व्यापारिक विदेशी मुद्रा

व्यापार के लिए शर्तें

व्यापार के लिए शर्तें
बता दें कि समारोह के दौरान सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्यदूत टी वी नागेंद्र प्रसाद भी मौजूद थे।

पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित हुए गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, बोले- जहां जाता हूं भारत मेरे साथ होता है

पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित हुए गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, बोले- जहां जाता हूं भारत मेरे साथ होता है

गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि भारत मेरा एक हिस्सा है और मैं इसे अपने साथ रखता हूं। भारतीय-अमेरिकी पिचाई को व्यापार और उद्योग श्रेणी में 2022 के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 50 वर्षीय पिचाई को शुक्रवार को सैन फ्रांसिस्को में उनके करीबी परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इस मौके पर अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत एस संधू ने कहा कि गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को पद्म भूषण सौंपकर खुशी हुई। मदुरै से माउंटेन व्यू तक की उनकी प्रेरणादायक यात्रा, भारत-अमेरिका आर्थिक और तकनीकी को मजबूत करती है। संबंधों, वैश्विक नवाचार में भारतीय प्रतिभा के योगदान की पुष्टि करता है।

आज का मकर राशिफल, 30 नवंबर 2022: किसी भी तरह की बहस से होगा बचना

Updated Nov 30, 2022 | 09:17 AM IST

Aaj Ka Makar Rashifal 30 November 2022

आज का मकर राशिफल, 30 नवंबर 2022

Aaj Ka Makar Rashifal 30 November 2022, Capricorn Horoscope Today in Hindi: मकर (Capricorn) – लोगों की मदद से और सहयोग से आपका भरोसा जगा है और आपने बहुत कुछ करने की और पाने की कोशिश की है। यही वजह है की आपने लोगों से तालमेल बढ़ाने का भी प्रयास किया है।

क्या करें – किसी भी तरह की बहस से बचना होगा क्योंकि अगर लोग आपकी मदद करेंगे तो उनकी कोई शर्तें भी होंगी इसलिए आपको बहुत सारा धैर्य बनाए रखने की भी जरूरत पड़ेगी। घर परिवार में भी रिश्तों के प्रति भरोसा बनाए रखने से ही यह सबकुछ संभव हो पाएगा।

MP Teachers Recruitment 2023 : खुशखबरी; 7500 शिक्षक भर्ती का आदेश जारी

भोपाल। शिक्षक भर्ती की राह देख रहे युवाओं के लिए खुशखबरी आ गई है। 26 नवंबर को जारी एक आदेश के अनुसार मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग में साढ़े 7 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इस भर्ती के लिए एमपी ऑनलाईन पोर्टल पर 28 फरवरी 2023 को विज्ञापन जारी किया जाएगा। वहीं अगले साल मार्च से भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

बताया गया है कि पद पूर्ति की प्रक्रिया मार्च 2023 से आरंभ की जाएगी। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध कराए जाने पर संयुक्त काउंसलिंग की जाएगी। पदों की संख्या में कमी अथवा वृद्धि भी की जा सकेगी। मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग), सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम 2018 और इन नियमों में किए गए संशोधनों के अनुसरण में विज्ञापन की दिनांक को प्रचलित नियमों के अधीन रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 की मेरिट के आधार पर की जाएगी।

डॉलर 04.12.2022, आज 04.12.22

डॉलर का पूर्वानुमान तकनीकी

डॉलर विनिमय दर में वृद्धि और इसकी गिरावट की भविष्यवाणी करना अक्सर मुश्किल नहीं होता है. और उस स्थिति में, आप डॉलर विनिमय दर में उतार-चढ़ाव पर अच्छा पैसा कमा सकते हैं. इसके अलावा, भले ही विनिमय दर में कमजोर उतार-चढ़ाव हो, और "आगे पीछे करता" आराम के करीब की स्थिति में - और आप इस पर बहुत पैसा कमा सकते हैं, उदाहरण के लिए, डॉलर पर विकल्पों के साथ काम करना. यह अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त है कि क्या डॉलर की दर बढ़ेगी, गिरेगी, उछलेगी या वही रहें और आप भारी मुनाफे में हैं. पाठ्यक्रम और छलांग की भविष्यवाणी करने के लिए (अस्थिरता) व्यापारी और निवेशक समाचार, पिछली कीमतों और अंतर्ज्ञान का उपयोग करते हैं.

