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डॉलर की मजबूती

डॉलर की मजबूती
दरअसल कोरोना महामारी के बाद अमेरिका की अर्थव्यवस्था बेहतरीन प्रदर्शन कर रही। वहां पर महंगाई दर ज्यादा है और रोजगारी की स्थिति भी मजबूत है। इसके अलावा अन्य सेक्टर भी डॉलर की मजबूती अच्छा काम कर रहे हैं। फेडरल रिजर्व भी महंगाई काबू करने के लिए कई कड़े कदम उठा रहा, जिस वजह से डॉलर लगातार मजबूत होता जा रहा है।

रुपये 12 पैसे की तेजी के साथ 81.67 प्रति डॉलर पर

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.72 पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया 81.64 के दिन के उच्चस्तर और 81.83 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 12 पैसे की तेजी के साथ 81.67 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

रुपया सोमवार को पांच पैसे की गिरावट के साथ 81.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘‘भारतीय रुपये ने पिछले पांच दिन में पहली बढ़त दर्ज की, क्योंकि कुछ अमेरिकी नीति निर्माताओं द्वारा अधिक आक्रामक कड़े कदमों के बारे में सतर्क रुख अपनाने से डॉलर इंडेक्स में तीन दिन से जारी तेजी रुक गयी।’’

घरेलू शेयर बाजार में सुधार और एशियाई मुद्राओं के मजबूत होने से भी रुपया लाभ में रहा।

इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 107.46 रह गया।

अमरीकी डॉलर की मजबूती से रुपए का निकला दम, जानिए कहां पहुंचे हम

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नई दिल्ली। दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर इंडेक्स में मजबूती से अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले देसी मुद्रा पर दबाव बना हुआ है। डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को सात पैसे की कमजोरी के साथ 70.95 रुपये प्रति डॉलर पर खुलने के बाद रिकवरी के मूड में आया लेकिन डॉलर की मजबूती के दबाव में रुपये की चाल कमजोर बनी रही। डॉलर के मुकाबले देसी मुद्रा 70.93 रुपए प्रति डॉलर पर कारोबार कर रही थी।

एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट एनर्जी व करेंसी रिसर्च अनुज गुप्ता ने बताया कि यूरो में आई कमजोरी के कारण डॉलर इंडेक्स लगातार मजबूत हो रहा है और उसे अमेरिका-चीन व्यापारिक टकराव व भूराजनीतिक तनाव से सपोर्ट मिल रहा है।

गोल्ड सिल्वर करेंसी क्रूड अपडेट: पिछले एक महीने में गोल्ड, सिल्वर और डॉलर ने निवेशकों की संपत्ति बढ़ाई, लेकिन रुपए और क्रूड ने नुकसान पहुंचाया

क्रूड ऑयल फ्यूचर 11.17% गिरावट, रुपया डॉलर के मुकाबले 0.46% कमजोर हुआ, डॉलर इंडेक्स गत एक महीने में 0.04% मजबूत हुआ है - Dainik Bhaskar

कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर की आशंका के बीच गत डॉलर की मजबूती एक महीने में क्रूड ऑयल फ्यूचर में 11 फीसदी से ज्यादा गिरावट आ गई। वहीं रुपया भी डॉलर के मुकाबले करीब आधा फीसदी कमजोर हो गया। जबकि डॉलर, गोल्ड और सिल्वर को सेफ हैवन का लाभ मिला। डॉलर 0.04 फीसदी, गोल्ड 0.73 फीसदी और सिल्वर 1.67 फीसदी मजबूत हुआ।

रुपया इस महीने के आखिर में डॉलर के मुकाबले 74.10 पर बंद हुआ

बाजार में हलचल : अमेरिकी डॉलर मजबूत होने से रुपया अब तक सबसे निचले स्तर पर, जानिए डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत

know the value of rupee against dollar

पूरे दुनिया में सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को माना जाता है। डॉलर की मजबूती डॉलर की मजबूती ऐसे ही इसकी करेंसी डॉलर भी विश्व भर में सबसे मजबूत मानी जाती है। तमाम देशों की मुद्रा का आकलन भी डॉलर से किया जाता है। ‌ऐसे ही भारतीय करेंसी रुपये का भी डॉलर से तुलनात्मक अध्ययन होता रहा है। डॉलर के मुकाबले लगातार दूसरे दिन भारतीय करेंसी रुपए में बड़ी गिरावट आई है। ‌जिसकी वजह से बाजार में हलचल बढ़ गई है। ‌

गुरुवार सुबह कारोबार शुरू होते ही वो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 42 पैसे टूटकर 80.38 पर आ गया। इसके साथ ही रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे पहले बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 79.9750 के स्‍तर पर बंद हुआ, जबकि बुधवार सुबह 79.79 पर कारोबार शुरू हुआ था। रुपये के निचले स्तर पर पहुंचते ही विपक्ष को केंद्र सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है।

डॉलर की मजबूती के आगे रुपया लुढ़का, जानिए पूरा गणित

डॉलर की मजबूती के आगे रुपया लुढ़का, जानिए पूरा गणित

16 अगस्त को डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत अब तक के सबसे निम्न स्तर पर पहुंचने से एक डॉलर 70.40 रुपये का हो गया है। 17 अगस्त को भी डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत 70 के ऊपर ही रही। रुपये की कीमत में यह तेज गिरावट आम आदमी से लेकर अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का कारण बनती दिखाई दे सकती है, लेकिन नीति आयोग का कहना है कि रुपये के मूल्य में गिरावट के लिए वैश्विक आर्थिक घटक जिम्मेदार हैं और रुपया जल्द ही अपने सामान्य स्तर डॉलर की मजबूती पर लौट आएगा।

इससे देश में महंगाई बढ़ने और विकास दर घटने की आशंका बढ़ गई है। रुपये में लगातार गिरावट से 2018.19 में देश का कच्चे तेल का आयात बिल 26 अरब डॉलर बढ़कर 114 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। रुपये की कीमत घटने के कुछ कारण स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका व चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध के कारण रुपये की कीमत लगातार घटती जा रही है।

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