शेयर ट्रेडिंग

टेक्निकल एनालिसिस क्या है

टेक्निकल एनालिसिस क्या है
technical analysis kya hota he(technical analysis in hindi)

What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए

What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए: कोई भी निवेशक स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस जरूर करता है। यदि स्टॉक मार्केट का बिना टेक्निकल एनालिसिस किए निवेशक निवेश करता है, तो उसे घाटे का सामना करना पड़ता है। तो चलिए दोस्तों आज के इस आर्टिकल में जानते हैं कि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) क्या होता है और निवेश करने से पहले निवेशकों को टेक्निकल एनालिसिस करना क्यों जरूरी है इसके फायदे क्या है जानते हैं सब-कुछ आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

तकनीकी विश्लेषण यानी टेक्निकल एनालिसिस क्या है- (What is technical analysis in hindi)

टेक्निकल एनालिसिस द्वारा शेयर मार्केट में हुए उतार-चढ़ाव के बारे में पता लगाया जाता है। निवेशक टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) का उपयोग ट्रेडर्स कम समय में ट्रेडिंग करके ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए करते हैं। हम आपको बता दें कि शॉर्ट टर्म में किसी भी शेयर की प्राइस बहुत तेजी से कम ज्यादा होता रहता है। ऐसे में निवेशक आइडिया लेने के लिए की किस प्राइस में हम शेयर को खरीदें तो हमें मुनाफा होगा। इसी प्रॉब्लम को सॉल्व टेक्निकल एनालिसिस क्या है करने के लिए जिस तकनीकी का उपयोग होता है। उसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस निवेशकों के लिए उपयोगी क्यों है- (Why technical analysis is useful for investors)

कम समय के लिए निवेश और ट्रेडिंग के मामले में टेक्निकल एनालिसिस निवेशकों के लिए उपयोगी होता है। क्योंकि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) निवेशकों को यह बताता है कि ट्रेडिंग में कब पैसा लगाने से आपको मुनाफा ज्यादा हो सकता है। टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से निवेशक किसी भी स्टॉक को उचित मूल्य पर खरीद या बेच सकते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस करने की प्रक्रिया (Process of Technical analysis)

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टेक्निकल एनालिसिस करने की प्रक्रिया

टेक्निकल एनालिसिस करने के निम्नलिखित पैरामीटर का उपयोग किया जाता है-

चार्ट (Chart)

टेक्निकल एनालिसिस यानी तकनीकी विश्लेषण (Technical analysis) में चार्ट का इस्तेमाल स्टॉक के पास्ट प्राइस (Past price) गतिविधियों को जानने के लिए किया जाता है। चार्ट के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि किस स्टॉक का प्राइस ऊपर या नीचे जाने वाला है।

मूल्य कार्यवाही (Price action)

प्राइस एक्शन टेक्निक द्वारा केवल स्टॉक के कीमतों का विश्लेषण किया जाता है। क्योंकि शॉर्ट टर्म (short term) में ट्रेडिंग करते के समय निवेशक प्राइस को ज्यादा महत्त्व देते हैं।

चार्ट पैटर्न (Chart pattern)

किसी भी शेयर या स्टॉक की प्राइस एक सीधी रेखा में आगे की तरफ नहीं बढ़ती बल्कि वह ऊपर नीचे होती रहता है। इसी ऊपर नीचे होने की प्रक्रिया में चार्ट में छोटे-बड़े कई पैटर्न बन जाते हैं। जिस चार्ट पैटर्न (Chart pattern) को देखकर निवेशक समझ जाते हैं कि कब स्टॉक खरीदना है और बेचना है।

सूचक (Indicator)

इंडिकेटर एक तरह का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम (Software program) होता है, जो किसी भी शेयर के पास्ट प्राइस, या वैल्यू को देखकर एनालिसिस करता है कि आने वाले भविष्य में इस शेयर का ट्रेड क्या होगा। इससे निवेशक अच्छा लाभ कमा पाएंगे कि नहीं।

शेयर वॉल्यूम (Share volume)

