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बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ?

बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ?

क्रिप्‍टो करेंसी राष्ट्र और राष्ट्रवाद के लिए कितना बड़ा खतरा? जानिए- अपने नफे-नुकसान की बातें

क्रिप्‍टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी है और क्रिप्टो करेंसी में सबसे बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? लोकप्रिय बिटकॉइन है. बिटकॉइन को 2009 में लॉन्‍च किया गया था और इसके बाद से कई और क्रिप्टो करेंसी लॉन्च हो चुकी हैं.

By: मृत्युंजय सिंह | बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? Updated at : 04 Mar 2020 02:28 PM (IST)

नई दिल्ली: क्रिप्‍टो करेंसी पर आरबीआई ने साल 2018 में बैन लगाया था जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने हटाने का फैसला किया है. क्रिप्टो करेंसी के चलन से से क्या देश और दुनिया की सुरक्षा को खतरा पैदा होगा यह सवाल उठने लगा है. क्या क्रिप्टो करेंसी राष्ट्रवाद के लिए भी खतरनाक है?

आज दुनिया में ऐसी सैकड़ों हजारों वेबसाइट और कंपनियां है जो बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में स्वीकार कर रही है. दुनिया के भौतिक बाजार आजकल इंटरनेट पे और इंटरनेट हमारे मोबाइल पे आ गया है. लोग अपने खरीददारी का एक बड़ा भाग आजकल इस आभाषी माध्यम मोबाइल इंटरनेट से कर रहें हैं और नकदी कि जगह वर्चुअल वैलट रखने लगे हैं.

आर्थिक विशेषज्ञ पंकज जायसवाल के मुताबिक, ''आज भी कई लोगों के पास बैंकिंग सुविधा नहीं है लेकिन उन लोगों की संख्या अधिक है जिनके पास इंटरनेट के साथ सेल फोन है और यह इंटरनेट के माध्यम से व्यापार नहीं कर सकते. मोबाइल इंटरनेट, लॉयल्टी पॉइंट, रिवार्ड पॉइंट और वैलट की विचारधारा ने बिटकॉइन कि विचारधारा को इन्फ्रा सपोर्ट किया है क्योंकि इसने राज्य प्रतिष्ठान कि अनिवार्य मान्यता को हटा कर सिर्फ एक सूत्र वाक्य को पकड़ा है वह है जन स्वीकार्यता और हमें ले गया है उस दौर में जब विनिमय के लिए मानवों ने देश कि सीमाओं के रूप में बड़ी रेखाएं नहीं खींची थी. बिना राज्य प्रतिष्ठान कि गारंटी, केन्द्रीय बैंक के नियमन के भी आप आभाषी दुनिया में बिटकॉइन की वजह से लेन देन कर सकते हैं क्योंकि बिटकॉइन पर किसी व्यक्ति विशेष सरकार या कंपनी का कोई बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? स्वामित्व नहीं होता है."

बिटकॉइन करेंसी पर कोई भी सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी नहीं है. आज बिटकॉइन काफी पॉपुलर इसलिए है क्योंकि इसे मुद्रा शक्ति उन हजारों लोगों से मिलती है जिनके पास विशेष कंप्यूटर है जो नेटवर्क को इतना शक्ति संपन्न बनाते हैं कि नेट पर विनिमय सुरक्षित हो और लेनदेन की जांच करते रहते हैं, इस प्रक्रिया को माइनिंग कहा जाता है. बिटकॉइन के पूरे सौदे की चेन को आप पूरी निजता बनाए हुए देख सकते हैं.

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आर्थिक विशेषज्ञ पंकज जायसवाल की क्या है राय?

आर्थिक विशेषज्ञ पंकज जायसवाल के मुताबिक, ''आज के राष्ट्र राज्य कि अवधारणा में बिटकॉइन एक नई और बड़ी चुनौती है. यह एक नई आभाषी दुनिया का निर्माण कर रही है, उस आभाषी दुनिया कि करेंसी का निर्माण कर रही है. अब किसी देश के नागरिकों को किसी देश के मान्यता प्राप्त करेंसी को संग्रहfत करने और लेन देन कि जरूरत नहीं है. इस आभाषी दुनिया कि इस आभाषी करेंसी पे न तो राज्य का नियमन है और ना ही ईस पे राज्य का कानून काम कर पा रहा है. यह पूरी तरह पीयर टू पीयर अवधारणा पे काम कर रहा है, जहां राज्य का हस्तक्षेप नहीं है.

