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Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है?

Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है?
म्यूचुअल फंड में निवेश करना रिस्की होता है, इसलिए निवेश करने से पहले पूरी पड़ताल जरूर करें।

म्यूच्यूअल फण्ड क्या है प्रकार, निवेश कैसे करें (Mutual Fund In Hindi)

Mutual Fund In Hindi: अगर आप पैसे से पैसा कमाने में रूचि रखते हैं तो Mutual Fund का नाम आपने जरुर सुना होगा, टीवी में आपने Mutual Fund के कई सारे विज्ञापन भी देखे होंगे पर क्या आप जानते हैं आखिर Mutual Fund क्या है, म्यूच्यूअल फण्ड की शुरुवात कब हुई, म्यूच्यूअल फण्ड के प्रकार, म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कैसे करें और म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे तथा नुकसान क्या हैं.

अगर आप उपरोक्त सारी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप एकदम सही लेख पर आये हैं. आज के इस लेख में हम आपको Mutual Fund से जुडी तमाम सारी जानकारी प्रदान करवाने वाले हैं. जिससे कि आपको Mutual Fund में निवेश करने में आसानी हो.

म्यूच्यूअल फण्ड के Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? द्वारा आप अपने पैसों को ऐसे Fund House में निवेश करते हैं जहाँ आपके पैसों को मैनेज करने का काम फण्ड मैनेजर करते हैं. म्यूच्यूअल फण्ड में कई सारे निवेशक पैसे निवेश करते हैं. फण्ड मैनेजर सभी निवेशकों के पैसों को अलग – अलग जगह निवेश कर देते हैं और profit को सभी निवेशकों में निवेश के आधार पर बाँट दिया जाता है.

वैसे म्यूच्यूअल फण्ड निवेश भी जोखिम भरा होता है क्योंकि शेयर बाजार में उतार – चढ़ाव होता रहता है इसलिए म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश भी जोखिम भरा रहता है, हालांकि शेयर बाजार में निवेश करने की तुलना में म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने में कम जोखिम होता है. म्यूच्यूअल फण्ड में पूरी जानकारी पाने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें.

म्यूच्यूअल फण्ड क्या है इसके प्रकार और इसमें निवेश कैसे करें - Mutual Fund In Hindi

तो चलिए आपका ज्यादा समय न लेते हुए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं – म्यूच्यूअल फण्ड क्या होता है हिंदी में.

हर महीने Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? के सिर्फ 1000 रुपये आपको बना सकते हैं लखपति! जानिए कैसे?

-Best Investment Plans: भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बचत करना बेहद जरूरी है।
-इसके लिए सबसे अच्छा ऑप्‍शन है निवेश।
-निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपको पास ढेरों पैसे होने चाहिए, आप छोटे-छोटे निवेश से भी अच्छा धन बटौर सकते हैं।
-आप हर महीने 500 या 1000 रुपये भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।

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नई दिल्ली।
Best Investment Plans: भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बचत करना बेहद जरूरी है। इसके लिए सबसे अच्छा ऑप्‍शन है निवेश। लेकिन, सही जगह और सही समय पर निवेश करना भी जरूरी है। निवेश करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि आपको पास ढेरों पैसे होने चाहिए, आप छोटे-छोटे निवेश से भी अच्छा धन बटौर सकते हैं। आप हर महीने 500 या 1000 रुपये भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। मार्केट में ऐसी कई स्कीम्स हैं, जहां आप निवेश Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? कर सकते हैं। हम आपको ऐसी पांच स्कीम्स के बारे में बता रहे हैं, जहां आप 1000 रुपये निवेश कर लखपति बन सकते हैं।

