डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

ब्लॉग: डिजिटल करेंसी का स्वागत कीजिए
डिजिटल करेंसी के पीछे क्रिप्टोकरेंसी का जोर है. क्रिप्टोकरेंसी केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण से पूर्णत: बाहर है. इस करेंसी को बनाने का उद्देश्य था कि सरकारी बैंकों डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? द्वारा कभी-कभी अधिक मात्रा में नोट छाप कर बाजार में डाल दिए जाते हैं जिससे महंगाई बहुत तेजी से बढ़ती है. लोगों की सालों की गाढ़ी कमाई कुछ ही समय में शून्यप्राय हो जाती है.
ब्लॉग: डिजिटल करेंसी का स्वागत कीजिए
Highlights डिजिटल करेंसी एक नंबर होता है जिसे आप अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर रख सकते हैं. कई केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल करेंसी जारी करने का मन बनाया है. डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से हमारी रक्षा नहीं करती है.
भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने पर विचार कर रहा है. डिजिटल करेंसी हमारे नोट की तरह ही होती है. अंतर यह होता है कि यह कागज पर छपा नोट नहीं होता है बल्कि यह एक नंबर मात्र होता है जिसे आप अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर संभाल कर रख सकते हैं.
उस नंबर को किसी के साथ साझा करते ही उस नंबर में निहित रकम सहज ही दूसरे व्यक्ति के पास पहुंच जाती है.
डिजिटल करेंसी के पीछे क्रिप्टोकरेंसी का जोर है. क्रिप्टोकरेंसी केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण से पूर्णत: बाहर है. इस करेंसी को बनाने का उद्देश्य था कि सरकारी बैंकों द्वारा कभी-कभी अधिक मात्रा में नोट छाप कर बाजार में डाल दिए जाते हैं जिससे महंगाई बहुत तेजी से बढ़ती है. लोगों की सालों की गाढ़ी कमाई कुछ ही समय में शून्यप्राय हो जाती है.
जैसे यदि आप 100 रुपए के नोट से वर्तमान में 5 किलो गेहूं खरीद सकते हैं तो महंगाई तेजी से बढ़ने के बाद उसी 100 रुपये के नोट से आप केवल 1 किलो गेहूं खरीद पाएंगे. इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए इन इंजीनियरों ने क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किया जिससे कि बैंकों द्वारा नोट अधिक छापे जाने से उनकी क्रिप्टो करेंसी की कीमत पर कोई प्रभाव न पड़े.
केंद्रीय बैंकों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी का विरोध तीन कारणों से किया जा रहा है. पहला यह कि अर्थव्यवस्था केंद्रीय बैंक के नियंत्रण से बाहर निकलने को हो जाती है. जैसे यदि देश में महंगाई अधिक हो रही है और रिजर्व बैंक ने मुद्रा के प्रचलन को कम किया तो क्रिप्टो करेंसी का चलन बढ़ सकता है और सरकार की नीति फेल हो सकती है.
दूसरा विरोध यह है कि क्रिप्टो करेंसी फेल हो सकती हैं. जैसे यदि कम्प्यूटर का नंबर हैक हो जाए अथवा क्रिप्टोकरेंसी बहुत भारी संख्या में बनाई जाने लगे तो आज जिस बिटकॉइन को आप ने एक लाख रुपए में खरीदा वह कल पांच हजार रुपए की हो सकती है.
तीसरा विरोध यह कि क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग आपराधिक गतिविधियों को सपोर्ट करने के लिए किया जा सकता है. इसलिए यदि केंद्रीय बैंक जिम्मेदार है और अर्थव्यवस्था सही चल रही है तो क्रिप्टोकरेंसी उसे अस्थिर बना सकती है.
दूसरी तरफ यदि बैंक गैर जिम्मेदार है जैसे महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है तो क्रिप्टोकरेंसी लाभप्रद हो जाती है. उस परिस्थिति में व्यापार करना कठिन हो जाता है.
आज आपने किसी व्यापारी से एक बोरी गेहूं का सौदा एक हजार रुपये में किया. कल उस एक हजार रुपये की कीमत आधी रह गई. बेचने वाले ने सौदे से इंकार कर दिया. आप यह सौदा क्रिप्टोकरेंसी में करते तो यह कठिनाई नहीं आती.