आज की यह आधुनिक करेंसी हमें मानवीय सभ्यता के उस शुरुआती दौर में ले जा रही है जब मानवों के विकास एवं सुखमय जीवन के राज्य कि स्थापना हुई थी और राज्य का नियंत्रण जनता पे पूरी तरह स्थापित हो पाया था और कर भार लगाने का एक आधार मुद्रा का जन्म हुआ था. बिटकॉइन का प्रचलन केवल राष्ट्र कि भूमिका और उसके राष्ट्रवाद को ही नहीं खत्म कर रहा है यह उस राज्य के द्वारा लगाए जाने वाले कर के बेस को भी खत्म कर दे रहा है, और यह आगे चल के ब्लैक मनी का बहुत बड़ा हथियार बन सकता है. मानव सभ्यता के बड़े दुश्मन आतंकवादी, ड्रग माफिया एवं तस्कर इसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर कर सकते हैं.'

जब तक आभाषी दुनिया लोगों को अपनी गिरफ्त में लेकर एक नई दुनिया, एक नया कानून और एक नई सीमा रेखा को स्थापित करे पूरी दुनिया को इसपर शोध एवं चिंतन करने की जरूरत है ताकि इसका मानव हित में कैसे इस्तेमाल किया जा सके और इसे ब्लैक मनी और माफिया के इस्तेमाल से बचाया जा सके.

Published बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? at : 04 Mar 2020 02:08 PM (IST) Tags: Pankaj Jaiswal virtual currency Bitcoin Cryptocurrency हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi

कैसे तैयार होती है बिटक्वाइन? जानिए ये कैसे करती है काम और इसमें किस कंप्यूटिंग सिस्टम की है जरूरत

Bitcoin Mining : कोई भी व्यक्ति बिटक्वाइन (bitcoin miner) तैयार कर सकता है, लेकिन उसके पास विभिन्न सॉफ्टवेयर से लैस बड़ा कंप्यूटिंग सिस्टम (computing system) होना चाहिए. साथ ही माइनिंग के लिए पर्याप्त मात्रा में बिजली भी होना जरूरी है.

कैसे तैयार होती है बिटक्वाइन? जानिए ये कैसे करती है काम और इसमें किस कंप्यूटिंग सिस्टम की है जरूरत

बिटक्वाइन माइनिंग ऐसी डिजिटल करेंसी को खरीदने की जगह इस पर अपना अधिकार पाने की एक प्रक्रिया है

क्या अभी भी आप हैरत में है कि बिटक्वाइन (Bitcoin) को खरीदे बिना आप कैसे इसे प्राप्त कर सकते हैं. आप दुनिया की इस सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) की माइनिंग कर यानी इसे तैयार कर ऐसा कर सकते हैं. ब्लॉकचेन तकनीक से इस सबसे लोकप्रिय वर्चुअल करेंसी बिटक्वाइन और डिजिटल करेंसी की माइनिंग की जा सकती है. माइनिंग क्रिप्टोग्राफिक इक्वैशंस (cryptographic equations) को हल कर क्रिप्टोकरेंसी पाने की प्रक्रिया है. इसमें बेहद उच्च क्षमता वाले कंप्यूटरों की जरूरत पड़ती है.

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कोई भी शख्स बिटक्वाइन (bitcoin miner) की माइनिंग कर सकता है, लेकिन उसके पास विभिन्न सॉफ्टवेयर से लैस ज्यादा क्षमता वाला कंप्यूटिंग सिस्टम (computing system) होना चाहिए. साथ ही माइनिंग के लिए पर्याप्त मात्रा में बिजली आपूर्ति भी होना जरूरी है.

बिटक्वाइन माइनिंग के लिए ये कुछ बातें जानना है जरूरी --

क्या है बिटक्वाइन माइनिंग?
बिटक्वाइन माइनिंग (Bitcoin mining ) ऐसी डिजिटल क्वाइन को खरीदे बिना ही इसे पाने की एक प्रक्रिया है. माइनिंग के जरिये कोई भी नई बिटक्वाइन तैयार कर सकता है, जिसे बिटक्वाइन के लेनदेन में इस्तेमाल किया जा सकता है और ब्लॉकचेन के लेजर में भी इसे जोड़ा जा सकता है.