म्यूचुअल फंड्स में निवेश
आप म्यूचुअल फंड्स ( Mutual Fund ) में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात है कि यहां आप हर महीने मिनिमम 500 रुपये का निवेश भी कर सकते हैं। ये उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प है, जो शेयर बाजार की ज्यादा जानकारी नहीं रखते। Mutual Fund स्कीम आप अपने हिसाब से चुन सकते हैं। आप Mutual Fund के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं, यहां आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है। इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है। आप SIP के जरिये इसमें निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा इक्विटी म्यूचुअल फंड ( Equity Mutual Fund ), डेट म्यूचुअल फंड ( Debt Mutual Fund ) या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम ( Hybrid Mutual Fund ) में भी निवेश कर सकते हैं।

शेयर में करें निवेश
शेयर बाजार में कई कंपनियों में आप हर महीने 1000 रुपये निवेश कर सकते हैं। इससे आपका पोर्टफोलियो अच्छा बना सकता हैं। आपको ऐसी कंपनियों में निवेश करना चाहिए जो अच्छा ग्रोथ कर रही हैं और उनके शेयर की कीमत 1000 रुपये से कम है, इससे आपको काफी फायदा होगा। ध्यान रखें कि शेयर खरीदने से पहले कंपनी के बारे में अच्छे से रिसर्च कर लें।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पोस्ट ऑफिस की पब्लिक प्रोविडेंट फंड में जमा राशि पर सालाना 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। इसमें व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख का निवेश कर सकते हैं। स्कीम में पैसे जमा आप एकमुश्त राशि या 12 किस्तों में कर सकते हैं। इसमें मैच्योरिटी की अवधि 15 साल है। पीपएफ खाते में जमा राशि का इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C में डिडक्शन क्लेम की जा सकती है। इस पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह टैक्स फ्री है। 15 साल तक अगर आप PPF में हर महीने 1000 रुपये जमा करते हैं तो कुल जमा राशि 1,80,000 हो जाती है, लेकिन बदले में आपको 3,25457 रुपये मिलेंगे।

रेकरिंग डिपॉजिट ( RD )
रिकरिंग डिपॉजिट ( RD ) स्कीम में आप छोटी-छोटी सेविंग करके बड़ी रकम तैयार कर सकते हैं। आप RD में रोजाना सिर्फ 100 रुपए निवेश कर बड़ी रकम तैयार कर सकें। इसकी अधिकतम मेच्योरिटी 10 साल की है। इसमें ग्राहकों को 3% से लेकर 9% तक interest मिलता है। यह भी फिक्स्ड डिपोडिट की तरह फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट आप्शन है।

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट ( NSC )
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में आपको में 6.8 फीसदी सालाना रिटर्न मिलेगा। इसकी मैच्योरिटी अवधि 5 साल की है, लेकिन आप इसे पांच-पांच साल के लिए 5 बार आगे बढ़ा सकते हैं। लांग टाइम के लिए ऐसा इंवेस्ट करने पर आपकी छोटी-सी जमापूंजी लाखों में तब्दील हो सकती है। इस योजना के तहत आप 100, 500, 1000, 5000 और 10 हजार रुपए से निवेश कर सकते हैं। वैसे इसमें अधिकतम सीमा नहीं है इसलिए आप चाहे तो इससे भी ज्यादा रकम इंवेस्ट कर सकते हैं। बहुत से लोग रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली एक मुश्त रकम को इसमें जमा करते हैं। इससे उन्हें अच्छा रिटर्न मिलता है।

Mutual Fund में मिल सकता है सर्वाधिक रिटर्न! 15 साल में ऐसे बन सकते हैं करोड़पति, जानें- कितना करना होगा निवेश

म्यूचुअल फंड में निवेश करके करोड़पति बनना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको 15 साल तक हर महीने 15 हजार रुपये का निवेश करना होगा। इस नियम को 15x15x15 नियम कहा जाता है।

Mutual Fund में मिल सकता है सर्वाधिक रिटर्न! 15 साल में ऐसे बन सकते हैं करोड़पति, जानें- कितना करना होगा निवेश

म्यूचुअल फंड में निवेश करना रिस्की होता है, इसलिए निवेश करने से पहले पूरी पड़ताल जरूर करें।

Mutual fund Investment : म्यूचुअल फंड में निवेश करना बेशन रिस्की होता है। लेकिन इसके बावजूद बहुत से लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करना पंसद करते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह होती है कि, म्यूचुअल फंड में पोस्ट ऑफिस और बैंक से कही ज्यादा रिटर्न मिलने की उम्मीद होती है। अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं। तो हम आपको बताते है कि, आखिर आप कैसे 15 साल म्यूचुअल फंड में निवेश करके करोड़पति बन सकते हैं। आइए जानतें है इसके बारे में….

