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छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है

छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा का कहना है कि फिलहाल बाजार विदेशी धुन पर नाट रहा है। इसमें जल्द ही कोई बदलाव आने की उम्मीद नहीं है। यूएस फेड के मीटिंग मिनट और रूसिया- यूक्रेन के बीच के तनाव पर बाजार की नजर बनी रहेगी। इसके अलावा कल होने वाली वीकली एक्सपायरी भी बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह बनेगी। हमारी सलाह है कि बाजार पर सर्तक नजरिया बनाए रखें और इसकी दशा और दिशा साफ होने का इंतजार करें।

after increasing the repo rate, interest on loans has increased rapidly but not on savings, so what should investors do

Taking Stock |यूक्रेन संकट पर अनिश्चितता से बाजार में उतार-चढ़ाव, लाल निशान में बंद हुए सेंसेक्स-निफ्टी, जानिए कल कैसी रह सकती है इनकी चाल

Kotak Securities के श्रीकांत चौहान का कहना है कि तकनीकी रुप से देखें तो निफ्टी अपने 50Day SMA के ऊपर बंद होने में कामयाब नहीं रहा जो एक नेगेटिव संकेत है

कारोबारी दिन के आखिरी दिन में बिकवाली के दबाव के चलते 16 फरवरी यानी आज के कारोबार में बाजार लाल निशान में बंद हुआ। आज बाजार में दिनभर हरे और लाल निशान में बीच ऊपर-नीचे होता रहा। निवेशकों की नजर यूक्रेन क्राइसिस पर लगी हुई थी। जिसका असर बाजार पर दिखा।

कारोबार के अंत में सेंसेक्स 145.37 अंक यानी 0.25 फीसदी टूटकर 57,996.68 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 30.25 अंक यानी 0.17 फीसदी टूटकर 17400 के नीचे बंद हुआ।

आज के कारोबार में Power Grid Corporation, UltraTech Cement, NTPC, ICICI Bank और SBI निफ्टी के टॉप लूजर रहें। वहीं Divi’s Labs, Adani Ports, ONGC, IOC and HDFC Life टॉप गेनर रहें।

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अलग-अलग सेक्टर पर नजर डालें तो छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है निफ्टी फार्मा को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। निफ्टी छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है बैंक, मेटल, पीएसयू बैंक में 0.5-1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। वहीं छोटे-मझोले शेयरों की चाल मिलीजुली रही। बीएसई मिडकैप इंडेक्स सपाट बंद हुआ। वहीं स्म़ॉलकैप इंडेक्स 0.42 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ।

जानिए कल कैसी रह सकती है बाजार की चाल

Kotak Securities के श्रीकांत चौहान का कहना है कि तकनीकी रुप से देखें तो निफ्टी अपने 50Day SMA के ऊपर बंद होने में कामयाब नहीं रहा जो एक नेगेटिव संकेत है। निफ्टी के लिए 17250- 17200 पर सपोर्ट नजर आ रहा है। वहीं 17,500-17,550 पर इसके लिए रजिस्टेंस नजर आ रहा है।

निवेशक के लिए इसके क्या हैं मायने?

इक्विटी की ही तरह, डेट मार्केट भी अलग-अलग साइकिल से गुजरता है। घरेलू और ग्लोबल बॉन्ड यील्ड में हालिया बढ़ोतरी से ट्रेडेड बॉन्ड और डेट फंड के रिटर्न में गिरावट आई है। इक्विटी में निवेश का सबसे कॉमन तरीका इकोनॉमिक साइकिल और सेक्टर एक्सपोजर के आधार पर बाजार में अस्थिरता से लाभ उठाने और रिटर्न पाने के लिए स्ट्रैटेजिकली इन्वेस्टमेंट (Stratagically Investment) है। अगर इसी तरह से इंटरेस्ट रेट साइकिल के आधार पर डेट स्कीम कटेगिरी के सही फंड में निवेश किया जाए तो बेहतर रिस्क एडजेस्टेड यान जोखिम समायोजित रिटर्न हासिल किया जा सकता है।

लेंडिंग रेट में तेज बढ़ोतरी लेकिन डिपॉजिट रेट में ऐसा नहीं

साल के शुरूआत में क्रूड की कीमतें हाई लेवल पर होने के चलते महंगाई में इजाफा हुआ। वहीं छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ने से महंगाई और बढ़ी। अनुमान है कि महंगाई दर आगे भी कुछ समय के लिए हाई बनी रहेगी। ऐसे में इसे कंट्रोल करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी भी जारी रह सकती है। इसका एक असर यह होगा कि लेंडिंग रेट (Lending Rate) में इजाफा होगा। लेकिन डिपॉजिट रेट (Deposit Rate) यानी जमा दरों के मामले में ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

ऐसे में निवेशक क्या करें

बाजार के मौजूदा माहौल में सबसे परेशान छोटे निवेशक हैं। इन्हें सूझ ही नहीं रहा है कि वह क्या करें। हमारा मानना है कि वे कुछ विकल्पों पर विचार कर सकते हैं। इनमें शार्ट ड्यूरेशन मैच्योरिटी फंड, लांग ड्यूरेशन फंड में सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP), डेट फंड आदि हैं। यहां बताना उपयुक्त है कि हर इंटरेस्ट साइकिल में डेट फंड रिटर्न दे सकते हैं।

क्यों बढ़िया है डेट फंड

यह एक गलत धारणा है कि निवेशक केवल ब्याज दरों में कटौती के परिदृश्य में ही डेट म्यूचुअल फंड से लाभ उठा सकते हैं। निवेशक एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने के लिए अपने रिस्क प्रोफाइल और निवेश के लक्ष्य के अनुसार अलग अलग डेट फंड कटेगिरी से ऐसे फंड छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है सेलेक्ट कर सकते हैं, जो अलग अलग इंटरेस्ट रेट के वातावरण में भी वेल्थ क्रिएटर बन सकते हैं। इक्विटी ने निवेशकों को सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए लंबी अवधि के बारे में सोचना सिखाया है। यही बात खरीद और होल्ड और लंबी अवधि के मिक्स के साथ लंबी अवधि के निवेशकों के डेट इन्वेस्टमेंट पर लागू होती है।

निवेशकों के लिए संभलने का समय

निवेशकों के लिए संभलने का समय

भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स का असामान्य व्यवहार निवेशकों को सतर्क करने के लिए पर्याप्त माना जाना चाहिए। शुक्रवार को 1939 अंक गिरने वाले सेंसेक्स में सोमवार को 750 अंकों के उछाल के मायने समझने की जरूरत है। खासकर तब, जब दुनिया के शेयर बाजार भी भारी उठापटक के दौर से गुजर रहे हों। कोरोना महामारी के बाद दुनिया की अर्थव्यवस्था को लगे झटकों से गाड़ी अभी पटरी पर नहीं आ पाई है। हर जगह सरकारी खजाने से आमजन को राहत देने का सिलसिला अब भी जारी है। इस बीच कच्चे तेल के दामों में उतार-चढ़ाव और मुद्रास्फीति की आशंका ने आर्थिक जगत को असमंजस में डाल दिया है।

पिछले शुक्रवार को सेंसेक्स में हुई गिरावट इतिहास की पांचवी सबसे बड़ी गिरावट थी। पिछले साल छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है मार्च में भी तीन कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स का 9500 अंक नीचे फिसलना सबको याद है। तब कोरोना के डर से दुनियाभर के शेयर बाजार धराशायी हो गए थे। फिर ग्यारह महीनों में शेयर बाजार उछले, तो सबको आश्चर्य में डाल दिया। इस अवधि में कुछ शेयरों के दाम चार से पांच गुना तक छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है बढ़ गए। इसका कारण बड़े-बड़े अर्थशास्त्री भी नहीं समझ पाए। आम निवेशकों की बात तो दूर है। शेयर बाजार में ऐसे खेल अक्सर होते रहते हैं और जब तक आम निवेशकों को इसकी जानकारी होती है, तब तक वे लुट चुके होते हैं।

सरकार ने खोला कमाई का नया दरवाजा, FD से भी बेहतर मिलेगा रिटर्न

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वैसे तो शेयर बाजार में निवेश करने के कई तरीके हैं लेकिन रिटर्न यानी मुनाफे को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है. हालांकि मोदी सरकार ने एक ऐसी पहल की है जिसके जरिए आप सिर्फ 1 हजार रुपये में निवेश कर सकेंगे. इसके साथ ही बैंक एफडी से अच्‍छा रिटर्न भी हासिल कर सकेंगे.

सरकार ने खोला कमाई का नया दरवाजा, FD से भी बेहतर मिलेगा रिटर्न

दरअसल, बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है ने ''भारत बांड ETF'' को मंजूरी दे दी है. यह अपने तरह का देश का पहला एक्सचेंज ट्रेडेड फंड होगा. तो आइए सरकार की इस नई पहल के बारे में विस्‍तार से समझते हैं.

छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है

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बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - दुनियाभर के शेयर बाजारों में जारी गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है. वैश्विक धारणा के कारण घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव बना छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है हुआ है। हालांकि म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा मजबूत है. मई 2022 में इक्विटी म्यूचुअल फंड में 18,529 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। एसआईपी निवेशकों की बढ़ती संख्या के चलते इक्विटी फंड में लगातार 15वें महीने फ्लो देखने को मिला। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के अनुसार, फ्लेक्सी कैप फंड निवेशकों की पसंद के रूप में उभरे हैं। पिछले महीने इसमें अधिकतम रु. शुद्ध प्रवाह 2,939 करोड़ रुपये था। हम फौजी इनिशिएटिव छोटे निवेशकों में अनि​श्चितता बनी हुई है के सीईओ कर्नल संजीव गोविला (सेवानिवृत्त) के अनुसार, फ्लेक्सी कैप फंड से कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न की पेशकश की उम्मीद है। फंड हाउस तीन कैटेगरी की कंपनियों लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप में निवेश करता है। यह एक ओपन एंडेड डायनेमिक इक्विटी स्कीम है। इसमें कैटेगरी फंड चुनने के लिए स्वतंत्र रहते हैं। इस श्रेणी में इक्विटी में कम से कम 65 प्रतिशत निवेश है।फ्लेक्सी-कैप फंड में, फंड मैनेजर को निवेशक के निवेश पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए किसी भी श्रेणी की कंपनी के शेयरों को चुनने की स्वतंत्रता होती है।

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