शेयर वैल्यू से यह पता चलता है कि किसी शेयर के स्टाक एक्सचेंज पर कितना खरीद-बिक्री हो रहा है। इसे आसान शब्दों में कहें तो Share volume से यह पता चलता है कि उस स्टॉक की खरीद-बिक्री कितनी है। जिसके आधार पर स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस करना आसान हो जाता है।

निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना क्यों जरूरी है (Why it is important to do technical analysis before investing)

  • एक सफल निवेशक बनने के लिए टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) करना बेहद जरूरी है। क्योंकि आप स्टॉक का जितना टेक्निकल एनालिसिस करेगे उतना ही सफल निवेशक बनेंगे।
  • शॉर्ट टर्म में स्टॉक कितना बेहतरीन प्रदर्शन करेगा इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस (technical analysis) करना जरूरी होता है। ऐसे में स्टॉक, इंडेक्स, इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट, में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस जरूरी करे।
  • शेयर बाज़ार में तुक्का काम नहीं करता। शेयर मार्केट में बिना टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) किए निवेश करना शराब पीकर गाड़ी चलाने के बराबर है। इसलिए शेयर बाज़ार में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस करना आवश्यक होता है।
  • बगैर जानकारी के शेयर बाज़ार में निवेश करना, घाटे का सौदा होता है। इसलिए शेयर मार्केट (Share market) में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस अवश्य करना चाहिए। ताकि आपको शेयर मार्केट के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल सके और आप अपने निवेश पर अच्छा लाभ प्राप्त कर सके।

टेक्निकल एनालिसिस करने के फायदे (Benefits of technical analysis)

Benefits-of-technical-analysis

टेक्निकल एनालिसिस करने के फायदे (Benefits of technical analysis)

  • निवेशकों द्वारा टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि निश्चित अंतराल में बाज़ार के रुझान का पता चलता है। इसके अलावा चार्ट एनालिसिस द्वारा ऊपर, नीचे एवं साइड के रुझानों के बारे में पता चलता है।
  • टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) के आधार पर किए गए ट्रेड की अवधि 1 मिनट से लेकर 1 हफ्ते के लिए भी हो सकती है। लेकिन कम समय के अवधि के लिए टेक्निकल एनालिसिस करना काफी फायदेमंद साबित होता है।
  • शॉर्ट टर्म निवेश के लिए टेक्निकल एनालिसिस उपयोगी होता है। हम आपको बता दें कि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) का उपयोग शॉर्ट टर्म ट्रेड की पहचान करने के लिए की जाती है।
  • टेक्निकल एनालिसिस चार्ट पैटर्न, इंडिकेटर जैसे अन्य टेक्निकल टूल्स प्रदान करता है, जो ट्रेडिंग करने वाले को प्राइस मोमेंट एनालिसिस करने एवं महत्त्वपूर्ण ट्रेडिंग निर्णय लेने में मदद करता है।

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अंतिम शब्द

दोस्तों हमने इस आर्टिकल (What is technical analysis in hindi – टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है और निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए) के माध्यम बताया है कि टेक्निकल एनालिसिस (Technical analysis) क्या होता है शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले टेक्निकल एनालिसिस क्यों करना चाहिए। इसके फायदे क्या है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा।

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क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? शेयर बाजार टेक्निकल एनालिसिस क्या है में पैसा कमाने के लिए जरूरी है ये ज्ञान, जानें इसे कैसे सीखें

शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ

टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी शेयर या कंपनी के पिछले और वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर भविष्य की संभावना का अंदाजा लगाया जाता है. इसके लिए कई तरह के टूल्स और जरूरी पहलुओं का अध्ययन किया जाता है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 03, 2022, 11:42 IST

हाइलाइट्स

टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर के जरिए स्टॉक के प्राइस की मूवमेंट का अंदाजा लगाया जाता है.
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है.
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए कई बुक, कोर्स और ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.