ऐसे Bitcoins माइन करें
बिटक्वाइन माइनिंग बेहद तकनीकी प्रक्रिया है और इसमें बड़ी मात्रा में प्रोसेसिंग पॉवर कीजरूरत पड़ती है. दरअसल, कंप्यूटर की प्रोसेसिंग पॉवर (processing power) जितनी ज्यादा होगी, माइनिंग की स्पीड भी उतनी ही बेहतर होगी. लिहाजा किसी का कंप्यूटर धीमा चलता है तो वो पर्याप्त बिटक्वाइन तैयार नहीं कर पाएगा.

Storage बेहतर हो
बिटक्वाइंस बिटकॉइन का जन्म कैसे हुआ? माइन करने के लिए कोई भी सामान्य कंप्यूटर जिसमें सीपीयू, मदरबोर्ड(motherboard) , रैम (RAM) औऱ एक्सटर्नल स्टोरेज मौजूद होना चाहिए. हालांकि इसमें सबसे बड़ी जरूरत ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (Graphics Processing Unit) यानी वीडियो कार्ड की होती है. बेहद हाई परफारमेंस वाले वीडियो कार्ड होने से बिटक्वाइन माइनिंग आसान हो जाता है.

कंप्यूटिंग क्षमता और बिजली?
बिटक्वाइन की माइनिंग बेहद खास हार्डवेयर ASICs के जरिये होती है, जिसका पूरा नाम एप्लीकेशन स्पेसफिक इंटीग्रेटेड सर्किट्स (Application Specific Integrated Circuits) है.यह कंप्यूटर की समस्याएं दूर करने के साथ प्रोसेसिंग पॉवर को बेहतर बनाता है. ऐसे में जीपीयू और ASIC लैस कंप्यूटर सिस्टम पर काफी ज्यादा खर्च आता है. बिटक्वाइन माइनिंग के लिए आपके पास एक अच्छी स्पीड वाला इंटरनेट सिस्टम भी होना चाहिए.

Electricity की ज्यादा खपत

माइनिंग मशीन के लिए काफी मात्रा में बिजली खपत भी होती है. कहा जाता है कि बिटक्वाइन के बड़े माइनर्स चीन में काम करते हैं, जहां बिजली विकसित देशों के मुकाबले काफी सस्ती है. साथ ही सिस्टम को ओवरहीटिंग से बचाने यानी ठंडा रखने के लिए कूलिंग की भी जरूरत पड़ती है.

डिजिटल क्वाइन की चाह रखने वालों के लिए बिटक्वाइन एक बेहतरीन अवसर है. लेकिन इसके लिए कंप्यूटिंग का बेहद मजबूत नेटवर्क आपके पास होना पहली आवश्यकता है.

बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है?

और अक्सर देखा गया है कि लोग गूगल पर अक्सर यह सर्च करते हैं कि बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है। दोस्तों अगर आप हमारे इस लेख को पढ़ रहे हैं तो आज के बाद आप कभी भी गूगल पर यह सर्च नहीं करेंगे कि बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है या बिटकॉइन का मालिक कौन है।

Bitcoin kaun se desh ki mudra hai

क्योंकि यहां पर हमने आपको काफी अच्छे से बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी दी है तो चलिए जानते हैं बिटकॉइन के बारे में।

बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें, बिटकॉइन किसी भी देश की मुद्रा नहीं है बल्कि बिटकॉइन एक स्वतंत्र डिजिटल करेंसी है और साथ ही बिटकॉइन के ऊपर किसी भी देश या किसी व्यक्ति का संपूर्ण अधिकार नहीं है, Bitcoin एक ऐसी करेंसी है जिसे ना तो देखा जा सकता है और ना ही छुआ जा सकता है पर बिटकॉइन को एक जगह से दूसरी जगह ऑनलाइन के माध्यम से भेजा जा सकता है।

यहां हम आपकी जानकारी के लिए बता दें वैसे तो बिटकॉइन जापान देश के एक नागरिक द्वारा बनाया गया है पर बिटकॉइन को आज हर देश का निवासी इस्तेमाल कर सकता है और बिटकॉइन के माध्यम से एक देश से दूसरे देश में बिना किसी कागज कार्रवाई के पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है।