कैसे होता है म्यूचुअल फंड में निवेश – म्यूचुअल फंड में आप जो पैसा निवेश करते है। उसकी एक बड़ा हिस्सा म्यूचुअल फंड प्रदान करने वाली कंपनी शेयर बाजार और बॉन्ड में लगाती है। कंपनी आपके निवेश करें हुए पैसे को ऐसी कंपनी के शेयर खरीदने में लगाती है। जिसके शेयर की कीमत भविष्य में बढ़ने की काफी उम्मीद हो। लेकिन कई बार शेयर बाजार उम्मीद के मुताबिक रिटर्न नहीं देता। ऐसे में आपको नुकसान हो सकता है।

म्यूचुअल फंड में कितने समय के लिए करना होगा निवेश – अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करके करोड़पति बनना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको 15 साल तक हर महीने 15 हजार रुपये का निवेश करना होगा। इस नियम को 15x15x15 नियम कहा जाता है। अगर आप भी इस नियम के तरह निवेश करते हैं। तो आप 15 साल बाद करोड़पति बन सकते हैं।

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जानिए क्या कहता है नियम? इस म्यूचुअल फंड SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) निवेश में, एक निवेशक 15 साल के लिए प्रति माह 15,000 रुपये का निवेश करके करोड़पति बन सकते है। यह नियम कहता है कि यदि कोई निवेशक म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए निवेश करता है तो रिटर्न 15 फीसदी बनेगा। यानी महज 15 सालों में कोई भी करोड़पति बन सकता है। हालांकि, म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर का सुझाव है कि कोई व्यक्ति अपनी परिपक्वता राशि को दोगुना कर सकता है और 15 वर्षों में 2 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त कर सकता है Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? यदि 15 प्रतिशत का वार्षिक स्टेप-अप बनाए रखा जाता है।

उदाहरण से समझें कैसे – अगर आप 15 साल तक हर महीने अपनी SIP 15 हजार रुपये रखते हैं। तो आपका कुल Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? निवेश 27 लाख रुपये का होगा। वहीं इसपर आपको अगर सालाना रिटर्न 15 फीसदी के हिसाब से मिलता है तो आपका कुल रिटर्न 74,52,946 रुपये होगा। जिसका मतलब है कि, 15 साल के बाद आपको कुल 1,0152,946 रुपये मिलेंगे। इस तरह आप इस तरह आप 15 साल में 15 हजार रुपए हर महीने जमा करके करोड़पति बन सकते हैं।

पारस्परिक निधि (म्युचुअल फंड)

म्युचुअल फंड ऐसी इकाई है जो विभिन्न प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए बड़ी संख्या में निवेशकों के पैसे को एकत्रित करती है। इस धन को तब विभिन्न वित्तीय साधनों में निवेश करने के लिए इकाई धारकों की ओर से एक पेशेवर निधि प्रबंधक द्वारा प्रबंधित किया जाता है।

टिप्पणी: पारस्परिक निधि‍यों (म्युचुअल फंड) में Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? निवेश करने के लिए, निवेशकों को पारस्परिक निधि (म्यूचुअल फंड) संबंधी केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) का अनुपालक होने की आवश्यकता होती है।

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म्युचुअल फंड में निवेश के जोखिम

किसी भी व्यक्तिगत संपत्ति में निवेश करने की तुलना में म्यूचुअल फंड में निवेश करना कम जोखिम भरा माना जाता है। लोग आम तौर पर दुर्भाग्य से म्यूचुअल फंड में निवेश के जोखिमों को पूरी तरह से अनदेखा करते हैं, और इसे जोखिम-मुक्त निवेश के रूप में लेना शुरू करते हैं जो बेहद खतरनाक हो सकता है।