नई दिल्ली. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसकी पर्याप्त समझ होनी चाहिए. किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए उसके बारे टेक्निकल एनालिसिस क्या है में अच्छे से अध्ययन करना होता है और यह दो तरीकों टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए किया जाता है. लेकिन, आम निवेशक को इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं होती है लेकिन बाजार में सक्रिय रूप से काम करने वाले निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट्स इसकी गहरी समझ रखते हैं. हालांकि, टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ विकसित करना ज्यादा मुश्किल नहीं है.

आइये जानते हैं कि आखिर टेक्निकल और फंटामेंटल एनालिसिस क्या है और कैसे इसके बारे में समझ विकसित करके शेयर बाजार में सक्रिय निवेशक के तौर पर काम किया जा सकता है. इन दोनों तरीकों से आप शेयर की कीमत का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं, साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको मदद मिलेगी.

क्या है टेक्निकल एनालिसिस?

टेक्निकल एनालिसिस में किसी भी शेयर के चार्ट को देखकर उसकी डेली, वीकली और मंथली मूवमेंट और प्राइस के बारे में जानकारी हासिल की जाती है. चार्ट के जरिए सबसे शेयर के सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखा जाता है. यहां सपोर्ट से मतलब है कि स्टॉक कितनी बार किसी एक खास भाव से ऊपर की ओर गया है. ज्यादातर एनालिस्ट सपोर्ट लेवल पर ही खरीदी की सलाह देते हैं.

वहीं, रेजिस्टेंस का मतलब है कि कोई स्टॉक कितनी बार किसी एक भाव से फिर से नीचे की ओर लौटकर आया है. अगर कोई शेयर अपने रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर की ओर जाता है तो इसे ब्रेकआउट कहते हैं यानी कि अब शेयर का भाव और बढ़ेगा. इसके विपरीत, यदि स्टॉक सपोर्ट लेवल को तोड़ देता है तो उसके नीचे जाने की संभावना ज्यादा रहती है.

टेक्निकल एनालिसिस में अहम इंडिकेटर
टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर अहम टूल्स होते हैं. दरअसल ये शेयर की मूवमेंट को लेकर अहम संकेत देते हैं. इनमें मूविंग एवरेज, RSI, MACD, सुपर ट्रेंड और बोलिंजर बैंड समेत कई इंडिकेटर्स शामिल हैं. हर इंडिकेटर का अपना महत्व है लेकिन शेयर बाजार में सक्रिय ज्यादातर निवेशक मूविंग एवरेज, MACD और RSI इंडिकेटर को अहम मानते हैं.

मूविंग एवरेज इंडिकेटर के जरिए किसी भी स्टॉक के पिछले 5, 10, 20, 50, 100 और 200 दिन के एवरेज प्राइस का अध्ययन किया जाता है. अलग-अलग टाइम फ्रेम पर स्टॉक के भाव में बढ़त और गिरावट से तेजी व मंदी का अनुमान लगाया जाता है. वहीं, RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स एक ग्राफ के जरिए यह प्रदर्शित करता है कि शेयर में कितनी खरीदारी और बिकवाली हावी है.

फंडामेंटल एनालिसिस क्यों जरूरी?
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से कंपनी के फाइनेंशियल्स यानी आर्थिक आंकड़ों पर नजर डाली जाती है. इनमें P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखा जाता है. अगर प्राइस अर्निंग रेशियो की वैल्यू कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है. वहीं, प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है.

फंडामेंटल एनालिसिस में कम्पनी की सम्पत्तियों तथा देनदारियों की अध्ययन करके कम्पनी की नेट वैल्यू निकाली जाती है. इसके आधार पर कम्पनी के स्टॉक की कीमत का अनुमान लगाया जाता है. इसमें कम्पनी की डिविडेंड पॉलिसी भी देखी जाती है. इस तरह की स्टडी से अंडरवैल्यूड कंपनियों के बारे में पता लगाया जा सकता है जिनके भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना होती है.

कैसे सीखें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानने के बाद अब सवाल उठता है कि यह ज्ञान कहां से लिया या सीखा जाए. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के लिए कई बुक्स और इंटरनेट पर ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.