आज किसी भी देश का व्यक्ति बिटकॉइन को ऑनलाइन खरीद सकता है और बेच सकता है। हम उम्मीद करते हैं अब आपको पता चल गया होगा कि बिटकॉइन किसी भी देश की मुद्रा नहीं है।

Bitcoin kis country ka hai

Cryptocurrency mein nivesh kaise kare: क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से पूर्व ध्यान रखने योग्य बातें जानने के लिए यहां दिए लिंक पर क्लिक करें।

बिटकॉइन का मालिक कौन है?

बिटकॉइन का जन्म साल 2009 के अंदर जापान देश के निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) ने किया था, पर आज इनके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं है कि सतोशी नाकामोतो कौन है और कहां है,

शुरुआत में जब बिटकॉइन बनाया गया था उस वक्त बिटकॉइन की कीमत 10 पैसे से लेकर 50 पैसे के अंदर आती थी, पर आज बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपए को छू चुकी है जिसे आज किसी आम व्यक्ति के लिए खरीदना काफी ज्यादा मुश्किल हो गया है।

Shiba inu coin ka future kya hai: क्या मुझे शीबा इनु सिक्का खरीदना चाहिए, पूरी जानकारी पढ़ने के लिए यहां दिए लिंक पर क्लिक करें।

FAQ’s: आपके सवालों के जवाब

Q1: बिटकॉइन का निर्माण किसने किया है?

Ans: बिटकॉइन का निर्माण जापान के एक निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) नामक व्यक्ति ने किया है।

Q2: बिटकॉइन का निर्माण किस वर्ष हुआ था?

Ans: बिटकॉइन का जन्म साल 2009 के अंदर जापान देश के निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) ने किया था।

Q3: 1 बिटकॉइन में कितने जीरो होते हैं?

Ans: 1 बिटकॉइन में 8 जीरो होते हैं।

Q4: भारत में क्रिप्टो कैसे खरीद सकते हैं?

Ans: अगर आप भारतीय हैं और भारत मैं क्रिप्टो करेंसी खरीदना चाहते हैं तो आप wazirx एक्सचेंज का इस्तेमाल करके P2P के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं।

Q5: कौन सी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाना चाहिए?

Ans: आपको उन्हीं क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाना चाहिए जिनका फ्यूचर अच्छा हो, जिनके प्रोजेक्ट में कुछ दम हो, साथ ही जिनका सपोर्ट सिस्टम सबसे बेहतर हो, तथा जो अपने रोडमैप को फॉलो करके काम कर रहे हो, आपको ऐसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहिए।

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Conclusion: आखरी शब्द

हमें उम्मीद है इस लेख के अंदर आपको जो जानकारी दी गई है वह आपको पसंद आई होगी। आज के इस लेख में हमने आपको “बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है” की पूरी विस्तार पूर्वक जानकारी दी है।

इस लेख से संबंधित अगर आपके मन में कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। आपकी राय हमारे लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आपकी राय ही हमें आगे और अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करती है इसलिए यहां कमेंट जरूर करें।

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बिटकॉइन का मालिक कौन है? बिटकॉइन किस देश की करेंसी है?

बिटकॉइन का मालिक कौन है?- एक और नए लेख में आपका स्वागत है. उम्मीद है कि आप हमारा पहला लेख क्रिप्टोकरेंसी क्या है पढ़ लिए होंगे. यहां पर आपको यह जानने को मिला होगा कि क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्रिप्टोकरेंसी का कैसे Value बढ़ता है या घटता है. हाउ टो इन्वेस्ट इन क्रिप्टोकरेंसी. यदि अभी तक आपने उसी को नहीं देखा तो एक बार उसको देख लीजिए, तो आपको और भी अच्छे से समझने के लिए आसानी होगी.

आज हम बात करने वाले हैं बिटकॉइन का मालिक कौन है और हेलो हां सर किस देश की करेंसी है. परंतु बिटकॉइन का मालिक कौन है यह जाने से पहले हमको यह जानना पड़ेगा बिटकॉइन क्या होती है. तो आइए देख लेते हैं की बिटकॉइन क्या होती है?