अत: यदि केंद्रीय बैंक द्वारा बनाई गई मुद्रा अस्थिर हो तो क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से व्यापार सुचारु रूप से चल सकता है. यदि केंद्रीय बैंक जिम्मेदार है तो क्रिप्टोकरेंसी अस्थिरता पैदा करती है लेकिन यदि केंद्रीय बैंक गैर जिम्मेदार है तो क्रिप्टोकरेंसी लाभप्रद हो सकती है.
इस स्थिति में कई केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल करेंसी जारी करने का मन बनाया है. डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में समानता यह है कि दोनों एक नंबर होते हैं जो आपके मोबाइल में रखे जा सकते हैं. लेकिन क्रिप्टो करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी गुमनाम नहीं होती है.
रिजर्व बैंक द्वारा इसे उसी तरह जारी किया जाएगा जैसे नोट छापे जाते हैं. इसलिए डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से हमारी रक्षा नहीं करती है.
नोट छापने की तरह केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी भी भारी मात्रा में जारी कर महंगाई पैदा कर सकती है. लेकिन फिर भी मुद्रा को सुरक्षित रखने में डिजिटल करेंसी मदद करती है क्योंकि आपको नोटों को आग, पानी और चोरों से बचाना नहीं है.
यदि कभी आप अपनी करेंसी का नंबर भूल जाएं अथवा आपका मोबाइल चोरी हो जाए तो आपकी पहचान करके उसे वापस प्राप्त करने की व्यवस्था की जा सकती है.
मेरा मानना है कि डिजिटल करेंसी का हमें स्वागत करना चाहिए भले यह केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना आचरण से हमारी रक्षा नहीं करती है. केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को इस प्रकार के तकनीकी आविष्कारों से नहीं रोका जा सकता है.
उसे ठीक करने का कार्य अंतत: राजनीति का है और उस व्यवस्था डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? को सुदृढ़ करना चाहिए. पर डिजिटल करेंसी के माध्यम से नोट को छापने और रखने का खर्च कम होता है और आपस में लेनदेन भी सुलभ हो सकता है इसलिए हमें डिजिटल करेंसी का स्वागत करना चाहिए.
Central Bank Digital Currency (CBDC)
Central Bank Digital Currency (CBDC): भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 नवंबर को wholesale segment के लिए भारत का पहला डिजिटल रुपया पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है. डिजिटल रुपया (e₹), जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के नाम से भी जाना जाता है.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए डिजिटल रुपया, नोटों का एक डिजिटल रूप है. आपको बता दें की यह बैंक में मिलने वाले नोटों से ज्यादा अलग नहीं है, बस यह डिजिटल होने के कारण यह इस्तेमाल करना आसान, तेज और सस्ता होने की संभावना है. इसमें डिजिटल मनी के अन्य रूपों के सभी लेन-देन संबंधी लाभ भी हैं.
डिजिटल रुपया क्या है? RBI DIgital Rupee
डिजिटल मुद्रा मूल रूप से भुगतान प्रणाली है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप में डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? डिजिटल लेनदेन शामिल है और रुपये की तरह भौतिक रूप से स्पर्श करने योग्य नहीं है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 नवंबर 2022 से डिजिटल रुपये पर अपना पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है.
आरबीआई द्वारा तैयार किया गया डिजिटल रुपया एक उन्नत भुगतान प्रणाली के माध्यम से उत्पन्न होगा जो कि सस्ती, सुलभ, सुविधाजनक, कुशल और सुरक्षित है.
इसका उद्देश्य डिजिटल अर्थव्यवस्था को और मजबूत करना है. हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि डिजिटल शुरू करने की अवधारणा मुद्रा केवल वित्तीय लेनदेन के मौजूदा रूपों का पूरक है और उन्हें प्रतिस्थापित नहीं करता है.
यह उपयोगकर्ताओं को भुगतान करने के लिए एक अतिरिक्त विकल्प प्रदान करेगा, जबकि मौजूदा भुगतान प्रणाली अभी भी चालू है. इसलिए, यह सुरक्षित रूप से कहा जा सकता है कि डिजिटल मुद्रा सामान्य मुद्रा के उपयोग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.
सरकारी प्रतिभूतियों में लेनदेन के लिए virtual currency जारी करने के लिए डिजिटल रुपये (e₹) का उपयोग किया जाएगा. पैसा अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही virtual रूप में होगा लेकिन डिजिटल रुपये का विकेंद्रीकरण (decentralised) नहीं किया जाएगा, इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा.
डिजिटल रुपया पूरी तरह से कानूनी होगा और भारत सरकार को स्वीकार्य होगा. लॉन्च दो चरणों में किया जा रहा है. पहला है रिटेल (e₹-R) और दूसरा है होलसेल (e₹-W) फिलहाल आरबीआई पहला पायलट चरण होलसेल लेनदेन के लिए यानी बड़े लेनदेन के लिए डिजिटल रुपया लॉन्च किया है.
डिजिटल रुपया क्रिप्टो करेंसी से कैसे अलग है?
CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कोई सीधी तुलना नहीं है क्योंकि डिजिटल रुपया कोई कमोडिटी या वर्चुअल एसेट नहीं है, जो क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत है. इसके अलावा, crypto coins बिल्कुल पैसा नहीं हैं.
इस डिजिटल रुपये को नकदी के लिए एक्सचेंज किया जा सकता है, जो कि केंद्रीय बैंक जैसे केंद्रीय बैंक कागज के रूप में जारी करते हैं. आरबीआई सीबीडीसी जारी करना जारी रखेगा, जो बैंक नोटों के समान कार्य करेगा लेकिन क्रिप्टोक्यूरैंक्स जैसी विकेन्द्रीकृत संपत्ति नहीं है.
Bank Participation in Wholesale Segment (e₹-W)
- State Bank of India
- Bank of Baroda
- Union Bank of India
- HDFC Bank
- ICICI Bank
- Kotak mahindra Bank
- Yes Bank
- IDFC First Bank
- HSBC
CBDC-Wholesale क्या है?
आरबीआई ने देश के बड़े इंस्टिट्यूट जैसे भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी सहित नौ बैंकों को Wholesale डिजिटल रुपये की पायलट परियोजना में भाग लेने के लिए सेलेक्ट किया है.
CBDC-Retail क्या है?
सरकार अभी बड़े इंस्टिट्यूट बैंक के लिए डिजिटल रुपया जारी किया है लेकिन अगले कुछ महीनों में इस e₹ को आम लोगों के लिए जारी करेगी. पहले कुछ चुनिन्दा शहरों में इसे टेस्ट के तौर पर लॉन्च किया जाएगा ताकि कुछ भी प्रॉब्लम हो उसे सोल्व किया जाएगा. पूरी तरह से कांफोर्म होने के बाद पुरे देश में आम आदमी यानि Retailers के लिए CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) को जारी कर दिया जायेगा.
डिजिटल रुपया की विशेषताएं
1) सीबीडीसी केंद्रीय बैंकों द्वारा उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप जारी की गई एक संप्रभु मुद्रा है.
2) यह केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट पर एक दायित्व के रूप में प्रकट होता है.
3) इसे सभी नागरिकों, उद्यमों और सरकारी एजेंसियों डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? द्वारा भुगतान के माध्यम, कानूनी निविदा और मूल्य के एक सुरक्षित भंडार के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए.
4) सीबीडीसी वाणिज्यिक बैंक के पैसे और नकदी के खिलाफ मुक्त रूप से परिवर्तनीय है.
5) सीबीडीसी एक परिवर्तनीय कानूनी निविदा है जिसके लिए धारकों के पास बैंक खाता नहीं होना चाहिए.
6) सीबीडीसी से पैसे और लेनदेन जारी करने की लागत कम होने की उम्मीद है.
सीबीडीसी के प्रकार
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है – सामान्य प्रयोजन या खुदरा (CBDC-R) और थोक (CBDC-W). खुदरा सीबीडीसी का उपयोग निजी क्षेत्र, गैर-वित्तीय उपभोक्ताओं और डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? व्यवसायों सहित सभी द्वारा किया जा सकता है. थोक सीबीडीसी को चुनिंदा वित्तीय संस्थानों तक सीमित पहुंच के लिए डिज़ाइन किया गया है.
डिजिटल रुपया और क्रिप्टोक्यूरेंसी के बीच अंतर
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक विकेन्द्रीकृत डिजिटल संपत्ति और ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित विनिमय का माध्यम है. हालांकि, यह अपनी विकेन्द्रीकृत प्रकृति के कारण विवादास्पद रहा है, जिसका अर्थ है कि बैंकों, वित्तीय संस्थानों या केंद्रीय अधिकारियों जैसे किसी मध्यस्थ के बिना इसका संचालन. इसके विपरीत, आरबीआई द्वारा जारी सीबीडीसी डिजिटल रूप में एक कानूनी निविदा होगी.
डिजिटल रुपया बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य क्रिप्टोकरेंसी से इस मायने में अलग होगा कि यह सरकार द्वारा समर्थित होगा. दूसरे, सरकारी समर्थन के कारण एक आंतरिक मूल्य होने पर, डिजिटल रुपया भौतिक रुपये के बराबर होने के बराबर होगा.
जानिए डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में क्या है अंतर? मोदी सरकार ला रही है डिजिटल करेंसी…
बीते दिन यानी एक फरवरी को देश के सामने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने वित्त वर्ष 2022-2023 का बजट रखा और इस दौरान कई डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? बड़े ऐलान भी हुए। वहीं इसमें एक सबसे बड़ा ऐलान जो रहा, वो डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर है। जी हाँ हमारे देश में लगातार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुविधा की स्थिति बनी हुई थी।
वैसे कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तरफ इशारा किया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी तो नहीं चल पाएगी, लेकिन हाँ अगर जरूरत महसूस हुई तो डिजिटल करेंसी के बारें में सोचा जाएगा। ऐसे में बजट में इस बात का ध्यान रखा गया और अब डिजिटल करेंसी को लेकर बजट में विस्तृत बातें कही गई है। आइए ऐसे में जानते हैं इसी डिजिटल करेंसी से जुडी कुछ बातें…
बता दें कि बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी यानी ‘डिजिटल रुपी’ की बात कही और वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-2023 की शुरुआत में ही RBI की डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया जाएगा। इतना ही नहीं इस दौरान कहा गया कि इस पर RBI की तरफ से काम जारी है। वहीं बता दें कि इस विषय पर सरकार का कहना है कि, ” डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में यह एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा।”
आइए जानें क्या होती है डिजिटल करेंसी…
जी हाँ डिजिटल करेंसी के ऐलान भर से स्थितियां नहीं बदलने वाली, बल्कि यह क्या होती और कैसे इसका इस्तेमाल होता। इसके बारे में जनता को रूबरू कराना जरूरी है, आइए ऐसे में हम आपको इसी से जुडी कुछ बातें बताते हैं। बता दें कि डिजिटल करेंसी का पूरा नाम ‘सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी’ है और इसे इसे रिजर्व बैंक जारी करता है।
इसके अलावा इसे मान्यता देने का काम सरकार करती है। बताते डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? चलें कि यह केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होती है। इसके अलावा इसकी एक अन्य खासियत ये होती है कि इसे देश की ‘सॉवरेन करेंसी’ में बदला जा सकता है। मालूम हो कि भारत में इसे ‘डिजिटल रुपया’ कहा जा सकता है और डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है। जिसमें रिटेल और होलसेल दोनों शामिल होती है।
इस समय से होगी डिजिटल करेंसी की डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? शुरुआत…
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा कि डिजिटल करेंसी को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और दूसरी टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के जरिए पेश किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ये डिजिटल इकोनॉमी को बिग बूस्ट भी देगा। वहीं मालूम हो कि साथ ही उन्होंने कहा कि करेंसी मैनेजमेंट को ज्यादा इफीशिएंट और कम लागत वाला बनाएगा।
बता दें कि इस डिजिटल करेंसी को ‘डिजिटल रुपी’ के रूप में नए वित्त वर्ष की शुरुआत में लॉन्च कर दिया जाएगा। ऐसे में बता कि नए वित्त वर्ष में शॉपिंग करने के लिए पर्स में कागज के नोट रखकर बाजार जाने की जरूरत नहीं होगी और आप डिजिटल रुपी के ज़रिए सभी तरह के पेमेंट कर पाएँगे।
क्या होंगे डिजिटल करेंसी के फायदे…
बता दें कि यह करेंसी कम खर्चीली होती है और ट्रांजैक्शन भी तेजी से हो सकते हैं। इसके अलावा डिजिटल करेंसी के मुकाबले करेंसी नोट्स का प्रिटिंग खर्च और लेन-देन की लागत अधिक है। वहीं डिजिटल करेंसी के लिए किसी व्यक्ति को बैंक खाते की जरूरत नहीं है और ये ऑफलाइन भी हो सकता है। ऐसे में देखा जाएं तो यह करेंसी कई मायनों में सरकार और आम लोगों सभी के लिए फायदेमंद है।
जानिए डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में क्या है अंतर…
वैसे बता दें कि अब जब सरकार ने डिजिटल करेंसी की बात बजट में कही है। ऐसे में लोगों के दिमाग में एक सवाल यही है कि जब डिजिटल करेंसी लाना ही था तो फिर क्रिप्टोकरेंसी से परहेज क्यों? आइए ऐसे में समझें इन दोनों के बीच अंतर…
1) बता दें कि डिजिटल करेंसी को उस देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है, जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है।
2) वहीं क्रिप्टो करेंसी एक मुक्त डिजिटल एसेट है और ये किसी देश या क्षेत्र की सरकार के अधिकार डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? क्षेत्र या कंट्रोल में नहीं होता है।
3) इसके अलावा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी सरकार या सरकारी संस्था से संबंध नहीं रखती हैं। ऐसे में डिजिटल करेंसी ज्यादा सुरक्षित डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? और कारगर साबित होने वाली है।
digital currency kya hai
digital currency kya hai. डिजिटल करेंसी क्या है। Digital currency के फायदे क्या है। Digital currency कब जारी करेगी RBI. इंडिया की अपनी डिजिटल currency. डिजिटल डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? करेंसी क्या होती है। digital currency kya hai hindi mein इन सबको जानने के लिए इस पोस्ट को पढ़े।
डिजिटल करेंसी इन इंडिया
Digital currency को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया है। दरअसल RBI ( Reserve Bank of India) ने blockchain और अन्य टेक्नोलॉजी की मदद से साल 2022-2023 मैं digital currency जारी करेगा यह भारत की पहली और अधिकारी करेंसी होगी।
डिजिटल करेंसी मीन्स?
अभी तक देश में जितने भी digital currency यां Crypto Currency का चलन है सारी विदेशी है| इसलिए आप सभी के मन में एक सवाल होगा की आखिर digital currency कैसी होगी और इसका इस्तेमाल कैसे किया जाएगा तो चलिए आपको आज की इस पोस्ट में digital currency के बारे में डिटेल में जानकारी देते हैं।
दरअसल डिजिटल रुपया सभी ट्रांजैक्शन में बहुत ही भौतिक करेंसी के बराबर ही होगा| डिजिटल करेंसी की कीमत फिजिकल रुपए के बराबर ही होगी|
digital currency kya hai | What is digital currency?
E Rupee एक cashless और digital payment system का मीडियम है जो SMS स्ट्रांग या QR कोड के रूप में प्राप्त होगा| यह एक तरह से गिफ्ट वाउचर के समान है जिसे बिना किसी क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड मोबाइल एप्लीकेशन यां इंटरनेट बैंकिंग के खास एक्सेप्टिंग से सेंटर यानी जो डिजिटल रूपी को स्वीकारते हो वहां पर इसे रिडीम यां अपनाया जा सकेगा|
हकीकत में digital currency की जो विशेषताएं हैं वह इसे virtual currency से बेहतर बनाती है यह एक तरह से वाउचर आधारित पेमेंट सिस्टम की तरह है|
Digital currency को लॉन्च करने का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन पेमेंट को ज्यादा आसान और सुरक्षित बनाना है|
‘डिजिटल करेंसी, को हम डिजिटल रुपी, या डिजिटल मुद्रा भी कह सकते है’
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है? | Digital currency v/s cryptocurrency?
Digital currency देश में चलने वाली मुद्रा (फिएट करेंसी) का डिजिटल रूप होता है और इसे उस देश की सॉवरेन करेंसी में जब चाहे तब बदला जा सकता है जैसे-भारत में रुपया, US में डॉलर आदि में|
crypto currency की बात करें तो यह एक डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? ऐसी करेंसी है जिसे हम छू यां देख नहीं सकते यानी यह फिजिकल या वर्चुअल करेंसी है जिसे ऑनलाइन वॉलेट में ही रखा जा सकता है| यह फिजिकल मोड में नहीं होती लेकिन एक digital coin के रूप में ऑनलाइन वॉलेट में रखी जाती है|
RBI की digital Currency सरकारी रिजल्ट संस्था द्वारा सत्यापित होगी देश में लेनदेन के लिए कानूनी तौर पर भी मान्यता प्राप्त होगी वही क्रिप्टो में ये सुविधा देखने को नही मिलती|
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह ऐलान किया है कि यह वर्चुअल संपत्तियों को ट्रांसफर करने पर होने वाली कमाई पर 30% के दर से टैक्स लगेगा और डिजिटल संपत्तियों के ट्रांजैक्शन में होने वाले नुकसान पर कोई छूट नहीं मिलेगी|
डिजिटल करेंसी के प्रकार (Types of Digital Currency)
Digital currency दो तरह की होती है –
1- Retail Currency (रिटेल करेंसी)
2- Wholesale Currency (होलसेल करेंसी)
1- Retail Currency (रिटेल करेंसी)- रिटेल करेंसी का उपयोग सभी व्यक्ति और कंपनियां कर सकती है |
2- Wholesale Currency (होलसेल करेंसी)-इस currency का उपयोग वित्तीय संस्थान (जैसे-बैंक आदि) के द्वारा किया जाता है |
डिजिटल करेंसी का पूरा नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है|
आरबीआई द्वारा जारी की गई डिजिटल करेंसी कौन सी है?
2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में यह घोषणा की थी कि 2023 तक क्रिप्टो करेंसी जारी होगी। CBDC-central bank digital currency होगी। डिजिटल करेंसी को (RIB) नए financial year की शुरुआत में launch करेगा।
डिजिटल करेंसी के क्या हैं फायदे | Benefits Of Digital Currency?
Digital currency के लिए किसी भी व्यक्ति को बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं है, ये ऑफलाइन भी हो सकता है|
डिजिटल करेंसी पर सरकार की करी नजर रहेगी.
E arupee की ट्रैकिंग हो सकेगी, जो cash के साथ संभव नहीं है|
RBI के हाथ में होगा कि digital currency कितनी और कब जारी करनी है|
मार्केट में रुपए की अधिकता या कमी को मैनेज किया जा सकेगा|
इसकी वैल्यू में भी कोई उतार-चढ़ाव नहीं होता है|
इसे केंद्रीय बैंक जारी करता है और सरकार से मान्यता प्राप्त होती है इसलिए इस पर विश्वास किया जा सकता है|
इससे लोगों में नकद रुपयों की निर्भरता कम होगी जिससे सरकार के नकदी छापने में होने वाले खर्चों में बचत होगी|
इंडिया को digital बनाने की तरफ ये एक अच्छा कदम साबित होगा|
FAQ: About digital currency
डिजिटल करेंसी कब लॉन्च होंगी ?
वित्तमत्री निर्मला सीतारमण ने दिए गए बजट भाषण के अनुसार वित्त वर्ष 2022-2023 के स्टार्टिंग years में digital currency को जारी करेगा।
डिजिटल करेंसी कौन जारी करेगा?
RBI यानि भारतीय बैंक Reserve Bank of India की तरफ से digital currency जारी की जाएगी।
निष्कर्ष;
तो दोस्तों ये थी “digital currency kya hai” इन हिंदी के बारे में पोस्ट इस जानकरी के बारे में आपके क्या विचार है, भारत में अपनी खुद की indian digital currency होगी जो RBI अब जल्दी ही लॉन्च करेगी। इसके बारे में अपने विचार शेयर कर सकते है। उम्मीद है यह जानकरी आपको पसंद आएगी। अगर पोस्ट पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे। अपने कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते है। धन्यवाद :
एम आर. वाघेला
नमस्ते दोस्तों: मैं एम आर वाघेला Indian Blog Help का ऑथर हूं। इस वेबसाइट के माध्यम से उपयोगी जानकारियां ❤️ आप तक पहुंचाता हूं। Follow Us FB Page | insta page