हर निवेशक को किसी भी परिसंपत्ति में निवेश करने से पहले जोखिम का पता होना चाहिए। इस लेख में, हम म्यूचुअल फंड में शामिल कुछ जोखिमों के बारे में चर्चा करेंगे।

डेब्ट म्युचुअल फंड जोखिम

डेब्ट म्यूचुअल फंड निवेश एक निश्चित आय वाला साधन होता है। वे निवेशक के लिए नियमित आय उत्पन्न करते हैं और अन्य प्रकार के म्यूचुअल फंडों की तुलना में आमतौर पर सुरक्षित माने जाते हैं। एकमुश्त (या एसआईपी) राशि इस परिसंपत्ति वर्ग में जमा की जाती है और यह क्वाटर्ली, छमाही या वार्षिक आधार पर निवेशक के जमा राशि पर ब्याज का भुगतान करती है। डेट फंड आमतौर पर कॉरपोरेट बॉन्ड, सरकारी बॉन्ड, कमर्शियल पेपर, ट्रेजरी बिल, आदि में अपना कोष निवेश करते हैं।

हालांकि, अन्य सभी परिसंपत्ति वर्गों की तरह - डेट म्यूचुअल फंड भी कुछ जोखिम उठाते हैं। आम तौर पर, एक निवेशक को डेब्ट म्यूचुअल फंड में निवेश के तीन प्रकार के जोखिमों के बारे में पता होना चाहिए।

ब्याज दर जोखिम

डेट म्यूचुअल फंड में ब्याज दर का जोखिम बहुत आम होता है। यह समझने के लिए इसे सरल रखना महत्वपूर्ण है, कि बॉन्ड की कीमतों और ब्याज दरों के बीच हमेशा उलटा संबंध होता है। जब भी ब्याज दरें बढ़ती हैं, बांड की कीमत घट जाती है। दूसरी ओर, ब्याज दरों में गिरावट से बांड की कीमत बढ़ जाती है।

तो, ब्याज दर जोखिम मूल रूप से ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव से जुड़ा हुआ होता है। यह म्यूचुअल फंड में शामिल बॉन्ड की कीमत बदलती रहती है, और इसलिए फंड के रिटर्न को प्रभावित करता है। डेब्ट म्यूचुअल फंड धारकों के लिए लॉन्ग-टर्म निवेश के मामले में गिरती ब्याज दर बहुत लाभदायक होती हैं। इसी तरह, ब्याज दर में वृद्धि से लॉन्ग-टर्म निवेशक को नुकसान होता हैं।

क्रेडिट जोखिम

  1. यह आपकी निवेश की गई आंशिक या पूर्ण - राशि या ब्याज समय पर वापस नहीं मिलने का जोखिम होता है। दूसरे शब्दों में, क्रेडिट जोखिम करने का बॉन्ड जारी करने वाली संस्था का डिफ़ॉल्ट करने में जोखिम है।
  2. बांड को आमतौर पर विभिन्न क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा रेट किया जाता है, जो म्युचअल फंड द्वारा निवेश Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? किए गए फंड का विश्लेषण करने में आपकी मदद करता हैं।
  3. एएए या एए जैसे उच्च क्रेडिट रेटिंग उपकरणों में क्रेडिट डिफॉल्ट जोखिम की कम संभावना होती हैं। बीबीबी या Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? बीबी जैसे कम क्रेडिट रेटिंग वाले उपकरण क्रेडिट डिफ़ॉल्ट जोखिम की अधिक संभावना रहती हैं।
  4. आम तौर पर, कम क्रेडिट रेटिंग उपकरण उच्च रिटर्न और इसके विपरीत की पेशकश करते हैं।

