क्या है क्रिप्टो-करेंसी

क्रिप्टोकरेंसी को रुपये में बदलने पर लगता है टैक्स
डिजिटल रुपया क्या है, क्रिप्टो करेंसी से किस तरह और क्यों अलग है भारत की डिजिटल मुद्रा
डिजिटल क्रांति के दौर में अब रुपया भी डिजिटल हो चुका है। रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 1 नवंबर से डिजिटल करंसी (Digital Currency) यानी ई-रुपया की शुरुआत की। शुरुआती दौर में इस डिजिटल करंसी (Central Bank Digital Currency) का उपयोग पायलट प्रोजेक्ट के तहत केवल होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए किया जाएगा।
Digital Currency: डिजिटल क्रांति के दौर में अब रुपया भी डिजिटल हो चुका है। रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 1 नवंबर से डिजिटल करंसी (Digital Currency) यानी ई-रुपया की शुरुआत की। शुरुआती दौर में इस डिजिटल करंसी (Central Bank Digital Currency) का उपयोग पायलट प्रोजेक्ट के तहत केवल होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए किया जाएगा। बाद में इसे रिटेल सेगमेंट के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। कुछ समय तक रिजर्व बैंक इसमें आने वाली चुनौतियों को समझेगा और इसके बाद ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा। आखिर क्या है डिजिटल रुपया और ये किस तरह क्रिप्टो करंसी से अलग है, आइए जानते हैं।
डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स
सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.
तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि क्या है क्रिप्टो-करेंसी ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश क्या है क्रिप्टो-करेंसी किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे क्या है क्रिप्टो-करेंसी तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो क्या है क्रिप्टो-करेंसी में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
भारत का डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कितना अलग? जानिए कैसा होगा भविष्य का पैसा
डिजिटल रुपये (Digital Rupees) की सुगबुगाहट पिछले एक साल से थी, आखिरकार इसका पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से शुरू हो गया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार को डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। लेकिन, सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्रिप्टोकरेंसी जैसा होगा? इसे किस तरह संचालित किया जाएगा? आइए एक-एक करके जानते हैं कि भविष्य का पैसा कैसा होगा?
हाल के कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते प्रचलन की वजह से दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के सामने अपने देश की करेंसी को बचाए रखने का संकट भी धीरे-धीरे खड़ा हो रहा है। यही वजह है कि सभी देश अपने-अपने स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसीज को कोई रेगुलेट नहीं करता है इसलिए इसके जरिए टेरर फंडिंग की भी बात सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसीज के संचालन को लेकर कई बार चिंता भी व्यक्त की है। इस साल बजट में सरकार की तरफ से जब डिजिटल रुपये का ऐलान हुआ तभी यह बात स्पष्ट हो गई थी कि भारत सरकार किसी प्रकार मौका क्रिप्टोकरेंसीज को नहीं देना चाहती है। तब रही-कही कसर क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाकर पूरा कर दिया था। आइए जानते हैं जिस डिजिटल रुपये को भारत, क्रिप्टोकरेंसी के बराबर खड़ा करने की सोच रहा है वह है क्या? रिजर्व बैंक इसे रेगुलेट कैसे करेगा? इन सबके अलावा हम और आप जैसे आम आदमी इसका उपयोग कैसे कर पाएंगे।
Jagran Trending: Cryptocurrency और Digital Currency में क्या है फर्क? इनके बारे में जानें
Cryptocurrency vs digital Currency इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी काफी चर्चाओं में रहती हैं। हालांकि बड़ी संख्या में अभी लोगों को इनके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। ऐसे में चलिए आपको इन दोनों में अंतर क्या है इसके बारे में बताते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मौजूदा समय में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और डिजिटल करेंसी (Digital Currency) की काफी चर्चा हो रही है लेकिन बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी को एक ही मान रहे हैं जबकि ऐसा नहीं है, यह दोनों एक नहीं हैं। दोनों में बहुत अंतर है। 1 फरवरी, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि 'क्रिप्टो कोई करेंसी नहीं है, करेंसी वह होती है, जिसे केंद्रीय बैंक जारी करता है।'
cryptocurrency क्या है? जानिए क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी | what is cryptocurrency in hindi
what is cryptocurrency in hindi (cryptocurrency क्या है?) ये सवाल आज हर उस व्यक्ति के मन में है जो ऑनलाइन तेजी से पैसा कमाना चाहता है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी इस समय का सबसे बड़ा मुद्दा बनी हुई है। जहां दुनिया भर में cryptocurrency की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है वहीं हमारे देश भारत में क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आज हर कोई क्रिप्टो करेंसी की पूरी जानकारी लेना चाहता है। आज हम आपको बताएँगे क्या है क्रिप्टो-करेंसी आखिर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और cryptocurrency किस तरह काम करती है?
cryptocurrency क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। cryptocurrency का पूरा कारोबार ऑनलाइन के माध्यम से किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी एक वित्तीय लेन-देन का जरिया है जो बिल्कुल रुपये या डॉलर के समान ही होता है। बस अंतर सिर्फ इतना है कि यह वर्चुअल यानी आभाषी होता है जो और दिखाई नहीं देती और इसे न ही आप छू सकते हैं। क्रिप्टोकरंसी एक तरह की प्राइवेट करेंसी है जिसे कोई सेंट्रल बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे आप नोट या सिक्के की तरह अपने हाथ में ले नहीं सकते। cryptocurrency का कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है। यह वर्चुअल होती है और डिजिटल एसेट्स के रूप में मौजूद होती है। इसे क्रिप्टोग्राफी के जरिये सेक्योर किया जाता है। प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी एक यूनिक प्रोग्राम के कोड से बनाई जाती है। इसीलिए क्रिप्टोकरेंसी की पूरी की पूरी कॉपी बना लेना तकरीबन नामुमकिन होता क्या है क्रिप्टो-करेंसी क्या है क्रिप्टो-करेंसी है। आइये जानते है क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency क्या है?) से सम्बंधित कुछ अन्य जानकारी।
cryptocurrency का मतलब क्या है?
Cryptocurrency दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें पहला Crypto और दूसरा शब्द currency है। Crypto एक लैटिन भाषा का शब्द है जो की cryptography से बना है और जिसका हिंदी अर्थ होता है छुपा हुआ। Currency शब्द भी लैटिन भाषा के currentia से ईजाद हुआ है और इसे रुपये-पैसे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तो क्रिप्टोकरेंसी का पूरा मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा जिसे हम डिजिटल रुपया भी कह सकते क्या है क्रिप्टो-करेंसी है।
किसने बनाई cryptocurrency?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को 2009 में सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने शुरू किया था। लेकिन इससे पहले भी कई देशों और कई बड़े निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में पहले भी काम किया था। आपको बता दें कि यूएस ने 1996 में मुख्य इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड बनाया था। यह ऐसा गोल्ड था जिसे रखा नहीं जा सकता था लेकिन इससे दूसरी चीजें खरीदी जा सकती थीं। इसे 2008 में बैन कर दिया गया। सन 2000 में नीदरलैंड ने पेट्रोल भरने के लिए कैश को स्मार्ट कार्ड से जोड़ा था।