मुद्रा बाजार व्यापार के लिए शर्तें व्यापार के लिए शर्तें में बड़े खिलाड़ी सैद्धांतिक रूप से डॉलर की दर को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं, इसे अचानक सही दिशा में ले जा सकते हैं, "दूर ले जा रही है" अन्य खिलाड़ियों से बहुत सारा पैसा, लेकिन उतना नहीं जितना आप अन्य, छोटे पैमाने की मुद्राओं को प्रभावित कर सकते हैं और इससे भी अधिक स्टॉक और वायदा. इसलिए, अशुभ व्यापारी गलती से मानते हैं कि कौन-फिर उसने उनसे पैसा लिया, जिससे डॉलर विनिमय दर में उछाल आया, जो समृद्ध या बर्बाद हो गया. प्रमुख जोड़तोड़ - डॉलर और अन्य मुद्राओं में व्यापार में एक विशेष मामला और अक्सर जमीन पर वित्तीय पुलिस द्वारा अवैध और निगरानी की जाती है.

संकट में डॉलर विनिमय दर

आर्थिक संकट में पूंजीपतियों की निगाह डॉलर की ओर. इस समय डॉलर मांग में है और समर्थित है, गतिशीलता में यह सोने के समान है, और संकट के दौरान डॉलर की विनिमय दर कीमत में अत्यधिक बढ़ जाती है.

निवेश और बचत में सोने का है खास स्थान. यह माना जाता था कि सोना कभी असफल नहीं होगा. हालांकि, संकट के समय में सोने और डॉलर की विश्वसनीयता की वजह से मांग बढ़ जाती है, जिससे सोने व्यापार के लिए शर्तें और डॉलर की कीमत में मुद्रास्फीति होती है।.

अधिकांश देश एक अस्थायी विनिमय दर नीति का पालन करते हैं. दरें राष्ट्रीय मुद्रा और विदेशी मुद्रा के मुकाबले डॉलर में मुद्रा विनिमय पर व्यापार करती हैं. सभी गतिकी डॉलर विनिमय दर और बाजार संबंध, संबंधित हैं, जहां बोली प्रभावित होती है, ब्याज दर, आयात जैसी शर्तें / निर्यात.

डॉलर की दर आज के लिए रूबल करने के लिए: सप्ताह के लिए और महीने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार से स्पीकर शेड्यूल.

श्रीलंका, नेपाल से नहीं सीखा सबक, चीन की गिरफ्त में फंसता जा रहा है बांग्लादेश

Bangladesh hasn’t learned the China lesson from Nepal and Sri Lanka

चीन, एक ऐसा शिकारी देश है जो आए दिन कोई न कोई नया शिकार ढूंढ़ता ही रहता है फिर चाहे वह श्रीलंका हो या नेपाल परन्तु अब उसे एक नया शिकार मिल गया है और उसका नाम है बांग्लादेश। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बांग्लादेश में चीन अपने निवेश को लगातार बढ़ाता जा रहा है और बांग्लादेश उसे रसगुल्ला समझकर गपककर खाता जा रहा है लेकिन उसे यह पता होना चाहिए कि इस चीनी रसगुल्ले को पहले भी कई देशों ने खाया है और उनकी क्या स्थिति हुई है वो किसी से छिपी नहीं है।

चीन के शिकंजे में फंसने जा रहा है बांग्लादेश

दरअसल, बांग्लादेश से अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए चीन वहां के बुनियादी ढांचे में बड़े स्तर पर निवेश कर रहा है। इसके साथ ही वह दोनों देशों की मुद्रा में आदान-प्रदान को सरल बनाने का प्रयास भी कर रहा है। उदाहरण के लिए अभी हाल के महीनों में चीन ने बांग्लादेश के साथ मिलकर इन्फॉर्मेशन और कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी पर चल रहे प्रोजेक्ट का तीसरा चरण पूरा किया है। यही नहीं, बिजली क्षेत्र के लिए चीन बांग्लादेश को लगभग 1.7 अरब डॉलर का कर्ज भी देने जा रहा है।

