता के लिए सार्वजनिक करती है
कंपनी को शेयर सार्वजनिक करने के लिए पहले खुद को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवाना होता है, एक बार कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाती है तो निवेशक ब्रोकर के द्वारा कंपनी के शेयर में ट्रेडिंग कर सकते हैं जो ब्रोकर होता है वह स्टॉक एक्सचेंज का सदस्य होता है.
एक निवेशक सीधे तौर पर स्टॉक एक्सचेंज से शेयर नहीं खरीद सकता है शेयर बाजार में हर समय शेयर खरीदने और बेचने के लिए अनेक सारे लोग उपलब्ध होते हैं जब कोई निवेशक शेयर को खरीदना या बेचना चाहता है तो वह अपने आर्डर को लगा देता है फिर स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग सिस्टम स्वतः ही खरीदने और बेचने वाले को Match करवाकर Order Complete बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है कर देता है.
स्टॉक एक्सचेंज में निवेश करने के तरीके
स्टॉक एक्सचेंज में दो प्रकार से निवेश किया जाता है –
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर को मार्केट में लाती है तो उसे IPO कहा जाता है निवेशक जब कंपनी के IPO को खरीदता है तो उसे प्राइमरी मार्केट में खरीदना पड़ता है. मतलब कि प्राइमरी मार्केट में वह किसी अन्य निवेशक से कंपनी के शेयर को नहीं खरीद रहा है प्राइमरी मार्केट में ही शेयर या प्रतिभूतियों का निर्माण होता है |
2. सेकेंडरी मार्केट
वास्तव में सेकेंडरी मार्केट को ही शेयर बाजार कहा जाता है. सेकेंडरी मार्केट में निवेशक कंपनियों को शामिल किये बिना शेयर में ट्रेड करते हैं यानि कि सेकेंडरी मार्केट ऐसा मार्केट होता है जहाँ पर निवेशक सीधे तौर पर कंपनी से शेयर नहीं खरीदते हैं, कंपनियों के शेयरों को उन्हें अन्य निवेशकों से खरीदना पड़ता है |
stock market।शेयर मार्केट क्या है?शेयर मार्केट से पैसा कैसे कमाए
दोस्तों आइए आज बात करते हैं शेयर मार्केट के बारे में शेयर मार्केट क्या है ?क्यों है? या कैसे काम करता है ? इसके क्या फायदे क्या नुकसान है ? और इसमें आप कैसे पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं ? स्टॉक मार्केट शेयर मार्केट इक्विटी मार्केट क्रिप्टो मार्केट सब का एक ही मतलब है यह मार्केट होता है जहां पर आप पैसा इन्वेस्ट कर सकते हो और अपने पैसे को कई गुना बढ़ा सकते हो लेकिन शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट एवर इक्विटी मार्केट में आप किसी कंपनी में पैसा लगाते हो यह वह मार्केट है जहां पर किसी कंपनी का शेयर खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं शेयर खरीदने का मतलब है कि आप किसी कंपनी से ओनरशिप खरीद रहे हैं शेयर खरीदने के बाद किसी कंपनी के कुछ परसेंट हम मालिक बन जाते हैं इसका मतलब यह हुआ कि अगर उस कंपनी को लाभ होगा तो आपको भी लाभ होगा अगर उस कंपनी को घाटा होता है तो आपको भी घाटा होगा इसको समझने के लिए हम एक उदाहरण लेते हैं मान लीजिए आप कोई काम शुरू कर रहे हैं जिसमें ₹20000 की जरूरत है लेकिन आपके पास ₹10000 हैं तो हम किसी से ₹10000 लेते हैं और 50% भागीदारी उस व्यक्ति को भी दे देते हैं यदि हमारी कंपनी भविष्य में लाभ कम आती है तो दोनों लोगों को लाभ होगा यदि हमारी कंपनी घाटे में जाती है तो दोनों लोगों को घटा होगा इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि 50% हिस्सेदारी या 50% शेयर उस व्यक्ति को दे दिए हैं यही चीज वहां पर भी लागू होता है कंपनी वाले इसे कहते हैं आइए हमारे शेयर खरीदे और हमारे कंपनी के कुछ परसेंट आप भी हिस्सेदार बन जाइए
आज लगभग हर देश में अपना एक स्टॉक एक्सचेंज है
स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है स्टॉक एक्सचेंज वह स्थान है या एक बिल्डिंग है जहां पर लोग अपने शेयर की खरीद या बिक्री करते हैं
लगभग हर बड़े देश का अपना एक स्टॉक एक्सचेंज होता है इंडिया में दो लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज है एक है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और दूसरा है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज स्टॉक ,बॉम्बे एक्सचेंज में 54 सौ कंपनियां पंजीकृत है. और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 1700 कंपनियां पंजीकृत हैं स्टॉक एक्सचेंज में इतने सारे कंपनियां पंजीकृत हैं अगर हमेशा देखना हो कि सारी कंपनियों का ओवरऑल परफॉर्मेंस कैसा है तो इसके लिए हम सेंसेक्स और निफ्टी देखते हैं
आइए अब जानते हैं सेंसेक्स और निफ्टी क्या है -सेंसेक्स टॉप 30 कंपनियों का ओवरऑल ट्रेंड दिखाता है कि टॉप 30 कंपनियां कैसा प्रदर्शन कर रही हैं
ऐसे ही हमारा nifty50 इंडेक्स है जो टॉप 50 कंपनियों का के शेयर प्राइस का ओवरऑल ट्रेंड दिखाता है
स्टॉक एक्सचेंज में कंपनियां कैसे लिस्ट होती हैं जानने के लिए हमारे अगले पोस्ट पर जाएं
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स्टॉक एक्सचेंज क्या है Stock Exchange के क्या कार्य हैं? आसान अर्थ Hindi में
0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 22, 2021
स्टॉक एक्सचेंज क्या है और यह कैसे काम करता है। शेयर बाजार में स्टॉक एक्सचेंज का क्या अर्थ होता है। और इसके क्या कार्य होते हैं। किस तरह किसी कंपनी के शेयर खरीदने और बेचने में स्टॉक एक्सचेंज की जरूरत होती है। भारत में स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना कब हुई, और यहां के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज कौन कौन हैं। उनके क्या नाम हैं।
ऐसे तमाम सवाल आपके दिमाग में घूम रहे होंगे और आपकी स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े सारे सवालों के जवाब देने के लिए आज हम लेकर आए हैं इस आर्टिकल को जहां आपको ना सिर्फ स्टॉक एक्सचेंज क्या है यह बताएंगे बल्कि आपको स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ी हर वो जानकारी देने की कोशिश करेंगे जो शेयर बाजार में इन्वेस्ट बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है या ट्रेड करने से पहले आपको जाननी जरूरी है। तो आइए सबसे पहले जानते हैं कि स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है और यह कैसे काम करता है।
स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है
स्टॉक मार्केट बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है में स्टॉक एक्सचेंज ठीक उसी तरह होता है। जैसे किसी शहर में किसी सामान का एक मार्केट जैसे सब्जी मंडी गल्ला मंडी या कपड़ों का मार्केट। आपके आस पास भी कोई न कोई मार्केट जरूर होगा। जहां समान के खरीददार और बिक्रेता दोनों होते हैं। ठीक ऐसे ही स्टॉक एक्सचेंज होता है। जहां पर शेयर के खरीददार और बिक्रेता दोनों मिलते हैं। असल मायने में स्टॉक एक्सचेंज को ही शेयर बाजार कहते हैं। बस यहां आम बाजार की तरह हम अकेले ही थैला लेकर नहीं जा सकते और न ही शेयर खरीद सकते। बल्कि यहां हमें यदि शेयर खरीदने होते हैं, तो हमें स्टॉक ब्रोकर की जरूरत होती है। स्टॉक ब्रोकर के जरिये ही स्टॉक एक्सचेंज से हम शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं।
तो क्या स्टोक्स एक्सचेंज के पास शेयर होते हैं
जी नहीं, स्टॉक एक्सचेंज के पास शेयर नहीं होते। जैसा कि हमने पहले ही आपको बताया कि स्टॉक एक्सचेंज हमारे आम बाजारों की तरह ही सिर्फ एक बाजार है। जहां पर शेयर की खरीद और बिक्री होती है। जबकि शेयर के खरीदार और विक्रेता कंपनी या हम ही लोग होते हैं। जैसे आम बाजारों में होता है। ऐसे ही स्टॉक एक्सचेंज भी शेयर की खरीद और बिक्री की एकमात्र जगह है। जहां पर ऑनलाइन, शेयर के खरीदार और विक्रेता स्टॉक ब्रोकर के जरिए शेयर की खरीदारी और बिक्री करते हैं। यह सारा कुछ ऑनलाइन होता है सो इसे हम वर्चुअल मार्केट भी कह सकते हैं।
भारत में कौन कौन से स्टॉक एक्सचेंज हैं
वैसे तो भारत में कई स्टॉक एक्सचेंज हैं, लेकिन प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज 2 ही हैं। एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई). जब भी कोई कंपनी पहली बार शेयर बाजार में उतरती है। यानी कि अपना आईपीओ (IPO) लॉन्च करती है तो वह इन्हीं दो स्टॉक एक्सचेंज एनएसई NSE और बीएसई BSE में लिस्ट होती है। और इन्हीं दो स्टॉक एक्सचेंज से सभी लोग शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं।