व्यापारियों के लिए समर्थन और शिक्षा

10 वर्षों में सबसे कम रहेगी शासकीय खरीदी
कांग्रेस प्रत्याशी ने व्यापारियों से मांगा समर्थन
ऋषिकेश में सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशी ने व्यापारियों के साथ बैठक की। उन्होंने व्यापारियों से कांग्रेस को समर्थन देने की अपील की। सोमवार को कांग्रेस प्रत्याशी जयेंद्र रमोला ने नगर उद्योग व्यापार महासंघ ऋषिकेश के व्यापारियों संग बैठक की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने व्यापारियों को सबसे अधिक प्रताड़ित किया है। प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार व्यापारियों के लिए समर्थन और शिक्षा थी, तो व्यापारियों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाती थी। उनके मान-सम्मान का पूरा ध्यान रखकर प्रदेश में भय मुक्त व्यापार करने का वातावरण दिया जाता था। लेकिन आज भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा प्रताड़ित व्यापारी को किया जा रहा है। व्यापारी किसी भी सरकार की रीड की हड्डी माना जाता व्यापारियों के लिए समर्थन और शिक्षा है। इसके बावजूद भाजपा की सरकार में सबसे ज्यादा उपेक्षा व्यापारी समाज की ही की जा रही है। व्यापारियों के लिए समर्थन और शिक्षा मौके पर नगर उद्योग व्यापार महासंघ ऋषिकेश के महामंत्री अखिलेश मित्तल, राजीव मोहन, सूरज गुलाटी, मनोज कालरा, दीपक बंसल, अजय गर्ग, विवेक वर्मा, अनिल पंवार, ललित सक्सेना, मदन नागपाल, चंद्र मोहन नारंग, बूटा सिंह, पंकज अरोरा, संजय पंवार आदि उपस्थित रहे।
क्या उम्मीद?
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स्थानों
NovaUCD, Belfield Innovation Park, University College Dublin, Belfield, Dublin 4 Dublin, Ireland, , Dublin
उच्च शिक्षा में FDI के खिलाफ स्वदेशी जागरण मंच ने खोला मोर्चा
- नई दिल्ली,
- 01 फरवरी 2020,
- (अपडेटेड 01 फरवरी 2020, 7:11 PM IST)
- अच्छी यूनिवर्सिटी भारत में अपना कैंपस नहीं खोलेंगी
- एसजेएम ने कहा, विदेशियों को इजाजत देना अच्छा नहीं
मोदी सरकार का आम बजट शनिवार को पेश किया गया. संसद में व्यापारियों के लिए समर्थन और शिक्षा बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उच्च शिक्षा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का ऐलान किया. उच्च शिक्षा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर स्वदेशी जागरण मंच ने नाखुशी जाहिर की है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच एजुकेशन सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के खिलाफ है. स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि इससे कोई भी अच्छी यूनिवर्सिटी भारत में अपना कैंपस नहीं खोलेंगी.
बजट में खास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार
नीमच. २०२२ तक हर गरीब को घर, ८ करोड़ महिलाओं को धुआं रहित ईंधन , सौभाग्य योजना के तहत ४ करोड़ लोगों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन, पीएम बीमा योजना, शिक्षा के क्षेत्र में पीएम रिसर्च फेलो प्लान,अगले चार सालों में विद्यालयों इन्फ्रा पर एक करोड़ रुपए का खर्च, फार्म एक्सपोर्ट के लिए ४२ मेगा फूड पार्क, २ करोड़ नए शौचालयों का निर्माण, आलु-प्याज के लिए ऑपरेशन ग्रीन, विद्यालयों में ब्लैक बोर्ड की अपेक्षा डिजिटल बोर्ड, किसानों की उपज का लागत के आधार पर डेढ़ गुणा दाम आदि घोषणाएं वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा करते ही जहां ग्रामीण और किसानों के चेहरे खिल उठे, वहीं विद्यार्थी व गरीब वर्ग भी इससे लाभांवित नजर आ रहा है।
बजट देश को विकास की गति देने वाला है। बजट किसानों और गरीबों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। जहां इस बजट में आवास योजना के तहत जरूरतमंदों को घर की सौगात मिलेगी। वहीं किसानों को फसल के दाम भी डेढ़ गुणा तक दिलाने का प्रावधान किया गया है।
-राकेश पप्पू जैन, अध्यक्ष, नगरपालिका
गरीब, किसान, मजदूर, आम आदमी सभी को ध्यान को रखकर बजट में अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने की योजनाएं हैं। जिससे देश की अर्थव्यवस्था सुधरने के साथ ही किसानों के लिए वरदान साबित होगा। यह बजट आमजन की उम्मीदों पर खरा उतरेगा।
-महेंद्र भटनागर, पूर्व नपा उपाध्यक्ष
किसानों के लिए यह बजट काफी अच्छा है, लेकिन व्यापारी वर्ग के लिए इसमें कोई लाभ नजर नहीं आ रहा है। कुल मिलाकर बजट सर्व वर्ग के लिए हितैषी है। यह भी अच्छा है कि किसानों व ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगों को अधिक से अधिक सुविधा मिलेगी।
-राजेंद्र खंडेलवाल, सचिव, व्यापारी संघ
यह बजट आम आदमी की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है। इस बजट में किसानों के हित की बाते तो की जा रही है। इस प्रकार की घोषणाएं तो हर बजट में होती आई है। लेकिन धरातल पर कुछ नजर नहीं आता है। कथनी और करनी में काफी अंतर होता है। पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर भी बजट में कोई प्रवधान नहीं है। ऐेसे में आम आदमी को परेशानी झेलना ही है। बजट वहीं उत्तम होता है जिसमें हर वर्ग का ध्यान रखा जाए।
-आशा सांभर, जिलाध्यक्ष, महिला कांग्रेस
यह बजट पूर्ण रूप से झूठा साबित हो रहा है, क्योंकि इसमें कहा जा रहा है कि हमने किसानों की आय को डेढ़ गुणा कर दिया है। लेकिन वास्तविकता में कहीं भी फसल के दाम में कोई अंतर नहीं आया है। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य कमेटी द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य २४०८ रुपए निर्धारित किए जाने थे, लेकिन वर्तमान में घोषित किया गया गेहूं का समर्थन मूल्य बाजार दाम से भी कम है। इसी प्रकार शिक्षा का बजट पिछले साल भी कम था, इस साल भी कम ही किया है। वेतन भोगियों को भी कोई राहत प्रदान नहीं की गई।
-शैलेंद्रसिंह ठाकुर, प्रदेश सचिव सीटू
बजट काफी निराशा जनक है, इसमें मध्यम वर्ग को कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। रहा सवाल किसानों के हित का, तो वह भी घोषणा झूठी नजर आ रही है। क्योंकि ऐसा कहा गया है कि किसानों को फसल के डेढ़ गुणा दाम दे रहे हैं। लेकिन वास्तविकता में किसानों को फसल के दाम बढ़कर नहीं मिल रहे हैं। इसी प्रकार शिक्षा पर भी कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया, वहीं टेक्स में कोई राहत नहीं मिलने के कारण सर्विस क्लास व्यक्ति भी खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। नोट बंदी के बाद बजट ऐसा होना चाहिए था, जिससे देश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो, लेकिन बजट कहीं से भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है।
-मधु बंसल, प्रदेश उपाध्यक्ष, महिला कांग्रेस
सरकार ने किसानों के लिए कुछ सोचा है, यह स्वागत योग्य कदम है। बजट में सभी फसलों का लागत के आधार पर डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाएगा। जिससे निश्चित ही किसानों को लाभ होगा, लेकिन लागत का आंकलन वास्तविक व किसानों से चर्चा कर तय किया जाए। ताकि लगात पर निर्धारित होना वाला समर्थन मूल्य लाभदायक हो। बजट में ग्रामीणों को सुविधाएं प्रदान करने पर भी फोकस किया गया है।
-निलेश पाटीदार, जिला मंत्री, भारतीय किसान संघ
बजट में भारत सरकार द्वारा जो ८ करोड़ महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत घरेलु गैस सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है, वह निश्चित ही स्वच्छ भारत स्वस्थ्य भारत के आयाम को पूरा करने में महत्वपूर्ण कदम है।
-श्याम नरेडी, संचालक, श्याम गैस एजेंसी
बजट में मध्यम वर्ग के लिए कोई राहत नहीं है। जहां एक और प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना व स्वास्थ्य बीमा के तहत एक व्यक्ति को पांच लाख रुपए व्यापारियों के लिए समर्थन और शिक्षा तक की सुविधा प्रदान करने की बात कहीं जा रही है। वहीं धरातल पर ग्रामीण क्षेत्रों में नजर डाले तो स्वास्थ्य सुविधाएं तो दूर की बात है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सक ही नहीं है। सेस भी ३ से बढ़ाकर ४ दिया है।
-डॉ प्रथ्वीसिंह वर्मा, पूर्व सभापति, जिला स्वास्थ्य समिति
आजादी के बाद पहली बार ऐसा बजट आया है जिसमें सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया गया है। बजट में आर्थिक, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य सभी क्षेत्रों में विकास को ध्यान में रखते हुए पहली बार ऐसा बजट लागु हुआ है। पहली बार पचास करोड़ लोगों को बीमा योजना का लाभ देने के लिए योजना आई है जो देश और आमजन के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
-आदित्य मालु, सांसद प्रतिनिधि
गेहूं की सरकारी खरीदी 25 से व्यापारियों की जारी है खरीदारी
बलराम शर्मा। नर्मदापुरम। इस बार किसान समर्थन मूल्य की बजाए व्यापारियों को गेहूं बेचना पसंद कर रहे हैं। पंजीयन कराने वाले किसान भी व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं। शासन व्यापारियों के लिए समर्थन और शिक्षा के द्वारा गेहूं खरीदी 25 मार्च से शुरू करने का प्लान है। लेकिन व्यापारियों ने पहले ही गेहूं खरीदी शुरू कर दी है। मंडी में व्यापारियों के द्वारा खरीदी जारी है। सरकारी समर्थन मूल्य इ
बलराम शर्मा। नर्मदापुरम।
इस बार किसान समर्थन मूल्य की बजाए व्यापारियों को गेहूं बेचना पसंद कर रहे हैं। पंजीयन कराने वाले किसान भी व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं। शासन के द्वारा गेहूं खरीदी 25 मार्च से शुरू करने का व्यापारियों के लिए समर्थन और शिक्षा प्लान है। लेकिन व्यापारियों ने पहले ही गेहूं खरीदी शुरू कर दी है। मंडी में व्यापारियों के द्वारा खरीदी जारी है। सरकारी समर्थन मूल्य इस बार 2015 रूपये प्रति क्विंटल है। यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण विदेशों में गेहूं की मांग को देखते हुए गुजरात सहित अन्य प्रदेशों के बड़े व्यापारियों के द्वारा नर्मदापुरम, इटारसी व पिपरिया के व्यापारियों से गेहूं खरीदने के लिए संपर्क किया जा रहा है जिससे व्यापारियों ने सरकारी रेट से अधिक में गेहूं खरीदना शुरू कर दिया है। अभी गेहूं की नई उपज आना शुरू हो रही है उससे पूर्व ही किसानों ने व्यापारियों से संपर्क बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इससे इस बार जिले में समर्थन मूल्य का जो लक्ष्य 9 लाख टन का तय किया गया है। उससे बहुत कम ही गेहूं खरीदी हो पाएगी। 81 हजार किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया है।