इसके अलावा आप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी मार्केट (NISM) के जरिए शेयर मार्केट में बतौर रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइज के तौर पर काम करने के लिए कई कोर्सेस ज्वाइन कर सकते हैं. इनमें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़े विषयों को कवर किया जाता है.

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शेयर मार्केट में Technical Analysis क्या होता हे ?

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technical analysis से हम किसीभी स्टॉक प्राइज की मूवमेंट को देखके उसके फ्यूचर(भविष्य)प्राइज का अंदाज़ा लगा सकते हे मतलब हम प्रिडिक्ट करते हे की फ्यूचर में शेयर की प्राइज अप रहेगी या फिर डाउन रहेगी या फिर एक फिक्स रेंज में रहेगी।

दोस्तों आज हम देखेंगे technical analysis kya hota he(technical analysis in hindi) के बारे में जो की फिलाल शेयर मार्किट में बहुत ज़ोरिसे चल रहा हे। टेक्निकल एनालिसिस का Fundamental analysis से कुछ भी लेने देना नहीं हे उन दोनों में बहु अंतर हे। और नहीं टेक्निकल एनालिसिस करके इन्वेस्टमेंट की जाती हे क्युकी टेक्निकल एनालिसिस सिर्फ करंट प्राइज बताता हे। और उसके माध्यम से आगे होने वाले हलचल (Movement) का अंदाज़ा लगता हे , और कोई भी अंदाजा सही रहेगा इसकी कोई गॅरंटी नहीं होती।

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टेक्निकल एनालिसिस एक tradingके लिए इस्तेमाल होता हे। मतलब शेयर को कम से कम टाइम में खरीदना और बेचना , उससे शेयर का भाव कम ज्यादा होता रहता हे। उसी प्राइज को दर्शाता हे टेक्निकल एनालिसिस। टेक्निकल एनालिसिस किसीभी स्टॉक का प्राइज एक मूवमेंट को फॉलो करता हे जैसे की वो एक ट्रेंड में रेहता हे। उस ट्रैंड के भी तीन प्रकार होते हे। जैसे की up trend , down trend और एक होता हे sideways trend ये मूवमेंट रहते हे.

up trend

ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का प्राइज एक continually उपर की साइड में चल रहा होता हे। मतलब उसका अभी up trend चालू हे ऐसा कहा जाता हे। और उसी ट्रेंड को फॉलो करके टेक्निकल एनयलीसिस ये अंदाजा लगता हे की आगे भी वो इसी ट्रेंड को फॉलो करेंगे। मतलब वो आगे भी उप ही रहेगा लेकिन टेक्नीकल एनलीसिस सिर्फ अंदाजा लगा सकते हे। क्युकी स्टॉक मार्किट में ऐसी कुछ फिक्स स्ट्रैटर्जी नहीं टेक्निकल एनालिसिस क्या है टेक्निकल एनालिसिस क्या है होती।

जिससे हम मार्किट की प्राइज कहा जाएगी ये पता लगा सके टेक्निकल से सिर्फ मूवमेंट पता चलती हे. और इस ट्रेंड को पता लगाने के लिए भी कई सारे टूल होते हे. जैसे की candlestick pattern , indicators , trend lineऐसे बहुत से सरे टूल होते हे जिससे हम सिर्फ शेयर के प्राइज का अंदाजा लगा सकते हे।

down trend ;

ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का प्राइज नियमित निचे आ रहा हे। तो उसका मतलब स्टॉक का प्राइज डाउन ट्रेंड में हे। और टेक्निकल एनालिसिस को टूल्स से हम ट्रेंड का पता लगा कर हम स्टॉक की फ्यूचर प्राइज का अन्दाज़ा लगा पाते हे।

लेकिन ज्यादा मूवमेंट होने की वजा से न ही ट्रैंड काम आता हे। और नहीं टेक्निकल एनालिसिस का कोई भी टूल। टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक प्राइज की करंट प्राइज देखके के ट्रेडिंग की जाती हे। और प्रिडिक्ट किया जाता हे की आगे भी शेयर प्राइज उसी तरह रहेगा जैसे कोई भी ट्रेंड में होगा वैसे ही भविष्य में रहेगा।

sideways trend

sideways trend में स्टॉक का प्राइज एक रेंज में रहता एक फिक्स प्राइज के बिच में शेयर का प्राइज अप और डाउन रहता हे।और टेक्निकल एनालिसिस से मार्किट का ट्रेण्ड फॉलो करके स्टॉक की फ्यूचर प्राइज क्या होगी इसका अंदाज़ा लगाया जाता हे। sideways trend में ट्रेडिंग करना बहुत ही मुश्किल होता हे। नाहीं प्राइज ऊपर जाती हे. और नहीं निचे वो एक रेंज में उप डाउन होती रहती हे।

टेक्निकल एनालिसिस से स्टॉक में हम सिर्फ ड्रेडिंग कर सकते हे। ये मतलब हम उससे सिर्फ फ्यूचर मे होने वाले मूवमेंट का अंदाज़ा लगा सकते हे और किसी स्टॉक में हम उसका ट्रेंड को देखकर उसमे ट्रेडिंग कर सकते।

trading क्या होता हे

ट्रेडिंग का मतलब होता हे की सी भी स्टॉक को एक टाइम लिमिट के लिए ख़रीदा और बेचा जा सकता हे. हम दीर्घकाल निवेश (Long Term ) के लिए किसी भी स्टॉक को नहीं रख सकते। उसकी एक टाइम लिमिट होती हे। जिससे किसी स्टॉक में हमें प्रॉफिट या लोस् में हो फिर भी हमें उस हमारी पोजीशन को square off करना पड़ता हे। मतलब हमें उस पोजीशन से एग्जिट होना पड़ता हे नहीं तो ब्रोकर हमें उसकी पेनेल्टी भी लगा देता हे

trading के भी प्रकार होते हे जैसे की day trading , swing trading ,scalping इनका , मतलब हमें कुछ टाइम लिमिट दी जाती हे उसकी मुताबित हम शेयर को खरीद या बीच सकते हे।

Day trading

स्टॉक मार्किट का एक फिक्स टाइमिंग होता हे सुबह ९;१५ को आप ट्रेडिंग कर सकते हे। तो मार्किट के क्लोसिंग (बंद) टाइमिंग ३;२० तक आप ट्रेडिंग कर सकते हे। इसका मतलब आपने ९;१५ को शेयर ख़रीदा तो आपको ३;२०तक उसे बेचना ही होगा। नहीं तो आपका ब्रोकर उसको बेच देता हे आपका फायदा हो या आपका नुकसान ,और आपको उसकी पेनल्टी भी भरनी पड़ती हे।

swing trading

स्विंग ट्रेडिंग का मतलब एक विशेष कालावधि के लिए स्टॉक को हम खरीद कर हमारे अकाउंट में रखते हे और प्रॉफिट होने के बाद उसी स्टॉक को बेच देते इसे ही सिंपल भाषा में स्विंग ट्रेडिंग कहते हे।

scalping

स्कल्पिंग का मतलब होता हे की कुछ लोग सिर्फ कुछ मिनिट के लिए स्टॉक में ट्रेडिंग करते हे। मतलब टेक्निकल एनालिसिस करके स्टॉक को पहले ख़रीदा और प्रॉफिट होने पैर उससे बेच दिया और ये खरीदने और बेचने का टाइम सिर्फ कुछ मिनटों का रहता हे।

और ये सब सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस को समजकर या उसकि समज होने पर ही हम कर सकते हे , बहुत से लोगो ने टेक्निकल एनालिसिस की समज न होने की वजहा से स्टॉक मार्किट में बहुत बड़े नुकसान उठाये हे। और इस नुकसान से बचने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का क्नॉलेज होना बहुत महत्वपूर्ण हे।

टेक्निकल एनालिसिस की मदत से आप शेयर मार्केट के चार्ट को समझ सकते है। टेक्निकल एनालिसिस से आपको मार्केट के चार्ट का ट्रेंड पता चलता है ,की स्टॉक का प्राइज ऊपर जा सकता है या निचे। और इस तरह आप आसानी से टेक्निकल एनालिसिस से चार्ट को समझ सकते है।

technical analysis से हम किसीभी स्टॉक प्राइज की मूवमेंट को देखके उसके फ्यूचर(भविष्य)प्राइज का अंदाज़ा लगा सकते हे मतलब हम प्रिडिक्ट करते हे की फ्यूचर में शेयर की प्राइज अप रहेगी या फिर डाउन रहेगी या फिर एक फिक्स रेंज में रहेगी।

निष्कर्ष

यकीं हे की आपको technical analysis kya hota he(technical analysis in hindi) समज में आ गया होगा अगर आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आये तो शेयर जरूर कीजियेगा और आपको अगर हमारी पोस्ट में कुछ समज नहीं आया होगा तो कमेंट बॉक्स में कमेंट लिखकर हमें भेज सकते हे। धन्यवाद!

क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? किसी शेयर में निवेश से पहले जानें इसकी अहमियत

शेयर मार्केट में निवेश के समय टेक्निकल एनालिसिस करते समय कुछ फंडामेंटल भी देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय टेक्निकल पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशन या टिप्स मिलते हैं जिससे आपको खुद एनालिसिस करना चाहिए।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लिए बेहतरीन शेयरों का चयन करना पहला स्टेप होता है। इसके लिए मुख्य रूप से दो प्रकार के एनालिसिस होते हैं। पहला फंडामेंटल एनालिसिस और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि इन दोनों ही एनालिसिस के जरिए शेयरों का चयन किया जाता है व कभी एक एनालिसिस के जरिए स्टॉक मार्केट से मुनाफे की रणनीति को अपनाया जाता है।

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शेयर मार्केट में निवेश के समय टेक्निकल एनालिसिस करते समय कुछ फंडामेंटल भी देखना चाहिए और इसी प्रकार फंडामेंटल एनालिसिस करते समय टेक्निकल पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, स्टॉक मार्केट में निवेश को लेकर कई रिकमंडेशन या टिप्स मिलते हैं जिससे आपको खुद एनालिसिस करना चाहिए। तो ऐसे में आइए जानते हैं कि फंडामेंटल एनालिसिस और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस क्या है और दोनों में क्या फर्क है।

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टेक्निकल एनालिसिस

टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस की तुलना में अधिक कांप्लेक्स है। इसके तहत रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स (Bollinger Bands) जैसे 30-40 टेक्निकल इंडिकेटर का एनालिसिस किया जाता है। इस एनालिसिस में स्टॉक की मजबूती और रुझानों ध्यान में रखकर का अनुमान लगाया जाता है।

फंडामेंटल एनालिसिस

इसमें कंपनी के फाइनेंशियल्स और P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को पर ध्यान देते हैं। इसके अलावा और भी रेशियो को एनालाइज करते हैं। अब अगर जैसे P/E Ratio की बात करें तो इसकी वैल्यू अगर कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की बहूत उम्मीद है जब P/B Ratio कम होता है तो स्टॉक अंडरवैल्यूड है। साथ ही, इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी ध्यान देखते हैं जो अगर एक से ज्यादा होता है तो इसका अर्थ हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है। जो कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली होती हैं और कर्ज से मुक्त होती हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत होते हैं।

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इन दोनों तरीकों से आप शेयर की प्राइस का सही अनुमान और टेक्निकल एनालिसिस क्या है भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं। साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको काफी मदद मिलेगी।

Technical Analysis क्या है | What is Technical Analysis in Hindi

दोस्तों, हमें इससे पिछले लेखों में share/stock market की बारे में आधिक जानकारी दे चुके है. आज हम फिर से share market के दूसरे हिस्से (Technical analysis kya hai, What is Technical analysis in Hindi) के बारे में अच्छे से जानेंगे. इसमें हम जानेंगे की technical analysis क्या है,

Technical analysis को अच्छे से समझने के लिए किस बुक को पढ़ा जाये, स्टॉक मार्किट में सफल इन्वेस्टर बनने के लिए किस तरह से research करनी चाहिए, किस तरह पता लगाए की मार्किट किस तरफ जाने बाली है?

  1. किस कीमत पर share को खरीदा और बेचना चाहिए
  2. रिस्क कितना प्रतिशत है
  3. मुनाफा कितना हो सकता है
  4. शेयर का होल्डिंग पीरियड

टेक्निकल एनालिसिस (T.A) में बो ताकत है जिससे आपके इन सभी सवालों के जवाव मिल जाएँगे. इससे आप share और index दोनो पर नजर रख सकते है साथ ही मार्किट में घुसने का सही समय और निकलने का सही समय और रिस्क को देखते हुए सौदे को कब ख़त्म किया जाय. रिसर्च करने में उपयोग की गई तकनीकों की तरह ही टेक्निकल एनालिसिस की अपनी विशेषताएं है.

टेक्निकल एनालिसिस क्या है (What is Technical analysis in Hindi)

हम उदहारण को लेकर समझते है –

मान लीजिये की आप किसी देश में छुट्टी मना रह है, और उस देश में मौसम, रहन-सहन और खान-पान आपके लिए बिलकुल नया है. जब आप पहले दिन काफी अधिक घूम लेते है तो आपको काफी भूक भी लगने लगती है. इसके बाद आपको पास में एक जगह दिखी, जहाँ पर काफी खाने पीने की महशूर दुकाने मिली.

आप उनका सुआद लेने का फैसला लेते है और वह उन दुकानों पर अलग-अलग तरह की खाने पीने की मजेदार चीजें दिखीं. इसके बाद में आपको यह समझ नहीं आ रहा की क्या खाया जाये? और वहां पर लोगों से भी नहीं पूछ सकते है क्योकि आप उनकी भाषा नहीं जानते है इस स्थति में आप क्या करेंगे? क्या वो चीजे खाएंगे?

What is Technical analysis in Hindi (टेक्निकल एनालिसिस क्या है विकल्प 1, विकल्प 2)

विकल्प 1: आप सबसे पहली दुकान पर जाएंगे और देखेंगे कि आखीर वह क्या पका रहा है और पकाने के लिए किन – किन पदार्थो को डाल रहा है, वह किस तरह पका रहा है, और क्या पाता उसे आप थोड़ा सा चखकर भी देखेंगे. इसके बाद आप तय कर पाएंगे कि यह चीज आपके खाने लायक है या नहीं !

इसी तरह आप सभी दुकान चलाने वालों के साथ करेंगे तब आप अपनी मन पसंद जगह को ढूंढ पाएंगे और अपने मन पसंदीदा चीज खा सकेंगे. यह करने से आपको ये फायदा है की आप पूरी तरह से संतुष्ट रहंगे कि आप क्या खा रह है इसका मतलब ये हुआ की इस चीज को खाना के लिए आपने खुद ही research की हुई है.

लेकिन समस्या यह होती है जब 100 दुकाने या फिर उससे भी ज्यादा दुकाने है, ऐसे में आप सभी दुकानों को अकेले chack नहीं कर पाएंगे. अधिक दुकाने होने पर काफी दिक्कत होगी. समय की कमी, इससे भी आपको समस्या हो सकती है क्योकि आपके पास इतना समय नहीं है जो सभी दुकानों पर जा सके. ऐसे में तो यही संभव है की आपकी मनपसंद चीज ही छुट जाए.

विकल्प 2 : सबसे पहले आपको मार्किट में बीचो-बिच खड़े होकर नजर डालनी है. और ये देखने की कोशिश करे की किस दुकान पर सबसे ज्यादा भीड़ है और अच्छी बिक्री हो रही है. इसी प्रकार आप अनुमान लगा सकते है की उस दुकान पर अच्छा खाना मिल रहा है इसलिए इतनी भीड़ है.

इसी अनुमान लगाने की बजह से आप उस दुकान पर जाकर अच्छा खाना खायेंगे. इस तरह से आपको ज्यादा संभावना होगी की आपको बाजार का सबसे अच्छा खाना मिल सके. इससे ये फायदा होता है की आप अच्छी दुकान को जल्दी खोज सकेंगे. और सबसे ज्यादा भीड़ वाली दुकान पर जाकर अच्छा खाना पाने की उम्मीद कर सकते है.

