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विदेशी मुद्रा जमाओं पर 2 बैंकों ने ब्याज दरों में किया इजाफा

देश के दो सबसे बड़े बैंकों भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और आईसीआईसीआई बैंक ने अपने विदेशी मुद्रा नॉन रेजिडेंट (एफसीएनआर) बैंक जमाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पिछले सप्ताह 31 अक्टूबर, 2022 तक के लिए एफसीएनआर बैंक जमाओं पर ब्याज सीमा शिथिल की है, जिसके बाद बैंकों ने यह फैसला किया है।

एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक यूएस डॉलर श्रेणी की जमाओं पर 2 और 3 साल परिपक्वता अवधि होने पर ब्याज दर 85 आधार अंक बढ़ाकर क्रमशः 2.85 प्रतिशत और 3 प्रतिशत कर दिया है। वहीं 3 साल से ऊपर की परिपक्वता पर ब्याज 80 आधार अंक बढ़ाया गया है। इस तरह से 3 साल से ज्यादा और 4 साल से कम परिपक्वता पर ब्याज दर 3.10 प्रतिशत, 4 साल और 5 साल से कम परिपक्वता वाले जमा पर ब्याज दर 3.15 प्रतिशत और 5 साल परिपक्वता पर ब्याज 3.25 प्रतिशत हो गया है।

इसी तरह से ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग पर ब्याज भी 25 आधार अंक बढ़ाया गया है।

आईसीआईसीआई बैंक ने भी अमेरिकी डॉलर जमा पर ब्याज दर बढ़ाया है। पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक ने रुपये में गिरावट और विदेशी मुद्रा भंडार कम होने के कारण डॉलर आकर्षित करने के लिए कुछ कदम उठाए थे।

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ईडी ने विदेशी मुद्रा कारोबार कंपनी की 21.14 करोड़ रुपये जमा को किया जब्त

नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने एक ‘गैरकानूनी’ ऑनलाइन विदेशी मुद्रा कारोबार कंपनी और उससे जुड़ी इकाइयों के 21.14 करोड़ रुपये मूल्य की बैंक जमाओं को जब्त कर लिया है। विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंध अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत इन इकाइयों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद ईडी ने यह कदम उठाया है। इस कंपनी की पहचान ऑक्टाएफएक्स की भारतीय शाखा के तौर पर की गई है। यह कंपनी ऑक्टाएफएक्स ट्रेडिंग नाम से एक ऐप के अलावा एक वेबसाइट का संचालन भी करती है। इससे जुड़ी इकाइयों पर क्रिप्टो मुद्राओं

विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंध अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत इन इकाइयों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद ईडी ने यह कदम उठाया है। इस कंपनी की पहचान ऑक्टाएफएक्स की भारतीय शाखा के तौर पर की गई है।

यह कंपनी ऑक्टाएफएक्स ट्रेडिंग नाम से एक ऐप के अलावा एक वेबसाइट का संचालन भी करती है। इससे जुड़ी इकाइयों पर क्रिप्टो मुद्राओं में कारोबार करने का भी आरोप है।

ईडी ने एक बयान में कहा कि कंपनी के खिलाफ शुरू की गई जांच में सामने आया कि यह ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट भारत स्थित फर्म ऑक्टाएफएक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर भारत में परिचालन कर रही थी।

जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘विदेशी मुद्रा कारोबार के इस मंच का सोशल नेटवर्किंग मंचों पर काफी प्रोत्साहन किया जा रहा है। अपने मंचों पर उपयोगकर्ताओं को लाने के लिए प्रोत्साहन मॉडल भी चलाए जाते हैं। उपयोगकर्ताओं से इकट्ठा की जाने वाली राशि को डमी इकाइयों के जरिये भेज दिया जाता है।’’

ईडी ने जमा मुद्राएं कहा कि विभिन्न डमी इकाइयों के बैंक खातों में जमा की गई राशि को बाद में सीमापार भेजे जाने के मामले भी देखे गए हैं। इसके साथ ही एजेंसी ने अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार ब्रोकरों एवं उनके भारतीय साझेदारों के बीच 'साठगांठ' का भी पता लगाया है।

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ईडी ने विदेशी मुद्रा कारोबार कंपनी की 21.14 करोड़ रुपये जमा को किया जब्त

नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने एक ‘गैरकानूनी’ ऑनलाइन विदेशी मुद्रा कारोबार कंपनी और उससे जुड़ी इकाइयों के 21.14 करोड़ रुपये मूल्य की बैंक जमाओं को जब्त कर लिया है। विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंध अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत इन इकाइयों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद ईडी ने यह कदम उठाया है। इस कंपनी की पहचान ऑक्टाएफएक्स की भारतीय शाखा जमा मुद्राएं के तौर पर की गई है। यह कंपनी ऑक्टाएफएक्स ट्रेडिंग नाम से एक ऐप के अलावा एक वेबसाइट का संचालन भी करती है। इससे जुड़ी इकाइयों पर क्रिप्टो मुद्राओं

विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंध अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत इन इकाइयों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद ईडी ने यह कदम उठाया है। इस कंपनी की पहचान ऑक्टाएफएक्स की भारतीय शाखा के तौर पर की गई है।

यह कंपनी ऑक्टाएफएक्स ट्रेडिंग नाम से एक ऐप के अलावा एक वेबसाइट का संचालन भी करती है। इससे जुड़ी इकाइयों पर क्रिप्टो मुद्राओं में कारोबार करने का भी आरोप है।

ईडी ने एक बयान में कहा कि कंपनी के खिलाफ शुरू की गई जांच में सामने आया कि यह ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप और जमा मुद्राएं वेबसाइट भारत स्थित फर्म ऑक्टाएफएक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर भारत में परिचालन कर रही थी।

जांच एजेंसी ने कहा, ‘‘विदेशी मुद्रा कारोबार के इस मंच का सोशल नेटवर्किंग मंचों पर काफी प्रोत्साहन किया जा रहा है। अपने मंचों पर उपयोगकर्ताओं को लाने के लिए प्रोत्साहन मॉडल भी चलाए जाते हैं। उपयोगकर्ताओं से इकट्ठा की जाने वाली राशि को डमी इकाइयों के जरिये भेज दिया जाता है।’’

ईडी ने कहा कि विभिन्न डमी इकाइयों के बैंक खातों में जमा की गई राशि को बाद में सीमापार भेजे जाने के मामले भी देखे गए हैं। इसके साथ ही एजेंसी ने अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन विदेशी मुद्रा व्यापार ब्रोकरों एवं उनके भारतीय साझेदारों के बीच 'साठगांठ' का भी पता लगाया है।

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