भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार

Cryptocurrency: युवा निवेशक क्रिप्टो में जमकर लगा रहे है पैसा
आरबीआई ( Reserve bank of india ) बार-बार क्रिप्टो करेंसी ( crypto currency ) और इसके निवेशकों को आगाह कर रही हैं, लेकिन क्रिप्टों में पैसा लगाने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही, निवेशक ( bitcoin भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार currency) हैं कि लगातार क्रिप्टों में अपना निवेश बढ़ाते ही जा रहे हैं।
Published: December 26, 2021 07:36:12 am
आरबीआई ( Reserve bank भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार of india ) बार-बार क्रिप्टो करेंसी ( crypto currency ) और इसके निवेशकों को आगाह कर रही हैं, लेकिन क्रिप्टों में पैसा लगाने वालों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही, निवेशक ( bitcoin currency) हैं कि लगातार क्रिप्टों में अपना निवेश बढ़ाते ही जा रहे हैं। जयपुर में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट को लेकर होड़ सी मची है। यहीं कारण है वर्तमान में अब तक जयपुर में करीब एक लाख लोगों क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके है और यह आंकड़ा प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। बात अगर पूरे भारत की करें तो करीब 2 करोड़ लोग भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर चुके है। जयपुर के एक लाख लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में करीब 150 करोड़ का निवेश कर रखा है।
युवाओं की पहली पसंद अब क्रिप्टो
करोड़पति युवाओं की पहली पसंद अब क्रिप्टो बन चुका है, अमेरिका में अधिकांश युवा करोड़पति अपना पैसा, क्रिप्टो करेंसी में ही लगा रहे हैं, दुनिया के कई और देशों में भी इसी भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार तरह का चलन देखने को मिल रहा है, लेकिन कुछ देश इसे कानूनी मान्यता भी दे चुके हैं, जबकि भारत में अभी तक क्रिप्टो का भविष्य साफ नहीं है, बावजूद इसके, लोग इसमें बिना डर पैसा लगा रहे हैं।
क्रिप्टो के विरोध में आरबीआई हमेशा से
वैकल्पिक मुद्राओं को मान्यता देने के विरोध में आरबीआई हमेशा से अडिग रहा है। हालांकि केंद्रीय बैंक को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2018 में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध को वापस लेने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन इसने क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी राय नहीं बदली है।
क्यों बना हुआ डर.
इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी इसे जारी नहीं करती है। इसके अलावा टैक्स, मनी लॉन्ड्रिंग, इनसोल्वेंसिंग कोड, पेमेंट सिस्टम, निजता और डाटा प्रोटेक्शन भी बड़ी चुनौतियां होंगी।
घोटालों की संख्या बढ़कर 3300 हुई
साल 2021 में क्रिप्टोकरेंसी के बाजार में सक्रिय वित्तीय घोटालों की संख्या 2020 के 2052 के आंकड़े से बढ़कर 3300 हो गई है। दुनिया की लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम और बिटकॉइन के मूल्य में वृद्धि के साथ इनमें निवेश करने वाले निवेशकों के साथ घोटाले होने की वारदातों में भी इजाफा हुआ है।
क्रिप्टो करेंसी क्या है?
क्रिप्टो करेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके जरिए व्यापार होता है।
क्रिप्टो करेंसी को नियंत्रित करने के लिए कुछ नियम बनाने होंगे। इनकी प्रतियोगिता की कोई जरूरत नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के सार्वजनिक और केंद्रीय बैंक साथ-साथ चल सकते हैं। पूरी दूनिया में इसका चलन बढ़ रहा है। अगर भारत में इसपर बैन लगता है, तो हम एक बार फिर डिजिटल रूप में दूनिया से पीछड़ जाएंगे।
आयुष अग्रवाल, एडवाइजर, क्रिप्टो
क्रिप्टो एक्सचेंज पॉइंट नो यॉर कस्टमर (केवाईसी) इक_ा करके इसकी लेन-देन सिर्फ बैंक अकाउंट के जरिए कर सकते हैं। इस तरीके से भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार कुछ बुरे तत्व इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे, क्योंकि ब्लॉकचेन तकनीक में यह सार्वजनिक पारदर्शिता की व्यवस्था कर पाएगा।
अशोक जालान, विशेषज्ञ, इक्विटी बाजार
भारत में 2021 में 7.3 फीसदी आबादी के पास थी क्रिप्टोकरेंसी, बाजारों में प्रचलित नोटों पर मंडरा रहा खतरा
यूएनसीटीएडी ने कहा कि कोरोना के दौरान विकसित देशों समेत दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग बेहद तेजी से बढ़ा है. इसमें आगे कहा गया कि यदि क्रिप्टोकरेंसी भुगतान का व्यापक माध्यम बन जाती है, अनाधिकारिक रूप से घरेलू मुद्रा का स्थान ले लेती है, तो इससे देशों की मौद्रिक संप्रभुता खतरे में पड़ सकती है.
संयुक्त राष्ट्र : कोरोना महामारी ने न केवल दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाई है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल अभूतपूर्व दर से बढ़ा है. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में 7 फीसदी से अधिक आबादी के पास डिजिटल करेंसी है. रिपोर्ट में यह आशंका भी जाहिर की गई है कि इसी रफ्तार से क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने से दुनियाभर के बाजारों में प्रचलित नोटों पर खतरा मंडरा रहा है.
सातवें स्थान पर भारत
संयुक्त राष्ट्र की व्यापार एवं विकास संस्था यूएनसीटीएडी ने कहा कि 2021 में क्रिप्टोकरेंसी रखने वाली आबादी की हिस्सेदारी के लिहाज भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार से 20 टॉप अर्थव्यवस्थाओं में से 15 विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाएं थीं. इस सूची में 12.7 फीसदी के साथ यूक्रेन टॉप पर है. इसके बाद रूस (11.9 फीसदी), वेनेजुएला (10.3 फीसदी), सिंगापुर (9.4 फीसदी), केन्या (8.5 फीसदी) और अमेरिका (8.3 है) हैं. भारत में 2021 में कुल आबादी में से 7.3 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी थी और इस सूची में उसका स्थान सातवां है.
दुनियाभर की प्रचलित करेंसी पर मंडरा रहा खतरा
यूएनसीटीएडी ने कहा कि कोविड-19 के दौरान विकसित देशों समेत दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग बेहद तेजी से बढ़ा है. इसमें आगे कहा गया कि यदि क्रिप्टोकरेंसी भुगतान का व्यापक माध्यम बन जाती है और अनाधिकारिक रूप से घरेलू मुद्रा का स्थान ले लेती है, तो इससे देशों की मौद्रिक संप्रभुता खतरे में पड़ सकती है.
RBI On Cryptocurrency: डिजिटल मुद्रा आने के बाद खत्म हो जाएगी क्रिप्टोकरेंसी? डिप्टी गवर्नर ने कही यह बात
यूक्रेन के परमाणु प्लांट पर हमले से भारत चिंतित
उधर, भारत ने यूक्रेन में जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के इस्तेमाल हो चुके ईंधन भंडारण केंद्र के पास गोलाबारी की खबरों को लेकर चिंता व्यक्त की है और परमाणु केंद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपसी संयम बरतने का आह्वान किया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि हम यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों और केंद्रों की रक्षा और सुरक्षा के संबंध में घटनाक्रम का सावधानीपूर्वक अवलोकन कर रहे हैं. भारत इन केंद्रों की रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने को अत्यंत महत्व देता है, क्योंकि परमाणु केंद्रों से जुड़ी किसी भी दुर्घटना का लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर गंभीर परिणाम हो सकता है.
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भारत सरकार आगामी विधेयक में निजी Cryptocurrency पर लगा सकती है बैन: सूत्र
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर केंद्र सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में बिल पेश कर सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर केंद्र सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में बिल पेश कर सकती है। संसद में 'द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' के नाम से बिल पेश किया जाएगा। इस बिल को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा बनाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सूत्रों के अनुसार कुछ को छोड़कर सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंधित लगाया जा सकता है। यह संसद के आगामी सत्र में पेश किए जाने वाले 26 विधेयकों में से एक है।
कुछ दिनों पहले पीएम मोदी ने सिडनी डायलॉग में भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के बारे भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार में अपनी चिंताओं को साझा किया था। उनके अनुसार, सभी लोकतंत्रों को यह सुनिश्चित करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी का दुरुपयोग न हो।
पीएम मोदी ने टिप्पणी की, "इसे राष्ट्रीय अधिकारों को भी मान्यता देनी चाहिए और साथ ही, व्यापार, निवेश को बढ़ावा देना चाहिए। क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन महत्वपूर्ण है, सभी लोकतांत्रिक राष्ट्र इस पर एक साथ काम करें और सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़ें, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है।" इसके अलावा, उन्होंने अनुसंधान और विकास में निवेश करने, एक विश्वसनीय विनिर्माण आधार और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने, साइबर सुरक्षा पर खुफिया और परिचालन सहयोग को गहरा करने और जनता की राय में हेरफेर को रोकने के लिए संयुक्त सहयोग की वकालत की। पीएम ने वैश्विक डेटा गवर्नेंस मानकों को बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
