स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें

स्टॉक एक्सचेंज क्या है ?
भारत में स्टॉक एक्सचेंज परंपरागत रूप से ब्रोकर्स तथा बाजार-विशेषज्ञों का एसोसिएशन है। आम जनता तथा वित्तीय संस्थानों द्वारा सिक्यूरिटीज की ट्रेडिंग (खरीदफरोख्त) का नियमत: संचालन करने के लिए इसकी स्थापना की गई है। 'सिक्यूरिटीज एंड कॉण्ट्रेक्ट (रेग्यूलेशन) ऐक्ट-1956' के अंतर्गत स्टॉक एक्सचेंज भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है। स्टॉक एक्सचेंज एकमात्र ऐसा अधिकृत संस्थान है, जिसके तत्त्वावधान में सेकंडरी मार्केट में सिक्यूरिटीज की ट्रेडिंग होती है। भारत में स्टॉक एक्सचेंज एक बाजार के रूप में कार्य करता है जहां वित्तीय उपकरण जैसे स्टॉक, बॉन्ड और कमोडिटीज का कारोबार होता है।
स्टॉक एक्सचेंज वह जगह है, जहां पर कंपनियों के शेयर को सूचीबद्ध किया जाता है ,जैसे ही कंपनी अपना आईपीओ लाकर जनता से फण्ड raise करते है उसके बाद कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज सूचीबद्ध कर दिया जाता है । स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर्स को ब्रोकर्स के माध्यम से खरीदा व बेचा जाता है , स्टॉक मार्किट में खरीदने और बिकने वाले स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें शेयर किसी भी प्रकार के हो सकते हैं जैसे कि स्टॉक्स , बांड्स ,डिबेंचर्स , फ्यूचरस ,ऑप्शंस ,कमोडिटी इत्यादि । स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर्स को खरीदा व बेचा जाता है जो की स्टॉक्स,डिबेंचर्स ,बांड्स ,सिक्योरिटी इत्यादि होते है ।
भारत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना कब हुई ?
1992 में NSE को देश में पहले डिमैट्युलाइज्ड स्टॉक एक्सचेंज के रूप में स्थापित किया गया था। तकनीकी रूप से उन्नत, स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (बीएसई के फ्लोर-ट्रेडिंग के विपरीत) को पेश करने के लिए यह भारत में पहला स्टॉक एक्सचेंज भी था।
भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज निम्नलिखित है :-
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Bombay Stock Exchange :- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज है जो महाराष्ट्र में मुंबई के दलाल स्ट्रीट में है । बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज Asia का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी स्थापना सन 1875 में हुई थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 6000 से भी ज्यादा कंपनिया लिस्टेड है। यह विश्व का 10 वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। Sensex बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है।
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National Stock Exchange :- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का पहला Fully Computerized स्टॉक एक्सचेंज है और भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार भी है । नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना सन 1992 में हुई थी। यह विश्व का 11 वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। Nifty 50 नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है। निफ़्टी इंडेक्स को देखकर आप भारत की अर्थव्यवस्था का पता लगा सकते है।
निवेशक इन दोनों तरीकों से भारत के स्टॉक एक्सचेंज में निवेश कर सकते हैं :-
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प्राथमिक बाजार - यह बाजार प्रतिभूतियों का निर्माण करता है और एक मंच के रूप में कार्य करता है जहां फर्म आम जनता के अधिग्रहण के लिए अपने नए स्टॉक विकल्प और बॉन्ड फ्लोट करते हैं। यह वह जगह है जहां कंपनियां पहली बार अपने शेयरों को सूचीबद्ध करती हैं ।
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द्वितीयक बाजार - द्वितीयक बाजार को शेयर बाजार के रूप में भी जाना जाता है; यह निवेशकों के लिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करता है। यहां, निवेशक उन कंपनियों को शामिल किए बिना प्रतिभूतियों में व्यापार करते हैं जिन्होंने उन्हें दलालों की मदद से पहले स्थान पर जारी किया था। यह बाजार आगे चलकर - नीलामी बाजार और डीलर बाजार में टूट गया ।
स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है ?
जब कोई व्यवसाय शेयर जारी करके पूंजी जुटाता है, तो उन नए स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें शेयरों के मालिक किसी दिन अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहेंगे। स्टॉक एक्सचेंज के बिना, इन मालिकों को दोस्तों, परिवार और समुदाय के सदस्यों के पास जाकर एक खरीदार ढूंढना होगा। एक्सचेंज को एक खरीदार ढूंढना आसान हो जाता है जिसे द्वितीयक स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें बाजार के रूप में जाना जाता है।
एक स्टॉक एक्सचेंज के साथ, आप अपने व्यापार के दूसरे छोर पर व्यक्ति को कभी नहीं जान पाएंगे। यह दुनिया भर में एक सेवानिवृत्त शिक्षक हो सकता है। यह एक बहु-अरब डॉलर का बीमा समूह, सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाला म्यूचुअल फंड या हेज फंड हो सकता है।
एक्सचेंज एक नीलामी की तरह काम करता है और व्यापारियों का मानना है कि एक कंपनी अच्छी कीमत की बोली लगाएगी, जबकि जो लोग मानते हैं कि यह खराब बोली लगाएगा। खरीदार सबसे कम कीमत प्राप्त करना चाहते हैं ताकि वे बाद में लाभ के लिए बेच सकें, जबकि विक्रेता आमतौर पर सर्वोत्तम मूल्य की तलाश कर रहे हैं।
स्टॉक एक्सचेंज वित्तीय प्रतिभूतियों के लिए तरलता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
191% रिटर्न देने के बाद अब BSE निवेशकों को बांटेगी मुनाफा, स्टॉक एक्सचेंज मार्च तिमाही में हुआ फायदा
बीएसई के शेयरों ने एक साल में मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। एनएसई की अवधि के दौरान इस स्टॉक में 191% से अधिक की तेजी आई है। बकि 2022 (वर्ष-दर-तारीख या YTD) में अब तक काउंटर लगभग 12% ऊपर है।
मार्च तिमाही के नतीजों की घोषणा करते हुए प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज BSE ने डिविडेंड देने का ऐलान किया है। स्टॉक एक्सचेंज ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा है कि 11 मई को बोर्ड की बैठक हुई थी। इसमें 2 रुपये फेस वैल्यू वाली हर शेयर के लिए 13.50 रुपये का डिविडेंड देने की सिफारिश की गई है। इस पर आगामी AGM में शेयरहोल्डर्स की मंजूरी ली जाएगी।
बीएसई को हुआ तगड़ा मुनाफा
इस बीच, पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 31.7 करोड़ की तुलना में मार्च 2022 तक तीन महीनें में बीएसई का शुद्ध लाभ ₹ 71.5 करोड़ से अधिक रहा। यानी की शुद्ध लाभ में दो गुना से अधिक की वृद्धि हुई। परिचालन से इसका राजस्व मार्च 2021 को समाप्त तिमाही में ₹152 करोड़ से समीक्षाधीन अवधि में बढ़कर ₹204.5 करोड़ हो गया।
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सालभर में 191% का रिटर्न
बीएसई के शेयरों ने एक साल में मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। एनएसई की अवधि के दौरान इस स्टॉक स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कैसे करें में 191% से अधिक की तेजी आई है। जबकि 2022 (वर्ष-दर-तारीख या YTD) में अब तक काउंटर लगभग 12% ऊपर है। बता दें कि सन् 1875 में स्थापित BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है, जो भारत के प्रमुख एक्सचेंज समूहों में से एक है। यह एक्सचेंज 1875 में 'द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन' के रूप में स्थापित किया गया था। 2017 में, बीएसई भारत का पहला सूचीबद्ध स्टॉक एक्सचेंज बन गया। बीएसई का लोकप्रिय इक्विटी इंडेक्स - एस एंड पी बीएसई सेंसेक्स - भारत का सबसे व्यापक रूप से ट्रैक किया जाने वाला स्टॉक मार्केट बेंचमार्क इंडेक्स है।
Stock Market: शेयर बाजार क्या है?
अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है.
BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.
स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.
शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.
कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना है, यह उसके विवेक पर निर्भर है. शेयर बाजार (Stock Market) से शेयर खरीदने/बेचने के लिए आपको ब्रोकर की मदद लेनी होती है.
ब्रोकर शेयर खरीदने-बेचने में अपने ग्राहकों से कमीशन चार्ज करते हैं.
किसी लिस्टेड कंपनी के शेयरों का मूल्य BSE/NSE में दर्ज होता है. सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों का मूल्य उनकी लाभ कमाने की क्षमता के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है. सभी शेयर बाजार (Stock Market) का नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी या SEBI) के हाथ में होता है.
Sebi की अनुमति के बाद ही कोई कंपनी शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होकर अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ या IPO) जारी कर सकती है.
प्रत्येक तिमाही/छमाही या सालाना आधार पर कंपनियां मुनाफा कमाने पर हिस्साधारकों को लाभांश देती है. कंपनी की गतिविधियों की जानकारी SEBI और BSE/NSE की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होती है.
कोई कंपनी BSE/NSE में कैसे लिस्ट होती है?
शेयर बाजार (Stock Market) में लिस्ट होने के लिए कंपनी को शेयर बाजार से लिखित समझौता करना पड़ता है. इसके बाद कंपनी पूंजी बाजार नियामक SEBI के पास अपने सभी जरूरी दस्तावेज जमा करती है. SEBI की जांच में सूचना सही होने और सभी शर्त के पूरा करते ही कंपनी BSE/NSE में लिस्ट हो जाती है.
इसके बाद कंपनी अपनी हर गतिविधि की जानकारी शेयर बाजार (Stock Market) को समय-समय पर देती रहती है. इनमें खास तौर पर ऐसी जानकारियां शामिल होती हैं, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों.
शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों आता है?
किसी कंपनी के कामकाज, ऑर्डर मिलने या छिन जाने, नतीजे बेहतर रहने, मुनाफा बढ़ने/घटने जैसी जानकारियों के आधार पर उस कंपनी का मूल्यांकन होता है. चूंकि लिस्टेड कंपनी रोज कारोबार करती रहती है और उसकी स्थितियों में रोज कुछ न कुछ बदलाव होता है, इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता रहता है.
अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते से जुड़ी शर्त का पालन नहीं करती, तो उसे सेबी BSE/NSE से डीलिस्ट कर देती है.
शायद आपको पता न हो, विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल वारेन बफे भी शेयर बाजार (Stock Market) में ही निवेश कर अरबपति बने हैं.
आप कैसे कर सकते हैं शेयर बाजार में निवेश की शुरूआत?
आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद आपको डीमैट अकाउंट को अपने बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा.
बैंक अकाउंट से आप अपने डीमैट अकाउंट में फंड ट्रांसफर कीजिये और ब्रोकर की वेबसाइट से खुद लॉग इन कर या उसे आर्डर देकर किसी कंपनी के शेयर खरीद लीजिये.
इसके बाद वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे. आप जब चाहें उसे किसी कामकाजी दिन में ब्रोकर के माध्यम से ही बेच सकते हैं.
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145 साल पहले हुई थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना, जानें- इतिहास
पिछले 145 सालों में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के विकास को सुगम बनाने के लिए इसे एक कुशल पूंजी जुटाने वाला प्लेटफॉर्म प्रदान किया है. जानिए इसके बारे में.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 09 जुलाई 2020,
- (अपडेटेड 09 जुलाई 2020, 3:27 PM IST)
9 जुलाई 1875 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) की स्थापना हुई थी. आज इसे पूरे 145 साल हो गए हैं. 1875 में स्थापित, बीएसई (पहले बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के रूप में जाना जाता था), एशिया का पहला और सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है. एस रवि बोर्ड के अध्यक्ष हैं और आशीष कुमार चौहान सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्ट हैं.
पिछले 145 वर्षों में, बीएसई ने भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के विकास को सुगम बनाने के लिए इसे एक कुशल पूंजी जुटाने वाला प्लेटफॉर्म प्रदान किया है. खास रूप से ये बीएसई के नाम से जाना जाता है. 1875 में "द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन" के रूप में बार्क की स्थापना की गई थी. आज बीएसई इक्विटी, मुद्राओं, डेट इंस्ट्रूमेंट्स, डेरिवेटिव्स में ट्रेडिंग के लिए एक कुशल और पारदर्शी बाजार प्रदान करता है.
इसमें ट्रेडिंग के लिए एक प्लेटफॉर्म भी है. अहमदाबाद में GIFT CITY IFSC में स्थित India INX, भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज, BSE की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. बीएसई भारत का पहला सूचीबद्ध स्टॉक एक्सचेंज भी है.
बीएसई पूंजी बाजार सहभागियों को जोखिम प्रबंधन, बाजार डेटा सेवाओं और शिक्षा सहित अन्य सेवाओं की मेजबानी प्रदान करता है. दुनिया भर के ग्राहकों के साथ इसकी वैश्विक पहुंच है और देशव्यापी मौजूदगी है.
बीएसई प्रणाली और प्रक्रियाओं को बाजार की अखंडता की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है, यह भारतीय पूंजी बाजार के विकास को बढ़ावा देता है और सभी बाजार क्षेत्रों में नवाचार और प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करता है.