बिटकॉइन का मालिक कौन है

बिटकॉइन एक वर्चुअल और डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी है. ना कोई भी व्यक्ति किसी को देख सकता है ना कोई हाथ में छू सकता है. आप इसी को एक डिजिटल वॉलेट में संपूर्ण सुरक्षित रूप में रख सकते हैं पर आप एक फिजिकल मुद्रा की तरह इसको इस्तेमाल नहीं कर सकते. आप यह भी बोल सकते हैं बिटकॉइन एक डिजिटल फाइनेंस और डिजिटल करेंसी जो की क्रिप्टोग्राफी के द्वारा सिक्योर है, जिसको आप अपना वर्चुअल वॉलेट में सिक्योर करके रख सकते हैं.

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जैसे कि हमने ऊपर बताया आप इसी को एक फिजिकल मुद्रा की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते, फिर आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि तो बिटकॉइन को खरीदने में क्या फायदा है, या बिटकॉइन क्यों खरीदें. तो अभी हम आपको बताने वाले हैं कि बिटकॉइन को आप किस तरह इस्तेमाल कर सकते हैं.

Uses of Bitcoin in Hindi

जैसे कि आपको पता होगा डिजिटल लेन देन के लिए हम Phone Pay, Google Pay, Paytm जैसे सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं. जिसके माध्यम से हम ऑनलाइन से किसी भी व्यक्ति के पास आसानी से कितना भी रुपए भेज सकते हैं. यहां पर यह वाक्य हमें किसी के पास पैसा भेजने के लिए उसके पास फिजिकली जाना नहीं पड़ा और कुछ ही सेकंड में उनको पैसा ट्रांसफर कर दिए.

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यदि हम बिटकॉइन की बात करें तो, ज्यादातर बिटकॉइन का इस्तेमाल(Uses of Bitcoin) इंटरनेशनल फंड ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल होते हैं. हम अंतरजातीय स्तर में किसी को भी पैसा भेज सकते हैं परंतु बिटकॉइन के रूप में भेजना और भी आसान हो चुका है. इसीलिए लोग ज्यादातर बिटकॉइन का इस्तेमाल इसीलिए करते हैं.

यदि हम फाइनेंस सेक्टर का बात करें तो बिटकॉइन, एथेरियम जैसे सभी क्रिप्टोकरेंसी में दूसरे फाइनेंस फैक्टर से ज्यादा पोटेंशियल है.

बिटकॉइन का मालिक कौन है

यदि हम बिटकॉइन का जन्मदाता/मालिक/पिता/बाप का बात करें तो इसका उत्तर होगा सतोशी नाकामोतो(Satoshi Nakamoto). 9 जनवरी 2009 को बिटकॉइन का आविष्कार हुआ था और सतोशी नाकामोतो इसका आविष्कार किया था.

जैसे क्रिप्टो करेंसी के अंदर बिटकॉइन का कहानी अजूबा है ठीक है से बिटकॉइन के आविष्कार के पीछे उनका निर्माता का कहानी भी इंटरेस्टिंग है. परंतु यह आज तक एक रहस्य बना हुआ है, सतोशी नाकामोतो एक इंसान है या एक टीम! किसी किसी ने यह दावा किया कि उन्होंने सतोशी नाकामोतो को देखा है तो किसी ने यह बोलते हैं कि उनको आज तक कोई भी नहीं देखा या उनका घर उनका पता किसी को भी पता नहीं है.

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परंतु कुछ विश्वसनीय सूत्र के मुताबिक सतोशी नाकामोतो एक इंसान है जो कि जापान के रहने वाले हैं और यह दावा किया जा रहा है कि उनका जन्म 5 अप्रैल 1975 को हुआ था.

क्या सच में बिटकॉइन का मालिक सतोशी नाकामोतो है?

यदि हम बिटकॉइन के मालिक का बात करें तो टेक्निकली यह झूठे की बिटकॉइन का मालिक सतोशी नाकामोतो है, क्योंकि कोई भी इंसान या कोई भी देश का सरकार बिटकॉइन को कंट्रोल नहीं कर रहा है. ऐसे में दिखा जाए तो बिटकॉइन का मालिक कोई भी नहीं है परंतु यह अवश्य बोला जा सकता है क्या बिटकॉइन का आविष्कारक सतोशी नाकामोतो है.

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