बता दें कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और वित्त मंत्रालय ने हाल ही में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के नियमन पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया था। 13 नवंबर को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेषज्ञों के साथ क्रिप्टोकरेंसी और संबंधित वित्तीय मुद्दों को लेकर बैठक की थी। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय द्वारा की गई एक परामर्श प्रक्रिया के बाद आयोजित की गई थी। वर्तमान में भारत में दो क्रिप्टो यूनिकॉर्न CoinSwitch, Kuber और CoinDCX हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2022
वर्ष 2018 में, वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा नहीं मानती है और क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को खत्म करने के लिए सभी उपाय किए जाएंगे। इसके तुरंत बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया जिसमें कहा गया कि सभी बैंकों और सरकारी संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े सभी पक्षों को किसी भी तरह की सेवाएं प्रदान करना बंद कर देना चाहिए।
2020 में, क्रिप्टोक्यूरेंसी के उपयोग की वृद्धि और उन्नति के साथ, इस परिपत्र को भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वापस ले लिया गया था, जिससे बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े पक्षों के साथ अपने लेनदेन को फिर से शुरू करने की अनुमति मिली। NASSCOM ने इस फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया और जल्द ही भारत भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार में क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग को बढ़ावा मिला।
भारत में सर्वश्रेष्ठ क्रिप्टोकरेंसी:
इन विशेषताओं को देखते हुए बिटकॉइन में वृद्धि की स्पष्ट संभावना है। बेशक, पारंपरिक मुद्राओं की तरह आभासी मुद्राओं का भी मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, संभावनाएं भौतिक दुनिया के समान हैं। जब हम क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा करते हैं तो सबसे पहला नाम बिटकॉइन का आता है। हालाँकि, कुछ और आभासी मुद्राएँ हैं जैसे Ethereum (ETH), Litecoin (LTC), Cardano (ADA), Polkadot (DOT), Stellar (XLM), Dogecoin (DOGE) आदि।
बिटकॉइन का इतिहास:
वर्ष 2009 में एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा उपनाम सतोशी नकामोतो का उपयोग करके बनाया गया था। बिटकॉइन को अब तक विकसित पहली क्रिप्टोक्यूरेंसी माना जाता है और वर्तमान में, प्रचलन में 18.5 मिलियन से अधिक बिटकॉइन टोकन हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी खरीदना:
भारत में क्रिप्टोकुरेंसी खरीदने के लिए, एक निवेशक को पहले क्रिप्टो एक्सचेंज खोजने के साथ-साथ क्रिप्टो (जैसे बिटकॉइन) के लिए एक तीसरे पक्ष के माध्यम से एक ऑनलाइन स्टोरेज विकल्प बनाना होगा। एक्सचेंज में निवेशक को एक्सचेंज सर्विस के जरिए एक्सचेंज अकाउंट बनाना होगा।
भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज:
विदेशी निवेशकों की तरह, भारतीय साथियों ने भी डिजिटल सिक्कों में अरबों डॉलर डाले हैं, क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों की उपस्थिति के कारण, जो देश में क्रिप्टो उद्योग को फिर से आकार देने का लक्ष्य रखते हैं।
इनमें से कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म या ऐप, जो अपने ग्राहकों को क्रिप्टोकरेंसी में आसानी से व्यापार करने की अनुमति देते हैं, पिछले कुछ वर्षों में सामने आए हैं। उनमें से कुछ ने अब भारत में डिजिटल संपत्ति की लोकप्रियता का संकेत देते हुए, मंच पर व्यापार करने वाले लाखों से अधिक ग्राहक प्राप्त कर लिए हैं।
Frequently Asked Questions
Ques: क्या भारत में क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी है?
Ans: भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार क्रिप्टोक्यूरेंसी को भारत में कानूनी निविदा के रूप में मान्यता नहीं देते हैं। हालाँकि, सरकार Cryptocurrency के लिए एक बिल पर काम कर रही है, लेकिन तब तक यह देश में वैध नहीं है।
Ques: भारत में कौन सी क्रिप्टोकरेंसी सबसे अच्छी है?
Ans: कोई सबसे अच्छी क्रिप्टोकरेंसी नहीं है, क्योंकि यह पूरी तरह से बाजार पूंजीकरण पर निर्भर करता है कि कौन सबसे अच्छा रिटर्न देगा। लेकिन कुछ शीर्ष प्रदर्शन करने वाली क्रिप्टोकरेंसी हैं, जैसे Bitcoin, Ethereum, Solana, Cardano, Tether, आदि।
Ques: भारत में कितनी क्रिप्टोकरेंसी हैं?
Ans: क्रिप्टोकरंसी के व्यापार और बिक्री के लिए सभी 15 घरेलू एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं। भारत में अब दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो ऑनर हैं।
Ques: क्या भारत में क्रिप्टो प्रतिबंधित है?
Ans: मार्च 2020 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 में भारत सरकार द्वारा लगाए गए क्रिप्टो मुद्राओं पर प्रतिबंध हटा दिया।