जिन बांडों में उच्च क्रेडिट जोखिम होता है वे आमतौर पर अच्छे आर्थिक परिदृश्यों के दौरान अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन यदि अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहती है तो उनका प्रदर्शन प्रभावित होगा।

लिक्विड जोखिम

लिक्विड जोखिम का मतलब है, जब आप किसी निश्चित समय पर अपनी होल्डिंग को उचित मूल्य पर नहीं बेचते हैं।

आम तौर पर डेब्ट म्यूचुअल फंडों को इस जोखिम का सामना करना पड़ता है, विशेष रूप से उन्हें जो कॉर्पोरेट बॉन्ड या लॉन्ग-टर्म बांड में निवेश करता है।इसका कारण यह है कि इस तरह की प्रतिभूतियों का बाजार बहुत ही कम लेकिन बड़े मूल्य के लेनदेन के साथ होता है। जब अर्थव्यवस्था संघर्ष करती है, तो यह जोखिम विशेष रूप से बढ़ जाता है क्योंकि फंड प्रबंधकों को अपने पदों को अलग करना मुश्किल लगता है।

इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश के जोखिम

इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश निवेशक को पूंजी पर उच्च प्रत्याशित प्रतिफल (Expected return) प्रदान करता है। ऐतिहासिक आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी निवेश ने सभी परिसंपत्ति वर्गों के बीच उच्चतम रिटर्न उत्पन्न किया है।

हालांकि, निवेश से जोखिम और प्रत्याशित प्रतिफल(Expected return) सीधे आनुपातिक होता हैं,इसलिए इक्विटी म्यूचुअल फंड को सभी परिसंपत्ति वर्गों के बीच सबसे जोखिम भरा माना जाता है, चाहे वह डेब्ट सिक्योरिटीज, रियल एस्टेट, कमोडिटीज, आदि हो। इक्विटी में निवेश के कुछ सबसे सामान्य जोखिमो का उल्लेख नीचे किया गया है।

अस्थिरता जोखिम

यहां अस्थिरता से शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव का उल्लेख होता है जो एक महत्वपूर्ण कारक है निवेश करते समय असमानताओं के बारे में विचार किया जाना। इक्विटी फंडों में, लार्ज-कैप फंड्स कम जोखिम वाले होते हैं (क्योंकि वे आर्थिक मंदी का सामना कर सकते हैं)

मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स की तुलना में। हालांकि, अधिक अस्थिर स्मॉल-कैप होती हैं,और मिड-कैप फंड्स बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के दौरान शानदार रिटर्न प्रदान करते हैं (क्योंकि बढ़ती अर्थव्यवस्था में उनकी वृद्धि की संभावना अधिक होती है)।

यदि कोई इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय कम अस्थिरता का जोखिम उठाना चाहता है, तो वह लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड या निफ्टी 50 में निवेश कर सकता है। एक अन्य विकल्प हाइब्रिड या बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड में निवेश करना है, जो कि डेट सहित विविध पोर्टफोलियो में निवेश करता है। जो आपके समग्र अस्थिरता जोखिम को कम करता हैं। इसके Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? अलावा, लंबी निवेश क्षितिज (horizon) के साथ हमेशा इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सुझाव दिया जाता है, क्योंकि यह आर्थिक चक्रों के साथ चलता है, और छोटी अवधि में कम या नकारात्मक रिटर्न दे सकता है।

प्रदर्शन जोखिम

प्रत्येक इक्विटी म्यूचुअल फंड में एक विशेष बेंचमार्क होता है (जो आम तौर पर उस बाजार या क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से निवेश करता है) और उन फंडों का मुख्य उद्देश्य उस बेंचमार्क को हराकर अल्फा रिटर्न उत्पन्न करना होता है।

(नियमित आधार पर निधियों की Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? अधिशेष रिटर्न) ऐसी अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल रहता हैं, जिसको प्रदर्शन जोखिम के रूप में जाना जाता है।

प्रदर्शन जोखिम तब भी मौजूद होता है जब आपका फंड बेंचमार्क को Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? हराता है, लेकिन अन्य म्यूचुअल फंडों की तुलना में लगातार खराब प्रदर्शन दिखाता है। फंड के प्रदर्शन की तुलना करते समय ध्यान रखने वाली एक बात यह है कि अपने संबंधित शुल्कों और करों में कटौती के बाद रिटर्न की तुलना करें। इससे फंड का शुद्ध रिटर्न मिलता हैं।

प्रदर्शन जोखिम अपरिहार्य (inevitable) होता है। इस जोखिम को कम करने के लिए, एक अनुभवी फंड मैनेजर प्रबंधित फंड या एएमसी में एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड के साथ निवेश करता है।

एकाग्रता का खतरा

इक्विटी म्यूचुअल फंड के मामले में, यह बहुत जोखिम भरा हो सकता है, यदि फंड का पोर्टफोलियो बहुत ही केंद्रित है यानी सीमित शेयरों, एकल सेक्टर या मार्केट कैप में निवेश किया गया है। उदाहरण के लिए, यदि फंड केवल रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश करता है, तो पोर्टफोलियो पर रिटर्न केवल उस सेक्टर पर निर्भर करेगा। यदि यह अच्छा प्रदर्शन करता है, तो रिटर्न अच्छा होगा या इसके विपरीत। इसलिए, Mutual Fund में निवेश करने के तरीके क्या है? एकाग्रता जोखिम का सामना आम तौर पर सेक्टर-विशिष्ट म्यूचुअल फंडों द्वारा किया जाता है।

स्मॉल-कैप फंडों के मामले में, जब समग्र एयूएम बड़ा होता है और उपलब्ध अवसर कम होते हैं, तो फंड को कई विकल्पों के बिना विशिष्ट शेयरों में अधिक राशि का निवेश करना पड़ता हैं| जिससे उच्च एकाग्रता का जोखिम होता है।

एकाग्रता जोखिम को कम करने के लिए, एक ऐसे फंड में निवेश करना महत्वपूर्ण होता है, जो विभिन्न क्षेत्रों में या विभिन्न मार्केट कैप फर्मों के बीच विविधता लाता है, ताकि यदि कोई दूसरे को कमतर मानता है, तो वह उसे संतुलित कर सके। यदि कोई पोर्टफोलियो अच्छी तरह से विविधतापूर्ण नहीं होता है, तो जोखिम बहुत अधिक है, लेकिन साथ ही, अपेक्षित रिटर्न भी बढ़ता है।

म्यूचुअल फंड के जोखिम का मापन

1. बीटा-बाजार में उतार-चढ़ाव की प्रतिक्रिया में फंड के रिटर्न की गतिविधि का वर्णन करता है। बीटा आपको यह समझने में मदद करता हैं, कि क्या वह फंड,बाकी के बाजार की तरह एक ही दिशा में चलता है, या विपरीत| इससे हमे ये बताता हैं, कि बाजार की तुलना में वह फंड कितना अस्थिर या जोखिम भरा है। 1 से कम को कम अस्थिर माना जाता है और 1 से अधिक को अधिक अस्थिर माना जाता है। 1 का बीटा यह दर्शाता है, कि फंड बाजार की तरह ही चलता है।

2. मानक विचलन- यह आपको इस बारे में एक विचार देगा कि म्युचुअल फंड का रिटर्न कुछ समय के लिए अपने औसत रिटर्न से कितना विचलित हो सकता है। एक उच्च मानक विचलन जोखिम भरा माना जाता है।

3. ट्रेयनोर रेशियो- यह अतिरिक्त रिटर्न होता है, जो एक म्यूचुअल फंड सिस्टमेटिक रिस्क के प्रति यूनिट से ज्यादा करता है। अपरिवर्तनीय जोखिम की अनुपस्थिति के कारण म्यूचुअल फंड के मामले में अनुपात को शार्प अनुपात से बेहतर उपाय माना जाता है। फंड जितना बेहतर होगा अनुपात उतना ही अधिक होगा।

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