थोड़ी दिक्कत ये है की क्या पता जिस दूकान पर अधिक भीड़ हो, उनकी पसंद ही गलत है. शायद आपको हर बार खाने के लिए अच्छा खाना ना मिले. आपको इन दोनों बिकल्प को पढ़कर ये समझ में आ गया होगा की पहला विकल्प फंडामेंटल एनालिसिस की तरह है, जिसमे आपको ही कंपनियो के बारे में गहराई से research करनी होती है.

टेक्निकल एनालिसिस-

यह फंडामेंटल एनालिसिस से काफी अलग है टेक्निकल एनालिसिस में इन्वेस्टर/ट्रेडर को मौका तलाश करना होता है की मार्किट इस समय किधर जा रही है. मार्किट क्या चाहती है? टेक्निकल एनालिसिस की तकनीक को मार्किट में सभी इन्वेस्टर/ट्रेडर पसंद करते हुए ट्रेड करते है. शेयर मार्किट में (chart/graph) को देख के ही सभी ट्रेडर/इन्वेस्टर की पसंद को पता कर सकते है.

जब चार्ट में कोई pattern बनता है तब उस pattern को देखकर मार्किट का संकेत को समझ सकते है. टेक्निकल एनालिस्ट (Technical Analyst) का काम ये होता है कि वो इस पैटर्न को समझे और अपना नजरिया बनाए. (Technical analysis kya hai? What is Technical analysis in Hindi)

टेक्निकल एनालिसिस पर कितना भरोसा कर सकते है?

जितने भी नय ट्रेडर होते है उनको लगता है की टेक्निकल एनालिसिस से आधिक रूपए कमाएंगे. लेकिन सच्चाई ये है ना तो इसे करना इतना आसान है और ना ही कम समय में अधिक पैसा कमाने का रास्ता है. यह बात ठीक है यदि टेक्निकल एनालिसिस को ठीक से समझ कर किया जाए तो इससे कम समय में भी बढ़ा मुनाफा कमा सकते है लेकिन इसे सिखने के लिए अधिक महनत करनी होगी.

यदि technical analysis की मदद से कम समय में अधिक पैसा कमाया जा सकता टेक्निकल एनालिसिस क्या है है तो इसी से अधिक नुक्सान भी हो जाता है क्योकि मार्किट में अधिक पैसा डुबाने के बाद आमतौर पर नुकसान का सारा इल्जाम टेक्निकल एनालिसिस पर डाल देते है. वो लोग ट्रेडर की गलती को नहीं देखते है.

टेक्निकल एनालिसिस के दोवारा ट्रेड लेने से पहले अपनी उम्मीद को रखे और अच्छे से समझ कर ट्रेडिंग करे.( Technical analysis kya hai? Technical analysis book in hindi pdf download)

टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस में क्या अंतर है?

  1. ट्रेड (Trader)- टेक्निकल एनालिसिस का सबसे अच्छा उपयोग है- short term सौदा करने के लिए. क्योकि (TA) टेक्निकल एनालिसिस long term investment के लिए ठीक नहीं है.
  2. लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टर को फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग करना सही है. यदि आप फंडामेंटल एनालिसिस की मदद से इन्वेस्ट करते हो तो खरीदने का सही समय (entry point) और निकलने के सही समय (exit point) के लिए टेक्निकल एनालिसिस की मदद ले सकते है.
  3. प्रतेक सौदे से मुनाफा- Technical analysis के दोवारा की गय सौदे कम समय के लिए होते है. इसलिए अधिक मुनाफे पाने की उम्मीद ना करे. TA में तभी अच्छा मुनाफा कमा सकते है जब आप बार-बार छोटे-छोटे सौदे (trade) करे और अच्छा मुनाफा कमाए.

Holding Period- TA टेक्निकल एनालिसिस के दोवारा किय गय सौदे कुछ मिनटों से लेकर घंटो या हफ़्तों तक ही होता है इससे ज्यादा नहीं!

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