अब यदि चीन द्वारा किए गए पुराने पापों को देखा जाए तो बिना किसी लाभ के वह किसी भी देश में निवेश नहीं करता है। उदाहरण के लिए हम श्रीलंका को देख सकते हैं कि कैसे वहां की महिंदा राजपक्षे सरकार ने बिना सोचे समझे चीनी निवेश को स्वीकार कर लिया और बाद में जब कर्ज नहीं चुका पाए तो हंबनटोटा हवाईअड्डा चीन को सौंपना पड़ा। इसके अलावा राजधानी कोलंबो में कोलंबो पोर्ट सिटी के लिए 99 साल की लीज पर जगह भी दे दी गई जो आज चीन के कब्जे में है। हालांकि महिंदा राजपक्षे की सरकार तो गिर गई और वो देश छोड़कर भी भाग गए लेकिन श्रीलंका बुरी तरह से कंगाल हो गया और आज भी वहां की स्थिति में कुछ अधिक सुधार नहीं हुआ है।

बांग्लादेश चीन से क्यों ले रहा है कर्ज?

बीबीसी के एक लेख के अनुसार बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार में बहुत हद तक कमी आई और उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ से 4.5 अरब डॉलर के क़र्ज़ की मांग भी की ताकि वह अपने खाली होते विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर रख सके। ऐसे में यह स्पष्ट हो जाता है कि बांग्लादेश के आर्थिक हालात ठीक नहीं है इसलिए इस मौके का फायदा उठाते हुए चीन वहां लगातार अपने निवेश को बढ़ाता जा रहा है और बांग्लादेश मुफ्त का चंदन समझकर घिसता जा रहा है परन्तु यह चंदन कब विष में बदल जाएगा किसी को नहीं पता।

नेपाल हो, श्रीलंका हो, पाकिस्तान हो या फिर बांग्लादेश, चीन का इन सभी देशों में निवेश करने के पीछे का उद्देश्य है ‘बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट’ जिसके जरिए वह पुराने सिल्क रूट को दोबारा से बनाकर एशिया से लेकर यूरोप तक बिना किसी रुकावट के व्यापार करना चाहता है। परन्तु कोविड के चलते पिछले दो सालों से इस प्रोजेक्ट पर काम लगभग बंद ही था लेकिन अब वह बांगलादेश को अपने जाल में फंसा रहा है और धीरे-धीरे अपने ‘बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट’ को भी शुरू कर रहा है।

ये है बांग्लादेश की बर्बादी का रास्ता

इसके अलावा 5 नवंबर को बांग्लादेश के एक अख़बार ‘प्रोथोम आलो’ में छपी एक ख़बर के अनुसार चीनी राजदूत ली जिमिंग ने बांग्लादेश व्यापार के लिए शर्तें के सामने एक बड़ा प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव में चीन का कहना है कि अगर बांग्लादेश सरकार तीस्ता बैराज प्रोजेक्ट पर काम करना चाहती है तो चीन इसके लिए तैयार है। यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि तीस्ता नदी के पानी का इस्तेमाल भारत और बांग्लादेश दोनों करते हैं। दोनों देशों के बीच जल बंटवारे को लेकर लंबे समय से व्यापार के लिए शर्तें विवाद चला आ रहा है। ऐसे में तीस्ता नदी पर चीन के सहयोग से कोई भी निर्माण बांग्लादेश और भारत के बीच पुराने विवाद को और बढ़ा सकता है। इसीलिए बांग्लादेश के सामने एक यह भी चुनौती है कि पड़ोसी और मित्र देश भारत के साथ अपने संबंधों को किस तरह अच्छा बनाए रखना है।

यदि बांग्लादेश में आ रहे चीनी निवेश को लेकर संक्षेप में कहा जाए तो यह बांग्लादेश की बर्बादी का रास्ता साबित हो सकता है। क्योंकि चीन बिना किसी स्वार्थ के किसी भी देश को यूं ही मुफ्त में सहायता नहीं करता है और अगर चीन इस निवेश के माध्यम से मानवतावादी बन रहा है तो उससे एक बात कहना तो बनता है कि “भाई पड़ोस में ताइवान भी है वहां भी थोड़ी मानवता दिखा लो”।

रेटिंग: 4.47
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 114
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *