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क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं

क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं

क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं

नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हमेशा कुछ न कुछ विवाद बना रहता है. इसकी माइनिंग से लेकर इस्तेमाल तक को लेकर हमेशा सवाल उठते रहते हैं. अब इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने फिर से क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं इस मामले में चेतावनी दी है. IMF ने क्रिप्टोकरेंसी अपनाने वाले देशों को एक बार फिर इसके खतरों के बारे में आगाह किया है.

IMF ने इन तमाम को देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को बड़े स्तर क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं पर अपनाने से फाइनेंशियल मार्केट में कई खतरे पैदा हो सकते हैं. बता दें कि IMF इस पहले भी क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी रूप से अपनाने के खिलाफ अपनी राय जाहिर कर चुका है.

IMF ने अपनी ग्लोबल फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट में कहा, एक क्रिप्टो एसेट को मुख्य राष्ट्रीय करेंसी के रूप में अपनाने के महत्वपूर्ण खतरे हैं होते हैं और यह एक अनुचित शॉर्टकट है. IMF ने क्रिप्टो को अपनाने के जिन खतरों को बताया कि उनमें “बड़े स्तर पर वित्तीय स्थिरता, फाइनेंशियल इंटिग्रिटी, कंज्यूमर प्रोटेक्शन और पर्यावरण” से जुड़े खतरे शामिल हैं.

IMF ने कहा, फिलहाल ऐसी स्थिति पैदा होने की संभावना कम है क्योंकि अभी भी अधिकतर देशों में लोग और बिजनेस इससे दूर है. हालांकि गैर-स्टेबल क्रिप्टो करेंसी की वैल्यू में जो अचानक से भारी उतार-चढ़ाव आता है, वह बताता है कि इसका वास्तविक अर्थव्यवस्था से कोई जुड़ाव नहीं है.

IMF के एक ग्रुप की तरफ से तैयार रिपोर्ट में इस तथ्य के बारे में भी चेतावनी दी कि जैसे-जैसे क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो बाजार विकसित और बढ़ते जाएंगे, वैसे-वैसे अधिक जोखिम वाले कारक सामने आएंगे. IMF की यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब सेंट्रल अमेरिकी देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में अपनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. इस बीच बिटकॉइन में पिछले एक हफ्ते में 10 पर्सेंट से अधिक की तेजी आई है.


12 अक्टूबर 2021 यानी मंगलवार के दिन ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पिछले 24 घंटों में 1.09 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और यह 175.02 लाख करोड़ रुपये पर ट्रेड कर रहा है. वहीं टोटल क्रिप्टो मार्केट Volume की बात करें तो वह 7,89,409 करोड़ पर ट्रेड कर रहा है. इसमें पिछले 24 घंटे में 7.92 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की जा रही है.

दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में पिछले 24 घंटों में तेजी देखी जा रही है. इसमें 0.84 प्रतिशत की बढ़त दर्ज देखी गई है और इसका मार्केट प्राइस 44,45,270 रुपये तक पहुंच गया है. इसका क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में करीब 45.58 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. आपको बता दें कि बिटकॉइन में लगातार उठापटक का दौर जारी है. 21 सितंबर को यह 40,596 डॉलर तक पहुंच गया था. गौरतलब है कि 06 अक्टूबर 2021 के बाद से लगातार इसमें तेजी देखी जा रही है.

क्‍या क्रिप्‍टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्‍यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब

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Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं पर अपना पक्ष भी स्‍पष्‍ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।

1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की घोषणा

सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की भी घोषणा की थी। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल मुद्रा में लेनदेन के विवरण को कैप्चर करना है। विभिन्न बाजार विश्लेषकों ने डिजिटल परिसंपत्तियों पर कर लगाने को क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक दर्जा मिलने की प्रस्‍तावना के रूप में देखा। हालांकि, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाले लाभ पर कर लगाने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके नियमन या वैधता पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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RBI की नज़र में यह आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा

केंद्र सरकार भले ही इस करेंसी को लेकर अभी बंदिशें नहीं लगा रही हो लेकिन आरबीआई की नज़र में यह देश की माली हालत के लिए ठीक नहीं है। फरवरी माह में ही मौद्रिक नीति की घोषणाओं के बाद क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं पत्रकारों से बात करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि "निजी क्रिप्टोकरेंसी भारत की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं, साथ ही आरबीआई की इससे निपटने की क्षमता भी है। निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि वे क्रिप्टोकरेंसी में क्या निवेश कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इन क्रिप्टोकरेंसी में कोई संपत्ति नहीं क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं है।

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सरकार चाहती है सामूहिक प्रयास हों

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है क्योंकि तकनीक लगातार विकसित और बदल रही है। बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो विनियमन पर परामर्श चल रहा है और नियामक दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद क्या कानूनी है, क्या स्पष्ट नहीं होगा।

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बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के लिए राह मुश्किल

दूसरी तरफ वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना था कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेगी। सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी निविदा होगी। हम डिजिटल रुपये के साथ गैर-डिजिटल संपत्ति क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं खरीद सकते हैं जैसे हम अपने वॉलेट या यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए भुगतान करके आइसक्रीम या अन्य चीजें खरीदते हैं।

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सरकार नहीं कर सकती मूल्‍य को अधिकृत

सोमनाथन के अनुसार क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।"

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नई दिल्ली। दुनिया में क्रिप्टो करेंसी का प्रचलन लगातार बढ़ रहा है। वहीं अब भारत के लोगों में भी गोल्ड के प्रति दीवानगी कम होती दिख रही है। बिटकॉइन के साथ-साथ अन्य कई क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल गोल्ड के रूप में देखा जा रहा है। शायद यही कारण है कि आज देशभर में कई हजार करोड़ क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया जा चुका है।

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क्रिप्टो की चर्चा

हाल ही में क्रिप्टो करेंसी बाजार में आई है, वहीं पिछले कुछ सालों से बिटकॉइन के भाव में उतार-चढ़ाव भी देखा जा रहा है। हालांकि डॉगकॉइन (DogeCoin) से जुड़े कई मीम भी सोशल मीडिया देखे गए हैं। लेकिन अब क्रिप्टोकरेंसी ने बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में क्रेज बढ़ रहा है। खबरों में छा जाने की वजह से CryptoCurrancy रिटर्न भी काफी अच्छा मिल रहा है।

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रिलायंस से ज्यादा मार्केट कैप

पिछले सालों में क्रिप्टो का बाजार तेजी से बढ़ा है। फिलहाल भारत में भी करीब 15 क्रिप्टो एक्सचेंज काम कर रहे हैं। जिनका रोजाना करीब ₹1500 करोड़ का कारोबार है। वहीं बात अगर बिटकॉइन का मार्केट कैप की करें तो यह 50,57,561 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। बता दे कि यह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के मार्केट कैप से करीब 3 गुना ज्यादा है।

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बढ़ रहा क्रिप्टो का बाजार

दुनिया में क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग काफी बढ़ रही है। इसके साथ ही उन सब का मार्केट कैप 1635 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। सिर्फ बिटकॉइन का मार्केट कैप 50 लाख करोड़ के पार दर्ज किया जा रहा है। यह भारत की छह बड़ी कंपनियों के मार्केट कैप से कहीं ज्यादा है। इन कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस टेक्नोलॉजी, हिंदुस्तान युनिलीवर और एचडीएफसी शामिल है।

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रोजाना का कारोबार

क्रिप्टोकरंसी की कुल ट्रेडिंग के रोजाना के आंकड़े 1500 करोड़ रुपये तक के हैं। वहीं भारत में भी भारत में शेयर बाजार में रोजाना ₹2,00,000 की ट्रेडिंग दर्ज की जा रही है। जिसके मुताबिक क्रिप्टो करेंसी में इस समय शेयर बाजार की तुलना में 1 फ़ीसदी से भी कम रकम की ट्रेडिंग दिख रही है।

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बढ़ रहे निवेशक

इस समय भारत में करीब करोड़ एक्टिव इन्वेस्टर हैं जो क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे हैं। शेयर बाजार में निवेश करने वाले और ट्रेडर की संख्या 6 करोड़ के करीब दिख रही है। वहीं शेयर बाजार के मुताबिक करीब 20 फ़ीसदी लोग क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे हैं।

क्रिप्टो बाजार में गिरावट

क्रिप्टो बाजार में गिरावट

Bitcoin Price: विश्व में क्रिप्टो करेंसी में आई बड़ी गिरावट से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है । वहीं हिंदुस्तान में इसका खास असर नहीं हुआ है । इसका श्रेय गवर्नमेंट और आरबीआई (RBI) के सावधान रुख को जाता है । भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार किया है और उसने इसमें लेनदेन को लेकर आगाह भी किया है । वहीं गवर्नमेंट ने क्रिप्टो लेनदेन की मांग को कम करने के लिए कर का रास्ता चुना है । क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 2021 में तीन हजार अरब $ था, जिसका कुल बाजार मूल्य अब एक हजार अरब $ से भी कम रह गया है ।

दिवालिया हुआ बाजार

हालांकि, भारतीय निवेशक इससे काफी हद तक बचे रहे हैं जबकि बहामास का एफटीएक्स बाजार लोगों द्वारा बिकवाली के बाद दिवालिया हो गया है । हिंदुस्तान में भारतीय रिजर्व बैंक पहले दिन से ही क्रिप्टोकरेंसी का विरोध कर रहा है, जबकि गवर्नमेंट प्रारम्भ में एक कानून लाकर ऐसे माध्यमों को विनियमित करने का विचार कर रही थी । हालांकि, गवर्नमेंट बहुत विचार-विमर्श के क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वर्चुअल मुद्राओं के संबंध में अंतरराष्ट्रीय सहमति की जरूरत है क्योंकि ये सीमाहीन हैं और इसमें शामिल जोखिम बहुत अधिक हैं ।

क्रिप्टो बाजार में गिरावट

आरबीआई के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी को विशेष रूप से विनियमित क्रिप्टो बाजार के खतरे क्या हैं वित्तीय प्रणाली से बचकर निकल जाने के लिए विकसित किया गया है और यह उनके साथ सावधानी बरतने के लिए पर्याप्त कारण होना चाहिए । उद्योग का अनुमान है कि भारतीय निवेशकों का क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में निवेश सिर्फ तीन फीसदी है । अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो बाजार में गिरावट के बावजूद, हिंदुस्तान की क्रिप्टोकरेंसी कंपनियां अभी तक किसी जल्दबाजी में नहीं हैं । हिंदुस्तान के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स और जेबपे का परिचालन जारी है ।

उठाए गए कदम उचित

सरकार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ केंद्रीय बैंक के सावधान रुख की वजह से हिंदुस्तान में क्रिप्टो का बड़ा बाजार नहीं खड़ा हो सका । यदि भारतीय संस्थाएं क्रिप्टो में शामिल हो गई होतीं, तो राष्ट्र में कई लोगों के पैसे डूब जाते । एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इण्डिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक और गवर्नमेंट द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देने के लिए उठाए गए कदम इस समय उचित हैं । रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी जून में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी को ‘स्पष्ट खतरा’ बताया था ।

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